rakta chamunda रक्तचामुण्डा यक्षिणी सब से तीव्र वशीकरण साधना रक्तचामुण्डा साधना आपार  वशीकरण हासिल करने की साधना जिसे से स्त्री पति पत्नी ,प्रेमिका को वश में किया 

rakta chamunda रक्तचामुण्डा यक्षिणी सब से तीव्र वशीकरण साधना Ph.85280 57364
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ॐ सिद्धि रक्त चामुण्डे घुरंघुरं अमुकीवशमानय स्वाहा । “

rakta chamunda रक्तचामुण्डा यक्षिणी  साधना  साधन विधि – इस रक्तचामुण्डा यक्षिणी मन्त्र से अभिमंत्रित गुड़हल के सहस्र फूलों से हवन करने पर राजा वशीभूत होता है । ( ४४ ) कनेर के सहस्र फूलों से हवन करने पर सब लोग वशीभूत होते हैं । कपूर के साथ सेवती के सहस्र फूलों का हवन करने से द्रव्य-प्राप्ति होती है। जुही के सहस्र फूलों का हवन करने से पुत्र प्राप्ति होती है स्त्री का नाम लेकर हवन करने से स्त्री की प्राप्ति होती है। सेमल के सहस्र फूलों का हवन करने से शत्रु की मृत्यु तथा उच्चाटन होता है ।

निवारी के सहस्र फूलों का हवन करने से शत्रु का नाश होता है । सहस्र कमलों से हवन करने पर अकाल में बादल होकर वर्षा होती है । ‘अमुक रोगी के रोग का नाश हो’ इस प्रकार कहते हुए सहस्र कचनार के फूलों से हवन करने पर रोगी का रोग नष्ट होता है । अलसी के सहस्र फूलों से हवन करने पर सबकी वृद्धि होती है तथा गरा के सहस्र फूलों से हवन करने पर सुभिक्ष होता है और वर्षा होती है । यह ‘ रक्तचामुण्डा यक्षिणी मन्त्र’ अनेक प्रकार की अभि-! लाषाओं को पूर्ण करने वाला है । मन्त्र में जिस स्थान पर ‘अमुक’ शब्द आया है, वहाँ साध्य व्यक्ति के नाम का उच्चारण करना चाहिए ।

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Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/