Dhanteras धनतेरस सरल और सिंपल पूजा साधना धन समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए

Dhanteras धनतेरस सरल और सिंपल पूजा साधना धन समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए
Dhanteras धनतेरस सरल और सिंपल पूजा साधना धन समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए

विषय सूची (Table of Contents)

1. Dhanteras (धनतेरस) – क्यों है यह इतना ख़ास ? 
2. धनतेरस की पूजा से पहले की ज़रूरी तैयारी (Pre-Puja Preparations) 
3. शुभ मुहूर्त: पूजा का सही टाईम (Shubh Muhurat: Puja Ka Sahi Time) 
4. सरल पूजा विधि: कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा (Saral Puja Vidhi: Kuber aur Lakshmi Ji Ki Puja) 
पहला स्टेप: यम दीपक जलाना 
भगवान धन्वन्तरि की पूजा 
माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा 
5. धन और समृद्धि के लिए विशेष मंत्र और साधना (Mantra aur Sadhana for Wealth)
6. पूजा सामग्री की लिस्ट (Puja Samagri Ki List)
7. धनतेरस से जुड़ी कथा और फीलिंग (Dhanteras Story and Feeling)
8. क्या खरीदें और क्या अवॉइड करें? 

9. निष्कर्ष और ज़रूरी बातें 

Dhanteras (धनतेरस) – क्यों है यह इतना ख़ास ?

Dhanteras धनतेरस सरल और सिंपल पूजा साधना धन समृद्धि और ऐश्वर्य के लिए अच्छा तो पाठक दोस्तों, आप सब धनतेरस की तैयारी में लगे होंगे, है ना? हर कोई चाहता है कि उसके घर में धन और समृद्धि आए और यह दिन इसके लिए सबसे परफेक्ट ‘टाईम’ होता है। देखो, धनतेरस दिवाली पर्व का पहला दिन होता है, और इस दिन हम सिर्फ माता लक्ष्मी की नहीं, बल्कि धन के देवता कुबेर और सेहत (हैल्थ) के देवता धन्वन्तरि की भी पूजा करते हैं।

भाईसाहब, सच बताऊँ, यह दिन सिर्फ सोना-चांदी खरीदने का नहीं है। यह दिन है ‘पॉज़िटिव’ (सकारात्मक) ऊर्जा को अपने घर में बुलाने का, ताकि आने वाले साल में आपको पैसे की और सेहत की कोई ‘टेंशन’ (चिंता) न हो। यार, अगर आप सही तरीके से सरल और सिंपल पूजा साधना कर लेते हैं, तो आपको धन और ऐश्वर्य ज़रूर ‘फ़ील’ (महसूस) होगा। तुम देखो ना, इस त्योहार का सीधा मतलब है “धन की तेरहवीं तिथि”। इसे आप सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाने का एक “मौका” (चांस) मानकर चलिए।

क्या बात, हम आपको यहाँ एकदम सरल ‘स्टेप्स’ (तरीके) बता रहे हैं, जिनका यूज़ (उपयोग) करके कोई भी व्यक्ति अपने घर में पूरी ‘फीलिंग’ (भावना) के साथ पूजा कर सकता है, माना न?

धनतेरस की पूजा से पहले की ज़रूरी तैयारी (Pre-Puja Preparations)

अरे वाह भई, पूजा करने से पहले की तैयारी भी उतनी ही ज़रूरी है, जितनी पूजा खुद। जी, आप यह तैयारी जितनी लगन से करेंगे, उतना ही अच्छा ‘रिज़ल्ट’ (परिणाम) आपको मिलेगा।

1. साफ़-सफ़ाई और शुद्धिकरण

सबसे पहले तो पूरे घर की अच्छे से साफ़-सफ़ाई करें। तुम मानो न, गंदगी में माता लक्ष्मी कभी नहीं आतीं। पूजा के स्थान को गंगाजल से या साफ़ पानी से शुद्ध कर लीजिए। घर से सारा पुराना, टूटा-फूटा सामान बाहर निकाल दें। अरे मान लो न, जब हम पुरानी चीज़ों को हटाते हैं, तभी तो नई चीज़ों के लिए जगह बनती है। यह सिर्फ घर की सफ़ाई नहीं है, यार, यह मन की ‘क्लींज़िंग’ (सफ़ाई) भी है।

2. ख़रीददारी का ‘प्लैन’

