Sunday, March 2, 2025
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Panch Bawri पांच बावरी का इतिहास और प्राचीन साधना रहस्य ph 85280 57364

 

सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी का पत्थर हो जाना

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हरी सिंह बावरी को राजगद्दी पर बैठे हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे कि उनके दोनों छोटे सबल सिंह बावरी और के केसरमल बावरी ने अपने बड़े भाई हरि सिंह बावरी से शिकार खेलने की आज्ञा मांगी और उन से आज्ञा लेकर शिकार के लिए जंगल की तरफ वह दोनों भाई रवाना होगे दोनों भाई साबर सिंह बावरी और केसरमल बावरी जंगल की तरफ शिकार के लिए जा रहे तो उनको रास्ते में माता मनसा देवी का मंदिर दिखा और इन दोनों भाइयों ने मंदिर की तरफ दोनों हाथ जोड़कर मन्नत मांगी कि हे मां मनसा हम तेरे दरबार में चढ़ाएंगे अगर हमें जंगल में शिकार मिल जाए जंगल में जाने पर जब सबल सिंह बावरी और बाबरी को शिकार नहीं मिला । तब माता मनसा देवी की मन्नत पूरी ना होने के कारण दोनों भाई माता मनसा देवी से खफा हो जाते हैं और माता रानी के मंदिर के ऊपर मुकट उतारने लग जाते हैं । माता मनसा देवी ने अपनी शक्ति से इन दोनों भाइयों को पत्थर का बना दिया ।

 

मनसा देवी का पांच बावरी Panch Bawri को 64 जोगणी की शक्ति प्रदान करना

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जब इस बात का पता हरी सिंह बावरी को लगा तब उसने माता रानी के मंदिर में आकर माता से क्षमा याचना मांगी । माता ने हरी सिंह बावरी की क्षमा याचना की अपना शीश काटकर माता को चढ़ा दिया माता मनसा देवी ने प्रसन्न होकर हरी सिंह बावरी को जीवत किया और साबर सिंह बावरी और केसरमल बावरी को भी गलती के लिए माफ कर दिया ,और हरी सिंह बावरी पर प्रसन्न होकर

माता मनसा देवी ने माता काली की 64 जोगणी की शक्ति का वरदान इन पांचो बावरियों को सामान्य रूप में दे दिया और फिर इस राज्य में एक दुर्घटना घटी इस खुशहाल खरखड़ी राज्य में भूकंप आने के कारण पूरे राज्य को तहस-नहस और इस एप्स में प्रजा के साथ-साथ माता को पूरी और हेमराज बाबरी भी चल बसे और इस राज्य में कुछ नागरिक और पांच बावरी बहन शैडो और उनकी ताई राजदेवी शेष बचे कुदरत की करोपी देखते हुए पांचो बावरियों ने स्थान को छोड़ने का मन बना लिया तब पांच बावरी ताई राधे हरि नगरी छोड़कर दिल्ली शहर में जमुना किनारे एक झोपड़ी बनाकर रहने लगे ।

 

Rodhar nath
Rodhar nathhttp://gurumantrasadhna.com
My name is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I have done deep research on Tantra. I have learned this knowledge by living near saints and experienced people. None of my knowledge is bookish, I have learned it by experiencing myself. I have benefited from that knowledge in my life, I want this knowledge to reach the masses.
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2 COMMENTS

  1. सबल सिंग बावरी किस मुस्लिम शासक से लड़े
    और किस सन में लड़े

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