माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना ,नूरी इल्म की तीक्षण साधना ph.85280 57364

भारत की विलक्षण साधनाएं: शक्ति और अनुभव
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना ,नूरी इल्म की तीक्षण साधना ph.85280 57364 भारत में कुछ ऐसी विलक्षण साधनाएं हैं, जिन्हें अगर कोई साधक कर लेता है तो वह एक शक्ति का ग़ज़ब का अनुभव करता है। ऐसी शक्ति जो किसी भी काम को पल भर में कर सकती है। ऐसी शक्ति जो किसी का भी सम्मोहन कर सकती है। ऐसी शक्ति जो किसी को भी आकर्षित कर सकती है। ऐसी शक्ति जो घर से कोई भाग गया हो और उसे 24 घंटे के अंदर-अंदर अपने घर में वापस बुला सकती है।
उस शक्ति का प्रयोग करके चले जाओ तो अधिकारी को लगेगा कि बस यह तो सर्वेश्वर है, यही सब कुछ। उसके आदेश मात्र से उसके साइन चल जाएंगे, वह काम हो जाएगा। कोई आदमी अगर बैठा है और उसके बारे में समाचार लेना है कि वह कैसा है, क्या है, सुखी है कि दुखी है, कैसा है, 2 मिनट में उसका सारा समाचार लिया जा सकता है।
ऐसी शक्ति कि किसी के घर में यदि कोई टोना, टोटका, तंत्र-मंत्र, जादू, विचार कर्म, भूत-प्रेत, पिशाच, किसी भी प्रकार की बाधा आ गई और वह लोग बड़े परेशान हो गए तो उनको 2 मिनट में शांत किया जा सकता है।
ऐसी-ऐसी शक्तियां हमारे भारत में कई प्रांतों में अलग-अलग भरी पड़ी हैं। उन्हें खोजना पड़ता है, देखना पड़ता है। क्या है, कैसी शक्ति है।
और अनुनय से, विनय से, दृढ़ता से, निर्भीकता से आप यदि किसी भी साधना को करते हो तो जिस देवी-देवता की शक्ति की आप साधना करते हो, वह भी आपसे प्रसन्न रहता है। यदि आप इस संसार में एक उद्देश्य से लेकर चलते हो कि मुझे भला काम करना, अच्छा काम करना है, सिर्फ यह उद्देश्य लेकर चलते हो तो शक्ति भी आपको सिद्ध होने में अपना गौरव मानती है।
डर तो निश्चित है कि डर तो पहले लगेगा। वह मैंने एक पोस्ट में बताया, डर क्यों लगता है? आप देख रहे हैं जब भैरव बाबा की मैं साधना का मेरा जो पोस्ट है, उसमें आप देख लेना। अष्ट भैरव के साधना में उसमें डर क्यों लगता है, वह आपको मैंने अच्छी तरह से बताया। डर लगेगा साधना में, लेकिन डर को पार करके आपको साधना करनी है।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना: पंजाब और हरियाणा में चर्चा
ऐसी ही एक साधना हमारे पंजाब प्रांत में काफी चर्चित है। पंजाब, हरियाणा, इन दोनों—पंजाब में ज़्यादा, हरियाणा में थोड़े कम है—लेकिन साधना का बाहरी ले पंजाब में बहुत है, और कई लोगों ने इस साधना को किया है, साक्षात्कार किया है देवी का। और देवी के द्वारा बहुत सारे काम, अच्छे-अच्छे काम भी किए हैं। आप भी यदि चाहो तो उस देवी की साधना कर सकते हो। उस देवी का नाम है श्याम कौर मोहिनी साधना।
श्याम कौर मोहिनी के कई प्रकार के मंत्र हैं। और कई पोस्टों से साधना होती है—कभी पीपल के नीचे होती है, कभी बेसमेंट में, तहख़ाना में होती है, कभी छत पर होती है, कभी नदी के तीर पर होती है।
तो जो सरल-सरल साधनाएं हैं, जिसे आदमी से कर सकता है, वह साधना मैं आपके लिए लेकर आया हूं। आप इस साधना को करके अपना और दुनिया का भला कर सकते हो।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना की विधि और सामग्री
दोस्तों, इस साधना की विधि कुछ इस प्रकार है। इसमें कुछ सामग्री होती है, वह सामग्री आपके पास होनी ज़रूरी है। वह सामग्री लेकर के आप क्या करेंगे, वह मैं बताता हूं।
