yakshini-sadhna यक्षिणी साधना के लाभ – यक्षिणी साधना रहस्य – धन ऐश्वर्या और भोग प्रदान करने वाली की देवी का रहस्य yakshini

yakshini-sadhna यक्षिणी साधना के लाभ – यक्षिणी साधना रहस्य – धन ऐश्वर्या और भोग प्रदान करने वाली की देवी का रहस्य yakshini गुरु मंत्र साधना.कॉम में आप सबका फिर से स्वागत है। आज का जो मेरा कॉन्सेप्ट रहेगा, यक्षिणी साधना को लेकर रहेगा और यक्षिणी साधना के बारे में मैं आपको पूरी जानकारी प्रदान करूँगा।
देखिए, जो यक्षिणियाँ होती हैं, यह भी एक तरीके से दैविक शक्ति होती हैं, उनको दैविक शक्ति बोला गया है। यह कई तरीके की होती हैं, जैसे 36 प्रकार की होती हैं, इसमें से जो आठ होती हैं, यह प्रमुख होती हैं, 36 में से चार जो यक्षिणियाँ होती हैं
इनको गोपनीय रखा गया है। जो 32 यक्षिणियाँ हैं, यही ज़्यादातर जो हैं, साधकों के बीच में रही हैं। बाकी जो चार यक्षिणियाँ हैं, इनको गोपनीय रखा गया है, इसके बारे में किसी भी साधक को नॉलेज नहीं है, इन्हीं 32 यक्षिणियों में से आठ यक्षिणी प्रमुख मानी गई हैं, यह इनका कॉन्सेप्ट है।
जो ये यक्षिणियाँ होती हैं, जो यक्षराज कुबेर हैं, उनके अधीन ये रहती हैं, उनके मुताबिक ही चलती हैं क्योंकि यक्षराज बोला गया है कुबेर जी को और कुबेर जो उनको आज्ञा करेंगे, उनके मुताबिक ही वह चलेंगी। वैसे तो यह महादेव की सेवा में हाजिर रहती हैं, जो इनके प्रधान हैं, इनके अधिपति हैं, वो जो ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, कुबेर जी को सौंपी गई है, कुबेर जी ही इनका करते हैं आगे जो कुछ भी देखरेख या उनके मार्गदर्शन से आगे चलती हैं।
देखिए, जो यक्षिणियों का जन्म हुआ है, यह महादेव के पसीने से हुआ है, जब महादेव के ऊपर कामदेव ने तीर चलाए थे, वो तीर उनके जाके बॉडी के ऊपर लगे थे, महादेव क्रोधित हो गए और आगे उनका जो तीसरा नेत्र है, वह खुला, कामदेव को भस्म कर दिया गया। वही जो कामुकता थी, उनके चेहरे के ऊपर पसीने के रूप में निकलने लगी।
वही जो आगे चलके जहाँ-जहाँ गिरी धरती के ऊपर, वहाँ-वहाँ यक्षिणियाँ पैदा हो गईं, तो यह इनका कॉन्सेप्ट है। जो आगे ऋषि होते हैं, उनको जाके ये परेशान करने लगीं, उनके साथ वो जो भोग की इच्छा करने लगीं, तो उन्होंने इनको श्राप दे दिया, जाओ, आप अपने जो देवत्व है, उसको खत्म कर दोगे, मतलब दैविकता से नीचे गिर गए, पहले यह देवताओं के समान ही थीं, इनको रखा गया था।
जब इन्होंने इस तरीके से कुछ हरकतें कीं, उनको नीचे कर दिया गया, अपने उसी दैविक गुण को पाने के लिए जो होती हैं, यह लोग इनको सिद्ध करते हैं, यह सिद्ध होती हैं, पर जो उन्होंने आगे जैसे उनसे क्षमा याचना करी, तो उन्होंने उनको माफ़ कर दिया, और यह बोला कि जो भी तुम्हें व्यक्ति, साधक सिद्ध करेगा, उसके बाद ही आप अपने जो वापस देवत्व गुण हैं, उनको प्राप्त करोगी।
उसके बाद यह खुद यह ढूँढती हैं कि कोई इनको साधक सिद्ध करे, हम भी अपने देवत्व गुण को प्राप्त करें। तो ये इसका कॉन्सेप्ट होता है।
यह बहुत ही पॉजिटिव शक्ति है। जब बंदे की ज़ुबान के ऊपर इसका नाम जाता है, तो अंदर से पॉजिटिविटी फील होती है, पर यह देवताओं से थोड़ी सी नीचे हैं, पर यह एक दैविक शक्ति ही आप इनको मान सकते हैं, अप्सरा हो गईं, यक्षिणियाँ हो गईं, एक दैविक ही शक्ति हैं, जो देवताओं के पास रहती हैं, इसमें से भी कुछ तामसिक हैं, जो 12 तामसिक हैं, जो 12 हैं, राजसिक हैं, 12 ही जो हैं, सात्विक मानी गई हैं।
