रंभा अप्सरा साधना: एक दिवसीय सिद्धि प्रयोग

जय गुरुदेव, जय महाकाली! आप सभी साधकों का हमारी वेबसाइट गुरु मंत्र साधना डॉट कॉम के इस लेख में स्वागत है। रंभा अप्सरा प्रयोग एक ऐसी साधना जो अद्भुत यौन, अद्भुत सम्मोहन शक्ति प्रदान करने वाली, इच्छाओं की पूर्ति करने वाली और प्रेमिका रूप में सिद्ध होने वाली।
रंभा अप्सरा साधना और साधकों के भय
बहुत से लोगों में एक कॉमन सा डर बना रहता है कि अप्सरा को प्रेमिका रूप में अगर सिद्ध कर लें तो विवाह में समस्या तो नहीं आएगी ? अगर प्रेमिका रूप में सिद्ध कर लें तो शादीशुदा जीवन में गड़बड़ तो नहीं होगी ? तो आपको बता दें कि अप्सरा में ऐसी कोई भी समस्या नहीं होती है।
यक्षिणी साधनाओं के विधान अलग होते हैं, लेकिन अप्सरा में आप उसको शादीशुदा होने पर भी प्रेमिका रूप में सिद्ध करेंगे तो भी शादीशुदा जीवन में प्रेम बढ़ेगा। अगर आप शादीशुदा नहीं हैं और आप अप्सरा साधना करके प्रेमिका रूप में सिद्ध कर रहे हैं, सुंदर पत्नी की प्राप्ति होगी, प्रेम करने वाली पत्नी की प्राप्ति होगी।
रंभा अप्सरा साधना में चूक के परिणाम

लेकिन साधना में अगर आपने चूक कर दी, साधना में अगर आपने कोई गड़बड़ कर दी या साधना को खंडित कर दिया तो आपसे लड़ने वाली पत्नी भी प्राप्त होगी, इसमें भी कोई संदेह नहीं है।
लेकिन साधना को सोच समझकर, पहले से प्री-प्लान करके बनाएं कि आप इतने दिन की साधना करेंगे, कोई काम तो नहीं है, आपको कोई डिस्टर्ब तो नहीं करेगा? इन सब चीजों का ध्यान रखें।
रंभा अप्सरा साधना के लाभ और विकल्प

क्योंकि लोग बड़े परेशान रहते हैं, इसलिए हम कहते हैं कि अगर अप्सरा को प्रत्यक्ष रूप में ना सिद्ध कर सकते या इतना समय नहीं है तुम्हारे पास 11 दिन, 21 दिन, 41 दिन या सवा लाख मंत्र जप अनुष्ठान करने की क्षमता नहीं है, तो एक दिवसीय प्रयोग कर लिया करो अप्सरा से संबंधित।
उससे होगा क्या ? आपके जो स्वभाव है, जो आपका व्यक्तित्व है, उसमें सम्मोहन शक्ति आएगी। चमत्कारिक रूप से आपका जो उम्र है वो आपकी उम्र से कम दिखने लगेगी, आपमें नवीनता आ जाएगी।
सिर्फ मन में नहीं, तन में भी बहुत चमत्कारिक आपका व्यवहार हो जाएगा। लोग आपकी बातों को जो इग्नोर करते थे, वे लोग भी आपकी तरफ आकर्षित होंगे। ये अप्सरा साधना के प्रभाव हैं, इसमें मतलब कोई अलग से ऐसी बात नहीं है, सामान्य अप्सरा साधना में ये होता ही है।
रंभा अप्सरा साधना सिद्धि की विशेषताएं

अप्सरा की विशेषता यह है कि अगर उसको प्रेमिका रूप में आपने सिद्ध कर लिया है तो जीवन पर्यंत उसके मंत्र से उसका आवाहन करने पर आपके कार्य सिद्ध कर देती है और प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध होने पर तो व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। हालांकि, अप्सरा साधना सतत अलग-अलग विधि से एक वर्ष तक की जाए तो सिद्धि हो ही जाती है।
साधना की विधियां

