Sunday, March 2, 2025
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भैरव प्रत्यक्ष दर्शन साधना bhairav pratyaksh darshan sadhana ph.85280 57364

 

भैरव प्रत्यक्ष दर्शन साधना bhairav pratyaksh darshan sadhana ph.85280 57364

भैरव प्रत्यक्ष दर्शन साधना bhairav pratyaksh darshan sadhana
भैरव प्रत्यक्ष दर्शन साधना bhairav pratyaksh darshan sadhana

भैरव प्रत्यक्ष दर्शन साधना bhairav pratyaksh darshan sadhana भैरव साधना भैरव तंत्र के प्रमुख देवता हैं ये शिव के स्वरूप हैं तथा अमित शक्ति के भण्डार भी हैं। काल भैरव, बाल भैरव (वटुक भैरव) श्मशान भैरव, स्वर्ण भैरव आदि अनेक रूप हैं इनके । सात्विक, राजस और तामस रूप मे इनकी विभिन्न प्रयोजनों से इनकी साधना की जाती है।

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  • भैरव को बुलाने का मंत्र
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  • प्राचीन भैरव मंत्र
  • भैरव साधना के लाभ

कलियुग सर्वाधिक प्रतिष्ठित देव हैं तथा शंकर के अंश होने के कारण शीघ्र प्रसन्न होने वाले भी हैं। माना भैरव शान्त स्वरूप भी हैं, किन्तु उनकी स्वाभाविक रूप राशि भी इतनी उम्र रहती है कि सामान्य साहस जवाब दे जाता है।

सिंह कितना भी सोम्य हो, विकराल सर्प कुछ भी न कहे किन्तु उनका सौन्दर्य इतना उत्कट होता है कि भय जनक बन जाता है और जब तक उससे निकटस्थता न हो भय बना ही रहता है।

मेरा अपना विचार है कि ” धनदा रति प्रिया यक्षिणी” या ‘कर्ण “पिशाचिनी’ जैसे प्रयोगों को अपेक्षा भैरव का प्रयोग किया जाए तो वह अधिक अच्छा रहता है । यक्षिणी या पिशाचिनी के प्रयोग आखिर अपने गुण और प्रभाव से प्रभावित करते हो हैं ।

कर्णं पिशाचिनी वालों को मैंने देखा है, उनका बुढ़ापा पहलवान के बुढ़ापे जितना कष्ट कर हो जाता है। वे अपनी व्यथा को खुद ही भोगते रहते हैं । वैसे भी कर्ण पिशाचिनी से भूत और वर्तमान की बता कर लोगो को चमत्कृत करने और पैसा पैदा करने के सिवा कुछ नहीं किया जाता।

यह दूसरी बात है कि कोई अत्यन्त समझदार व्यक्ति उसका दूसरा हितकर और स्थायी प्रयोग कर ले।’ भैरव की साधना घर मे नहीं करनी चाहिए। यद्यपि घर में साधना करने में कोई तात्त्विक बाधा नहीं है । एकान्त कमरे में की जा सकती है।

फिर भी एतियात के तौर पर किसी एकान्त स्थान में करना उचित रहता है। वाकला भैरव का प्रिय भोजन है बाक्ला उबले हुए चोले को कहते हैं । अगर उनका रूप अधिक भयावह लगे तो उनको नैवेद्य माल्य अर्पित करके ।

‘शान्ताकारं भुजगशयनं … इस मंत्र से प्रार्थना कर ले । मन में यह विश्वास रखे कि भगवान भैरव भक्त रक्षक हैं, वे सदा अपने भक्तों पर कृपा करते हैं। तंत्र में ऐसे प्रयोग हैं जो बड़े सरल हैं और जिनसे अनेक कष्ट सिद्ध किए जा सकते हैं ।

bhairav  sadhana भैरव को बुलाने का मंत्र

भैरव साधना का शाबर प्रयोग मंत्र“काली काली महाकाली के पुत्र कंकाल भैरव हुकम हाजिर रहे मेरा भेजा रक्षा करे लान बांधूं बान चलते के फिरते के ओसाण बांधूं दशों सुर बांधू नौ नाड़ी बहतर कोठा बाघूँ फूल में भेजू फूल में जाये कोठे जी पंडे थर-थर कांपे हल हल हले गिर-गिर पड़े उठ उठ भागे बक बक बके मेरा भेजा सवा घड़ी सवा पहर सवा दिन सवा मास सवा पहर सवा दिन सवा मास सवा बरस को बावला न करे तो माता काली की शैय्या पर पग धरे बाचा चूके तो ऊभा सूखे वाचा छोड़ कुवाचा करे धोबी को नाद चमार के कंडे मे पड़े मेरा भेजा बावला न करे तो रुद्र के नेत्र से आंख की ज्वाला’ कढे सिर की जटा टूट भूमि में गिरे माता पार्वती के चीर पे चोट पड़े बिना हुकुम नही मारना हो काली के पुत्र ईश्वरो वाचा सत्यनाम -आदेश गुरु को”

bhairav  sadhana vidhi  भैरव साधना विधि 

– गाय के गोबर से तिकोना चौका (लीप कर) देकर दक्षिण के तरफ मुख करके बैठे । काल रात्रि (वर्ष में तीन काल रात्रियों मानी जाती हैं जिन में शिव रात्रि, प्रमुख है) मे अथवा जिस दिन सूर्य ग्रहण हो उस रात्रि में यह प्रयोग करना चाहिए। एक ही आसन पर अविचल  उक्त मंत्र का एक हजार जप करे।

पूजा सामग्री में लाल कनेर के फूल, सिन्दूर, लड्डू और लोंग का जोड़ा रखे। चार मुख का दीपक (बड़े दीपक में चारों ओर जलती हुई चार बत्तियों वाला दीपक) जलाये । दीपक में तिल्ली ( या सरसों) का तेल जलाया जाय। फूलों का गजरा पास मे रखे ।

एक हजार जप करने के बाद तिल और चीनी व घी मिलाकर इसी मंत्र से एक सौ आहुति देकर हवन करे । हवन करते समय या समाप्ति पर भैरव प्रकट हों तो निर्भीक भाव से फूलों की माला उनके गले में पहना दें नैवेद्य अर्पित कर दे । साष्टांग उनको प्रसन्न करे फिर जो कुछ भी उससे मांगे वही मिलेगा ।

 

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Rodhar nath
Rodhar nathhttp://gurumantrasadhna.com
My name is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I have done deep research on Tantra. I have learned this knowledge by living near saints and experienced people. None of my knowledge is bookish, I have learned it by experiencing myself. I have benefited from that knowledge in my life, I want this knowledge to reach the masses.
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