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प्रेम विवाह के लिए गुरु गोरखनाथ जी का तांत्रिक प्रयोग ph. 85280 57364

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प्रेम विवाह के लिए  गुरु गोरखनाथ  जी  का तांत्रिक प्रयोग ph. 85280 57364
प्रेम विवाह के लिए तांत्रिक प्रयोग ph. 85280 57364 Guru Gorakhnath ji's tantric experiment for love marriage

प्रेम विवाह के लिए  तांत्रिक प्रयोग ph. 85280 57364 Guru Gorakhnath ji’s tantric experiment for love marriage

  • प्रेम विवाह जल्दी होने के उपाय
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  • जल्दी होने के उपाय

प्रेम विवाह के लिए गुरु गोरखनाथ जी का तांत्रिक प्रयोग ph. 85280 57364  यह प्रयोग उन के  लेया है जिनके माँ बाप जाती बंधन या किसी कारणवश  शादी के लेया नहीं मान   रहे  है।  यह प्रयोग करने के बाद शादी को कोई  नहीं रोक सकता।  

प्रेम विवाह और तांत्रिक प्रयोग नीतिशास्त्र का कथन है कि धन की आमद नित बनी रहे, शरीर निरोगी रहे, गृहस्थाश्रम पालन के लिये सुन्दर, सुशील, स्त्री पत्नी के रूप ‘ प्राप्त हो जाये तथा संतान का सुख मिलता रहे, तो व्यक्ति का जीवन सार्थक सिद्ध हो जाता है । 

विवाह संस्कार को नीतिशास्त्र में गृहस्थ जीवन की आधारशिला बताया गया है । विवाह संस्कार का मुख्य आधार परस्पर अपनत्व के भाव एवं प्रेम की डोर पर निर्भर रहता है । विवाह के बारे में सभी जानते हैं कि परिवारजनों द्वारा निश्चित किये गये सम्बन्ध ही विवाह में रूपान्तरित हो जाते हैं । 

इस संयोजित विवाह पद्धति का आज भी सम्मान किया जाता है। विवाह का एक अन्य रूप भी अपनी जगह बना रहा है, वह है प्रेम विवाह । अक्सर ही प्रेम विवाह परिवार के बड़े सदस्यों की सहमति के बिना, उनका विरोध करके सम्पन्न होते हैं।

 

इस बारे में अधिकांश लोग इसके विरोध में हैं किन्तु कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है कि अगर पहले प्रेम करके लड़का-लड़की एक-दूसरे को ठीक से समझ लेते हैं और उन्हें लगता है कि वे विवाह करके सुखी दाम्पत्य जीवन जी पायेंगे तो उनका विरोध नहीं होना चाहिये। इसके विपरीत आज भी अधिकांश अवसरों पर प्रेम विवाह का विरोध ही होता है और इसे उचित नहीं माना जाता है। अनेक अवसरों पर प्रेम विवाह के प्रति परिवार वालों का विरोध इतना भयावह और वीभत्स होता है कि व्यक्ति उसके बारे में सुन कर ही कांपने लगता है ।

इसका अधिकांश विरोध कन्यापक्ष के परिवार वालों के द्वारा किया जाता है। उन्हें लगता है कि उनकी बेटी ने ऐसा कार्य करके परिवार का नाम खराब किया है । कई बार इस विरोध का परिणाम लड़के एवं लड़की की निर्मम हत्या के रूप में सामने आता है । इसके उपरांत भी प्रेम विवाह को उचित बताने वाले कम नहीं हैं। 

इसलिये यहां पर एक तांत्रोक्त उपाय बताया जा रहा है जिसे करने के पश्चात् प्रेम विवाह की राह में आने वाली बाधायें दूर होने लगती हैं। यह उपाय सामान्य अवश्य है किन्तु परिणाम सार्थक प्राप्त होते हैं:- प्रेम विवाह की बाधाएं दूर करने वाला तंत्र प्रयोग : गौरी यानी सुलेमानी हकीक (ओनेक्स अगेट) की एक ऐसी किस्म है, जो इन्द्रधनुष जैसी छटा बिखरने वाला सृष्टि का सबसे अद्भुत पत्थर माना जाता है। गौरी हकीक मानसिक शक्ति, आत्मबल, विवेक, धैर्य आदि सामाजिक प्रतिष्ठा और प्रभाव की अभिवृद्धि तो करता ही है, यह धारक की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बनाता है।

