हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना

हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना bhoot, bhavishy aur vartamaan jaanane ke lie hanumaan jee ka dhyaan गुरु मंत्र साधना.com में आप सबका फिर से स्वागत है। आज हम एक साधना लेकर आए हैं हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना। इस साधना से आप हनुमान जी की कृपा से भूत भविष्य वर्तमान काल जान सकते हो और यह बहुत ही आसान है। घर में रह के हर व्यक्ति कर सकता है। चाहे वह घर गृह वाला है, चाहे वह ब्रह्मचारी है, चाहे वह सन्यासी है। सबके लिए यह अवेलेबल है साधना। हर कोई कर सकता है।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना परिचय और अतिथि स्वागत
तो इसी साधना के ऊपर ही आज का हमारा टॉपिक रहेगा और इसी साधना के ऊपर हम चर्चा करेंगे और आज हमारे साथ फिर से हैं सागरनाथ जी जो बहुत ही अच्छे साधक हैं और लंबे समय से साधना करवाते हुए आ रहे हैं।
सागरनाथ जी आबू जी का गुरु मंत्र साधना.com वेबसाइट में स्वागत है फिर से। राम राम सबसे पहले सब राम राम जय जय माता की भाई जय माता दी हां जी आज आप हमें बताने वाले हैं हनुमान जी के भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना क्योंकि ये जो साधना करवाने का उद्देश्य यह है
क्योंकि बहुत सारे लोग बोलते थे कि हमें कर्म पिशाचनी नहीं हम कर सकते या और कोई थर्ड पार्टी साधना हम नहीं कर सकते क्योंकि इसका नेगेटिव प्रभाव है। यह है वो है। तो इसीलिए ही हम दैविक साधना लेकर आए हैं।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना के लाभ (हनुमान वीर चलाना)
तो हां जी सागरनाथ जी आप बताएं इसके फायदे क्या हैं? और हर व्यक्ति को यह साधना करनी चाहिए मेरे हिसाब से क्योंकि हर व्यक्ति को ही एक सच्चे मार्गदर्शन की जरूरत है। जी बिल्कुल। अब मैं मुद्दे की बात पे आता हूं। इस साधना का नाम है हनुमान वीर चलाना।
यह यानी कि शाबरी वीर की हजरात हजरात जिसको बोला जाता है जैसे हजरात का मतलब होता है बच्चे को बिठा के नाखून पे देखा जाता है या बच्चे से पूछा जाता है लेकिन इस हजरात का ये फायदा है इस हजरात को आप अपने ऊपर सीधा लगाओगे मतलब
आप बंदे के ऊपर ही वो लगेगा बच्चे की भी जरूरत नहीं है जरूरत नहीं साधक अपने ऊपर खुद लगाएगा और वो सबको साधक को ही बताएंगे भूत भविष्य समास बिल्कुल ठीक है और इस साधना का और क्या-क्या फायदा है? मैं आप बताता हूं।
ये साधना ज्यादातर पहलवान लोग करते हैं। जो पहलवान होते हैं ना दंगल करते हैं। कुश्ती वगैरह करते हैं। दंगल कुश्ती करते हैं। बिल्कुल बिल्कुल। मान लो जैसे आपको 50 60 आदमियों ने भी घेरा है। उनको भी आप अस्त-व्यस्त कर दोगे। ये ऐसी साधना है। अच्छा जी।
अब मैं आपको मंत्र पे आता हूं। आपको बताया नहीं अभी थोड़ा सा और हमें जानकारी साधकों को चाहिए होंगी ना तो उसके रिलेटेड मैं और जानना मतलब साधनों साधकों की ही जिज्ञासा मैं आपके सामने रखूंगा क्योंकि फिर ये लोग ना कमेंट भर देंगे और मैसेज करके पूछते हैं ये क्या फायदे हैं और क्या हां फायदे बताता हूं
सबसे पहले और इनके फायदे पहले आप बताइए खुल के तभी कोई इंटरेस्ट पैदा होता है साधक का जी जी जी मैं फायदों की बात करता हूं इससे क्या होता है आप किसी भी शक्ति को हाजिर कर सकते हो। चाहे वह भूत है, पिशाच है। जैसे उसको पकड़ के लाने के लिए बोलोगे
यह पकड़ के ले आएगी। जिसके ऊपर मान लो किसी के ऊपर भूत की सवारी लानी है। जैसे आपने इसको सिद्ध कर लिया बैठे हो। जिसको भूत चढ़े आता है जो दुखी करता है वो उसको सामने बैठाओ। पानी पढ़ो पानी के ऊपर ये अपनी हजरात का मंत्र पढ़ो। उसके छींटा लगाओ वो भूत हाजिर हो जाएगा।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना साधक को अनुभूति कैसे होगी ?
