Maa Tara Rahasya माँ तारा साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य ph. 8528057364

0
225
Maa Tara Rahasya माँ तारा साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य ph. 8528057364
Maa Tara Rahasya माँ तारा साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य ph. 8528057364

Maa Tara Rahasya माँ तारा tara साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य

 

Maa Tara Rahasya माँ तारा tara साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य
Maa Tara Rahasya माँ तारा tara साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य

Maa Tara Rahasya माँ तारा tara साधना रहस्य और ऐतिहासिक तथ्य: तंत्र शास्त्र में जिन महाविद्याओं का विस्तारपूर्वक वर्णन हुआ है, उनकी साधना, उपासनाएं, दिव्य साक्षात्कार और परम सिद्धि पाने के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार की अभिलाषाओं एवं इच्छाओं की पूर्ति के उद्देश्य के लिये भी की जाती है ।

तांत्रिकों की यह समस्त महाविद्याएं अमोघ शक्ति की स्वामिनी मानी गयी हैं, जो प्रसन्न होने पर अपने साधकों के सभी दुःख, दर्द आदि को मिटाकर उन्हें समस्त सुख, सम्पन्नता प्रदान कर देती है।

तंत्र की दस महाविद्याओं में तारा tara नामक महाविद्या को आद्य जननी माँ काली के बाद द्वितीय स्थान प्रदान किया गया है । तारा tara महाविद्या का स्वरूप भी महाकाली से काफी समानता रखता है । यद्यपि यह भंवरे के समान काली न होकर नील वर्ण वाली है ।

अतः गहन विद्वता की सूचक भी है । इसीलिये इन्हें एक नाम नील सरस्वती भी प्रदान किया गया है । यद्यपि माँ तारा tara को तांत्रिकों और अघोरियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्राचीन समय से मान्यता दी गयी है, लेकिन यह साधारण भक्तों को भी प्रसन्न होकर ज्ञान, बुद्धि, वाक्शक्ति प्रदान करके महापुरुष बना देती है ।

यह अपने भक्तों की पुकार शीघ्र ही सुनकर भयंकर विपत्तियों से उन्हें रक्षा प्रदान करती है और अन्त में उन्हें मोक्ष तक प्रदान करा देती है। औघड़ों की कोई भी तंत्र साधना बिना तारा tara महाविद्या को प्रसन्न किये सम्पन्न हो ही नहीं सकती।

तांत्रिकों ने अपनी साधनाओं के आधार पर माँ तारा tara के आठ विविध रूप माने हैं। माँ तारा tara के यह आठ रूप क्रमशः तारा, उग्रतारा, महीग्रा, वज्रा, काली, नील सरस्वती, कामेश्वरी और चामुण्डा हैं। यद्यपि इन आठ रूपों में से तीन स्वरूपों की साधना, उपासना का ही अधिक प्रचार-प्रसार रहा है ।

माँ तारा tara के यह तीन स्वरूप भी तारा, उग्रतारा tara और नील सरस्वती रूप में तांत्रिकों द्वारा पूजे जाते रहे हैं। तारा tara के यह स्वरूप भारतीय तांत्रिकों के साथ-साथ जैनियों, बौद्धों द्वारा भी पूजे गये और इनसे संबंधित तंत्र साधनाएं भारत भूमि के साथ-साथ नेपाल, तिब्बत, चीन, जापान, मंगोलिया, श्रीलंका तक खूब प्रचलित रही हैं ।

श्री तारा tara के रूप में तारा tara महाविद्या को ‘एक जटा तारा’ भी कहा जाता है । यह अपने इस स्वरूप में समस्त संसार का कल्याण करने वाली है। एक जटा के रूप में माँ तारा tara की साधना अघोरियों में होती है ।

उग्रतारा tara के रूप में यह महाविद्या भयानक विपत्तियों से उद्धार करती है और निःसंतानों को सन्तान सुख प्रदान करती है। तंत्रशास्त्र में इन्हें पुत्र प्रदायनी महाविद्या कहा जाता है। नील सरस्वती के रूप में तारा tara महाविद्या अपने भक्तों को वासिद्धि प्रदान करती है ।