 

प्राचीन समय से ही ऐसी मान्यता रही है कि इस पत्थर के धारण करने के पश्चात् जो पुरुषार्थ भरे कर्म किये जाते हैं, उनमें निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है । पश्चिम एशिया के अनेक देशों, विशेषकर मुस्लिम जगत में प्राचीन समय से ही ऐसी मान्यता चली आ रही है कि इस पत्थर में शक्तिशाली हीलिंग क्षमता रहती है ।

 इसलिये यह उदास मन की मलिनता एवं उदासी के भाव को तत्काल मिटा देता है। मन को प्रसन्नता से भर देता है । यह व्यक्ति के मन में सहज बोध जगाकर उन्हें सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करने के साथ-साथ प्रेम विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करके उन्हें शीघ्र ही वैवाहिक बंधनों में बंध जाने में मदद करता है ।

 

अनेक बार ऐसा देखने में आया है कि जिन युवक या युवतियों की उम्र 35-36 वर्ष से अधिक हो जाती है और उनके किसी भी तरह का वैवाहिक कार्य सम्पन्न हो पा रहा है. अथवा जिन युवक या युवतियों को अपने प्यार को प्रेम विवाह में रूपान्तरित करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, अगर ऐसे युवक या युवतियों को अभिमंत्रित गौरी नामक यह हकीक पत्थर धारण करवा दिया जाये तो उनका प्रेम विवाह शीघ्र ही सम्पन्न हो जाता है ।

  • प्रेम विवाह के लिए  तांत्रिक  विधि 

  • प्रेम विवाह के लिए  तांत्रिक  विधि  इसका प्रयोग बहुत आसान है। इसे शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार को सम्पन्न करें तो लाभ मिलने की आशा बढ़ जाती है । इस प्रयोग को प्रातः काल सम्पन्न करना ठीक रहता.. है। इसके लिये बहुत कुछ करने की आवश्यकता नहीं रहती है ।
  •  जिस दिन प्रयोग करना हो, उस दिन प्रातः स्नान-ध्यान करके पवित्र एवं स्वच्छ हो जायें। सफेद रंग की स्वच्छ धोती धारण करें। पीला सूती अथवा ऊनी आसन उपाय स्थल पर बिछा लें। 
  • यज्ञ करने के लिये एक मिट्टी का बर्तन भी चाहिये । 
  • अपने सामने लकड़ी की चौकी रख लें और उस पर पीला कोरा वस्त्र एक मीटर लेकर उसकी चार तह करके चौकी पर बिछा लें। उसके ऊपर गौरी हकीक पत्थर रख दें । समिधा के रूप में लोबान का प्रयोग ही किया जाना है । इसमें आगे लिखे गये मंत्र का जाप करते हुये एक जाप के साथ एक आहुति दें। इस प्रकार कुल 108 मंत्रों का जाप करना है और इतनी बार ही लोबान की आहुति देनी है।
  • प्रेम विवाह के लिए मंत्र

ॐ सर्वलोक वशंकराय कुरू कुरू स्वाहा । गुरु गोरख नाथ की दुहाई |

तत्पश्चात् उस हकीक पत्थर को चांदी की अंगूठी में जड़वा कर स्वयं अपने दाहिने हाथ में धारण कर लेवें । इस मंत्रजाप एवं पत्थर को धारण करने से विवाह बाधा की समस्या दूर होती ही है, साथ ही प्रेम विवाह की बाधा भी समाप्त होती है । अगर पुरुष गौरी के साथ एक गोदन्ता मणि एवं स्त्रियां गौरी के साथ एक लाल रंग का मूंगा भी धारण कर लें, तो उनके प्रेम विवाह को कोई नहीं रोक सकता ।

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