Muslim tantra शक्तिशाली मुस्लिम तंत्र का रहस्य विस्तार इस्लामिक तंत्र

Muslim tantra शक्तिशाली मुस्लिम तंत्र का रहस्य विस्तार इस्लामिक तंत्र
Muslim tantra शक्तिशाली मुस्लिम तंत्र का रहस्य विस्तार इस्लामिक तंत्र
Muslim tantra शक्तिशाली मुस्लिम तंत्र का रहस्य विस्तार इस्लामिक तंत्र guru mantra sadhna में आप सबका फिर से स्वागत है मैंने तंत्र के ऊपर बहुत सारे  प्रकाशित कर चुका हूं ठीक है और आज का जो विषय है मुस्लिम तंत्र के बारे में रहेगा वैसे तो तंत्र हर धर्म के अंदर मौजूद है हर एक धर्म के अंदर तंत्र मौजूद है जैसे इस्लाम में है में है ठीक है  धर्म के अंदर भी है तिब्बतियों में भी है बध में भी है जैनियों में भी है सभी धर्मों के अंदर तंत्र मौजूद है ठीक है जो आज का जो विषय रहेगा मुस्लिम तंत्र के बारे में रहेगा ठीक है
 
 जो मुस्लिम तंत्र है ठीक है यह सबसे ज्यादा फेमस है ठीक है और इसके बारे में जो जानकारियां है बहुत कम उपलब्ध है तो इसीलिए मैं आज आपको मुस्लिम तंत्र के बारे में बताने वाला हूं देखिए मुस्लिम तंत्र में तीन से चार तरीके का होता है ठीक है एक होता है नूरी इलम होता है ठीक है दूसरा सिफल इल्म होता है तीसरा शैतानी इल्म होता है
 
 पहले मैं बात करूंगा नूरी इल्म के बारे में जो नूरी इल्म होता है ठीक है इसके अंदर जो साधना  पीर पैगंबरों की साधनाए होती है ठीक है परियों की साधना होती है ठीक है मुवक्किल की साधना होती है ठीक है 
https://www.youtube.com/watch?v=omLUQhw-UPA
 
उसके बारे में बात करूंगा मकली की साधना होती है ठीक है मुवक्किल दरअसल एक फरिश्ता होता है ठीक है जैसे आप देवदूत मान सकते हैं देवता मान सकते हैं उसी तरीके से होता है हर एक आयत का अलग-अलग मव मुवक्किल होता है 
 
इसके बारे में मैं बात करूंगा बाद में ठीक है तो मव कलीन हो गए ठीक है और परिया हो गई और नेक जिन होते हैं कुछ ठीक है अच्छे वाले जो पांच वक्त की नमाज भी अदा करते हैं ठीक है 
 
मुवक्किल साधना हो गई तो यह  साधना आती नूरी इल्म है नूरी इल्म के अंदर दूसरे नंबर के ऊपर आता है शैतानी इल्म ठीक है शैतानी इल्म के अंदर भी परियों की साधना आती है ठीक है जिन्नो की साधना आती है ठीक है और भी जो चीजें हैं उनकी साधना आती है तो यह शैतानी इल्म हो गया ठीक है 
 
तीसरा है तीसरे इल्म के बारे में मैं बात करूंगा जो तीसरा इल्म है सिफली इल्म है ठीक है सिफली इल्म के अंदर टोटल जितनी भी साधनाए हैं कब्रस्तान से जुड़ी हुई साधना होती है टोटल तामसिक साधना होती है ठीक है जिनको हम गंदी साधना कहते हैं मैली विद्या कहती है तो ये मैली साधनाए को हम सिफली इलम बोलते हैं ठीक है जो सिफली इलम है सबसे फास्ट काम करता है 
 
इसके ऊपर मैंने अलग से वीडियो बना रखा है ठीक है सिफली इलम के बारे में अलग से वीडियो बना है वह आप पढ़ सकते सुन सकते हैं ठीक है तो बेसिकली यह होता है इन मुस्लिम तंत्र के अंदर अब आगे हम बात करेंगे हिंदू धर्म के अंदर जैसे यंत्र होते हैं ठीक है वैसे ही मुस्लिम धर्म के अंदर नक्श होते हैं ठीक है जैसे कि हिंदू धर्म के अंदर वैदिक मंत्र होते हैं ठीक है उसी तरीके से इस्लाम के अंदर जो कुरान के अंदर आयतें होती हैं ठीक है
 
