रंजिनी अप्सरा साधना।केवल 5 दिन में होगी सिद्ध।करेंगे सभी काम ranjani apsara sadhana. keval 5 din mein hoga siddh.karenge sabhee kaam.
रंजिनी अप्सरा साधना – केवल 5 दिन में होगी सिद्ध।करेंगे सभी काम Ranjani apsara sadhana. keval 5 din mein hoga siddh.karenge sabhee kaam. जय श्री महाकाल। सभी साधक एवं साधिकाओं को मेरा सादर प्रणाम। दोस्तों, आज मैं आपके लिए एक साधना लेकर आया हूं, जिसका नाम है रंजनी अप्सरा। दोस्तों, यह सिंपल अप्सरा, इसमें साधारण साधना है कि कोई भी साधक, सामान्य साधक भी इसको कर सकता है।
इसका पूर्ण विस्तार से जानकारी बहुत अच्छा है और बहुत अच्छे से मैं जानकारी दूंगा इसकी। तो जो भी साधक या साधिका इस साधना को करना चाहते हैं, तो दोस्तों, रंजनी अप्सरा क्या है कि साधारण अप्सराओं की शास्त्रों के भीतर कुछ थोड़ा सा परिवर्तन है इसमें। सुगंधित द्रव्य एवं विविध इत्रों में तीव्र रूचि रखने वाली, साधना शाम के पहर में की जाती है। इसकी साधना सौम्य है, यह शाम के समय में की जाती है।
रंजिनी अप्सरा मंत्र
“ॐ ऐं रंजिनी मम प्रियाय वश्य आज्ञा पालय फट् ”
रंजिनी अप्सरा साधना विधि
जिसमें साधक को लिए आवश्यक है कि वह अपने साधना स्थल को भली-भांति सजा-संवार कर रखें। अगर आप चाहें तो आप कमरे में कर सकते हैं। इसके लिए कोई निर्जन कमरे में कर सकते हैं। कमरे में आपको एक केवड़े के पत्ते बिछा लेने हैं। केवड़े का जल का छिड़काव करें कमरे में जिससे कमरा थोड़ा सुगंधित रहे, क्योंकि उसको केवड़े की खुशबू बहुत पसंद है।
और इसमें हल्का रंग, हल्के हरे रंग का बहुत महत्व है। इसमें हरे रंग के कपड़े पहनें, यह शुभ रहेगा और जो कुछ भी रहेगा आपका, हरे कलर का वस्त्र है। दोस्तों, आपका कोई बंधन नहीं है। किसी भी प्रकार के वस्त्र पहन सकते हैं, लेकिन साफ-स्वच्छ होने चाहिए।
आप पजामा-कुर्ता, पैंट-शर्ट, जो भी आप चाहें, पहन सकते हैं। और जैसे स्त्रियां चाहें, अपना श्रृंगारित होकर बैठ सकती हैं। अपना पूरा श्रृंगार करके बैठ सकती हैं। आसन आपका है और सामने एक बाजोट रखना है, मतलब लकड़ी का पटरा रखना है।
उस पर आपको हल्का सा हरा, सॉरी माफ करना, हल्का सा हरा रंग का कपड़ा बिछाना है। और अगर वह कपड़ा रेशमी हो, तो बहुत अच्छा। और रेशमी हो तो उस पर चारों ओर गोटा लगा दें। इससे बहुत अच्छा माना गया है।
चंदन या फिर केवड़े की सुगंध वाली अगरबत्ती लगाएं, जिससे वातावरण को जो सुगंधित करेगा और रंजनी अप्सरा का आवाहन करना है। और प्रतिष्ठा का जो विशिष्ट उपाय है, सुगंधित रंजनी यंत्र को भोजपत्र पर या लकड़ी के बाजोट पर स्थापित करना है और जो मंत्र है, उसका 11 माला जप करना है। यंत्र पर किसी सुगंधित मतलब फूल की पंखुड़ियां बिखेर दें।
जैसे बेला और हिना का इत्र या गुलाब की पंखुड़ियां, या चमेली का फूल हुआ, जो भी आपको चाहिए सुगंधित, उसकी पंखुड़ियां आप उस यंत्र पर बिखेर दें। और इतना ध्यान रहे कि इसमें दीपक की आवश्यकता नहीं है। जब मंत्र जप करते समय अप्सरा प्रकट हो, तो उसके साक्षात उपस्थित होने पर उसे कोई आभूषण भेंट करें। आभूषण ना हो तो आप उसे जो माला आपने रखी है, वह माला आपको पहना सकते हैं।
तो सुगंधित पुष्प के, जैसे गुलाब की और चमेली के फूल की माला आप उसको उसके गले में पहनाएं। और यह एक बार में ही सिद्ध हो जाएगी। इतनी ताकतवर शक्ति है यह। तो बहुत ही आसानी पूर्वक आपको पहली बार में सिद्ध हो जाएगी।
लेकिन दोस्तों, उतावलापन नहीं होना चाहिए साधना में, इस चीज का विशेष ध्यान रखें। दिशा का कोई विधान नहीं है इसमें। और यह साधना केवल 5 दिनों की है।
और अगर किसी कारणवश आपका साधना में प्रकटीकरण नहीं हो पाए, तो इसलिए हताश ना हों। 5 दिनों की साधना है, जो सप्ताह के किसी भी दिन प्रारंभ कर सकते हैं। इसमें दिन का भी कोई बंधन नहीं है कि आप इस दिन से, किसी भी दिन प्रारंभ कर सकते हैं।
अनुभवी साधकों का यह कहना है कि वास्तव में अप्सरा साधना प्रथम बार में ही सिद्ध हो जाती है। मेरा मानना है कि रंजनी अप्सरा प्रथम बार में ही आपको सिद्ध हो जाएगी और हर एक कार्य आपका पूर्ण करेगी।
तो जो भी साधक-साधिका इस साधना को लेना चाहते हैं, जल्द से जल्द संपर्क कर लें और अपने आने वाले जीवन की हर एक समस्या का समाधान इस साधना से पा सकते हैं। और आपकी जो रहेगी रंजनी अप्सरा, यह आप इसको मित्र के रूप में भी ले सकते हैं, अपनी प्रेमिका के रूप में भी ले सकते हैं, अपनी मां के रूप में ले सकते हैं, अपनी बहन के रूप में ले सकते हैं।
तो मैं कहूंगा कि आप अगर अविवाहित हैं, आपकी शादी नहीं हुई है, तो प्रेमिका के रूप में रखें तो ज्यादा आपके लिए उत्तम रहेगी, अच्छे से कार्य करेगी आपके लिए। तो बाकी कोई जानकारी चाहिए तो चैनल पर दिए गए नंबर से संपर्क करें व्हाट्सएप पर। जय श्री महाकाल, जय श्री महाकाल