आगे नहीं मेरा एक सवाल है जी इसमें। क्या वो भूत बोलेगा या हनुमान जी बताएंगे सर? नहीं हनुमान जी तो आपके ऊपर होंगे ना हजरात में।
अच्छा अच्छा अच्छा जो रोगी होगा ना भूत चुड़ैल से ग्रस्त उसके ऊपर बोलेगा वो भूत बोलेगा जो भी उसको प्रॉब्लम होगी एक छोटा सा सवाल मेरा ये है मैं ये जानना चाहता हूं जैसे हनुमान जी की बंदे की बॉडी के ऊपर आएंगे जी तो कैसे आएंगे वो और बंदे को क्या महसूस होगा शरीर में भारीपन आएगा भारीपन आएगा उसकी बॉडी वाइब्रेट होने लग जाएगी जैसे अंदर एक करंट चल रहा है ना हम ऐसा उसको फील होगा पूरी तरह अच्छा तो उसको गुस्सा गुस्सा आ जाएगा ज्यादा बैठे-बैठे। गुस्सा आ जाएगा।
तो दूसरी चीज मैं एक चीज और पूछना चाहूंगा। जैसे उस सवालों के जवाब है तो फिर उसको कैसे पता चलेंगे? दिमाग में आएंगे या कान में बताएंगे? कैसे होगा ये? उनके मन में बताएंगे। दिमाग में नहीं उसके मन में भी मतलब मन में ही वो बातें चलनी शुरू होंगी।
वो उसी समय जैसे अपनी गद्दी पे बैठेगा ना सिद्ध करने के बाद। जैसे उसके सामने किसी शख़्स को बिठा वो पूछने आया है। कि मेरे घर में क्या चल रहा है? मेरे क्या प्रॉब्लम है?
साधक बैठे उनको याद करें। उसी समय मंत्र का ध्यान करें। मंत्र जाप करें। उसके मन में सवाल आने शुरू हो जाएंगे। इसको इसके घर में ये प्रॉब्लम है। ये लड़का इस काम के लिए आया है। इसकी रुकावट ऐसे दूर होगी। बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल। रुकावट का हल भी बता देंगे। अच्छा जी। ठीक है।
अन्य लाभ (पितृ दोष, कुल देवता)
मैं अब इसके और फायदे बता देता हूं। मान लो आपके घर में पितृ दोष है। यह वो भी तक बता देंगे कि आपके घर में पितृ दोष है। इसको सही कैसे करना है। क्या मतलब कि भोग देना है। क्या इनकी पूजा बजारी है? वो भी बता देंगे। या आपका देवता कुपित है। कुल देवता कुपित है। ठीक है? या किसी ने देवते को छोड़ रखा है। चढ़ाई कर रखी है अपने घर पे। ये भी हनुमान जी साधक को बता देंगे कि यह प्रॉब्लम तेरे घर में चल रही है।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना की विधि और मंत्र
ये तो सन्यासी, ब्रह्मचारी और गृहस्थ सभी कर सकते हैं। लेकिन करने के लिए उनके पास कितना थोड़ा सा टाइम होना चाहिए। कितना दो दिन का या सात दिन का? बड़े साधन तो इसको 2 दिन में भी कर सकते हैं। अच्छा ये इतने कम समय की साधना है। बिल्कुल बिल्कुल। यही तो लोग ज्यादातर मांगते हैं कि हमें 2 दिन 5 दिन 7 दिन के ही चाहिए। हां 40 दिन का हम ज्यादा को ज्यादा ज्यादा को तो ज्यादा दो दिन उससे ज्यादा सात दिन बस
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना विधि और सामग्री
और इसमें अब विधि विधान क्या रहेगा मैं बताता हूं दो लड्डू लगेंगे मीठा पान लगेगा मूंगे की माला होगी तिल का आप दीपक लगाएंगे 21 माला करनी है एक दिन में 21 माला करनी है चौकी पे बैठ के ओके आसन होगा लाल रंग का वस्त्र होंगे लाल रंग के ये होगा कंपलसरी ओके ओके ओके ठीक है। और मैं मंत्र बताता हूं। व्रत रखना कि नहीं रखना ये आपके ऊपर डिपेंड है मंगलवार का जैसे आपको अच्छा लगे। बिल्कुल।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना का मंत्र
