पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र विधि विधान ph. 85280-57364

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पुरुष विवाह मंत्र - पुत्र के विवाह के उपाय - शादी होगी शीघ्र विधि विधान
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पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र विधि विधान ph. 85280-57364

पुरुष विवाह मंत्र - पुत्र के विवाह के उपाय - शादी होगी शीघ्र विधि विधान
पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र विधि विधान

पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र विधि विधान आज के समय में कन्याओं के माता-पिता को ही नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे, नौकरी करने वाले युवकों के माता-पिता को भी अपने पुत्रों के विवाह के मामले में परेशान होना पड़ रहा है।

बहुत से युवकों का बड़े प्रयास के उपरांत लम्बे समय तक विवाह सम्पन्न नहीं हो पाता। पढ़े-लिखे और अच्छी नौकरी अथवा व्यवसाय होने के उपरान्त भी ऐसे युवकों को 35-40 वर्ष तक भी कुंवारेपन का सामना करना पड़ता है।

युवकों के वैवाहिक विलम्ब के पीछे भी लगभग वैसे ही कारण जिम्मेदार देखे जाते हैं, जैसे कि कन्याओं के मामले में पाये जाते हैं लेकिन इनके मामले में भी यह देखा गया है कि कुछ विशिष्ट तांत्रोक्त उपायों के प्रयोगों से विवाह बाधा की समस्या दूर हो जाती है तथा शीघ्र ही घर में मांगलिक कार्य सम्पन्न होने की आशा बन जाती है ।

पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र विधि विधान 

विवाह बाधा निवारक एक ऐसा ही तांत्रोक्त प्रयोग निम्न प्रकार है- इस तांत्रोक्त अनुष्ठान को किसी भी कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन से शुरू किया जा सकता है । यह अनुष्ठान भी कुल 41 दिन का है।

अनुष्ठान के सम्पन्न होते-होते लड़के के रिश्ते के बारे में रुकी हुई बात फिर से होने लग जाती है। अगर इस अनुष्ठान को किसी देवी मंदिर में बैठकर अथवा शिवालय में बैठकर सम्पन्न किया जा सके, तो इसका परिणाम शीघ्र ही मिलता है ।

इस अनुष्ठान को घर पर भी सम्पन्न किया जा सकता है । इस अनुष्ठान की सबसे मुख्य बात यह है कि मंदिर जाकर देवी प्रतिमा अथवा शिव-पार्वती को अष्टगंध युक्त टीका लगाकर उनका अक्षत, पुष्पमाला, धूप, दीप, कपूर से पूजन करें। सामर्थ्य हो तो देवी प्रतिमा को वस्त्र अर्पित करें अन्यथा उन पर चुनरी चढ़ायें |

गुड़ का नैवेद्य लगाकर किसी गाय को खिला दें। घर पर अनुष्ठान को सम्पन्न करते समय अपने पूजास्थल पर घट की स्थापना घट पर श्रीफल की स्थापना करें । श्रीफल को चुनरी चढ़ायें तथा उसके सामने घी का दीपक जलाकर मन ही मन माँ के सामने प्रार्थना करें तथा शीघ्र गृहस्थ का सुख प्रदान कराने का अनुरोध करें।

पुरुष विवाह मंत्र – पुत्र के विवाह के उपाय – शादी होगी शीघ्र

तत्पश्चात निम्न मंत्र की तीन मालाएं अथवा एक माला जाप करें :-

स देवि नित्यं परितप्यमान, स्त्वामेव सीतेल्यभिभाषमाणः । दृढ़ व्रतो राज सुतो महात्मा, तवैव लाभाय कृत प्रयत्नः ॥

मंत्र– यह वाल्मीक रामायण का मंत्र है जो अत्यन्त अद्भुत और प्रभावशाली है।

 

मंत्रजाप के दौरान अखण्ड घी का दीपक जलते रहना चाहिये । मंत्रजाप स्वयं अपने मस्तक पर अष्टगंध का लेप लगाकर करना चाहिये । श्रीफल को भी प्रतिदिन अष्टगंध का लेप करना चाहिये। यह तांत्रिक अनुष्ठान 41वें दिन पूर्ण हो जाता है ।

अत: उस दिन मंत्रजाप सम्पन्न होने के पश्चात् सम्पूर्ण पूजा समाग्री को किसी नदी में प्रवाहित कर देना चाहिये अथवा भूमि में गड्ढा खोद कर दबा देना चाहिये । अनुष्ठान उपरांत स्वयं अपने मस्तक पर अष्टगंध का टीका लगाकर रखना चाहिये ।

इसके प्रयोग से साधक में सम्मोहन शक्ति विकसित होती है तथा किसी अज्ञात शक्ति की प्रेरणा से प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या स्त्री, कारोबारी या व्यवसायी हो अथवा अपरिचित ग्राहक, साधक से मेल-जोल बढ़ाने का प्रयास करने लगता है ।

इस अनुष्ठान से शीघ्र ही विवाह कार्य सम्पन्न हो जाता है, साथ ही यह अनुष्ठान संतान प्राप्ति हेतु भी चमत्कारिक सिद्ध होता है ।

इस अनुष्ठान के दौरान एक विशेष बात का भी ध्यान रखना चाहिये कि घट स्थापना के बाद साधक के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति को न तो उसका स्पर्श करना चाहिये और न ही उसे अपने स्थान से हटाना चाहिये । उसका विस्थापन अनुष्ठान समाप्ति के पश्चात् ही होना चाहिये । घट पर रजस्वला स्त्री की छाया भी नहीं पड़े, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिये।

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