आठ इसमें से प्रमुख मानी गई हैं, जैसे कुछ एक-दो के नाम मैं आपको बताऊँगा, जैसे कामेश्वरी यक्षिणी होती है, कोई भी व्यक्ति अगर अपना ऐसा रूप चाहता है कि उसकी ओर सब लोग आकर्षित हों, उसकी काम की जो इच्छा है, वो उसकी पूर्ति हो, तो कामेश्वरी यक्षिणी को सिद्ध किया जाता है।
कामेश्वरी यक्षिणी को सिद्ध करने के बाद दुनिया की कोई भी स्त्री उस व्यक्ति से आकर्षित होने से नहीं बच सकती है। दुनिया की तमाम औरतों के साथ वो भोग-विलास करता है, जो कामेश्वरी यक्षिणी को सिद्ध कर लेता है, कामना पूरी करने वाली यक्षिणी होती है, खुद वह साधक के साथ संभोग-विलास करती है, अलग-अलग रूपों में भोग-विलास करती है। धरती की जो भी खूबसूरत लड़कियाँ होंगी, उनके थ्रू वो विलास करवाती है। ये कामेश्वरी यक्षिणी है।
एक है सुरसुंदरी। सुरसुंदरी के नाम से ही आपको थोड़ा लग रहा होगा। देखिए, जो सुरसुंदरी है, ये सुर का मतलब होता है देवता, सुंदर, देवताओं के समान सुंदरता देने वाली जो यक्षिणी है, वह है सुरसुंदरी, यह भी बहुत ही शक्तिशाली यक्षिणी होती है। आपके अंदर सुंदरता इतनी ज़्यादा भर देगी कि कोई भी व्यक्ति आपकी ओर आकर्षित हो जाएगा
चाहे देवता हो, चाहे अप्सरा हो, कोई भी, इस लेवल तक आपको सुंदरता प्रदान करेगी, इस लेवल की यह शक्तियाँ होती हैं। जो यक्षिणियों की पूजा करता है, उसको कभी भी धन की कमी नहीं रहती, धन उसको भरपूर मिलता है, क्योंकि यक्षराज कुबेर के अधीन हैं और कुबेर को तो धन का स्वामी बोला गया है, तो इसीलिए कुछ ऐसी यक्षिणियाँ हैं, जो आपको बहुत सारी चीज़ें देती हैं।
पद्मिनी यक्षिणी आप समझ सकते होंगे, मतलब ऐसे सुरमा दे देगी आपको, आप पहनोगे, लगाओगे आँखों में, तो कोई आपको देख नहीं पाएगा, अदृश्य होने की शक्ति और ऐसी-ऐसी शक्तियाँ। पैसे के मामले में है, तो आप पद्मिनी यक्षिणी को सिद्ध कर लो, पैसा आपको इतना आएगा, बहुत ज़्यादा।
लक्ष्मी यक्षिणी होती है, उसको कर लो आप, पैसा आपके घर में भर जाएगा, इतना पैसा देती हैं।देखिए, यह अलग-अलग रूप में किया जा सकता है।
इसको यह ज़्यादातर सात्विक रूप में ही चलती है, तामसिक भी होती हैं, इसमें से 12 यक्षिणियाँ मैंने आपको बताया, तो तामसिक रूप में भी ये चलती हैं, राजसिक रूप में भी और सात्विक रूप में, ये होता है इनका सिद्ध।
जो तामसिक यक्षिणियों को सिद्ध करता है व्यक्ति, तो उसके काम गोली की तरह होते हैं। एक ऐसा साधक मैं जानता था, वो उसने एक ऐसी यक्षिणी को सिद्ध कर रखा था, जो तामसिक रूप में उनके साथ रहती थी वो, और कोई भी काम लेने के लिए वह बहुत बड़ा एक बलिदान करता था। अगर मैं इस पोस्ट के अंदर बताऊँगा, तो वो चीज़ें सही नहीं हैं।
अंत में वो व्यक्ति बुरी तरीके से फँस गया क्योंकि उसने जो है, आदमियों का जो खून होता है, उसका चस्का लगा दिया सबको और हर वक्त उसको आदमियों की ज़रूरत पड़ती थी, जो उनका खून निकाल सके। इस तरीके से जो चीज़ें होती हैं, इनमें नहीं जाना चाहिए। सात्विक रूप में, पॉजिटिव रूप में ही आप करो, तो ज़्यादा बेहतर है।
