श्री कृष्ण साधना प्रत्यक्ष दर्शन साधना shree krishna sadhna ph.8528057364

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श्री कृष्ण साधना प्रत्यक्ष दर्शन साधना shree krishna sadhna ph.8528057364
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श्री कृष्ण साधना प्रत्यक्ष दर्शन साधना shree krishna sadhna ph.8528057364

 श्री कृष्ण साधना प्रत्यक्ष दर्शन साधना shree krishna sadhna ph.8528057364 श्रीकृष्ण साधना की जितने भी कृष्ण भक्त हैं या भगवान विष्णु के भक्त हैं अपने जीवन को कृष्ण में करते हुए मुक्ति को प्राप्त हो जाए उनके लिए साधना बहुत ही उपयोगी है पूछते हैं कि हम भगवान कृष्ण में बहुत श्रद्धा रखते हैं कुछ लोग हैं जो कहते हैं हम भगवान विष्णु में बहुत श्रद्धा रखते हैं दोनों एक ही है रखते हैं और एकादशी का व्रत भी रखते हैं तो ऐसी कोई साधना बताइए जिससे कि हम कर रहे हैं उससे कुछ अच्छा हमें अनुभव हो साथ में तपस्या करें

यह तपस्या के जैसे ही काम करेगा भगवान श्री कृष्ण की जोड़ी साधना है जिसमें 11 दिन यह साधना है जिसमें जैसा कि आप पूरे श्रद्धा भाव से नवरात्रि में जैसे आपने पूजन किया होगा वैसे ही 11 दिन की साधना है जिसमें 11 दिन तक आप भगवान कृष्ण के मंत्र का जप करेंगे और 11 दिन के बाद जो 11 दिन पूर्णाहुति होगी उसके बाद आपको यह योग्यता प्राप्त हो जाएगी कि आप इनके मंत्र को अगर जब करेंगे

आगे यह मंत्र जप के प्रभाव नजर आएंगे आपको यानी कि अनुभव होना शुरू हो जाएंगे कृष्ण जी साधना में यह लेना कि प्रभु मैं आपकी साधना तो शुरू कर रहा हूं लेकिन दर्शन आप तभी देना चाहे आप सपने में दर्शन आप तभी देना जब आप मुझे अपने लोक में ले जाने के लिए राजी हो मृत्यु के बाद आप मुझे मुक्ति देने के लिए राजी हो तभी आप मुझे दर्शन देना स्वीकार कर लेंगे

आपकी इस प्रार्थना को जैसे 11 दिन की आपने साधना करी तो हो सकता है बहुत से लोगों को 11 दिन में ही प्रभु के दर्शन हो स्वप्न में हो या फिर ऐसा हो सकता है कि 11 दिन की साधना के बाद भी जब प्रतिदिन एक माला पांच माला उस मंत्र के जिससे आप साधना करेंगे उसको चालू रखेंगे

तो कुछ समय के बाद आपको भगवान के दर्शन हो यह दर्शन होते ही हैं लेकिन क्योंकि आप पहले ही अपनी मनोकामना बता देंगे कि प्रभु दर्शन तब देना जब आपको मुक्ति स्वीकार हो क्या आप मुझे मुक्ति देने के लिए तैयार हैं आप मुझे स्वीकार करते हैं अपने लोक में लेकर जाएंगे आप मुझे नरक यात्रा नहीं देखने देंगे जब आपको यह मेरी मनोकामना स्वीकार हो पूरी कर सकते हैं

यह वर मुझे दे सके तभी आप मुझे दर्शन देना चाहे आप जैसा देना चाहे सपने में देना चाहे साक्षात देना चाहे जहां जिस रूप में आप दर्शन देना चाहे आप मुझे दर्शन देना जब आपको यह मेरी जो मनोकामना है यह स्वीकार हो

आप मुझे मुक्ति प्रदान करेंगे और अपने लोक में लेकर जाएंगे साधना करें जो लोग हैं जो कृष्ण भगवान को मानते हैं जो वृंदा वृंदावन जगन्नाथ पुरी और द्वारकाधीश जो कृष्ण भगवान के स्थानों पर जाते हैं और चाहते हैं कि उन्हें मुक्ति प्राप्त हो तो बस यूं ही उनका नाम लेने की वजह आप यह साधना करें

उसके बाद आप कोई अनुमति प्राप्त हो जाएगी कि आप जिस मंत्र से साधना करेंगे पूरे जीवन आप उसको कभी भी कहीं भी घूमते फिरते बिना नागे

अब जब करते हैं तो उसकी गिनती होगी वह आपके भाग्य से जुड़ता जाएगा और आपकी जीवात्मा शक्तिशाली होती जाएगी

उसका फायदा है साधना का बिना साधना के सिर्फ जप करने से कुछ नहीं होता ना कोई फल मिलता है ना कुछ बस श्रद्धा से आप जब तेरे पवित्रता बनी रहेगी मन को शांति मिलेगी

श्री कृष्ण मंत्र

ऊँ क्लीं कृष्णाय नमः

 

श्री कृष्ण साधना विधि 

 

