( Prachin Shiv mantra ) Vibhinn rogo ka upchar (प्राचीन शिव मंत्र )विभिन्नरोगों का उपचार

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Prachin Shiv mantra
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( Prachin Shiv mantra ) Vibhinn rogo ka upchar (प्राचीनशिव मंत्र ) विभिन्न रोगों का उपचार

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( Prachin Shiv mantra ) Vibhinn rogo ka upchar (प्राचीन शिव मंत्र ) विभिन्न रोगों का उपचार पुरातन समय मे मंत्रो से रोग उपचार किया जाता था भारतीय सभ्यता में प्राचीन काल से ही बीमारी को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि द्वारा , मंत्र द्वारा व यज्ञ द्वारा उपचार किया जाता रहा है इसका जिक्र राम चरित मानस में भी मिलता है जब भगवान रामचंद्र जी का युद्ध रावण के साथ हो रहा था तब लक्ष्मण जी को मेघनाद का बाण लगता है लक्ष्मण जी मूर्छित हो जाते है तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आते है सुखैन वैद्य जी संजीवनी बूटी मंत्रो से अभिमंत्रित करते हुए लक्ष्मण जी के मुख मे डालते है जिससे लक्ष्मण जी स्वस्थ्य हो जाते है । Prachin Shiv mantra

बिना मंत्रो के कुछ जड़ी बूटी असर नही करती है जैसे कि संजीवनी बूटी । Prachin Shiv mantra

 

ऐसी बहुत उद्धारनाए हमारे पुराणो मे मिलती है। मंत्रों में बड़ी शक्ति होती है | मंत्र देव शक्ति के प्रतीक होते है | मंत्र उच्चारण से देव अति शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त को फलीभूत करते है | हमारे शास्त्रों में भिन्न-भिन्न रोगो को दूर करने हेतु अलग-अलग मन्त्रों का उल्लेख मिलता है ।आइये जानते है भगवान शिव के एक ऐसे मंत्र(Mantra Dwara Bimari Se Mukti) के विषय में, जिससे यदि किसी भी औषधि को अभिमंत्रित कर औषधि का सेवन किया जाये तो असाध्य से असाध्य रोग भी अति शीघ्र ठीक होने लगता है | । Prachin Shiv mantra

अत: आप अपनी आवश्यकतानुसार मन्त्र का चयन कर के नियमित विधिपूर्वक जप करें तो आप असाध्य रोगों से भी सरलता और सहजता से मुक्त हो सकते में विस्तत अनुसन्धान करके भगवान | का आस्वादन करते हुए अब तक विभिन्न प्रार्थना है कि स्नानादि करके नित्य पूजन के पश्चात प्रतिदिन प्रात: समय पवित्र |

मन से श्रद्धा विश्वास पूर्वक ** मन्त्र का एक माला जाप करके रोग के अनुसार मन्त्र का चयन करके संकल्पपूर्वक 5 माला जप करें। अगर आप बीमार हो या आप दोसत या मित्र बीमार आप उनके लिए संकल्प करके जप कर सकते हैं उनको आवश्यक आराम मिलेगा ।  Prachin Shiv mantra

कैंसर (Cancer)ॐ नमः शिवाय शम्भवे कर्केशाय नमो नमः

बुखार (Thrilling Rheumatism): ॐ नमः शिवाय शम्भवे ज्वरेशाय नमो नमः

कंप (Malaria)ॐ नमः शिवाय शम्भवे स्पन्देशाय नमो नमः

श्वास (Asthma) : ॐ नमः शिवाय शम्भवे श्वासेशाय नमो नमः

कफ (Cough)ॐ नम: शिवाय शम्भवे शीतेशाय  नमो नमः

हृदय (Cardiac) : ॐ नम: शिवाय शम्भवे व्योमेशाय नमो नमः

पक्षाघात (Paralysis) : ॐ नम: शिवाय शम्भवे खगेशाय नमो नमः

अनिद्रा (Insomnia) ॐ नम: शिवाय शम्भवे चन्द्रेशाय नमो नमः

   9 मधुमेह (Diabetes) ॐ नमः शिवाय शम्भवे भवेशाय नमो नमः –

रक्त-हीनता (Anaemia). : ॐ नम: शिवाय शम्भवे कव्येशाय नमो नमः

11 शेवत कुष्ठ (Leucoderma): ॐ नमः शिवाय शम्भवे अर्केशाय नमो नमः

कुष्ठ (Leprosy) ॐ नमः शिवाय शम्भवे भूमीशाय नमो नमः

कामला या पीलिया (Jaundice) : ॐ नमः शिवाय शम्भवे वर्णेशाय नमो नमः

नोट आप योग्य गुरु से दीक्षा इस मंत्र की दीक्षा लेकर इस मंत्र को शुरू करें। अगर कोई गुरू नहीं है तो आप शिव को गुरू मानकर कर सकते है ।

अधिक जानकारी के लिए आप फोन पर सम्पर्क करें

85280 57364