Panch Bawri पांच बावरी का इतिहास और प्राचीन साधना रहस्य ph 85280 57364

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पांच बावरी Panch Bawri का दिल्ली जमुना किनारे रहना

Panch Bawri पांच बावरी का इतिहास और प्राचीन साधना रहस्य ph 85280 57364

 

जिससे पांच बावरी दिल्ली में जमुना किनारे रहते थे । उसमें दिल्ली का मुख्य शासक नवरंग शाह बादशाह बादशाह बहुत ही जुल्मी और कपटी राजा था । इन पांचो बावरियों को रहते हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे । तभी इन्हें श्यामपुर का एक प्रमाण मिला खून से लिखे हुए इस प्रमाण पत्र में लिखा था कि इस पूरे संसार में कोई ऐसा वीर है ।

जो मेरी राजा से मेरी इज्जत बचा सके और लिखा था कि राजा ने मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया है । हिंदुओं की लड़की हूं और जय राजा मुझे कैद कर अपनी हवस का शिकार बनाना चाहता है । रामपुर का खून से लिखा जमाना पांचो बावरियों का में से खून बहने लगा और की उसतरफ रवाना होकर उस दुष्ट राज्य को मार गिराया और अपने साथ में श्यामपुर को लेकर आए और उसको अपने धर्म की बहन बनाकर ।

पांच बावरी Panch Bawri का गोगा जाहिर वीर की मदद करना और 56 कल्वो शक्ति प्रपात करना

Panch Bawri पांच बावरी का इतिहास और प्राचीन साधना रहस्य ph 85280 57364

 

अपने साथ रखा बावरियों का इतिहास उस समय का है जब गुगा जाहर पीर चौहान जी ने अपने दोनों भाइयों और सर्जन का युद्ध में बंद कर दिया था । उनकी धड़े रणभूमि में और उनके सिर गोगाजी के महलों में जा गिरे थे । अर्जुन और साजन और धोखेबाज थे । और उन्होंने नारंग सा के साथ मिलकर गोगाजी के ऊपर चढ़ाई कर दी थी इसलिए गोगा जी ने उनका वध कर दिया अर्जुन सर्जन के खिलाफ गोगाजी की इस लड़ाई में सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी ने गोगाजी का साथ दिया था । जब गोगा जी महाराज ने अर्जुन और सर्जन का वध कर दिया था । तब उनकी रणभूमि में और उनके शीश महलों में जा गिरे थे, और गोगा जी महाराज अपने भाइयों का अंतिम संस्कार करना चाहते थे । मगर माता बाछल जी गोगा जी से बहुत खफा दिखे उन्होंने अपने भाइयों का वध कर दिया था । और गोगा जी को उन्होंने महलों में आने से इंकार कर दिया था !

 

अभी गोगा जी ने सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी को अपने भाइयों अर्जुन और सर्जन का शीश लाने का आदेश दिया तभी बावरियों ने 64 जोगनो की शक्ति से अदृश्य होकर गोगाजी के भाइयों अर्जुन और साजन के उनको ला कर दिया ,और गोगा जी ने अपने भाइयों की अंतिम संस्कार किया गोगा जहर पीर जी एक अवतारी पुरुष थे गोगा जी ने सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी से प्रसन्न होकर 56 कल्वो की शक्ति का वरदान दिया और जय बचन न भी दिया के जैसे तुमने अर्जुन और सर्जन के कटे फीस लाकर उनको संपन्न किया है मैं तुम बावरियों से बहुत प्रसन्न हुआ हूं अगर धर्म के रास्ते पर चलते हुए तुम बावरियों के कभी शीश भी कट जाए तो मुझे याद कर लेना मैं तुम्हें वचन देता हूं कि मैं तुम्हारे कटे हुए शीशे सुरजीत कर दूंगा ऐसे पांच बावरियों के पास छूट जो गुणों की शक्ति तो पहले ही थी । उसके साथ-साथ गोगा जी ने 56 कल्वो की शक्ति और प्रदान कर दी और मृत्यु जीवन का वरदान भी गोगा जी महाराज ने इन पांच बावरियों को दे दिया ।