अलग विधि से कैसे ? तो अलग विधि से आपने दिशा का चयन कर लिया, आप दिशा बदल दें। दक्षिण को छोड़कर तीनों दिशाओं में अलग-अलग साधना कर सकते हैं, अलग-अलग अनुष्ठान कर सकते हैं। कपड़ों में आप उससे संबंधित जैसे इस साधना में गुलाबी वस्त्र, पीले वस्त्र पहने जा सकते हैं, सफेद वस्त्र पहने जा सकते हैं, तो अलग-अलग वस्त्रों के साथ आप उसको पहन सकते हैं।
मुख्य रूप से गुलाबी वस्त्र पहने जाते हैं अप्सरा साधना में। इसके साथ और स्थान का परिवर्तन कि आप अन्य किसी स्थान पर जाकर साधना या प्रयोग कर रहे हैं, तो स्थान को भी आप बदल सकते हैं।
लेकिन अगर आपके पास परमानेंट एक ही कमरा है जहां पर आप साधना कर सकते हैं और आपके अलावा वहां कोई नहीं जाएगा, तो फिर स्थान बदलने की आवश्यकता नहीं, फिर उसी में करें कि आपके अलावा कोई नहीं जाता।
लगता है कि इस बार आपने साधना की, फिर उसके बाद आपको रूम छोड़ना पड़ेगा, घर परिवार वाले आते-जाते रहते हैं, तो फिर आप स्थान चेंज करें बार-बार, उससे आपको ज्यादा लाभ होगा।
लेकिन अगर परमानेंट है जहां पर आपके अलावा कोई नहीं जाएगा, भले चार महीने, 10 महीने भी साधना करें तो दिक्कत नहीं, तो फिर आप वहां पर करें। एक अनुष्ठान कंप्लीट हो, दूसरा अनुष्ठान ले लें।
रंभा अप्सरा साधना के अलौकिक अनुभव

