Guru Purnima गुरु पूर्णिमा कब और क्यों मनाई जाती है

 

gurumantrasadhna.com me swagat hai  आज गुरु पूर्णिमा के बारे में  जानकारी प्रदान करेंगे क्यों  मनाया जाता है और क्या कारण है गुरु पूर्णिमा पर दोस्तों जैसा नाम से ही स्पष्ट है कि गुरु पूर्णिमा  पूर्णिमा शब्द किसी भी कार्य की पूर्णता को प्रदर्शित करता है

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मतलब जिसमें कुछ भी अधूरा ना हो जिसमें पूरी तरह से सभी गुणों का और भाव का ज्ञान का समावेश हो और संस्कृत में 1 श्लोक है ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः साधारण भाषा में अर्थ है गुरु को ब्रह्मा विष्णु और महेश का साक्षात रूप माना गया है

और अपने समक्ष ना होश परब्रह्मा को पूर्ण आदर के साथ नमन करता हूं विभिन्न तेरा देश है अपने मनोभावों को व्यक्त करने के लिए अलग-अलग त्यौहार पर बता दो कि गुरु पूर्णिमा जो है वह महाभारत के रचयिता कृष्णदेव पाए व्यास का जन्मदिन भी है व्यास के बहुत बड़े विद्वान थे

जिन्होंने चारों वेदों की रचना की इनका एक नाम वेदव्यास भी है और इनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है भारतीय संस्कृति में मैं भगवान तुल्य माना गया है नहीं गुरु कोई भगवान का दूसरा रूप माना गया है

गुरु ही आपके जीवन से अंधकार जानता हूं मिटाते हैं और मैं आपको इस लायक बनाते हैं कि आप अपने जीवन को सही तरह से सही दिशा में और सही अर्थों के साथ पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह कर मनाया जाता है

इस दिन सभी अपने गुरु के प्रति विशेष रूप से आदर और सम्मान प्रकट करते हैं वर्ष 2019 में गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई होगी और अगले वर्ष 2020 में गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई की होगी व्यास को समस्त मानव जाति का गुरु माना गया है और महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 इशापुर में हुआ था सम्मान में ही आषाढ़ शुक्ल पक्ष में गुरु पूर्णिमा मनाई जाती गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ होता है इसलिए इस दिन अपने गुरु के प्रति आदर भाव विशेष कट कर सकते हैं आप हालांकि गुरु के प्रति आदर भाव हमें हमेशा रखना चाहिए

यह किसी भी विशेष दिन का वाद्य नहीं है परंतु इस दिन चंद्रमा पूर्ण होते हैं और इस दिन का अपना एक विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन गुरु के लिए समर्पित है तो इस दिन हमें विशेष रूप से अपने गुरुजनों के प्रति आदर सम्मान व्यक्त करके उनका आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए ब्रह्मा का रूप माना गया है और गुरु ही हमारे सच्चे व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं और हमें अनमोल ज्ञान देकर जीवन को सही दिशा भी दिखाते हैं भगवान शिव को गुरु माना गया है

क्योंकि परशुराम हो शनि देव भगवान शिव के हिस्से हैं और भगवान शिव के द्वारा ही हमारी इस धरती पर धर्म का प्रचार और प्रसार इसलिए शिव को आदि गुरु भी कहा जाता है और शिव को आधी दें और आधी ना भी कहा जाता है

दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आप सभी को गुरु पूर्णिमा का क्या मतलब है क्या महत्व है इसके बारे में जानकारी अवश्य हो गई होगी आप सभी को गुरु पूर्णिमा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ईश्वर आपका जीवन सच्चे ज्ञान और खुशियों से हमेशा भरा रखें जल्दी ही मिलते हैं एक और नए वीडियो में तब तक के लिए नमस्कार

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Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/