योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364

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योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364
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योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364

योगिनी पत्नी रूप में सिद्धि Secret of Yogini Siddhi ph.8528057364 हमारे टेलीग्राम चैनल के हमारे एक सब्सक्राइबर है उन्होंने हमको एक क्वेश्चन किया कि आचार्य जी कि योगिनी देवी को पत्नी रूप में हमको सिद्ध करना है तो मैंने कहा कि ठीक है तो फिर उन्होंने कुछ और क्वेश्चन किया कि इस देवी को सिद्ध कैसे किया जाता है

योगिनी देवी को  पत्नी बनाने का क्या क्राइटेरिया रहता है क्या हिसाब किताब रहता है कृपया इसके ऊपर थोड़ा प्रकाश डाले तो आजकल youtube योगिनी कामेश्वरी योगिनी मधुमती योगिनी बहुत प्रकार की योगिनी है जिन की साधना आजकल इंटरनेट में और youtube लोग 90 पर लोग जो लोग नए हैं youtube में या फिर प्रेमिका रूप में सिद्ध कर ले तो जब वोह लोग सिद्ध करने जाते हैं तो तीन चार चीजें होती है सबसे पहला चीज होती है

साधना सफल नहीं होती है उन्होंने किसी चैनल से एक्सेट एक्सेट चैनल से उन्होंने माला सिद्ध माला सिद्ध यंत्र आदि के नाम पर हजारों रुपए फुक वा दिए होते हैं और उन सभी यंत्र को ले आकर घर में इकट्ठा करके उसके ऊपर साधना करने लगते हैं ना साधना में अनुभव होते हैं ना कुछ होता है ना कोई चीज उनको हाथ लगती है यह पहला सिचुएशन होता है

दूसरा सिचुएशन होता है उनको कुछ छोटी मोटी चीजें सपने वगैरह में या फिर उनके साथ घटित हो जाता है और उस से उनके जीवन में नकारात्मकता का प्रवेश होने लगता है और वह लोग फिर बहुत प्रकार के इशू से सफरिंग करने लगते हैं यह दो चीजें होती है उसके बाद वो लोग बोलते हैं कि योगिनी साधना हमने किया सिद्ध हुआ नहीं देने वाला गलत है विधान गलत है

सामान या फिर जो भी सामान वगैरह हमने मंगवाया था जिसे वही गलत है फिर क्या गलत है तो सबसे पहले मैं आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि योगिनी साधना करने का क्राइटेरिया क्या होता है जो साधक का मूलाधार चक्र जागृत हो और योग विद्या में जो साधक पारंगत हो तो वही साधक जाकर योगिनी साधना को करता है वह अलग बात है कि कोई विशेष मनोकामना लेक आप किसी योगिनी देवी की साधना कर रहे तो वह मनोकामना तो अवश्य पूरी हो ही जाती

है मनोकामना को लेकर योगिनी साधना कोई भी कर सकता है उसमें कोई क्राइटेरिया नहीं होता लेकिन योगिनी को प्रत्यक्ष सिद्ध करना है अपने साथ रखना है चाहे मित्र पत्नी माता किसी भी रूप में तो फिर आपका मूलाधार से आपका ऊर्जा उठ जाना चाहिए मूलाधार चक्र पूर्ण रूप से जागृत होना चाहिए साधक को योग विद्या का ज्ञान होना चाहिए फिर यो विद्या का ज्ञान होना चाहिए साधक योग पारंगत होना चाहिए अर्थात जो साधक है

वह यम नियमा आसन प्राणायाम ध्यान धारणा समाधि को अच्छे से जानने वाला तथा योग स्वभाव का होना चाहिए फिर योगिक साधना हों को संपन्न करने वाला होना चाहिए लगभग अपने जीवन में गुरु सानिध्य में वह पा से 10 साल रहा हो

तंत्र विद्याओं का काफी प्रैक्टिस किया हो योग विद्या में महारथ हासिल हो ऐसे साधक योगिनी को अपने साथ रखने में योग्य हैं क्योंकि आप खुद सोचिए एक योगिनी देवी हैं साक्षात जगदंब की एक अंश शक्ति वो अंश शक्ति आपको क्यों पत्नी रूप में सिद्ध होगी आपके अंदर क्या क्वालिफिकेशन ऐसा है

जो आपको वह पत्नी रूप में सिद्ध होगी आप ना अपना ब्रह्मचार्य मेंटेन कर पाते हो ना अपना मनों का भाव आप मेंटेन कर पाते हो ना आपकी जिंदगी किसी भी योग्य साधक की तरह है ना आपके जीवन में गुरु है ना आपके जीवन में सही मार्गदर्शन है

आपने मुंह उठाया किसी किताब से किसी बुक से या फिर किसी पत्नी बनाया जा सकता है और आप लग गए पत्नी बनाने के लिए ना आपने उन देवी के बारे में जाना कि वह देवी कैसी है कहां से उत्पन्न हुई है किधर से उनका स्थान है हजार चीजें होती है

