पांच बावरी Panch Bawri के द्वार हिन्दू लड़की को आज़ाद करवाना
उस पुरातन समय में रक्षासो मुसलमानों के पाप इतने बढ़ गए थे ,कि उसने हिंदुओं की लड़की को उठाकर उन्हें बेइज्जत किया और उसी समय पांच बावरियों Panch Bawri ने विजय की कसम खा ली थी कि आप इन मुगलों का जुलम और नहीं सोएंगे की सेना ने एक बार एक हिंदू के परिवार को खत्म कर उस परिवार की बेटी को मुगबादशाह के पास पेश करने के लिए ले जा रहे थे । उस हिंदू परिवार की लड़की का नाम नथिया था ।
और जब इस बात का पता बावरियों को लगा तो उन्होंने जो सैनिक लड़की को ले जा रहे थे उनको मारकर उस लड़की को उन से मुक्त करवाया ।और उसे अपने धर्म की बहन बनाकर अपने पास रखा बहन नथिया अपने पांचो बावरियों Panch Bawri को बताया नोरंगशाह ने अपने पलंग के पांवों के नीचे सोने की ईंटें रखी हुई है ।और वह कहता है कि सोने की ईट को जो चोर लेगा उसे मैं अपना आधा राजपाट और अपनी लड़की की शादी करवा दूंगा ।
पांच बावरी Panch Bawri का युद्ध नोरंगशाह की फ़ौज के साथ
बहन नथिया के मुख से यहबात पांचो बावरियों Panch Bawri ने सुनकर जीतमल बावरी को दिल्ली की ओर रवाना कर दिया और मुगलों के पूरे सख्त पहरे में से माता रानी की कृपा से वो सोने की ईट जाने ।
अपने पलंग के नीचे रख रखी थी वह चुरा लिया को इस बात का पता चला वह अपने मुख से आग उगलने लगा और अपनी सेना की एक टुकड़ी पांचो बावरियों Panch Bawri के खिलाफ मुरथल की तरफ रवाना कर दी उस समय बावरियों की बहन से दो कुएं से पानी भरने के लिए बाहर गई हुई थी ।
तभी मुगलों के सैनिकों ने पांचो बावरियों की बहन शैडो की इज्जत के ऊपर हाथ डाला इस बात का पता पांचो बावरियों को चला तो उन्होंने के मुग़ल सैनिकोंपर हमला कर दिया कुच्छ मुग़ल दरबार में पेश हुए यह सारा बात बताई और तब मुग़ल बादशाह ने अपनी पूरी मुगलों की सेना का हमला पांचो बावरियों पर कर दिया
एक वो हजारो की संख्या की सेना थी और दूसरी तरफ पांच बावरीPanch Bawri सेना का डटकर मुकाबला कर रहे थेऔर कई दिन लड़ने के बाद बावरियों के पास असला समाप्त हो जाता है । तभी उनकी नजर दूर बैठे एक साधु बड़े भाई साधु था ।जिसके वचनों से यह पांचो बावरियों का जन्म हुआ था ।
सबल सिंग बावरी किस मुस्लिम शासक से लड़े
और किस सन में लड़े
सबल सिंग बावरी किस मुस्लिम शासक से लड़े
और किस सन में लड़े
9784727733