ॐ बाबा हनुमान
शेर जवान चले
मंत्र फुरे वाचा
देखा तेरी इल्म
हाजरी दा तमाशा
ठीक है। मंत्र है हजरत का मंत्र है जो हम अपनी गुरुगद्दी के साथ चलाते हैं। हम आपको बता देते हैं। अगर हम भी मंत्र बताएंगे तो आपका भला कैसे होगा? बिल्कुल बिल्कुल अभी चीजें लुप्त हो जाएंगी। तो यही उद्देश्य है हमारा। मैं यही चाहता हूं ये चीजें लुप्त ना हो। मंत्र लुप्त ना हो। ये जागृत रहें। साधक अच्छे लेवल पर पहुंचे और दुनिया का भला कर पाएं।
बिल्कुल बिलकुल मंत्र जो आपने कहीं पे सुना नहीं होगा मैं बता देता हूं। इसका मालिक मैं खुद ही हूं। ठीक है। बिल्कुल ओम बाबा हनुमान शेर ज़ुबान चले मंत्र पूरे वाचा देखा तेरी इलम हाज़िरी दा तमाशा ये इसका मंत्र है। मैं डिस्क्रिप्शन में विधि भी डाल दूंगा मंत्र भी डाल दूंगा।
अच्छा इसको चलाना कैसे ये भी बता दूंगा। बस ये इतना सा है। इतना छोटा सा मंत्र और कितना बड़ा प्रभाव और जी जी आप कुछ भी हनुमान जी से पूछ सकते हो।
हां दोबारा रिपीट कर देंगे मंत्र एक बार। जी मैं बोल देता हूं एक बार फिर से बोल देता हूं आपके वेबसाइट पे। ओम बाबा हनुमान शेर ज़बान चले मंत्र पूरे वाचा देखा तेरी इलम हाज़िरी दा तमाशा। इसको बोला जाता है हनुमान वीर चलाना।
शाबरी वीर की हजरत चला अच्छा ये मंत्र पढ़ते सारी पॉजिटिविटी फील होती है पूरा मतलब वो चीज वो हाज़िर होते हैं हाज़िर होते हैं आत्मा रूप में हाज़िर होते हैं जिसको वायु रूप बोलते हैं ना वैसे हाज़िर होते हैं सबसे बढ़िया दिन है इसको आप दीपावली आने वाली है दीपावली पे करो दशहरे पे सिद्ध करो ग्रहण में सिद्ध करो इसका प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ेगा ओके ओके जी
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना का व्यावहारिक प्रयोग (भूत-प्रेत निवारण)
अब मैं यह चीज जानना चाहता हूं जैसे आप वो भूत प्रेत का बता रहे थे वह बताओ वापस ऐसे क्योंकि बात बीच में रह गई थी ना कि अगर किसी के ऊपर आत्मा आती है आप बता रहे हां हां हां मैं ये बताना भूल गया जैसे एक्सपीरियंस करना हो किसी ने जैसे आपका सिद्ध हो गया आप आसन लगाओ लाल रंग का उस पे बैठो मंत्र मंत्र जाप शुरू करो अपने सामने एक पानी रख लो पानी का गिलास रख लो चाहे लोटा रख लो या कमंडल हो आपका पानी का आपके पास कमंडल हो पानी का वो रख लो जिसको बीमारी है यानी कि जो रोगी है।
जिसको भूत प्रेत सताता है उसको सामने बिठाओ अपना जाप करो 11 11 बार करो 21 बार करो जल को हाथ में लो उसका छींटा उस पे लगाओ जी उसके ऊपर जो भी प्रॉब्लम है छीकता चिल्लाता आएगा फिर आपने क्या करना है उसकी चोटी पकड़ लेनी है जो सिर की जो सेंटर में चोटी होती है ना चाहे औरत है बच्चा है बूढ़ा है जवान है चोटी पकड़ लेनी है।
उसके बाल उखाड़ लेने हम हम जब भूत प्रेत हाज़िर हो जाए उसका क्या करना है उसको तब तक पढ़ के मंत्र पढ़ते रहना है जब तक वो खुद अपना बात ना बताए कि मैं कैसे जाऊंगा मैं कहां से आया हूं? मेरे को किसने भेजा है? जब आपका काम हो जाए मतलब कि आपने उससे उसका पिंड चढ़ाना है।