लेकिन उसकी गिनती नहीं होती है गिनती तब होती है जब आप किसी भी मंत्र को सही नियम के अनुसार साधना के रूप में करें तो आप इस साधना को किसी भी एकादशी से शुरू करें 11 दिन के लिए 11 दिन आप जप करें हो सके

तो प्रतिदिन जप के बाद हवन करें जप संख्या जो रहेगी वह पांच माला कम से कम 11 माला 21 माला आप अपनी स्वेच्छा से चुन सकते हैं कि आप कितनी जब करना चाहते हैं जरूरी नहीं है कि इसमें कौन माला की जाए आप अपनी स्वेच्छा से कर सकते हैं उसके बाद हम रात्रि बजे से आपने 8:09 बजे जब शुरू किया और 10:00 बजे तक 11:30 बजे तक 10:30 बजे तक हो गया आधे घंटे में उसके बाद आप छोटा सा हवन कर सकते हैं

जिसमें हूं कि आप इसी जो मंत्र के अब जब करेंगे उसी करनी होगी जो कि मात्र एक माला क्या होती रहेगी एक माला की बस आप हवन कर देना इसमें ज्यादा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि जब आप हमेशा करते रहेंगे भोजन करा सकते हैं बहुत अच्छी बात है या फिर किसी मंदिर में भी सीधे आप दान दे सकते हैं

ऐसा करने के बाद आप दिन रात घूमते फिरते चलते-फिरते कभी भी भगवान कृष्ण का जिसमें मंत्र से आप साधना करते हैं उसे कर सकते हैं और आपको उसे नसीब शांति मिलेगी बल्कि आपको मुक्ति भी प्राप्त हो सकती है

इस साधना को करने से यह जो मंत्र है जब उसका आपकी जब की अनुमति मिल जाएगी और पूरे जीवन आप इसको जपते रहेंगे तो आपकी मुक्ति जो है वह निश्चित है

आपको भगवान विष्णु के लोक में स्थान अवश्य मिलेगा क्योंकि भगवान कृष्ण का क्या स्थान है विष्णु लोग क्योंकि भगवान विष्णु के अवतार हैं तो भगवान विष्णु ने जहां भगवान कृष्ण आपको लेकर जाएंगे वही आपकी स्थिति होगी जिन्हें जिन्होंने अभी यह बताया कि उन्हें भगवान के दर्शन वह तो हम नहीं बताएंगे

लेकिन हाथ दर्शन हुए बहुत सारे साधकों को स्वप्न में दर्शन भी दर्शन ही होते हैं उसे आप भ्रांति ना समझना स्वप्न में दर्शन होना भी बड़ी बात होती है क्योंकि यूं ही आप जीते रही आपको कभी दर्शन नहीं होंगे लेकिन साधना के समय किसी विशेष क्रिया के समय अगर आपको दर्शन होते हैं तो

वह दर्शन ही होते हैं जो शक्ति अपनी इच्छा से देती है तो बहुत सारी लोगों ने बताया कि उन्हें साक्षात दर्शन हुए सपने में प्रभु के बहुत भाग्यशाली हैं लेकिन ऐसा किया जाए कि ऐसी मनोकामना के साथ करें कि हमें मुक्ति देने के लिए राजी हो प्रभु तभी आप हमें दर्शन देना तो ऐसी मनोकामना के साथ संकल्प लेकर

आपको करते हैं 11 दिन की तो उसके बाद से आपके जीवन में आना शुरू हो जाएगी एक बात ध्यान रखना पत्नी का दुख बच्चों का दुख परिवार का दुख यह सब भूल जाना जब साधना करते हैं एक बात निश्चित समझकर ही करना चाहिए क्या आप के ऊपर जिम्मेदारी जरूर होती है इन लोगों को सुखी रखने की पहुंचाने की लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अपने जीवन को समापत ही करलो

भगवान कृष्ण का साथ होता है तो धीरे-धीरे होने लगती है एक बात ध्यान रखना कि जो होता है अच्छे के लिए होता है यह निश्चित है सोचना चाहिए यह ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि जो कुछ हो गया है यह तो वह गलत हो रहा है जो कि हम तो आध्यात्मिक हैं हम तो पूजन पाठ करते फिर भी गलत हो रहा है जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है

हर इच्छा सही होता है हां लेकिन अध्यात्म का रास्ता चुनना हमारे ऊपर है कि हर इच्छा के बावजूद भी हमारे जीवन में उन्नति होती जाए इसके लिए क्या करना है अध्यात्म से जुड़ना जरूरी है जो भी ऐसा करेंगे

उनको आगे भविष्य की चिंता नहीं करना चाहिए प्रभु के ऊपर छोड़ देना चाहिए प्रभु अपने आप आपके जीवन में सब कुछ अच्छा ही करेंगे जिससे आपका भी भला हो और आपके परिवार का भी भला हो जो भी है

साधना करना चाहते हैं 11 दिन की साधना कर सकते हैं कर सकते हैं कर सकते हैं जो भी माल आपके पास है और उसमें यंत्र की जरूरत नहीं है जब भी कर सकते हैं उसकी भी गिनती होती है जो भी जितने भी भक्त हैं उनके लिए