दोस्तों, इस साधना को करने का न तो कोई दिन है, न कोई आसान है, न कोई दिशा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। माला का भी कोई प्रतिबंध नहीं है। कोई भी माला आप ले सकते हो। कोई भी आसन ले सकते हो। किसी भी दिशा में मुंह कर सकते हो। किसी भी दिन किया जा सकता है। साधना इकतालीस दिन की है, की। और 11 माला आपको प्रतिदिन जपनी पड़ती है।
साधनाओं में ऐसा होता है कि यदि रात्रिकाल के साधना हो तो सबसे बढ़िया रहती है, क्योंकि रात्रि में शांति रहती है, और शांति में कोई भी साधना करता, आपका मन भी आपके साथ रहता है। दिन में मन विचलित रहता है। तो टाइम का भी कोई नहीं है वैसे, लेकिन श्याम के बाद में कभी भी या रात्रिकाल में आप इस साधना को कर सकते हैं।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना के लिए कुछ सामग्री चाहिए:
1. दो लड्डू आपके पास होने चाहिए।
2. पत्तल का दोना आपके पास होना चाहिए।
3. दो मीठे आपके पास होने चाहिए।
4. मीठे चावल पहले बना लेना, वह मीठे चावल भी आप अपने साथ चले जाओगे।
5. और शराब की एक बोतल—देसी हो, अंग्रेजी हो, उसका कोई उल्लेख नहीं। कोई भी शराब की बोतल लो, चलेगी। देसी सबसे बढ़िया रहती है। जब भी कोई साधना हम करते हैं तो देसी शराब जो हाथ से निकाली हुई शराब होती है, हथकड़ी शराब बोलते हैं उसको—वह होती है। महुआ आदि होता है। ऐसी शराब जो होती है, वह इन साधनाओं में प्रयुक्त होती है।
6. दीपक चाहिए।
7. सरसों का तेल चाहिए।
नाम मात्र की सामग्री है, छोटी सी सामग्री है। बस यह सब चाहिए।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना जप से पूर्व की क्रियाएं
अब क्या है? आपको नदी के किनारे जाना है। नदी के किनारे जाकर के जो चावल आपके पास हैं, उन चावलों का क्या करना? नदी में प्रवाहित करना, लेकिन ऐसे ही नहीं करनी। नदी में चावल तो प्रवाहित करने, लेकिन एक मंत्र है—उस मंत्र का सात बार पहले प्रयोग करके, फिर इन चावलों को नदी में प्रवाहित करना। नदी में प्रवाहित करने के समय आप सात बार इस मंत्र का प्रयोग करेंगे।
मंत्र पंजाब का मंत्र है, न तो थोड़ी पंजाबी लैंग्वेज इसमें आएगी। तो पंच पीरों के साथ साधना होती है। इसका भी मैं अलग से एक पोस्ट आपको दूंगा। बहुत बढ़िया साधना है, ग़ज़ब की साधना है, और इसमें बहुत सारी साधनाएं होती हैं, जैसे श्यामकौर माता की साधना।
इसके साथ पंच बावरी की भी साधना होती है। तो ये सब-सब साधना एक से एक बढ़िया से बढ़िया साधना है, जो इन माता के साथ में रहते हैं—सब सहयोगी हैं इनके। तो इस इनके सहयोगी होने से साधना बहुत ज्यादा शक्तिशाली साधना हो गई है। दुनिया में कोई भी प्रकार के परेशानी हो, इस साधना को साधना के द्वारा मिटाया जा सकता है।
तो मंत्र कुछ इस प्रकार: वो मैंने बताया कि सात बार मंत्र बोलकर के—कौन सा मंत्र:
ख्वाजा खिजर जिन्दा पीर
पंजे पीर तेरे मददगीर
सिद्धां नाथा दा सरदार
कचिया पकिया कढीया तेरे नाम
इस मंत्र का सात बार प्रयोग करके आपको वह चावल जो है, नदी में प्रवाहित कर देने।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना में सुरक्षा घेरा और दीप प्रज्वलन
अब आपको क्या करना है? अब आपको अपने चारों तरफ एक सुरक्षा घेरा बना लेना। और सुरक्षा घेरा बनाते समय आपको एक खास मंत्र का प्रयोग करना।
आस कीलूँ पास कीलूँ,
कीलूँ अपनी काया
जागदा मसान कीलूँ
बैठी कीलूँ छाया
इसर का कोट बर्मा की थाली
मेरे घाट पिंड का हनुमान वीर रखवाला!
