Home अप्सरा साधना रंभा अप्सरा साधना और अनुभव rambha apsara sadhna ph.8528057364

रंभा अप्सरा साधना और अनुभव rambha apsara sadhna ph.8528057364

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रंभा अप्सरा साधना और अनुभव  rambha apsara sadhna ph.8528057364

रंभा  अप्सरा rambha apsara   महत्व

एक साधक को आनंद प्राप्त करने के लिए  अप्सरा साधना जरूर करनी चाहिए  । रंभा अप्सरा rambha apsara साधना अन्य अप्सरो से श्रेष्ठ साधना है ।  इस अप्सरा की गिनती प्रधान अप्सराओ में से है । उर्वशी मिनका रंभा rambha apsara यह तीन प्रधान अप्सरा है उन में से श्रेठ इस लिए  इस पसरा साधना को कोइ भी साधक कर सकता है । जो उर्वशी अप्सरा साधना है हो हर एक व्यक्ति नहीं कर सकता वो साधना करना अपने आप में चनौती है । यह अप्सरा थोड़े से तमोगुणी सुभाव की है ।  इस में काम और क्रोध  भरा पड़ा है इस के साथ यह थोड़ी सी हठी  है ।  अगर आप ने इस का हाथ पूरा नहीं किया तो यह अप्सरा आप को श्राप दे सकती है ।  आप समझ सकते है अगर किसी को विस्तार सहित जानकारी चाहिए तो मेरा एक और वीडियो है जो उर्वशी अप्सरा साधन एक चनौती इस नाम से है वो आप देख सकते हो ।

यह बात हो गई  उर्वशी की  ।  मेनका  अप्सरा  विश्वामित्र जी की अप्सरा है विश्वामित्र जी नहीं चाहते  कोइ इस अप्सरा को सिद्ध कर उनसे छीन  सके । तो उन्होंने इस अप्सरा के मंत्र का कीलन कर दिया इस लिए  इस अप्सरा को कोई  अन्य  साधक बिना उतकलीन  सिद्ध नहीं कर सकता ।  रंभा  अप्सरा rambha apsara इस साधना के लिए  किसी बभी उत्कीलन की जरूरत नहीं पड़ती है ।  दूसरा यह rambha apsara सतोगुणी   है । इस लिए  इस अप्सरा का  सुभाव  शांत और सहज है ।  इस लेया इस अप्सरा कोई  सिद्ध करने वाले साधक सुभाव मुधरता आ जाती है । यह अप्सरा सागर मंथन से  निकलने के कारन माँ लक्ष्मी की बहन है इस अप्सरा के साधक पर माँ लक्ष्मी की किरपा सदा  बनी रहती है।  और साधक को कभी धन के सम्बन्धी कभी कोई  दिकत नहीं होती ।

यह अप्सरा rambha apsara अपने साधक के साथ प्रीमिका की तरह रहती है । और साधक की इच्छा के अनुसार सब काम करती है ।  अगर आप इस अप्सरा को सिद्ध कर लेते अन्य अप्सरा आप की स्वतः ही सिद्ध हो जाती है । सिर्फ एक बार पुकारने पर हाज़िर हो जाती है।  क्युकी यह अप्सरा प्रधान अप्सरा है ।  रंभा  अप्सरा rambha apsara का निवास स्वर्ग में है इस लेया यह अप्सरा अपने साधक को स्वर्ग लोक और अन्य देवलोक के दर्शन करती है । यह आप को स्वःशरीर दर्शन नहीं कराती है ।  शरीर आप का यही रहेगा और शरीर में से  आत्मा  निकलकर उस को कई  लोको के दर्शन कराती है । जब साधक  निद्रा से उठता है तो उसको ऐसा लगता जैसे उस ने कोई  सपना देखा हो ।