साधनाएं और उनके प्रभाव ऐसे हैं कि कभी-कभी जब हम साधना में बैठते ना, तो हमारे साथ जो घटनाएं होती हैं, हम खुद आश्चर्यचकित हो जाते हैं कि ऐसा कैसे हुआ। क्योंकि वो शक्तियां हैं, वो हमारी सोच से बहुत परे है, बहुत परे।
वो बहुत एडवांस हैं, एडवांस लाइजेशन, वे एडवांस हैं। तो वो हम जो नहीं सोचते उससे ज्यादा है। क्योंकि हमने जो चीजें देखीं, हम जिन चीजों को देखते हैं, जिनसे बात करते हैं, सामान्य सी हो गई सारी चीजें।
लेकिन जब विशेष शक्तियों की साधना करते हैं तो बहुत सारी ऐसी घटनाएं होती हैं जो चमत्कारिक रूप से प्रसन्न कर देती हैं मन को। क्योंकि शक्ति का, नई शक्ति का सामने आना या फिर उसके द्वारा आपको एक नया अनुभव देना, बहुत अलौकिक अनुभव होते हैं।
साधकों द्वारा की जाने वाली सामान्य गलतियां
साधना में इन चीजों का बड़ा महत्व है। लेकिन दिक्कत कहां हो जाती है सामान्य साधकों के लिए? अपनी साधना के बारे में या तो बहुत सारे लोगों को बता देते हैं।
हमने कई लोगों को देखा है कि वे लोग फोन करते हैं कि हमने हमारे गुरु जी से फलां साधना ली है, हम कर रहे हैं लेकिन अनुभव नहीं हो रहे।
हम बोले, कहां से अनुभव होंगे? तुमने तुम्हारे गुरुजी से साधना ली, पहला अनुष्ठान भी तुम्हारा कंप्लीट नहीं हुआ और तुमने हमें बता दिया।
भाई क्यों बता रहे हो? मैं तुम्हारी साधना पर और गुरु पर तुम्हें विश्वास नहीं है तो सिद्ध कैसे होगी? उसने तो तुम्हारी पहले ही परीक्षा ले रखी और जब हमें बताया तो तुमने 10 और लोगों को फोन लगाकर बताया होगा।
भाई, वो तो आपको कम से कम साधना के दो, चार, पांच, दस अनुष्ठान हों, उसके बाद भी आपको लग रहा है अनुभव नहीं हो रहा, जबकि मैंने अनुष्ठान अच्छे से किए हैं, सही मंत्र, नियम पालन करके किए हैं, उसके बाद भी कुछ नहीं हो रहा है, तब आप उसकी चर्चा करें किसी अन्य से, अपने गुरु से, अगर उसका समाधान नहीं हो रहा तो किसी अन्य गुरु से चर्चा करके उस संबंध में राय लें तो बात अलग है।
चलती साधना में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। हम लोग जब साधना में बैठते हैं, हम किसी को नहीं बताते। पारिवारिक सदस्यों को भी मालूम नहीं होता कि हम क्या कर रहे हैं। वो लोग बस है कि ठीक है पूजा चल रही है, सामान्य पूजा चल रही है। नहीं पता होता कि कोई साधना चल रही है, कुछ चल रहा है।
तो बहुत सारे लोग बखान कर देते हैं, सबके सामने बखान कर देते हैं। नहीं करना चाहिए। ऐसे में आप अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारते हैं, समय भी खराब होता है और साधना भी सिद्ध नहीं होती।
फिर गुरु को दोष देते हैं, मंत्र को दोष देते हैं, साधना को दोष देते हैं और सनातन को दोष देते हैं। तो भाई, ना धर्म की गलती है, ना गुरु की गलती है, ना मंत्र की गलती है, गलती सभी आपकी है। आंख बंद करके यदि विचार करोगे कि क्या-क्या गलतियां की हैं, सब सामने आ जाएगी।
रंभा अप्सरा साधना एक दिवसीय प्रेमिका सिद्धि प्रयोग
चलिए विषय वस्तु पर आते हैं। प्रेमिका रूप में इसको सिद्ध किया जाता है, रंभा अप्सरा साधना है। आप इसको 11 दिन, 21 दिन जैसा करना चाहें वैसा कर सकते हैं। लेकिन एक दिन की साधना यह करनी चाहिए अगर आप इसके तत्व को, इसकी कृपा को जीवन में उतारना चाहते हो तो एक दिन की साधना भी इसकी की जा सकती है।
रंभा अप्सरा साधना हेतु सामग्री और तैयारी
किसी भी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को रात्रि 11 बजे के बाद की यह साधना है। गुलाबी वस्त्र, आसन, पूर्व या उत्तर मुखी हों। स्नान के पश्चात पुराने कोई वस्त्र या किसी को ना छुएं, सीधे गुलाबी वस्त्र धारण करके, आसन गुलाबी हो।
बहुत से लोग कहते हैं साहब, आसन कहां से लाएं इतने कलर के? तो कोई बात नहीं, जो आसन हो उसके ऊपर गुलाबी कपड़ा बिछा लो। एक बाजोट सामने रखो जो आपकी नाभी से ऊपर हाइट हो, नहीं हाइट हो तो नीचे ईंट वगैरह लगा लो, कोई सामान लगाकर उसको हाइट दे दो।
अब लोग बहुत से लोग पूछते हैं बाजोट क्या होता है? बाजोट मतलब लकड़ी का वह पटिया जिसके ऊपर सामग्री रखी जाती है।
उसके ऊपर एक तांबे की प्लेट रखो और उसमें अप्सरा, रंभा अप्सरा सम्मोहन यंत्र को और अप्सरा माला को भी वहां पर भी कपड़ा बिछा देना है। प्लेट में एक अलग प्लेट में माला रखो, एक अलग प्लेट में यंत्र रखो।
रंभा अप्सरा साधना मंत्र और पूजन विधि
पहले अपना पवित्रीकरण, आचमन करो। घी का या चमेली के तेल का दीपक प्रज्वलित करो। इत्र खुद भी लगाना है चमेली का तो ज्यादा बढ़िया और अपने आसपास भी छिड़कें। हो सके तो एक माला खुद धारण कर लें, एक यंत्र के आसपास लपेट। यंत्र को स्नान करवा लें सामान्य जल से, उसके बाद कुमकुम, चावल, केसर, फल, अक्षत आदि से उसका पूजन करें। पूजन के पश्चात 51 माला मंत्र का जप करना है। मंत्र को नोट करिए, आगे की प्रोसेस बताते हैं:
यह संपुट बीज मंत्र है। 51 माला जप आपका मंत्र जप हो जाए, उसके बाद आपके बाएं हाथ या उल्टे हाथ में, लेफ्ट हैंड में यंत्र को दबा लें और खड़े होकर एकदम सामने दीवार हो तो दीवार पर त्राटक करते हुए, कोशिश करें त्राटक करने की, बहुत से लोगों को प्रैक्टिस नहीं, कर पाते। त्राटक करते हुए 15 मिनट तक फिर मंत्र जप करें और उसके बाद वापस यंत्र को उसके यथा स्थान रख दें।
रंभा अप्सरा साधना प्रयोग समाप्ति के बाद की प्रक्रिया
मिठाई का भोग लगाएं और प्रयोग समाप्ति जब आपकी हो जाती है उसके बाद 11 दिन तक उस माला को गले में धारण करके रखें। ग्यारहवें दिन रात्रि को या बारहवें दिन यंत्र और माला को पवित्र नदी, सरोवर, जल में विसर्जित कर दें।
यह इसका रंभा अप्सरा सिद्धि का चमत्कारिक एक दिवसीय प्रयोग है। मंत्र जप तो एक ही दिन करना, बाकी माला धारण करना है, तो आप इसके लाभ ले सकते हैं। आप चाहें तो इस प्रयोग को कितने भी दिन आगे बढ़ा सकते हैं, 11 दिन, 21 दिन, 41 दिन, आपके ऊपर है।
निष्कर्ष और अन्य सेवाएं
चलिए आज के लिए इतना ही। जो लोग जीवन में विभिन्न समस्याओं से परेशान हैं लेकिन समझ में नहीं आया कि जीवन संघर्ष क्यों है, उन्हें अपनी कुंडली विश्लेषण या ऑरा स्कैनिंग जरूर करवानी चाहिए।
कुंडली विश्लेषण के लिए अपना नाम, जन्म तारीख, समय और स्थान नीचे दिए गए नंबर पर, तो राइट हैंड, माता बहनें हो तो लेफ्ट हैंड। कुंडली विश्लेषण शुल्क ₹500, ऑरा स्कैनिंग शुल्क ₹500। चलिए आज के लिए इतना ही। जय गुरुदेव, जय महाकाली!