हमारे देश में तारा tara महाविद्या की साधना के कई स्थान प्रसिद्ध हैं, जिनमें अग्रांकित पांच तारा tara पीठ अत्यन्त प्रभावशाली हैं । इन तारा tara पीठों पर आज भी अनेक तांत्रिक, मांत्रिक और औघड़ों को विभिन्न प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठान सम्पन्न करते हुये और अपनी आराध्य देवी को प्रसन्न करते हुये देखा जा सकता है ।

कामाख्या स्थित महोग्रा सिद्ध पीठ तो अनेक औघड़ों को शव साधना करते हुये भी देखा जा सकता है । यह औघड़ सिद्ध पीठ के आस-पास की गुफाओं में ही रहते हैं और वहां स्थित महा शमशान में अपनी साधना करते हैं। माँ तारा tara के इन पांच सिद्ध पीठों में से एक बिहार राज्य के सहसरा जिले के महिषा ग्राम में स्थित है ।

इस सिद्धपीठ में माँ तारा tara के तीनों रूपों, जैसे श्री तारा tara (एक जटा), उग्रतारा tara और नील सरस्वती को एक साथ प्रतिष्ठित किया गया है। यह एक सिद्ध स्थान है। यहां पहुंचते ही भक्तों के मन में विशेष भावों की जाग्रति होने लगती है ।

मेरा स्वयं का कई बार का अनुभव है कि माँ के इन तीनों स्वरूपों दर्शन मात्र से समस्त प्रकार की तांत्रिक अभिचार क्रियायें स्वतः ही नष्ट हो जाती हैं और साधक पर सुख, सौभाग्य की वर्षा होने लग जाती है। ऐसे प्रमाण मिले हैं कि महिषा ग्राम के इस तारा tara पीठ की स्थापना महर्षि वशिष्ठ ने की थी।

आचार्य महामुनि वशिष्ठ को ही तारा tara महाविद्या का प्रथम साधक माना जाता है। इसी पीठ पर रहकर महर्षि वशिष्ठ ने अपनी आराध्य जननी को प्रसन्न किया था और उनकी कृपा से कई तरह की सिद्धियां प्राप्त की थीं।

इसलिये तांत्रिक ग्रंथों में इस पीठ का उल्लेख वशिष्ठोपासित पीठ या वशिष्ठापाधिरा तारा tara पीठ के रूप में किया गया 1 तारा tara महाविद्या का दूसरा सिद्धपीठ पश्चिम बंगाल में रामपुर हाट रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

इस पीठ को तारा tara पीठ के नाम से जाना जाता है। इस तारा tara पीठ के साथ भी महर्षि वशिष्ठ का गहरा संबंध रहा है । इसी स्थान पर वशिष्ठ जी को अगमोक्त पद्धति (तंत्र की एक विशिष्ट प्रक्रिया) से माँ की साधना करने का आदेश प्राप्त हुआ था और उसी के बाद वह अपनी तांत्रिक साधनाओं में पूर्ण सफलता प्राप्त कर सके थे।

यह तारा tara पीठ प्राचीन उत्तरवाहिनी नदी द्वारिका के किनारे एक महाशमशान में स्थित है। इसी तारा tara पीठ पर रहकर वामाक्षेपा ने माँ का साक्षात्कार पाया था । वामाक्षेपा अपनी तंत्र साधना के उस स्तर तक पहुंच गये थे कि माँ को अपने भक्त की देखभाल के लिये आना पड़ता था।

अपनी साधना से वामाक्षेपा उस बालोचित्त अवस्था में पहुंच गये थे कि माँ को स्वयं अपना स्तनपान कराकर उनकी क्षुधा शांत करनी पड़ती थी ।