धनतेरस पर कुछ न कुछ खरीदना शुभ माना जाता है। भाई देख, ज़्यादातर लोग इस दिन बर्तन या कोई धातु (जैसे सोना या चांदी) खरीदते हैं। वैसे तो, झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दरिद्रता को घर से बाहर निकालती है। देखो जरा, ख़रीददारी पहले ही ‘प्लैन’ (योजना) कर लो, ताकि आख़िरी मिनट की भाग-दौड़ से बच सकें।

अच्छा भई, एक बात और, सच कहूँ तो आप अपनी ‘कैपेसिटी’ (क्षमता) के हिसाब से ही ख़रीददारी करें। ज़रूरी नहीं कि आप बहुत महंगा सामान खरीदें। छोटे से बर्तन या धनिया के बीज भी ख़रीदना शुभ माना जाता है।

3. पूजा के लिए आसान सामग्री जुटाना

हमें पूजा के लिए एक ‘सिंपल’ (आसान) लिस्ट बनानी पड़ेगी। आगे हम आपको सामग्री की पूरी लिस्ट दे रहे हैं, लेकिन अभी के लिए जान लो कि आपको एक चौकी, लाल कपड़ा, लक्ष्मी-गणेश-कुबेर और धन्वन्तरि जी की फोटो या मूर्ति और दीपक के लिए तेल या घी चाहिए होगा। क्या बताऊँ, पूजा का ‘फील’ तब आता है, जब सब कुछ तैयार हो।

ये ठीक है न? अब आगे बढ़ते हैं शुभ मुहूर्त की ओर।


शुभ मुहूर्त: पूजा का सही टाईम (Shubh Muhurat: Puja Ka Sahi Time)

अच्छा सुनो, किसी भी पूजा का सबसे ज़रूरी ‘पार्ट’ (हिस्सा) होता है सही समय। धनतेरस की पूजा हमेशा ‘प्रदोष काल’ में की जाती है। ‘प्रदोष काल’ का मतलब होता है, जब सूर्य अस्त हो रहा हो और रात शुरू हो रही हो।

भाई जरा, ‘पंडित जी’ से अपने शहर का एग्ज़ैक्ट (सही) ‘टाईमिंग’ ज़रूर पता कर लो, लेकिन आमतौर पर यह ‘टाईम’ शाम 5:30 बजे से रात 8:30 बजे के बीच होता है।

हमारा यह ‘टिप’ (सलाह) याद रखो: देखो जरा, पूजा उसी समय करना जब घर में शांति हो और आप पूरा ‘कंसन्ट्रेशन’ (ध्यान) दे सकें। अगर आप सही समय पर पूजा करते हैं, तो उसका ‘इफ़ेक्ट’ (असर) कई गुना बढ़ जाता है, मानते हो न?

सरल पूजा विधि: कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा (Saral Puja Vidhi: Kuber aur Lakshmi Ji Ki Puja)

अरे बाप रे, अब आती है सबसे ज़रूरी बात। यह पूजा विधि इतनी सरल है कि घर का कोई भी सदस्य आराम से कर सकता है। जनाब, बस मन में श्रद्धा होनी चाहिए।

पहला स्टेप: यम दीपक जलाना (Yam Deepam Jalana)

तो भई, धनतेरस की शाम को सबसे पहला काम होता है यमराज के लिए एक दीपक जलाना। यह दीपक घर के मुख्य द्वार पर या आंगन में रखा जाता है।

1. एक बड़ा आटा गूंथकर दीपक बनाओ या मिट्टी का दीपक लो।
2. इसमें सरसों का तेल डालो।
3. इस दीपक का मुख दक्षिण दिशा (South Direction) की ओर रखो।
4. यह दीपक घर की सभी ‘नेगेटिविटी’ (नकारात्मकता) को दूर करता है।

क्या ख़याल है? बहुत ही सरल ‘स्टार्ट’ (शुरुआत) है न?

भगवान धन्वन्तरि की पूजा (Bhagwan Dhanwantari Ki Puja)

जरा मान लो न, धन के साथ-साथ ‘हैल्थ’ (सेहत) भी बहुत ज़रूरी है। इसीलिए इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा भी ज़रूर करें।

1. उनकी मूर्ति या फोटो के सामने दीया जलाएं।
2. उन्हें पीले फूल चढ़ाएं।
3. उनसे अच्छी सेहत और लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगें।
4. उनका सरल मंत्र:ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलश हस्ताय सर्व रोग विनाशनाय त्रैलोक्य नाथाय श्री महाविष्णवे नमः” का जप 11 बार करें।

भाई सोच, अगर सेहत अच्छी नहीं होगी, तो धन का क्या करोगे, बोलो न?

माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा (Maa Lakshmi Aur Kuber Ji Ki Puja)

अरे देखो, यह है मुख्य पूजा, जिसके लिए हम यह सब कर रहे हैं।

1. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
2. उस पर माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की मूर्ति/फोटो रखें।
3. एक कलश (पानी का बर्तन) भरकर चावल या गेहूं के ढेर पर रखें।
4. पूजा शुरू करने से पहले, भगवान गणेश जी को याद करें (क्योंकि कोई भी शुभ काम उनके बिना पूरा नहीं होता)।
5. सबसे पहले जल, रोली (कुमकुम), चावल, फूल चढ़ाएं।
6. माँ लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत पसंद है, अगर मिल जाए तो ज़रूर चढ़ाएं।
7. कुबेर जी के सामने अपनी तिजोरी या जहाँ पैसे रखते हैं, उसे रखें। भई जरा, उसे भी कुमकुम लगाएं।
8. ‘नैवेद्य’ (भोग) में मिठाई, फल और धनिया के बीज ज़रूर चढ़ाएं।
9. घी का एक दीपक जलाकर आरती करें।

सच बताऊँ, इस तरह की पूजा करने से आपको एक अलग ही ‘पीस’ (शांति) और ‘संतुष्टि’ ‘फ़ील’ होगी, देख रहे हो न?

धन और समृद्धि के लिए विशेष मंत्र और साधना (Mantra Aur Sadhana For Wealth)

हे नाथ, अगर आप धनतेरस पर कुछ ‘एक्स्ट्रा’ (अधिक) करना चाहते हैं, तो ‘मंत्र जप’ (Mantra Jaap) से बेहतर कुछ नहीं।

1. कुबेर जी का सरल मंत्र

कुबेर जी को खुश करना बहुत आसान है। उनकी पूजा के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप ज़रूर करें।

मंत्र: “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय नमः”

जरा सोचो, 108 बार जप करने में कितना ‘टाईम’ लगेगा? मुश्किल से 10-15 मिनट। पर यह आपके धन के ‘रिसोर्सेस’ (स्रोत) को बहुत बढ़ा देगा।

2. महालक्ष्मी मंत्र

धनतेरस से लेकर दिवाली तक, माँ लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए इस मंत्र का रोज़ जप करें:

मंत्र: “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”

गुरु, यह मंत्र आपको सिर्फ धन ही नहीं, बल्कि मान-सम्मान और ऐश्वर्य भी दिलाएगा।

चलो, यह हो गई साधना की बात, अब लिस्ट देखते हैं।

पूजा सामग्री की लिस्ट (Puja Samagri Ki List)

तुम समझो, पूजा सामग्री की लिस्ट ‘कंप्लीट’ (पूरी) होने से ‘स्ट्रेस’ (तनाव) कम होता है।

| क्र.सं. | वस्तु का नाम (Hindi) | वस्तु का नाम (Hinglish) |
| 1 | लक्ष्मी-गणेश-कुबेर जी की मूर्ति/फोटो | Laxmi-Ganesh-Kuber Ji Ki Murti/Photo |
| 2 | आसन या चौकी | Aasan Ya Chowki |
| 3 | लाल कपड़ा | Lal Kapda |
| 4 | दीया (तेल/घी, रुई की बाती) | Diya (Tel/Ghee, Ruyi Ki Baati) |
| 5 | रोली, कुमकुम, हल्दी | Roli, Kumkum, Haldi |
| 6 | चावल | Chawal (Akshat) |
| 7 | फूल, कमल का फूल | Phool, Kamal Ka Phool |
| 8 | फल, मिठाई (नैवेद्य) | Fal, Mithai (Naivedya) |
| 9 | धनिया (साबुत बीज) | Dhaniya (Sabut Beej) |
| 10 | सिक्के या नया बर्तन | Sikke Ya Naya Bartan |
| 11 | गंगाजल (शुद्धिकरण के लिए) | Gangaajal |

याद रखोगे न? इस लिस्ट को संभालकर रखना, ठीक है न?

धनतेरस से जुड़ी कथा और फीलिंग (Dhanteras Story and Feeling)

अरे वाह, हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी होती है, जो उस दिन की ‘फीलिंग’ (भावना) को और बढ़ा देती है। धनतेरस की भी दो ख़ास कहानियाँ हैं।

1. धन्वन्तरि का जन्म

भई, पहली कहानी है भगवान धन्वन्तरि के जन्म की। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान धन्वन्तरि जी अपने हाथों में अमृत का कलश (बर्तन) लेकर प्रकट हुए थे। ‘वह’ (वो) चिकित्सा (मेडिसिन) के देवता हैं, इसीलिए इस दिन उनकी पूजा अच्छी सेहत के लिए की जाती है। प्रभु की लीला, यही कारण है कि इस दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है, क्या कहते हो?

