माँ शीतला मसानी की साधना कौंन शीतला मसानी और क्या लाभ sheetla masani sadhna ph.85280 57364

माँ शीतला मसानी की साधना कौंन शीतला मसानी और क्या लाभ sheetla masani sadhna ph.85280 57364 यह लेख माँ शीतला मसानी की साधना के विषय में है, जिन्हें तंत्र की एक शक्तिशाली देवी माना जाता है। इसमें बताया गया है कि जो साधक तंत्र के क्षेत्र में उन्नति करना चाहते हैं या अपने जीवन से बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, उनके लिए यह साधना किस प्रकार फलदायी हो सकती है। लेख में साधना की विधि, आवश्यक सामग्री और मंत्र का भी उल्लेख किया गया है।
हर हर महादेव। आज आपको साधना देने जा रहा हूँ जो आपको तंत्र सम्राट बना देगी। क्या बना देगी ? तंत्र सम्राट। रियल में जो तांत्रिक हैं, तंत्र भगत हैं, ओझा हैं, औघड़ हैं, जो तंत्र सम्राट बनना चाहते हैं, जो तंत्र की साधना करना चाहते हैं, अपनी गद्दी को चलाना चाहते हैं, जो लोग चाहते हैं कि उनके पास आएँ और उनके हर कार्य बनें, भूत, प्रेत, जिन्न, मसान को हटा सकें तो उनको शीतला मसानी की साधना करनी ही चाहिए।
माता देवियों की देवी महादेवी बोली जाती हैं, महा-क्रूरी महादेवी माता पार्वती की ही अवतार हैं, माता पार्वती का ही एक रूप हैं।
तंत्र की वह योगिनी हैं, तंत्र की वह सम्राज्ञी हैं कि 64 जो 360 मसानियाँ हैं, इसके अधीन चलते हैं। मसान इसके अधीन चलते हैं, भूत, जिन्न, मसान, देव सब इसके अधीन चलें। धरती पर मैक्सिमम जो मौतें होती हैं बीमारी से, वह माँ शीतला के ही ज़रिए होती हैं।
तो जो भी व्यक्ति माँ शीतला की साधना करता है उसके अंदर में एक अद्भुत साधना के ज़रिए शक्ति जागृत होती है। मैं आप लोगों को यही बोलना चाहूँगा कि माता शीतला की साधना हर व्यक्ति को करनी ही करनी चाहिए।
जिसने यह साधना नहीं करी, इसका मतलब है कि तुम समझ लो कि आपके घर पर कोई भी तंत्र कर सकता है। माँ शीतला तंत्र की देवी हैं।
शीतला मसानी, दो सौम्य रूप हैं माता के, एक सौम्य रूप माता शीतला और एक है शीतला मसानी। शीतला मसानी तंत्र की सम्राज्ञी हैं, 360 मसानियाँ उसके अंडर में चलती हैं, मसान उसके अंडर में चलते हैं, 84 मसान उसके अंडर में चलते हैं।
जो काली कुल की मसानियाँ हैं, वो भी उसके अंडर में चलती हैं, जो शीतला कुल की मसानियाँ हैं, वो भी उसके अंडर में चलती हैं।
माता धरती पर, इस धरा पर कुछ भी कर सकती हैं। इस धरा की, धरती की मालकिन हैं वो, इस धरा की मालकिन हैं और भैरव जी उसके साथ में चलते हैं, हनुमान जी उसके साथ में चलते हैं, छप्पन कलवा उसके साथ में चलते हैं।
समझ लो बंगाल का काला जादू जिसको बोला जाता है, बंगाल का काला जादू भी उसके अधीन आता है, उसको भी रोक लेती हैं। पूर्व की विद्या को भी रोक लेती हैं।
भारत में क्या छोड़ो, धरती पर किसी भी तरह की कोई भी काला जादू, पीला जादू, हरा जादू, जो भी तरीके की विद्याएँ हैं, सब माता शीतला के अंडर में ही चलता है, सबको वह रोक सकती हैं।
अब माँ शीतला की आपको साधना कैसे करनी है, मैं आपको बताऊँगा। माँ बहुत ही करुणामयी हैं, अपने बच्चों के लिए बहुत ही दयालु हैं और हर साधक को, हर भगत को यह साधना करनी चाहिए। माता शीतला के आटे के कुछ पुए बनाने चाहिए।
माँ शीतला मसानी का भोग sheetla masani bhog
जो साधना सामग्री है, कुछ पुए, आठ पूड़ी, घी का हलवा और खीर, यह माता का भोग है। और दो, तीन, चार जायफल, लौंग, बताशे। सर्वप्रथम जब माता शीतला की आपको साधना करनी है, माता चौगानन मसानी जो शीतला मसानी हैं, उनसे करनी है, तो यह सब तैयारी करके आपको यज्ञ पूजा सजानी है, हवन करना है।
हवन हर शुक्रवार-शुक्रवार करना होता है या फिर सोमवार, ये दोनों में से आपको एक बार, यह रेगुलर जो भगत हैं उनको करनी चाहिए। जो साधना करना चाहते हैं, वो लोग कम से कम स्टार्टिंग में 11 दिन की साधना करें।
sheetla masani sadhna तो आपको साधना करने से पहले क्या करना है?
