Tuesday, January 28, 2025
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चामुण्डा यक्षिणी साधना chamunda yakshini sadhna ph. 8528057364

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चामुण्डा यक्षिणी साधना chamunda yakshini sadhna ph. 8528057364 आज एक बार फिर आप सभी का स्वागत करता हूं चामुण्डा यक्षिणी के बारे में तो बताइए उनकी साधनाएं तो बताइए इस साधना को कर लेने से साधक  के समस्त प्रकार की जो कुंडलिया है जागृत होने लगते हैं  अपने बहुत ही साधको  को भी कराया है चामुण्डा यक्षिणी साधन प्रयोग इसी  को संपन्न करके साधक  के जितने भी शत्रु हैं अंदर बाहर है स्वयं ही नष्ट होने लगते हैं

   21 दिनों तक इसको करे  चामुण्डा यक्षिणी  है वह प्रकट साधक  को वचन भी देती है और वचन के माध्यम से बढ़कर साधक  के जीवन में जितने भी परेशानियां है समस्याएं हैं दूर करती है। और कोई घटना घटने वाली होती है तो उसे सड़क के कानों में बता देती है 

इसको करने से  माता से साधक की जो भूत भविष्य वर्तमान मन मस्तिष्क में प्रकट होने लगती है के कान में जब विचारों के माध्यम से बताने लगते हैं सामने वाला कौन है कहां से आया है  आने का उद्देश्य क्या है उसका तो मैं कहूंगा की दिव्य दृष्टि साधना के लिए यह साधना है

चामुण्डा यक्षिणी मंत्र 

ॐ नमो चामुण्डे प्रचण्डे इन्द्राय ॐ नमो विप्र चाण्डालिनी शोभिनी प्रकर्षिणी कर्षय आकर्षय द्रव्यमानय प्रबलमानय हुँ फट् स्वाहा ।

साधन विधि – प्रथम दिन उपवास कर शीतलता से रहे, क्रोध न करे । पृथ्वी पैर शयन करे । मीठा भोजन करे तथा भोजन करते-करते छोड़ दे । फिर अपवित्र स्थान में मन्त्र का जप करे । प्रतिदिन १००० मन्त्र का जप करे । २१ दिन तक जप करते रहने से सिद्धि प्राप्त होती है । आरम्भ में सात दिन तक पृथ्वी पर शयन करे । उस अवधि में आश्चर्य दिखाई देंगे। तीसरे दिन स्वप्न में यक्षिणी का रौद्र रूप दिखाई देता है । यदि स्वप्न में दिखाई न दे तो २१ दिन तक फिर जप करे । उस स्थिति में ‘चामुण्डा यक्षिणी’ का स्त्री रूप प्रत्यक्ष दिखाई देता है । उसे देखकर भयभीत न हो। उस रूप द्वारा छल करने पर भी डरे नहीं। वह अभक्ष वस्तु लाकर दे, अनाचार करे फिर भी मन को शंकित न करे तो मंत्र सिद्ध हो जाता है और लक्ष्मी प्रत्यक्ष होकर, साधक के घर में निवास करती है

Rodhar nath
Rodhar nathhttp://gurumantrasadhna.com
My name is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I have done deep research on Tantra. I have learned this knowledge by living near saints and experienced people. None of my knowledge is bookish, I have learned it by experiencing myself. I have benefited from that knowledge in my life, I want this knowledge to reach the masses.
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