हनुमान जी की तंत्र साधना Hanuman Tantra Sadhana
हनुमान जी की तंत्र साधना Hanuman Tantra Sadhana हनुमान जी की तंत्र साधना रामभक्त हनुमान Hanuman के पराक्रम से भला कौन परिचित नहीं है । अंजनी नंदन भगवान हनुमान जी सर्वमान्य देव हैं । उन्हें अतुलित बल के धाम, बल – बुद्धि निधान, ज्ञानियों में अग्रमान्य, ध्यानियों में ध्यानी, योगियों में योगी और अनन्त नामों से विभूषित किया गया है ।
पवन पुत्र हनुमान Hanuman को शिव का अवतार माना गया है । तंत्र में उन्हें एकादश रुद्र माना गया है । पवन पुत्र इतने बलशाली हैं कि बाल्यकाल में ही उन्होंने सूर्य को अपने मुंह में रख लिया था । हनुमान Hanuman जी के विषय में सब जगह कई अन्य बातें प्रचलित हैं।
एक बात यह है कि कलियुग में जहां भी रामकथा का गुणगान किया जाता है, वहां पूरे समय कथास्थल पर भगवान श्री हनुमान Hanuman जी उपस्थित रहते हैं । यह विश्वास एक अन्य तथ्य से भी सिद्ध होता है । संसार में सात चिरंजीवी माने गये हैं । इन सात चिरंजीवियों में अश्वत्थामा, परशुराम और हनुमान तो सर्वविख्यात हैं । चिरंजीवी का अर्थ है जो मृत्यु के रूप में शरीर का परित्याग नहीं करते, बल्कि स्वेच्छा से दृश्य-अदृश्य होने की शक्ति का उपयोग करते हैं।