किसी भी चार रास्ते पर जाकर सात कंकड़ उठाकर लेकर आना है और माता से प्रार्थना करनी है कि, “हे माँ, मैं आपकी साधना करना चाहता हूँ, आप मेरे साथ में वहाँ पर मेरे घर पर जो स्थान पर मैं साधना करूँ, वहाँ चलो।” सवा किलो चावल ले लें या सवा किलो जौ ले लें, कोरे पात्र में रख के उसके ऊपर सातों पत्थर रख देना है और एक सरसों के तेल का मिट्टी का दीया जलाना है। यह सब सामान पहले तैयार कर लें।
माँ शीतला मसानी की साधना विधि sheetla masani sadhna vidhi
सामान तैयार कर पवित्रीकरण करें, पवित्रीकरण करने के बाद आप तीन बार आचमनी करें। आचमन करने के बाद सर्वप्रथम गणेश भगवान को याद करें, फिर अपने गुरु देवता को याद करें, काल भैरव को याद करें, इनकी एक-एक माला फिर आप जाप करना है, तीनों की। और एक-एक माला जाप करने के बाद फिर संकल्प लेके, “हे माँ,” विष्णु विष्णु विष्णु बोल के तीन बार संकल्प लें।
हाथ में थोड़ा जल लेकर उसमें थोड़ा अक्षत रख लें, अक्षत रख के एक-दो रुपये रख लें, सुपारी ले लें और आपको संकल्प लेना है।
संकल्प लेकर अपना नाम बोलें, पिताजी का नाम बोलें व दादाजी का नाम बोलते हुए कि, “मेरे कुल का उद्धार करो और मेरे परिवार में किसी भी प्रकार की तंत्र बाधा हो, तंत्र बाधा कट जाए, लक्ष्मी को अबाध करो और मेरे परिवार में किसी भी तरीके का रोग हो, उस रोग को काटें।”
हो सके तो आप इस संकल्प में पूरे परिवार का नाम भी ले सकते हैं, नाम लेते हुए अपनी मनोकामना की पूर्ति बोलते हुए आपको जल माता के चरणों में समर्पण कर देना है।
यह करने के बाद में आपको क्या करना है? मंत्र जप तो किया हुआ है, फिर 11-11 बार गुरु मंत्र जाप करें, 11 बार आपको गणपति मंत्र जाप करें, 11 बार आपको भैरव जी का मंत्र जाप करें। यह करने के बाद जो विशिष्ट मंत्र दे रहा हूँ, उस मंत्र का जाप करें।
माँ शीतला मंत्र sheetla masani mantra
मंत्र है: “मंत्र “ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं शीतला देव्यै ह्रीं क्रीं ह्रीं नमो नमः।”
इसका 33 माला जाप करें। यह मंत्र आपको डिस्क्रिप्शन में लिखित रूप में दे दूँगा। इस मंत्र का आपको 33 माला जाप करना चाहिए। जैसे ही 11 दिन आपका यह जाप हो जाएगा, जाप होने के बाद आपको कम से कम 11 कन्याओं को भोज कराना चाहिए।
जैसे मैंने बोला हवन करना है आपको, उस दिन जाप हो गया, दूसरे दिन ही आपको आठ पूड़ी बना लेनी है, थोड़ा हलवा बना लेना है, खीर बना लेनी है, पुए बना लेने हैं, आटे के पुए बनते हैं, वो पुए बना लेने हैं। यह और पाँच-दस बताशे, लौंग ले लेने हैं।
हवन कुंड में अग्नि को सजा लेना है, अग्नि को सजाते हुए अपना पवित्रीकरण कर लें। पवित्रीकरण करके सभी को आह्वान करना है अपने देवी-देवताओं को, जिस तरीके से मैं हमेशा बताता हूँ।
