mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म
mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म मंत्र तंत्र साधना की शाखा बहुत बड़ी है ईस के कई कर्म है इन मे से षट्कर्म मुख्य जो नीचे दिए गए है। ईसको तंत्र मंत्र शास्त्र मे षट्कर्म कहा गया है कुछ अज्ञानी लोग ईन कर्मो को बुरा मानते है जो बहुत गलत सोच है
प्रिय दोस्तो भगवान की बनाई गई सभी
चीजे सही है केवल उनका का गलत ईसतमाल करने वाले मनुष्य गलत है जैसे कि एक उदाहरण है एक चाकू है जो हमारे घरेलू कामो मे बहुत काम आता है फल सब्जी आदि काटने मे अगर कोई दुष्ट व्यक्ति ईसका उपयोग किसी व्यक्ति को मारने के लिए करता है उस मे ईस चाकू का क्या दोष उस व्यक्ति का दोष है जिसने इस का ईसतमाल गलत काम के लिए किया है उसी प्रकार षट्कर्म का है कोई भी विद्या गलत नही है उसका गलत उपयोग करने वाला गलत है। अगर षट्कर्म कर्म गलत है तो भगवान शिव ईस की रचना न करते और ईस की जानकारी आपने परम भक्त रावण को न देते आप को षट्कर्मो का जानकारी देता हु । mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म
1शानित कर्म – जिस प्रयोग के द्वारा रोगो तथा ग्रहो की शानित और निराशा आदि का नाश किया जाए तो उसे शानित कर्म कहते है। ईस की अधिष्ठात्री देवी रति तथा अम्बिका है और देवता गणेश है।
2 स्तम्भ – किसी चलती वस्तु को रोकना (गतिरोध) करना जैसे कि आग पानी पशु पक्षी मनुष्य ।
किसी की चाल-ढाल को बंद सजीव या निर्जीव को जहां का तहां रोक देना, , निष्क्रिय स्थिर कर देना, शत्रु के अस्त्र-शस्त्र को रोक देना, अग्नि के तेज को रोक देना, विरोधी की जीभ, मुख आदि को रोक देना इत्यादि स्तम्भन कर्म कहलाता है। ईस की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी है
3 वशीकरण – जिस प्रयोग के करने से किसी भी व्यक्ति को आपने आधीन अथवा वश कर लिया जाए वह कर्म वशीकरण कर्म कहलाता है । ईस के प्रयोग से प्रतिकूल मन वाला व्यक्ति साधक के शरण मे आ जाता है । ईस की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती है
4 विद्वेषण – दो व्यक्ति मे अत्यंत मित्रता हो उन मे वैर विरोध पैदा करना अथवा झगड़ा करवा देना मित्रता को खत्म कर देना विद्वेषण कर्म है । ईस की अधिष्ठात्री देवी ज्येष्ठा है
5 उचचाटन – किसी के मन में शंका पैदा कर भयभीत या भ्रमित बनाकर मानसिक स्थिति को खराब करना गाव नगर या देश से अनय सथल से भगा देना या स्थानांतरित कर देना उच्चाटन होता है।
ईस की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा है।
6 मारन – किसी भी व्यक्ति पशु पक्षी आदि के प्रान लेना मारन प्रयोग है ईस की अधिष्ठात्री देवी भद्रकाली
है ।
विभिन्न प्रयोगो मे रंगो का महत्व mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म
शांति के लिए सफेद रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए
वशीकरण कर्म के लिए लाल रंग की वस्तुओं के प्रयोग में करना चाहिए
विद्वेषण कर्म में लाल रंग की सामग्री का प्रयोग करना चाहिए
सतंभन प्रारंभ में पीले रंग की सामग्री का प्रयोग करना चाहिए
उच्चाटन कर्म में दो सुरमई रंग की सामग्री का प्रयोग करना चाहिए
मारण कर्म में काले रंग की वस्तुओं का प्रयोग करना शुभ दायक होगा
षट्कर्म कर्म मे आसन्न mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म
शांति कर्म के लिए कपास के आसन या हिरण की खाल केआसन पर बैठकर साधना करनी चाहिए
वशीकरण कर्म में बेड़ की खाल पर बैठकर साधना करनी चाहिए
सतंभन कर्म में बाघ की खाल पर बैठकर साधना करनी चाहिए
विद्वेषण करने घोड़े की खाल पर बैठ कर साधना करनी चाहिए
उच्चाटन कर्म में ऊंट की खाल पर बैठकर साधना करनी चाहिए
मारण कर्म में भैंस की खाल पर बैठकर करनी चाहिए
योग आसन्न षट्कर्म के लिए
शांति कर्म के स्वास्तिक आसन पर बैठकर साधना वशीकरण के लिए पदम आसन पर बैठकर साधना का उच्चाटन कर्म में अर्थ स्वास्तिक आसन पर बैठकर सतंभन कर्म में कुकट आसन् पर बैठकर साधना करो
मारण कर्म के लिए विकट आसन पर बैठकर साधना करनी चाहिए
mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म
ईनका सदुपयोग कैसे करे – अगर किसी का लड़का गलती कामो मे लग गया अथवा मां बाप के कहे से बाहर हो गया (वश से ) से बाहर हो गया है उसकी भलाई के लिए उसका जीवन सुधारने के लिए उस उपर वशीकरण का प्रयोग करना सदुपयोग है यद्यपि पती पत्नी मे भी ऐसी परिस्थिति पैदा जाए तो यह प्रयोग कर सकते है।
मारन प्रयोग अगर किसी व्यक्ति से आप को खतरा वह आपको मारने के लिए ड़ूंड रहा हो आप की कोई भी किसी की मदद को तैयार नही है तो आप आपनी जान बचाने के लिए गुरु आज्ञा से मारन प्रयोग कर सकते है क्यूंकि आपनी जान बचाना सभी का धर्म है ।
उचचाटन कर्म जिस व्यक्ति से सभी गांव या नगर लोग परेशान, खतरा हो उसे किसी भी प्रकार की मदद न मिले तो आप उचचाटन प्रयोग कर भगा कर सभी की मदद कर सकते है। आप को कोई भाई-बहन किसी गलत लड़के या लड़की की बुरी संगत मे हो तो आप उसका जीवन सुधारने के लिए विद्वेषण प्रयोग कर सकते। mantra Tantra khatkarm मंत्र तंत्र षट्कर्म