agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र - मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकटagni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र - मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकट

agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र – मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकट

agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र - मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकट
agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र – मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकट

agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र – मंत्र जप करते होगी अग्नि प्रकट नमस्कार दोस्तों आज मैं आपको अग्नि उत्पन्न करने वाले मंत्र के विषय में बताने जा रहा हूं जैसे कि हम लोग जानते हैं कि हमारे पुराने काल में अर्थात जो ऋषि मुनि तपस्या करते थे और यज्ञ करते थे तो वह भगवान अग्नि का आवाहन करने के बाद उनको प्रकट करते थे मंत्रो के द्वारा ही अपने यज्ञ की अग्नि को प्रज्वलित कर लेते थे। 

आज मैं आपको एक ऐसे मंत्र के विषय में बताऊंगा प्रयोग से आप भी अग्नि को उत्पन्न कर सकते हैं और उसके द्वारा अपने कार्यों को सिद्ध कर सकते हैं दोस्तों अपने पुराने समय की किताबों में या पुरानी कथाओं में अग्नि के विषय में सुना भी होगा जाना होगा कि मंत्रो के द्वारा भी अग्नि को उत्पन्न किया जा सकता है

अर्थात आप अपने मंत्र शक्ति से भी आग को उत्पन्न कर सकते हैं दोस्तों हम भगवान सूर्य की आराधना करते हैं और उनको प्रसन्न करने के लिए नाना प्रकार के कर्म करते हैं और भगवान सूर्य भी अपने कर्मों के लिए सुबह प्रातः काल प्रकट होते हैं और इस संसार को ऊर्जा प्रदान करते हैं जिससे सभी जीवो का भरण पोषण होता है। 

उसी प्रकार पुरातन समय में जब ऋषि मुनि मंतर करते थे और अग्नि को भी हम लोग देवता की संज्ञा में रखते हैं अर्थात जब हम ऋषि मुनि अग्नि देव का स्मरण करते थे तो वह प्रकट होते थे और उसे अग्नि प्रकट होकर यज्ञ कुंड को प्रज्वलित करती थी। उसके बाद देवता हवन के जरिए भोजन प्राप्त करते थे पृथ्वी हवन के जरिए भोजन प्राप्त करते थे इस समय मित्रों का प्रयोग करके आप भी अग्नि को प्रकट कर सकते हैं और अग्निदेव को प्रसन्न कर सकते हैं

दोस्तों एक विशेष बात यह है कि यदि आप इस मंत्र का संकल्प लेते हैं, कि मैं इस मंत्र का प्रयोग करूंगा तो उसके लिए एक नियम का पालन करना अति आवश्यक है। आप संकल्प लेने के बाद इस साधना को बीच में नहीं छोड़ सकते यदि आप बीच में छोड़ने का निश्चय करते हैं तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है 

अग्नि प्रकट करने का मंत्र

ॐ वं वहि तुभ्यं नम:

agni-prakat-karne-ka-mantra अग्नि प्रकट करने का मंत्र साधना विधि 

आपको कि इस मंत्र का जब आपको अमावस्या की रात में बजे के बाद प्रारंभ करना है और उसके लिए आप किसी पवित्र स्थान पर बैठ जाए और अग्नि देव की एक तस्वीर या उनकी एक प्रतिमा सामने रखकर 11 लाख बार का उच्चारण करें मंत्र उच्चारण करने के बाद आपको अपने अंदर कुछ ऊर्जा प्रतीत होने लगेगी और यदि आपने अपने पूजा स्थल पर क्या साधना स्थल पर दिया प्रज्वलित किया है। तो वह उसकी लो बढ़ जाएगी और धीरे धीरे यह मंत्र आप द्वारा सिद्ध कर लिया जाएगा। पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप शुद्ध हो कर साधना करें।  अग्नि सभी प्रकार की अशुद्धि को जलाकर भस्म कर देती है। अतः आपके मन में भी पूर्ण रूप से विश्वास होना चाहिए कि भगवान अग्नि देव हम पर प्रसन्न होंगे। 

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By Rodhar nath

My name is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I have done deep research on Tantra. I have learned this knowledge by living near saints and experienced people. None of my knowledge is bookish, I have learned it by experiencing myself. I have benefited from that knowledge in my life, I want this knowledge to reach the masses.

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