देवी-देवता, गुरु देवता को, गणपति देवता को, काल भैरव को ध्यान करते हुए, वास्तु देवताओं को, ग्राम देवता को, क्षेत्रपाल देवताओं को, आपको आह्वान कर, पंच देवताओं को, प्रजापति दक्ष को और माता शीतला को आह्वान करते हुए सबको पहले पाँच-पाँच, एक-एक, दो-दो आहुतियाँ दे दें आप।
आहुति देने के बाद जो मंत्र मैंने बताया उस मंत्र की आप कम से कम 11 माला का हवन करें, ना हो सके पाँच माला का हवन करें और ना हो सके तीन माला का हवन करें। हवन किससे करना है? घी से करना है, उसमें चावल, जो सवा किलो चावल है, वो डालें। ठीक है?
वो हवन करें, पूरे परिवार को बिठा लें, हवन कर लें। और उसके बाद में आठों पूड़ी में थोड़ी-थोड़ी पूड़ी तोड़ के, हलवा लेकर, पूड़ी लेके और पुए लेकर माँ को भोग अर्पण करें। भोग अर्पण करने के बाद में माँ को दक्षिणा अर्पण करें, दक्षिणा अर्पण करने के बाद माँ से क्षमा याचना करें
कि, “माता, कोई भी हमसे त्रुटि हो गई है तो हमको क्षमा करना, हम आपके बच्चे हैं और हमारी मनोकामना की पूर्ति करना, जो हमने संकल्प लिया है उस संकल्प को सिद्ध करना।” ऐसे बोलते हुए फिर माता से क्षमा याचना करते हुए फिर माँ को जल अर्पण करना है, शांति देनी है। जल अर्पण करके प्रार्थना करें।
जो सामग्री बची होगी, जो अंदर जो भस्म बची है, उस भस्म से थोड़ी सी भस्म आप छान के रख लें और बाकी की पूरी भस्म और सवा किलो चावल आपको माता गंगा में, गंगा नदी में अर्पण करना चाहिए, गंगा नदी में विसर्जन कर देना चाहिए।
याद रहे, उसमें फूल वगैरह कुछ भी नहीं होने चाहिए, सिर्फ़ जली हुई सामग्री होनी चाहिए और सवा किलो जौ, बस यही होना चाहिए। आप देखेंगे कि सवा महीने में आपके पूरे परिवार में कोई तंत्र बाधा, कोई परेशानी, वह सब खत्म हो जाएगी और आपके परिवार में खुशहाली आएगी।
और आप अगर निरंतर शनिवार के दिन या शुक्रवार के दिन या रविवार के दिन यह पूजा को करते रहेंगे, आप तंत्र सम्राट ही बन जाएँगे।
देखेंगे धीरे-धीरे एक-दो साल में, तीन साल में आपके माँ का आपको प्रत्यक्षीकरण भी हो सकता है, माँ आपको प्रत्यक्ष रूप से भी दिख सकती हैं। और मेरे जितने भी साधक हैं, जिनको मैंने साधना कराई है, माँ प्रत्यक्ष दिखी ही दिखी हैं।
माँ शीतला इतना विशाल रूप दिखता है उनका, विशाल रूप, सर इतना विशाल, सबको दिखती हैं। जो भी साधकों को मैंने सिद्ध कराई, साधकों को माँ शीतला के दर्शन हुए हुए हैं। तो आपको तंत्र सम्राट बनना है तो शीतला की साधना, शीतला मसानी की साधना करनी ही करनी चाहिए। हर हर महादेव।
यह साधना बिना गुरु के मार्ग दर्शन से न करे