gupt mohini गुप्त मोहिनी मंत्र – प्रभावशाली मोहिनी विद्या ph.85280 57364
पुतली मोहन मंत्र – गुप्त मोहिनी मंत्र ओम नमः शिवाय बहुत से ऐसे गूढ़ रहस्य हैं जो मानव जाति के संपर्क में नहीं आ पाए। वह लाखों सालों से छुपी पड़े हैं और कुछ ऐसे ग्रंथ है जो की आज तक पढ़े बिना यूंही बंद के बंद पड़े हैं। लेकिन आज मैं आपको एक ऐसा गुड रहस्य बताऊंगा जो आपकी इच्छा को पूर्ण कर देगा।
मोहिनी मंत्र में अपार शक्ति होती है किसी को देखते ही देखते ही आपके वश में कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही इस गुप्त मोहिनी मंत्र में आपको बताऊंगा कि किसी को भी आपके समीप ला देगा और इसको करना बहुत ही सरल है लाखों वर्षों से इसको गुप्त रखा गया है और पिछले जमाने में ऐसा होता था, कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कोई तांत्रिक इस मंत्र को किसी को नहीं बताता था।
लेकिन चैनल पर आपको ऐसे ऐसे दुर्लभ मंत्र यंत्र और तंत्र मिलेंगे इंटरनेट पर आप इस को ढूंढ भी नहीं सकते न जाने कहां कहां से किन कबीलो से पंडितों से मैं यह सारे ग्रहण किए है। और उसके बाद आपको देता हूं और आज का जो मोहिनी मंत्र है वह है किसी भी अपने साथी को चाहे वह स्त्री हो या पुरुष को अपने वशीभूत कर सकता है।
मैं अक्सर देखता हूं कि रिश्तो में दरार आ जाती हैं धीरे धीरे जो है वह खत्म होना शुरू हो जाता है। आप इस मंत्र को अपने साथी पर लगा सकते हैं जिससे कि क्षणभर में वह आपके वश में हो जाएगा और पूरी उम्र आप जो कहोगे मानेगा। एक ऐसा गुप्त मंत्र है जो की लाखों खर्च करने पर भी आपको नाम मिले सकता। आज मैं इस वेबसाइट पर आपको फ्री में दे रहा हूं आपको क्या करना है कि यह जो साधन है।
पुतली मोहन मंत्र – गुप्त मोहिनी मंत्र
बांधूं इन्द्र को, बांधूं तारा बांधूं बांधूं लोहे का आरा उठे इन्द्र न बोले बाबा | सूख साख धूनि हो जाये। तन ऊपर फेंकी, कड़े होय सूत । मैं तो बन्धन बांध्यो, सास ससुर जाया पूत । भन बांधूं, मन्त्र बांधूं विद्या के साथ चार खूंट फिर आये फलानी फलाने के साथ।
पुतली मोहन मंत्र – गुप्त मोहिनी मंत्र विधि
यदि कामिनी को मोहित करना हो तो शनिवार के दिन उसके बायें पांव के नीचे की मिट्टी और यदि पुरुष को आकर्षित करना हो तो शनिवार के दिन ही पुरुष के दाहिने पांव के नीचे की मिट्टी लेकर एक प्रतिमा बनायें। जिस लिंग (स्त्री अथवा पुरुष) का आकर्षण करना हो, उसी की प्रतिमा बना करके अर्द्धरात्रि को एकान्त में वस्त्रहीन होकर उस प्रतिमा को धूप-दीप दिखाकर जप करते रहें। लगभग घण्टे भर बाद इस सूत से उस प्रतिमा को लपेटकर गुप्त कर लें और प्रभाव देखें ।
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