इस मंत्र का प्रयोग करके आप अपने चारों तरफ एक बहुत बड़ा घेरा बना लेना। ताकि बहुत बड़ा का मतलब है कि बहुत बड़ा जब घेरा रहेगा न, तो उसके अंदर आसानी से आपके हाथ पकड़े नहीं जा सकते हैं किसी शक्ति के द्वारा। तो इसलिए बड़ा घेरा बना लेना।
उसके बाद में घेरा बना लेने के बाद में आपको क्या करना है? दीपक को प्रज्वलित करना, और जो दोना आपके पास में दोना है न? पत्तल का दोना होना चाहिए। दोना प्लास्टिक का भी मिलता है, ध्यान रखना। पत्तल का दोना ही चाहिए आपको। पत्तल का दोना होना चाहिए या फिर पत्तल का दोना नहीं मिले, किसी प्रकार से आपको कोई परेशानी, पत्तल का दोना नहीं मिले, तो आपको क्या करना है? कागज़ लेना है, साफ-सुथरा।
मीठा चलती रहेगी आपकी। और जो प्रसाद—प्रसाद उसके चारों तरफ शराब की बोतल से घेरा बना लें। जो बाकी शराब बचे, उसे अपने पास में रख लें।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना और आशीर्वाद लेना
और अब आप 11 माला—नहीं-नहीं, उससे पहले, उससे पहले क्या करना है? उससे पहले गणेश जी का मंत्र बोलना है, गुरु जी का मंत्र बोलना है। गणेश मंत्र की एक माला, गुरु मंत्र की एक माला, शिव जी के मंत्र की एक माला जपनी है। और संकल्प लेना है कि मैं मां श्याम मोहिनी की साधना कर रहा हूं। हे गुरुदेव, हे गणेश भगवान, हे शंकर भगवान, मुझे आशीर्वाद दो, मुझ पर कृपा करो। ऐसा बोलकर के आप उनसे आशीर्वाद लेकर, आज्ञा लेकर के, फिर इस मंत्र को शुरू करेंगे।
अब कोई भी देह रक्षा मंत्र आपको आता हो, शरीर की रक्षा करने का कोई भी मंत्र आपको आता हो तो वह मंत्र पढ़कर, हाथों पर फूंक मार के, जैसे उस मंत्र में विधि बताई गई है, वैसे शरीर रक्षा का कोई भी मंत्र हो, उस मंत्र से आप शरीर रक्षा का मंत्र पढ़कर अपने शरीर को बांध लें।
शरीर को बांधने के बाद में, अब आपको 11 माला—रुद्राक्ष की माला हो, चाहे कोई भी हो—माला का कोई उल्लेख नहीं है, कोई भी माला हो, उस माला से आपको 11 माला इकतालीस दिन तक इसी क्रम में जपते चले जाना है।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना के दौरान के अनुभव और प्रत्यक्षीकरण
15 दिन तक तो आपने जप ली। 15 दिन के बाद में अब आपके साथ क्या होगा, उस बात को थोड़ा सा समझ लें। 15 दिन के बाद में आपको बहुत सारी आकृतियां दिखाई दे सकती हैं, डरावनी-डरावनी। बहुत सरल कपट माया आपके साथ हो सकती है। आपको तो हर हाल में निडर रह करके साधना करनी ही है, क्योंकि जगत का कल्याण इतना आसानी से नहीं होता। अपना कल्याण नहीं होता, जगत का क्या होता है! जगत कल्याण करने जो निकला है $\text{न}$, जो बिल्कुल बजाय जिसने, और जिसने झंडा हाथ में लिया जगत कल्याण का—उसे तो बहुत सारी दुविधाओं को पार करके आगे बढ़ना पड़ता है।
