Tarapith Tantrik तारा पीठ के तंत्रोपासक भैरवानन्द जी महाराज
Tarapith Tantrik तारा पीठ के तंत्रोपासक भैरवानन्द जी महाराज : बंगाल के प्राचीन तारा पीठ पर मेरे ऊपर भी एक महातांत्रिक की कृपा दृष्टि हुई थी। वह महातांत्रिक कामाख्या के पास रहते थे और वर्ष में कम से कम दो बार अपने साधना स्थल से निकल कर माँ तारा का आशीर्वाद लेने के लिये तारापीठ आया करते थे ।
इन्हें महातांत्रिक भैरवानंद के नाम से जाना जाता है। बंगाल के दक्षिणेश्वर के पास बारह वर्ष तक उन्होंने अपने गुरु के सान्निध्य में रह कर कई तरह की तांत्रिक साधनाएं सम्पन्न की थी, लेकिन उनके गुरु अघोर पंथ से संबंध रखते थे। भैरवानंद का लक्ष्य तारा महाविद्या को सम्पूर्णता के साथ स्वयं में आत्मसात करना और तंत्र की उच्च सिद्धियां प्राप्त करना था । अपने मुख्य लक्ष्य के विषय में भैरवानंद जी ने कई बार अपने गुरु के सामने प्रकट भी किया, किन्तु उनके गुरु ने उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
फिर एक दिन अचानक उन्होंने गुरु आज्ञा लेकर दक्षिणेश्वर के अपने आश्रम का परित्याग कर दिया। बंगाल छोड़कर वह बनारस में रहने लगे, लेकिन वहां भी उनका मन नहीं लगा, तो वह बनारस से नेपाल चले गये । नेपाल में वह कई वर्ष तक रहे और इस दौरान उन्होंने कई तरह की साधनाएं सिद्ध की। नेपाल से आकर वह हिमाचल प्रदेश में कई वर्ष भटकते रहे तथा कई तांत्रिकों के साथ रहकर अपना अनुभव एवं ज्ञान बांटते रहे।
अन्ततः वह अपनी यात्रा के अन्त में कामाख्या के तंत्र क्षेत्र में पहुंच गये । कामाख्या में ही उनकी भेंट एक सिद्ध तारा साधक से हुई और उन्हीं के मार्गदर्शन में रहकर उन्होंने तारा महाविद्या को आत्मसात करने में सफलता प्राप्त की । तारा महाविद्या को पूर्णतः से सिद्ध करने में इस महातांत्रिक को सात वर्ष का समय लगा।
असम के कामाख्या क्षेत्र में तांत्रिक भैरवानन्द की इतनी प्रसिद्धि है कि उनकी एक झलक पाने के लिये लोग घंटों नहीं कई-कई दिनों तक इंतजार में बैठे रहते हैं, परन्तु . भैरवानन्द मनमौजी तांत्रिक हैं। अपनी मर्जी से ही लोगों से भेंट करते हैं। उनकी मर्जी न हो तो, डांट-डपट कर अपने पास पहुंचे लोगों को दूर हटवा देते हैं अथवा स्वयं ही लोगों की भीड़ से बचने के लिये कुछ दिनों के लिये अन्यत्र किसी गुप्त स्थान पर चले जाते हैं।
सैंकड़ों लोगों के ऐसे अनुभव रहे हैं कि जिस किसी पर एक प्रसन्न होकर तांत्रिक भैरवानन्द ने आशीर्वाद प्रदान कर दिया तो उस व्यक्ति का भाग्य स्वतः ही चमक जाता है । रातोंरात उस व्यक्ति की स्थिति में बदलाव आ जाता है, लेकिन हर किसी के भाग्य में किसी सिद्ध साधक का आशीर्वाद प्राप्त करना नहीं होता ।
Maa Tara Rahasya माँ तारा साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य ph. 8528057364
तांत्रिकों की इष्ट देवी माँ तारा का रहस्य Tara Rahasya, Ph. 85280 57364
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