माँ तारा tara का यह पीठ इतना अद्भुत और चेतना सम्पन्न है कि यहां बैठकर माँ का स्मरण करने मात्र से ही शरीर में झुरझुरी सी होने लगती है और बाह्य चेतना का लोप होने लगता है। यह पीठ 1008 नरमुण्डों की पीठ पर स्थापित किया गया है ।

इस पीठ पर माँ की नियमित पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक कि उन्हें चिताभस्म का स्नान न करवा दिया जाये और चिता से उठती गंध से भासित न कर दिया जाये । इस सिद्ध पीठ पर बैठकर तंत्र साधना करने की लालसा प्रत्येक तंत्र साधकों के मन में रहती है। इसलिये यह तांत्रिक और अघोरियों का मुख्य आकर्षक केन्द्र बना रहता है।

माँ तारा tara का तीसरा सिद्धपीठ आसाम में कामाख्या के पास योनि मण्डल के अन्तर्गत स्थित है। यह सिद्धपीठ महोग्रा सिद्धपीठ के नाम से विख्यात है । इस सिद्धपीठ की भी बहुत महिमा है। यहां पर औघड़ों और कापालिकों का सदैव तांता लगा रहता है। वर्ष में कम से कम दो बार तो यहां सभी तारा tara साधक अवश्य ही एकत्रित होते हैं और आगे की साधना का उपक्रम लेकर जाते हैं। यह पीठ नीलकूट पर्वत पर स्थित है।

चौथा सिद्धपीठ श्री जालन्धर सिद्धपीठ के नाम से जाना जाता है, जिसकी पहचान चामुण्डा पीठ के रूप में हुई है। यहां माँ तारा tara ( श्री तारा) की वज्रेश्वरी के रूप में प्रतिष्ठा की गयी है । यह पीठ भी एक शमशान में स्थित है ।

तारा tara महाविद्या का पांचवा सिद्धपीठ उत्तरप्रदेश में मिर्जापुर जनपद में विंध्याचल क्षेत्र में शिवपुर के पास गंगा किनारे रामाया घाट स्थिम महाशमशान में स्थित है। यह पीठ भी तारापीठ के नाम से ही जाना जाता है । माँ का यह सिद्ध पीठ अद्भुत चेतना सम्पन्न है।

इसलिये तंत्र साधना में गहरी रुचि रखने वाले तांत्रिकों, भैरवियों, अघोरियों में इसके प्रति विशेष आकर्षण है।माँ तारा tara के इन सिद्धस्थलों पर स्वयं मेरी भेंट अनेक तांत्रिकों, अघोरियों, भैरवियों आदि के साथ होती रही है।

इन सिद्धस्थलों के अलावा भी नेपाल, लेह, लद्दाख, हिमाचल के कुल्लू-मनाली क्षेत्र और बद्री-केदार क्षेत्र में अनेक ऐसे पवित्र और प्रभावशाली स्थान हैं, जहां तारा tara साधक अपनी साधनाओं में सफलता प्राप्त करते हैं । इन स्थानों पर अब भी अनेक तंत्र साधकों को अपनी तंत्र साधनाओं में निमग्न देखा जा सकता है।

CATEGORIES
यह साधना भी पढ़े नीचे  दिए  गए लिंक से

प्राचीन चमत्कारी उच्छिष्ट गणपति शाबर साधना Uchchhishta Ganapati  Sadhna  PH. 85280 57364

रत्नमाला अप्सरा साधना – एक दिवसीय अप्सरा साधना ek divaseey apsara saadhana ph.85280 57364

नाथ पंथ की महागणपति प्रत्यक्षीकरण साधना भगवान गणेश के दर्शन के लिए ph.85280 57364

Pataal Bhairavi – पाताल भैरवी बंगाल का जादू की मंत्र साधना Pataal Bhairavi bangal ka jadu mantra