अगर आप चाहते हो कि आपकी ज़िंदगी बदले, आपकी ज़िंदगी के अंदर ऐश्वर्य आए, सुख-शांति आए, आप ये यक्षिणियों की साधना आप ज़रूर कर सकते हैं, यक्षिणी, यक्षिणियों का ऐसा कॉन्सेप्ट है, आपकी ज़िंदगी में हर चीज़ का अंबार लग जाएगा, क्योंकि ये पॉजिटिव शक्तियाँ हैं।
कुछ भी बुरा नहीं करती हैं, पॉजिटिव वे में ही ये चलती हैं, तो एक मैं ऐसा वीडियो थोड़े दिन बाद फिर लेके आऊँगा, वो रहेगा यक्षिणियों के बारे में, कौन सी यक्षिणी आपको क्या देती है, कौन सी यक्षिणी आपको करनी चाहिए, उस टॉपिक के ऊपर मैं बात करूँगा, उस टॉपिक में मैं डिटेल के साथ बताऊँगा कि ये यक्षिणी कर लोगे तो यह मिलेगा, यह यक्षिणी कर लोगे तो यह मिलेगा।
सबसे इसका फ़ायदा यह होता है, आप माँ-बहन, पत्नी रूप में भी कर सकते हैं, प्रेमिका रूप में भी कर सकते हैं। पर एक चीज़ मैं आपको और बोलता हूँ, पत्नी रूप में करोगे, और दूसरी शादी कर लोगे, जब भी आप करोगे शादी, तो आपकी मृत्यु निश्चित है।
तो उन्हीं लोगों को पत्नी रूप में करनी चाहिए, जिनको आगे शादी-ब्याह नहीं करना क्योंकि इनके अंदर तलाक़ का कोई सिस्टम नहीं है। जिस समय आपकी इंसान के साथ आपने शादी कर ली, तो उस समय आपकी मृत्यु है। यह मैं नहीं बोल रहा हूँ, ये भगवान शिव बता रहे हैं,
दूसरी चीज़, यक्षिणियों के जितने भी मंत्र हैं, यह सब कीलित हैं। इसको खोलने के लिए कोई भी ऐसा साधक चाहिए, जो उनको खोल सके, भगवान शिव का जो भी तंत्र है, वह कीलित है, सिद्ध कर ही नहीं सकते आप।
सिद्ध करने के लिए आपको ऐसा व्यक्ति ढूँढ़ना पड़ेगा, जिसके पास निष्कीलन करने का सिस्टम हो, तभी ही जाके यह यक्षिणियाँ सिद्ध होंगी, अदरवाइज़ इनको सिद्ध करना मुश्किल है, करोगे क्योंकि तंत्रों के अंदर इसके मंत्र दे रखे हैं, तो अगर इस तरीके से होने लगा, तो सब लोग कर लेते, करते वही हैं, जिनके पास इसको खोलने की चाबी होती है, वही कर पाते हैं।
ये शक्तियों के बारे में फिर पता कैसे चलता है? जैसे किसी व्यक्ति ने कोई बड़ी शक्ति को सिद्ध कर रखा, तो वही शक्तियाँ इनको आगे बताती हैं कि यह विद्या ऐसे सिद्ध होगी, ऐसे होगी, फिर यह लुप्त विद्याएँ वापस आती हैं, वरना ये विद्याएँ वापस नहीं आती हैं।
बहुत सारी चीज़ें विलुप्त हो गईं, इसी तरीके से, इसी कॉन्सेप्ट से वो चीज़ें वापस आ जाती हैं क्योंकि जो लोग ये विद्याओं को जानते थे, बाद में मर जाते हैं, तो मामला वहीं दफ़्न हो जाता है, अपने साथ ही वो ले जाते हैं।
तो फिर आगे यह विद्याएँ इस तरीके से फिर दोबारा से लौटती हैं, क्योंकि किसी भी चीज़ का कोई अंत नहीं, आज कोई विद्या कोई व्यक्ति कर रहा है, वो इसलिए कर पा रहा है क्योंकि उसके पास निष्कीलन करने का सिस्टम होता है। वह कभी नहीं कर पाता है, जिसके पास वह सिस्टम न हो,
तो भाई, आज के लिए इतना ही। एक लेख और बनेगा, जिसके अंदर एक-एक यक्षिणी का डिटेल सहित बात करूँगा, कौन सी यक्षिणी क्या करती है, कैसे करती है, उस कॉन्सेप्ट के बारे में बात करूँगा मैं। आज आपके लिए इतना ही, बस मेरे को जाने की आज्ञा दीजिए, जय श्री महाकाल।
बगलामुखी 36 अक्षरी मंत्र के लाभ baglamukhi 36 akshari mantra ke laabh ph.85280 57364
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