पीर सखी सुलतान जी साधना Peer Sakhi Sarwar Sultan sadhna ph.85280 57364
पीर सखी सुलतान जी साधना Peer Sakhi Sarwar Sultan sadhna ph.85280 57364 अपने आप में एक दुर्लभ साधना उच्च कोटि की साधना बेहतरीन इसलिए साधना के कई गूढ़ रहस्य हैं ,और इस साधना को करने के बाद जीवन में किसी के भी सकता है तो यह जो साधना है यह मुस्लिम तंत्र से इस्लामिक साधना है ठीक है इसकी पद्धति भी आपको जो भी है वह भी इस्लामिक सुलेमानी तंत्र की साधना hai अपने आप में एक दुर्लभ तुम्हें जो साधना देने जा रहा हूं
यह साधना सुलतान पीर की सुलतान पीर की साधना है जैसे मैंने भी पीछे 5 वीरों की साधना दी थी उसी प्रकार की साधना भी होते हैं जैसे हमारे वीर होते हैं उनकी अपील होते बड़ी गजब की हो आप जो कहेंगे वह कर देते हैं चाहे वह कोई भी कर दो किसी को परेशान करना हो किसी को वशीकरण करना हो किसी के विषय में कोई भी जानकारी चाहते हैं
यानी सारे कदम बड़े आराम से कोई भी साधन इन साधना के माध्यम से पीरों के माध्यम से कर सकता है सांप के पैर होते हैं जितने होते हैं जीवन में दुष्ट प्रभाव भी नहीं पड़ता है कोई भी साधन साधना को कर ले तो जैसे हम भूत प्रेत की साधना करते हैं जिनकी करते बेताल की करते उनसे हमारे जीवन में दुष्प्रभाव पड़ता है
लेकिन पीर साधना से या वीर साधना से कोई जवाब नहीं पड़ता लेकिन साधक गलत करता है तो गलत होता है वह चाहे सब्जियों के माध्यम से हो या अपने जीवन में भी गलत करेगा तो गलत तो होगी गई शक्तियां कभी गलत नहीं होती है गलत होता है शायद
सुलतान पीर साधना 41 दिनों की है प्रतिदिन करनी लकड़ी के तख्त पर सोना है यह अनुष्ठान बृहस्पतिवार से आरंभ करना है प्रत्येक बृहस्पतिवार को 5 दीपक सरसों के तेल के चलाकर 11 माला करे
यह अनुष्ठान मंत्र पढ़कर मीठी रोटी तेल से चौपड़ कर कुतो को डाले कुत्तों को खिलाने से तब मीठी रोटी या चूरमे प्रसाद 101 साधुओं को खलाना तभी से अलौकिक वाणी आपके कानों में पढ़ने लगेगी जो पूछोगे उसका पूर्ण जवाब मिलेगा भविष्य का और अगर लड़कियां की पैदा हो रही हो तो उसके घर में लड़का पैदा होगा सुलतान पीर की किरपा से साधना का मंत्र इस प्रकार है
पीर सखी सुलतान जी साधना मंत्र ॥
बिस्मिल्लाहरहमान अरहीम ।
काला भैरो कबरीयाँ जटा ।
हत्थ कड़की मोड़े मढ़ा।
यहाँ भेजूं भैरों यती।
वही हाज़िर खड़ा।
कक्की घोड़ी सब्ज लगाम
उत्ते चढ़ सखी सुलतान !
सखी सुलतान की दुहाई।
चले मन्त्र फुरे वाचा ।
देखां बाबा लक्ख दाता पीर।
तेरे ईलम का तमाशा ।
मेरे गुरु का शब्द सांचा