पराए परुष को पत्नी से दूर करने का मंत्र पराया परुष होगा दूर ph. 85280-57364
ॐ अंजुनी पुत्र पवनसुत हनुमान वीर वैताल साथ लावे मेरी सौत । (अमुक) से पति को छुड़ावे उच्चाटन करे करावे मुझे वेग पति मिले। मेरा कारज सिद्ध न करे तो राजा राम की दुहाई |
सामग्री- जलपात्र, सियारसिंगी, दो हकीक पत्थर हकीक माला । समय — दिन या रात का कोई भी समय आसन । दिशा — पश्चिम दिशा । जपसंख्या – पाँच हजार तेल का दीपक माला- आसन – नीले रंग का सूती अवधि — जो भी सम्भव हो करना चाहिए।
फिर सियार के पहले पाँच हजार मन्त्रजप करके इस मन्त्र को सिद्ध सिंगी के सामने दो हकीक पत्थर रख दें। एक पर उस स्त्री का नाम लिखें, दूसरे हकीक पत्थर पर नाम न लिखें, अपितु यह लिखें कि अमुक स्त्री से जिस पुरुष भी सम्बन्ध हो, वह विच्छेद हो जाए।
फिर दोनों हकीक पत्थर सियारसिंगी के सामने रखकर हकीक माला से पाँच हजार जप करें। मन्त्रजप पूरा होने पर सियारसिंगी के साथ उस हकीक पत्थर को, जिस पर स्त्री का नाम अंकित है, लाल कपड़े में बांधकर संदूक में रख दें और वह दूसरा हकीक पत्थर जमीन में गाड़ दें।
इस प्रकार करने से उस स्त्री के अन्य जितने भी पुरुषों से सम्बन्ध होंगे, वे सम्बन्ध खत्म हो जायेंगे और उनमें परस्पर लड़ाई-झगड़ा होगा। यह प्रयोग पति कर सकता है या प्रेमी कर सकता है। जिसे यह विश्वास हो कि मेरी प्रेमिका के सम्बन्ध अन्य पुरुषों से हैं।
और पढ़ो