लक्ष्मी यक्षिणी साधना-Mata lakshmi yakshini sadhna Ph.
85280 – 57364
लक्ष्मी यक्षिणी साधना-Mata lakshmi yakshini sadhna Ph. 85280 – 57364 नमस्कार दोस्तों धर्म रहस्य चैनल पर आपका एक बार फिर से स्वागत है ! मैं बात करूंगा लक्ष्मी यक्षिणी साधना के बारे में वैसे तो तांत्रिक ग्रंथों में इनका विवरण बहुत ही कम मिलता है, खोज करके निकाला है! तो यह अद्भुत प्रभाव वाली शुद्ध रूप वाली कहलाती है इनका प्रभाव बहुत ही अच्छा है अगर कोई निश्चित कर लेता है तो उसे Malamal कर देती हैं ! और अगर गलती हो जाए तो फिर से को दरिद्री भी बना देती हैं इसलिए इनकी साधना में इस विशेष ख्याल रखना चाहिए ! और शुभ फलों को देने वाली देवी को प्रसन्न करने के लिए इनकी साधना करनी चहिए!
पहले सुबह प्रातः काल 4:00 से ही इनकी साधना करनी है, आपको सुबह उठकर 4:00 का मतलब है! कि प्रकाश निकला ना हो और रात्रि जाने वाली हो तू सुबह की ठीक 4:00 बजे से आप किसी भी मौसम में कर सकते है साधना शुरू कर सकते हैं ! इनकी साधना के लिए जो विशेष नियम होता है यह होता है कि 21 पवित्र स्थान की आपको इसके लिए बहुत आवश्यकता है ! अगर घर में ही करते हैं तो भी आपको जो स्थान होगा उसे बहुत ही ज्यादा पवित्र करना होगा ! कोई आपके मकान को अपवित्र व्यक्ति कभी भी न छुपाए जब तक आपकी साधना चल रही है मकान में किसी भी वियकती का प्रवेश बिल्कुल ना हो और साधना काल में उस मकान की सफाई लिपाई पुताई धूप चंदन धूनी आपको देनी है ! उस कमरे में पुष्पों की माला लटका देनी होंगी ,चित्र खुशबू और इन सब चीजों का विशेष प्रयोग करना होगा एक अच्छा वातावरण तैयार करना होगा !
जैसे कि वह देवी जब आए तो अत्यधिक खुश होकर कि आपके सामने प्रकट हो ! इसलिए इनकी साधना में बिल्कुल उसी तरह आपको करनी होती जैसे माता लक्ष्मी की साधना होती हैक ! यह उन्हीं की यक्षिणी है उन्हीं की सेविका है ! उनकी सेविका होने की वजह से बहुत ही धन देने में सक्षम है ! आपको किस प्रकार करनी है साधना में बता रहा हूं !

लक्ष्मी यक्षिणी साधना-Mata lakshmi yakshini sadhna साधना विधी
लक्ष्मी यक्षिणी साधना-Mata lakshmi yakshini sadhna साधना विधी – सबसे पहले उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लक्ष्मी की मूर्ति जो है आपने बनानी है वह अष्टधातु में बनाकर आपको स्थापित कर लेनी है अगर संभव नहो तो आप पर्तिमा को स्थापित कर सकते है ! गंगाजल में स्नान करा कर मस्तिष्क पर केसर और कस्तूरी का आपको जो है लिप लगाना है ! तिलक आपको उसके माथे पर लगाना और आपको स्वयं जो है कुशासन पर बैठकर चमकदार वस्तु को धारण करना है ! और पीले रंग का आसन अपने नीचे रखना है उस पर मूर्ति रखी जाएगी ! उसके नीचे भी पीले रंग का कपड़ा होना चाहिए इसके बाद फिर स्नानादि करके और भक्ति भाव से आपको संकल्कप करना है ! और उस पर प्रार्थना करनी है जल का भक्ति भाव से पान करें फिर उसके बाद हृदय में मूर्ति का चित्र जो है आपको स्थापित करके की माला से लेकर मंत्र का जाप करना है आपको 51 माला जो है लड्डू आपको बनाकर सामने रखना है इस प्रकार आपको 51 दिन आपको लगातार करना है दिन जो है आपको यक्षिणी निश्चित रूप से दर्शन देगी !
अब यक्षिणी का वर्णन ग्रंथों में मिलता है मैं बता रहा हूं भाई जिस समय यह आती है उसके पूर्व राजा और महाराजाओं की भांति उसके आगमन की तैयारी देवता लोग कर जाते हैं ! चारो और शांती हो जाती है दर का कोई स्थान नही रहता ! अर्थात दर्द की कोई जगह ही नहीं होती इसमें इसका स्वरूप साक्षात आंखों से दिखाई नहीं देता स्वप्न में दर्शन देती है ,और अद्भुत सुंदरता का वर्णन उसका तंत्र ग्रंथो में हुआ है! एक सुंदर गोरे वर्ण की आठारह और बीस की उम्रकी लडकी के रूप में दर्शन देती है! मृगनयनी अर्थात मृग की तरह आंखें होती है वही जो है चंपे की डाल के अनुसार उस तरह की इनकी बाहें होती हैं ! नाक में स्वर्णनाथ पहने हुए साक्षात देवी अवतार नजर आती है हाथों में कमल का फूल धारण किए हुए आती है रूप स्वरूप इस माता लक्ष्मी की तरह होता है क्योंकि यह उन्हीं की सेविका है प्रभाव इसका जो है प्रसन्न हो जाए तो साधक को मालामाल कर देती है
अगर आप इस की पूजा सही ढंग से नहीं करता है! इसलिए इसकी पूजा में इस बात का बहुत ध्यान रखना है साफ-सफाई और नियमावली सही ढंग की होनी चाहिए ! गंदगी मन में गंदे विचार गंदी चीजें गंदी बातें करना या इस तरह का गलत आचरण करना ! ब्रह्मचर्य का पूर्ण निष्ठा से पालन करना यह सब अनिवार्य चीजें हैं ! यहां पर आप इसकी अगर लक्ष्मी यक्षिणी की साधना करते हैं और बिल्कुल आप ही मान लीजिए कि जिस प्रकार माता लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है ! आने समय वाली और सब कुछ आपको दे देगी धन वैभव सम्मान सभी कुछ आपको देने में सक्षम है ! यह धन पर्धायक और बहुत ही शक्तिशाली है ! क्योंकि माता लक्ष्मी की सेविका है और कहते हैं दिन में जिसके पास धन सम्मान वैभव आ जाए उस के पास सब कुच्छआ गया ! यह आप की आर्थिक मदद करेगी अगर आप अगर उच्च कोटि के साधक हुए तो हर प्रकार से आपके साथ तीनों संबंधों में से कोई एक संबंध भी बना लेगी! यह अद्भुत शुद्धता मैंने यक्षिणी साधना आपको बताई है !
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