योगिनी साधना में ना उन विषय में आपने कभी ध्यान दिया और आप सीधा चले गए योगिनी साधना को या फिर योगिनी देवी को पत्नी बनाने के लिए फिर क्या होगा किसी चैनल से आपको तो पता नहीं है कि योगिनी देवी का यंत्र कैसा है कौन सी माला है किस माला प जाप करनी जाती है कहां पर करना होता है ना इधर तक लोग होते हैं

जो लोग मैसेज करते हैं कि योगिनी को इस रूप में में सिद्ध करना उस रूप में सिद्ध करना है उनको जब साधारण रूप से पूछा जाता है कि क्या आपको आसन बंधन आते हैं दिग बंधन आते हैं निशान बंधन आते हैं कि आप जहां पर साधना करेंगे चाहे आप अपने घर में करें अपने स्थान में करें या फिर कहीं प भी करें

तो वैसी परिस्थिति में उस स्थान के देवी देवताओं को आपको भोग लगाना आता है क्षेत्रपाल बली आती है कि कम से कम स्थान देवता क्षेत्र देवता आदि को आपको बलि देना आता है कि उनसे कैसे परमिशन लिया जाता है वो आपको आता है क्या बोलते हैं नहीं यह तो हम ने कभी नहीं जाना अगर आप लोग यह सब नहीं जानते हैं तो फिर आप कैसे योगिनी शक्ति को जागृत करेंगे सामान्य सी कोई भी पूजा जिन पूजा में आप बैठते हैं

सामान्य सी साधना हों में पहले उस साधना को चालू करने से वभ स्थान देवता क्षेत्र देवता वास्तु देवता आदि से आज्ञा लेनी होती है उसके बाद अगर आपके स्थान संरक्षिका सक्ति है जिसको ग्रामीण देवता या फिर ग्राम देवता के नाम से जाना जाता है उनसे आज्ञा लेनी पड़ती है कि हम आपके इस एरिया में साधना करें आप हमको आज्ञा दीजिए

बोलके इन सभी आज्ञा को दिए बिना आप कैसे योगिनी साधना कर सकते हैं ऊपर से और एक सबसे बड़ा प्रॉब्लम लोग घर में साधना करते हैं योगिनी साधना सबसे पहला नियम है कि योगिनी आदि की साधना घर में कभी की नहीं जा सकती और घर में की जाए तो वह साधना कभी जिंदगी भर में सिद्ध नहीं होगी इस साधना के लिए वन अरण्य या फिर आप मान लीजिए किसी पर्वत का शिखर किसी गुंफा या फिर कोई ऐसा जगह जहां पर जो सर्दी का ऋतु ज्यादा प्रभावी हो उस जगहों पर जाके योगिनी देवी की साधना को किया जाता है

या फिर किसी सिद्ध क्षेत्र शक्ति पीठ आदि में जाके योगिनी देवी को जागृत किया जाता है अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो कहां से योगिनी साधना सिद्ध होगा अगर सिद्ध नहीं हुआ तो फिर आप बोल देते हैं कि यह तंत्र साधना वगैरह फ्रॉड है यह सब एक ढकोसला है कुछ नहीं है बस मन का एक विकार है सब कुछ होता है आप गलत काम करेंगे और बोलेंगे कि यह हो गया वह हो गया योगिनी साधना करते करते कई बार ऐसा होता है स्थान देवता क्षेत्र देवता का आज्ञा ना लेने के कारण

योगिनी देवी के मंत्रों के माध्यम से कई प्रकार की नकारात्मक शक्तियां खींची चली आती हैं क्योंकि योगिनी शक्ति का जब मंत्र जपा जाएगा उसका ऊर्जा तो प्रोड्यूस होगा और वो ऊर्जा को देखते हुए कई प्रकार की नकारात्मक शक्ति आप घर में घु सेंगे फिर फिर घर में ऊपर से और नेगेटिविटी का इशू हो जाएगा जो तो पहले था जीवन में जो वस्त व्यस्तता थी

जिसकी वजह से आप साधना कर रहे तो वो अलग चीज है किंतु जब आप और उग्र साधना को उसमें इंक्लूडेड करोगे तो और शक्तियां बाहर से खींच जाएंगी वो आपको इशू करने लग जाएंगी फिर आप बोलते हो कि योगिनी साधना करने के बाद हमारे घर में तबाही मचना चालू हो गया है बिल्कुल मचेगा

इन सभी साधना हों को किसी उचित गुरु के सानिध्य में किया जाता है जिस गुरु ने योगिनी साधना को जागृत कर रखा हो वही जाक ग साधना को करवा सकता है इनफैक्ट कम से कम वह गुरु को दो से तीन महाविद्याओं की जागृति होनी चाहिए दो से तीन महाविद्याओं की प्रॉपर ओरिजिनल ऑथेंटिकेटेड परंपरा से दीक्षित होके और उन्होंने साधना कर लेनी चाहिए उसके बाद उनके गुरु सानिध में उन्होंने अगर वो योग नहीं किया हो तो वही व्यक्ति आपको उस योगिनी की दीक्षा या फिर मंत्र आदि दे सकता है यह नियम है