2. यम और राजा हेमा का पुत्र

जरा सुनो, दूसरी कहानी यमराज और राजा हेमा के पुत्र की है। ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि शादी के चौथे दिन साँप के काटने से राजकुमार की मृत्यु हो जाएगी। राजकुमार की पत्नी ने चौथे दिन सारा सोना-चांदी, गहने और दीये दरवाज़े के पास ढेर कर दिए। जब यमराज साँप के रूप में आए, तो उन दीयों और चमकती चीज़ों की रोशनी से उनकी आँखें चौंधिया गईं। ‘वह’ (वो) अंदर नहीं जा पाए और उन्हें बिना कुछ किए ही वापस जाना पड़ा।

क्या कहूँ, इस घटना के बाद से ही इस दिन यमराज को दीपक जलाकर ‘यम दीपम’ की परंपरा शुरू हुई, ताकि किसी की अकाल मृत्यु न हो। अरे वाह भई, ये कहानी हमें यह ‘फील’ (एहसास) कराती है कि धनतेरस सिर्फ धन के लिए नहीं, बल्कि जीवन की रक्षा के लिए भी है।

क्या खरीदें और क्या अवॉइड करें? (Kya Kharidein Aur Kya Avoid Karein?)

तो क्या हम बस कुछ भी खरीद लें? नहीं, भाई, कुछ चीज़ें शुभ होती हैं, और कुछ से बचना चाहिए।

ख़रीदें (Must Buy):

1. बर्तन (Utensils): ख़ासकर पीतल, तांबे या चांदी का। यह घर में आरोग्य (सेहत) और समृद्धि लाते हैं।
2. झाड़ू (Broom): यह दरिद्रता को घर से बाहर निकालती है। (Wikipedia Link: झाड़ू की धार्मिक मान्यताएं)
3. सोना/चांदी (Gold/Silver): ये धातुएं धन-समृद्धि और स्थायित्व (स्टेबिलिटी) का ‘सिंबल’ (प्रतीक) हैं।
4. धनिया बीज (Coriander Seeds): इन्हें लक्ष्मी जी को चढ़ाकर तिजोरी में रखें।

अवॉइड करें (Must Avoid):

1. लोहा (Iron): इस दिन लोहे से बनी कोई भी चीज़ न खरीदें।
2. प्लास्टिक (Plastic): प्लास्टिक से बनी चीज़ें न खरीदें, जरा मानो, यह समृद्धि को नहीं बढ़ाता।
3. कांच के बर्तन (Glass Items): कांच को राहु से जोड़ा जाता है, इसलिए इसे ‘अवॉइड’ करना बेहतर है।
4. तेज़ धार वाली चीज़ें (Sharp Objects): जैसे चाकू, कैंची, सुई। इन्हें खरीदने से बचें।

यूँ कहें तो, तुम बताओ न, यह एक तरह से ‘शॉपिंग टिप्स’ (खरीददारी के सुझाव) हैं।

निष्कर्ष और ज़रूरी बातें (Nishkarsh Aur Zaruri Baatein)

पाठक भाइयों, हमें ‘पूरा ‘श्योर’ (पक्का विश्वास) है कि अब आप धनतेरस की पूजा ‘बिना किसी ‘कंफ़्यूज़न’ (उलझन) के आराम से कर पाएंगे। तो हमने देखा कि धनतेरस की पूजा धन के साथ-साथ अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिए भी ज़रूरी है।

यह पूजा कोई कठिन ‘प्रोसेस’ (प्रक्रिया) नहीं है। देखो ना, यह सब मन की श्रद्धा का ‘खेल’ है। आप बस साफ़ मन से, पूरे विश्वास के साथ, इन सरल ‘स्टेप्स’ को फॉलो करें। माँ लक्ष्मी और कुबेर जी की कृपा आप पर ज़रूर होगी।

हे माँ, आप बस अपने घर में एक ख़ुशनुमा और सकारात्मक ‘एट्मॉस्फ़ेयर’ (माहौल) बनाए रखें। बस इतना ही चाहिए।

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बहुत हुआ, अब पूजा की तैयारी में लग जाइए। शुभकामनाएं!

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/