तो आपको जगत कल्याण करना है, दुनिया का कल्याण करना है, भला करना, इस साधना को करना है तो आने 15 दिन के बाद में आपके साथ बहुत सारी क्रियाएं होगी, बहुत सारी घटनाएं होगी, डरावनी-डरावनी, खतरनाक अनुभव होंगे। और आपको एक मोर पर बैठी हुई सुंदर स्त्री आकाश से उतरती हुई नीचे जमीन आती हुई दिखाई दे जाएगी।
डरना मत। वही माता आपसे बात करने की कोशिश करेगी। इकतालीस दिन तक कोई बात नहीं करें किसी से। आप अपना मंत्र जाप करते रहें। और जब तक मंत्र जाप पूर्ण नहीं हो। मंत्र जाप पूर्ण होने के 15 मिनट बाद आप घेरे से बाहर निकलें। मंत्र—यानी मंत्र जाप हो गया। अब चलें। मंत्र जाप पूर्ण होने के बाद भी धैर्यपूर्वक 15 मिनट वहीं बैठे रहें। उसके बाद में आप घेरे से बाहर निकलें।
आपका इकतालीस दिन तक जाप होते-होते माता का प्रत्यक्षीकरण आपको हो जाएगा। हो जाए तो इकतालीस दिन जप करने के बाद, उनको प्रणाम करके, उनके चरण धो करके, उनके चरणों में शरणागत करके, आप माता से प्रार्थना करेंगे, “हे माता, आप हमेशा सम्मान के रूप में मेरे साथ रहोगी।
मुझे सद्बुद्धि दोगी, और संसार में भले-भले अच्छे-अच्छे काम करने—मेरे और संसार के दोनों के काम करने—तो इसमें मेरी सहायता करोगी और अच्छे कर्म मेरे द्वारा करवाओगी। मैं किसी भी काम में संसार के मैं आपको याद करूंगा तो आप आओगी।”
तब आप माताजी, मां-बेटे का आपका रिश्ता बन जाएगा। फिर अब जब भी अपने मां को बुलाओगे, मां आपके सामने प्रकट हो जाएगी—एक माला जाप, मां प्रकट हो गई।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना की सिद्धि के बाद के कार्य
अब मां प्रकट होने के बाद में आपके सिद्ध तो पूरी हो गई। अब आप समाज में कैसे-कैसे, किस-किस का काम कैसे करोगे?
मान लो, जैसे कोई बच्चा घर से भाग गया है, तो उसके कपड़ों पर एक माला जाप करो—सिर्फ एक माला जाप—24 घंटे में वह बच्चा कहीं भी होगा, झट से घर लौट आएगा। कोई आदमी का समाचार लेना है, दूर बैठा है, आप एक माला जाप करो। रात में सपने में या दिन में आपके ज़हन में, ख्याल में कैसे भी आपको उसके बारे में सब पता चल जाएगा—वह कहां है, कैसा है।
इसके प्रैक्टिकल करके देख लेना—छोटे-छोटे भाई, आप जिनको जानते हो, आस-पास जानते हो, उनके बारे में समाचार लेकर देख लेना। आपको वही समाचार मिले तो फोन करके पूछ लेना, “क्या भैया, तुम ये क्या ये काम कर रहे हो? क्या यह कर रहे हो?” अभी वहां के वह बोल देगा, “हां, बिल्कुल यही, यार। तुम्हें कैसे पता चला?”