 उनको मंत्र को कुरान क के अंदर जो मंत्र होते हैं उनको आयत बोला जाता है ठीक है यह इनका डिफरेंस है मुस्लिम तंत्र  और हिंदू तंत्र के अंदर ठीक है और दूसरी चीज होती है जैसे हिंदू धर्म के अंदर यंत्र होते हैं तो मुस्लिम तंत्र के अंदर नक्श होते हैं ठीक है तो यह भी एक डिफरेंस है तो आगे जैसे हिंदू धर्म और मुस्लिम धर्म के अंदर बहुत सारी दो चीजें सिमिलर है ठीक है
 
 जैसे हिंदू धर्म के अंदर शाबर मंत्र होते हैं बिल्कुल उसी तरह मुस्लिम तंत्र के अंदर भी शाबर मंत्र होते हैं ठीक है मुस्लिम  में भी शाबर मंत्र होते हैं तो यह दोनों की सिमिलरिटी है बेसिकली अगर हम बात करें हिंदू धर्म के जो तंत्र की ठीक इसमें जो वैदिक मंत्र होते हैं 
 
वोह कलित होते उसका उत्कीलन करना बहुत जरूरी है ठीक है जो वैदिक मंत्र होते भी है तो उनमें कर्मकांड बहुत ज्यादा है हृदय न्यास कर न्यास ठीक है आचमन बहुत सारी उत्कीलन बहुत सारी प्रक्रिया होती है कर्मकांड होता है पर इनके अंदर कोई भी कर्मकांड नहीं है  
 
यह है इनके अंदर सिस्टम जहां पर हिंदू धर्म के अंदर देसी घी का दीपक जलाया जाता है तो उनके अंदर भी तेल का दीपक ज्यादातर चलाया जाता है ठीक है यह भी एक डिफरेंस है ठीक है जो कुरान की आयतें होती हैं इनका कुछ भी उत्कीलन करने की जरूरत नहीं है डायरेक्ट काम करते हैं और इनके जो साबर मंत्र है वह भी डायरेक्ट काम करते हैं 
 
इनके अंदर कोई भी उत्कीलन का झंझट नहीं है ठीक है डायरेक्ट काम करती हैं चीजें ठीक है कोई कर्मकांड नहीं कुछ नहीं तो ज्यादातर जो उनके मंत्र हैं ठीक है ईशा की नमाज के बाद किए जाते हैं 
 
उनके सात्विक साधना ईशा की नमाज के बाद ही की जाती है तो वही जो हिंदू धर्म के अंदर वैदिक मंत्रों की साधनाए हैं प्रात काल में करने का विधान बताया गया है हालांकि जो शवर मंत्र की साधना है उसका अलग से विधान है यह डिफरेंस है हिंदू तंत्र और मुस्लिम तंत्र के ठीक है इसके अलावा और भी अंतर है बहुत सारे ठीक है और इनमें क्या है जी मुस्लिम तंत्र के अंदर चीजें बहुत जल्दी सिद्ध होती है ठीक है क्योंकि उत्कीलन करना है नहीं डायरेक्ट चीजें काम करती है 
 
उसका यह सबसे बड़ी चीज है जो एक आयत का एक्सपर्ट होता है ठीक है जैसे मान लो मैं कोई आयत की सिद्धि कर रहा हूं आयतल कुर्सी ही है ठीक है और उस जो आयत है ठीक उस हर आयत का एक मवकलीन होता है ठीक है हर आयद का मवकलीन होता है 
 
तो जैसे कि हर हर एक आयत जो होती है उसका अलग मवकलीन होता है आयतुल कुर्सी का अलग है दरूद इब्राहिम का अलग है ठीक है सभी आयतों का अलग-अलग मवकलीन होता है ऐसा नहीं है कि हर एक आयत  ठीक है तो हर एक आयत का अलग मवकलीन होता है
 
 तो उसी तरीके से काम करता है मुकली होते हैं एक फरिश्ते की तरह होते हैं देवदूत की तरह होते हैं यह गलत काम कोई भी नहीं करते मव कलीन के ऊपर मैंने अलग से वीडियो बना रखा है तो आप वो वीडियो वाच कर सकते ठीक है 
 
मुस्लिम तंत्र में ज्यादातर जो नूरी इलम है सूफी इलम भी इसको बोला गया सबसे बेस्ट माना गया है ठीक है क्योंकि इसमें कोई भी ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं है ठीक है और जल्दी सिद्ध हो जाता है ठीक है 
 
इसको भी मुस्लिम तंत्र में आगे बढ़ना है तो पीरों पैगंबरों की साधना करें 
मवकलीन की साधना करें आप बहुत जल्दी ही आगे बढ़ो ठीक है तो आज के लिए बस इतना ही अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर लिखेगा जय श्री महाकाल जय श्री महाकाल
 
https://www.youtube.com/watch?v=omLUQhw-UPA