इस साधना का ऊपर से योगिनी मुंह उठाकर चयन नहीं किया जाता है कि आप बोल रहे हो आप मान लेते हैं कोई बहुत सारे साध तक आते हैं और बोलते हैं हमको कामेश्वरी योगिनी करना है कामेश्वरी योगिनी श्री कुल की शक्ति है आपकी इष्ट अगर काली मां है तो आप कामेश्वरी योगिनी नहीं कर पाओगे कुल का भेद हो जाएगा आपके कुल के अकॉर्डिंग आपको कौन सी योगिनी करनी चाहिए

आपके इष्ट के अकॉर्डिंग आपको कौन सी योगिनी करनी चाहिए ये सारी चीजों के बारे में आपको गुरु बताता है और गुरु को भी उतना नॉलेज होना चाहिए और आजकल के गुरु तो पता नहीं किस हिसाब से हैं मैं ऐसे कुछ टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा लोग तो आजकल ऐसे-ऐसे हैं कि योगिनी साधना के नाम प पूरा एजन खोल दिए हैं कि हां हमारे इस वेबसाइट पर जाओ या फिर हमारे इस जगह पर जाओ और उधर जाके 200 300 में वो योगिनी का पीडीएफ परचेस कर लो और बैठो घर में साधना करते हुए ना ऑथेंटिकेटेड आपका परंपरा है ना आपको खुद पता है

कि आपकी परंपरा की योगिनी कौन है किन शक्ति आपकी परंपरा को सुरक्षित रखती है कुछ नहीं पता ना शिष्य को पता है कि आसन बंधन दि बंधन दिशा बंधन कैसे होता है यहां तक योगिनी देवी आए तो योगिनी देवी से क्या बोला जाता है क्या बोलक उनको बिठाया जाता है उनका जो अर्घ्य प्रधान है वह अर्घ्य प्रधान कैसे किया जाता है वह यहां तक नहीं पता सही बताए तो योगिनी साधना में एक अर्घ्य बैठता है उस अर्ग को कैसे बिठाया जाता है

वहां तक उनको नहीं पता कि उस अर्ग में कौन-कौन सी देवी देवताओं का स्थापना किया जा कौन सी कलाओं का पूजा किया जाता वह कुछ नहीं पता यह चलते हैं और ऐसे लोग बोलते हैं कि हां इतना गुरु मंत्र आप कर लीजिए एक सेटन मात्रा उसके बाद योगिनी को आप जाइए पत्नी रूप में सिद्ध करिए ऐसे ऐसे लोग आजकल समाज में घूम रहे हैं तो जरा बचिए उचित गुरु परंपरा में जाइए उचित जग और उचित मार्गदर्शन लीजिए जहां से आपको पता चले कि योगिनी साधना प्रॉपर किस तरह से किया जाता है

उस तरह से आप उनके पास जाके उचित मार्गदर्शन में उनसे ज्ञान लेके योगिनी साधना को करें और सबसे बड़ी चीज बिना गुरु के सानिध्य में रहे योगिनी साधना को नहीं करना चाहिए व योगिनी बहुत हानिकारक होगी क्योंकि आप खुद की मौत को आप बुलावा दोगे अगर योगिनी साधना अगर आप बिना गुरु मार्गदर्शन के कर रहे हैं दूसरी चीज यह है कि अगर आप योगिनी साधना कर रहे हैं किसी के अंडर में रह के कहीं पे भी कुछ कर रहे हैं

तो वैसी परिस्थिति में आपको यह ध्यान देना चाहिए कि जहां पर भी कर रहे हैं वह जगह पूरा सेफ्टी हो वहां पर कोई भी इंसान अपने साधना के दरमियान या फिर जो आप जितना दिन का आपका साधना रहेगा उसके दरमियान उधर कोई आना नहीं चाहिए क्योंकि अगर वह आ गया योगिनी साधना को देख लिया आप कुछ कर रहे हैं बोलके वो साधना खंडित हो जाती है इसलिए यह साधना घर में नहीं की जाती है कोई पहाड़ या फिर कोई अरण्य आदि में यह जाकर साधना को संपन्न किया जाता है गुप्त जगहों में जहां पर इंसान नहीं जाते हैं

उस जगह पर रहकर साधना को संपन्न करें हिमाचल साइड में जो लोग उनके लिए तो सर्वश्रेष्ठ है अगर आप फिर भी अगर आप कहीं पर करना चाहते हैं तो आप कामाख्या आदि जो महापीठ है जहां पे भगवती का खुद बास होता है शक्तिपीठ आदि में जाके आप यह साधना को संपन्न करें और उचित गुरु के मार्गदर्शन में यह साधना को संपन्न करें