प्राचीन प्रत्यंगिरा साधना Pratyangira Sadhana Ph.85280 57364

kritya sadhana -प्राचीन तीक्ष्ण कृत्या साधना ph. 85280 57364

Hanuman Sadhana प्राचीन रहस्यमय हनुमान साधना विधि विधान सहित ph. 85280 57364

Sapneshwari sadhna – स्वप्नेश्वरी त्रिकाल दर्शन साधना Ph.85280 57364

Lakshmi Sadhna आपार धन प्रदायक लक्ष्मी साधना Ph.8528057364

Narsingh Sadhna – भगवान प्राचीन नृसिंह साधना PH.8528057364

चमत्कारी वीर बेताल साधना – Veer Betal sadhna ph .8528057364

Panchanguli – काल ज्ञान देवी पंचांगुली रहस्य विस्तार सहित Ph. 85280 57364

Veer Bulaki Sadhna – प्राचीन रहस्यमय वीर बुलाकी साधना PH.85280 57364

चमत्कारी प्राचीन लोना चमारी साधना शाबर मंत्र lona chamari ph.85280 57364

sham Kaur Mohini माता श्याम कौर मोहिनी की साधना और इतिहास -ph.85280 57364

Masani Meldi माता मेलडी मसानी प्रत्यक्ष दर्शन साधना और रहस्य ph. 85280 57364

Lama Tibet Tantra लामा तिब्बत तंत्र का वशीकरण साधना

नाहर सिंह वीर परतक्षीकरण साधना nahar singh veer sadhana ph.85280 – 57364

पुलदनी देवी त्रिकाल ज्ञान साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना bhoot bhavishya vartman janne ki

भुवनेश्वरी साधना महाविद्या साधना रहस्य (Bhuvaneshvari Mahavidya MANTRA TANTRA SADHBNA)

काले इल्म की काल भैरव साधना kala ilm aur kala jadu sadhna ph. 85280 57364

काला कलुआ प्रत्यक्षीकरण साधना ( काले इल्म की शक्तियां पाने की साधना) Ph. – 85280 57364

Kachha Kalua – कच्चा कलुआ साधना – सम्पूर्ण रहस्य के साथ ph.8528057364

कमला महाविद्या साधना ( करोड़पति बनने की साधना ) साधना अनुभव के साथ kamala mahavidya mantra

baglamukhi sadhna प्राचीन शक्तिशाली मां बगलामुखी साधना ph.85280 57364

प्राचीन चमत्कारी ब्रह्मास्त्र माता बगलामुखी साधना अनुष्ठान Ph. 85280 57364

 yakshini sadhana

 त्रिकाल ज्ञान साधना

Sapneshwari sadhna – स्वप्नेश्वरी त्रिकाल दर्शन साधना Ph.85280 57364

Panchanguli sadhana – चमत्कारी प्राचीन त्रिकाल ज्ञान पंचांगुली साधना रहस्य ph.85280 57364

vartali devi sadhana वार्ताली देवी साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना ph. 85280 -57364

पुलदनी देवी त्रिकाल ज्ञान साधना भूत भविष्य वर्तमान जानने की साधना bhoot bhavishya vartman janne ki

सात्विक सौम्य करन पिशाचिनी साधना भूत भविष्य वर्तमान की जानकारी के लिए karna pishachini sadhana

hanumat Margdarshan sadhna हनुमत मार्गदर्शन साधना

maa durga Trikal gyan sadhna माँ दुर्गा त्रिकाल ज्ञान सध्ना

काला इल्म इल्म और काला जादू

Kachha Kalua – कच्चा कलुआ साधना – सम्पूर्ण रहस्य के साथ ph.8528057364

काला जादू black magic क्या है? और इस के क्या रहस्य है PH.8528057364

काले इल्म की काल भैरव साधना kala ilm aur kala jadu sadhna ph. 85280 57364

काला कलुआ प्रत्यक्षीकरण साधना ( काले इल्म की शक्तियां पाने की साधना) Ph. – 85280 57364

Facebook  page 

facebook  group

youtube

wordpress  

LinkedIn

email

qoura

other links

best web hosting 

best domain  company 

best translate  tool

best news  website  

best singer

best mobile phone company

best  bank

best  shopping website 

best  laptop  company 

the best place in India