रंभा  अप्सरा rambha apsara रवि  के डर  की परीक्षा द्वारा   की परीक्षा

रंभा अप्सरा साधना और अनुभव rambha apsara sadhna

रवि को कुछ दिन तक कोइ अनुभूति नहीं होई सब नार्मल तरीके से चल रहा था रवि ने भी यह सोच रखा था । चाहे कुछ भी हो जाए वो इस साधना को हर हालत में पूरा करेगा  जिस कमरे में वो साधना कर रहा था तो उस कमरे एक चमकता हुआ सा मेढक आ गया ।  जो एक कुत्ते के बच्चे के आकर का था ।  जो बहुत बड़ा था वो उस कमरे में उछल कूद कर रहा था  जब वो उछल कूद कर रहा था तब उसका सिर  छत   पर लग रहा था  ।रवि ने ऐसा मेढ़क  पहली बार देखा था ।  देखते ही देखते वो मेढक बेड  के नीचे चला गया । रवि ने सोचा चलो पहले साधना  पूरी कर लेता उस के बाद मैं इस   को देखता हु ।  साधना पूरी करने के बाद रवि ने उस मेढक  को ढ़ूढ़ने  की कोशिश की पर वो मेढक  मिला ही नहीं ! अंदर से दरवाजा लॉक था वो बाहर  भी नहीं जा सकता था  !