आप जान लेना कि आप जो आपके ख्याल में आ रहा है, वह एकदम सही आ रहा है। इस प्रकार से आप अमेरिका में बैठे आदमी का भी समाचार ले सकते हो, इटली, दुबई, कहीं भी बैठा, उसका समाचार ले सकते हो।
किसी को भी सम्मोहित कर सकते हो इससे। सिंदूर अभिमंत्रित होता है। उस सिंदूर को लगा करके आप बड़े से बड़े ऑफिसर के सामने चले जाओ, वह तुरंत आपसे सम्मोहित हो जाएगा और करके आपका काम कर देगा।
बस यही है कि क्या होता है कि जब कोई चीज पैदा होती है तो उसका करने वालों की झड़ी लग जाती है—वह हमको यह ऐसा चाहिए, हमको वैसा चाहिए, हमको वैसा चाहिए। सम्मोहन की साधना है, वशीकरण की साधना नहीं है, ध्यान रखना।
यदि किसी लड़की पर, स्त्री पर आपने ज़बरदस्ती वशीकरण करने की कोशिश की साधना से, मारे जाओगे। कुत्ते खीर नहीं खाएंगे आपके हाथ की—ऐसी दुर्गति हो जाएगी, पूछो मत। जो आदमी दुरुपयोग करना चाहता है, उनके लिए मेरी बताई हुई साधना नहीं है, ध्यान रखना इस बात का।
तो इस प्रकार से आप साधना को करके अच्छे-अच्छे काम तो कर सकते हो, बुरे-बुरे काम नहीं कर सकते। क्योंकि श्याम कौर मोहिनी खुद माता सत्यभामा है।
सत्यभामा कौन ? भगवान कृष्ण की आठवीं पत्नी सत्यभामा। और इस विश्व की आठवीं मोहिनी शक्ति, जिसका नाम है श्याम कौर मोहिनी। विश्व में आठ सम्मोहन की सबसे बड़ी शक्ति है। उन आठ शक्तियों में श्याम कौर आठवीं शक्ति है।
श्याम कौर मोहिनी मंत्र
यह तो सब बातें हुई। अब इसमें जो मंत्र है, वह मैं मंत्र आपको बता देता हूं ताकि आप आराम से साधना को संपन्न कर सको।
माता श्याम कौर मोहिनी मंत्र साधना
दोस्तों, मंत्र यह है:
आई रे श्याम कौर कहां से आई, आई रे श्याम कौर कहां से आई।
बगड़ देश से आई।
उड़न खटोला उड़दी आई,
लाल परांदा उड़ी आई, हंकारी आई, पसकारी आई, मेरे कारज न करे तेनु गुरु दी आन
इस मंत्र का प्रयोग करके आप इस साधना को सफल कर सकते हो। गुरु से तीन बार सुन लेना। गुरु की हर साधना में आवश्यकता होती है। और इनके साथ में जो पंच बावरी चलते हैं, उनकी साधना भी मैं आगे आपको बताऊंगा। और जिंदा पीर चलते हैं, खिजर पीर चलते हैं, उनकी साधना भी आगे आपको मैं बता दूंगा। और पंच पीरों की और अहमद पठान की सबकी साधनाएं मैं आपको धीरे-धीरे करके बताता जाऊंगा।
ये सब एक-दूसरे के अंग हैं, और इनकी शक्तियां बड़ी ग़ज़ब की हैं। इनकी शक्तियों के सामने अच्छी-अच्छी शक्तियां काम नहीं करती। इनकी शक्तियां जहां चलती है, वहां किसी की दम नहीं है कि इनका काम नहीं करे। ये बहुत शक्तिशाली साधना है। दोस्तों, करके अपना और जगत का कल्याण कर सकते हैं, भला कर सकते हैं।
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जय श्री कृष्ण दोस्तों! जय माता श्याम कौर मोहिनी की !