बाद में इसको जला दें और जो जली होगी उसकी राख होगी वो बाहर किसी उजाड़ में फेंक दे या में हम बहा दें या किसी चलते पानी में। हां चलते पानी में भी बहा दें। उजाड़ में फेंक दे। पीपल के वृक्ष के नीचे रख दे। उससे उसका छुटकारा हो जाएगा। जी जी जी।
इसको बोलते हैं शाबरी वीर को चला के लोगों के भूत प्रेत कैसे निकालना ? बिल्कुल बिल्कुल मतलब ये मल्टीपल काम करेगा जी भाई हाज़िरी जो हजरात होती है ये हजरात का मतलब ही यही होता है किसी वीर को खड़ा करके उससे बात करना हम बात कैसे करना मनोभाव से करनी है मन में बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल क्योंकि वो बहुत बड़ी शक्ति है। कोई छोटी मोटी शक्ति थोड़ी है।
हनुमान जी की भूत भविष्य वर्तमान काल जानने की साधना निष्कर्ष और अंतिम शब्द
जी जी जी चलो 10 मिनट का वेबसाइट लेख हो गया। इतना लंबा हमें आगे खींचने की जरूरत नहीं। ठीक है। मैं वेबसाइट लेख पर यहीं समाप्त करता हूं।
देखिए अब मैं थोड़ा परिचय और बताता हूं। कुछ ऐसी सवाल होते हैं। ठीक है? मेरे सवाल नहीं होते हैं। वो आगे साधकों के सवाल होते हैं। वो पूछते हैं। कमेंट करो भाई। लाइक करो, शेयर करो।
नीचे जो भी आपको प्रॉब्लम है बताओ। सभी हल किए जाएंगे। ऐसी कोई बात नहीं है। बात ये होती है कि वो सवाल जो होते हैं। ठीक है। मैं उनकी जिज्ञासा रुद्रनाथ सॉरी।
जी जी रुद्रनाथ जी रुद्रनाथ सागरनाथ जी से मैं रखता हूं। जी जी जी ठीक है तो नॉलेज हमें भी है लेकिन क्या होता है कि लोगों के जो सवाल हैं वो रखने पड़ते हैं।
जिज्ञासु की तरह हम तभी चीजें पूछते हैं। जानकारी ये भी हैं और हम भी हैं। जी बिल्कुल दोनों एक बंदे को जानकारी तो रखेंगे ही। हां एक बंदे को जिज्ञासु बनना पड़ेगा। जिज्ञासु बनके सवाल पूछने पड़ेंगे। बिल्कुल बिल्कुल तो इसी हिसाब से मैं ब्रॉडकास्ट बनाता हूं। जी ये तो सत्संग है भाई। हां।
तो ये चीजें भी बहुत ज़रूरी है। दूसरी चीज क्या है? जी सागर नाथ जी का भी एक वेबसाइट है। ठीक है। उसका मैं लिंक नीचे छोडूंगा। उसको भी आप सब्सक्राइब कर लीजिएगा। ठीक है? और दूसरी चीज यह जो मंत्र अभी इन्होंने बताया है साधना विधि बताई है
ये गुरु मंत्र साधना.com पर आपको उपलब्ध करवाई जाएगी ता जो आप साधना करने में कोई भी चूक ना हो जी और आराम से कर सकते हैं जी ठीक है वैसे किस दिन करनी है और जाप इसका कितना करना है ये तो बताया नहीं बता दिया
मैंने 21 माला बोल तो दिया है 21 माला मंगलवार ही होता है मंगलवार ही होता है इनका मंगलवार के दिन ठीक है पक्ष के मंगलवार के कृष्ण कृष्ण पक्ष की भाई शुक्ल पक्ष की करनी चाहिए। ये तो अभी नवरात्रि के दिन शुभ चल रहे हैं।
इसलिए तो साधक को तो देर लगानी नहीं चाहिए। सुबह ही बैठ रात को ही बैठ जाना चाहिए। बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल
तो अभी फिर हम समाप्त करते हैं क्योंकि 10 मिनट से ज्यादा लोगों को सुनते नहीं है तो हम बनाने का भी कोई सेंस नहीं बनता है। जी जी जी ठीक है। हम दूसरे टॉपिक के ऊपर फिर हम आएंगे बातचीत करेंगे। आप सबका धन्यवाद अगर आपने यहां तक वेबसाइट लेख देखा है। जय माता दी। जय श्री माता दी। जय माता दी।





