Pari sadhna vs Apsara sadhna परी और अप्सरा में क्या अंतर है कौंन जायदा शक्तिशाली pari apsara sadhna

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pari sadhna vs apsara sadhna परी और अप्सरा में क्या अंतर है कौंन जायदा शक्तिशाली pari apsara sadhna- GurumantraSadhna.com में आप सबका फिर से स्वागत है। आज का हमारा विषय रहेगा हमारी साधना और अप्सरा साधना को लेकर रहेगा, कौन सी साधना हमें करनी चाहिए, कौन सी साधना सर्वश्रेष्ठ है, इस विषय में हम बात करेंगे। पहले हमने अप्सरा और यक्षिणी के बारे में वीडियो बनाया था, आज हम बना रहे हैं अप्सरा और परी के बारे में।

देखिए, जो अप्सरा है और परी है, एक ही, लगभग दोनों एक जैसी चीजें होती हैं। इनमें ज्यादा कोई फर्क नहीं है। पहले हम बताते हैं अप्सरा। अप्सरा एक दैविक साधना है। यह सनातन धर्म की साधना है। वहीं पर जो परी होती है, यह मुस्लिम धर्म में आती है, यह मुस्लिम धर्म की साधना होती है।

तो इनमें यह फर्क होता है। अप्सरा साधना को भी प्रेमिका रूप में किया जाता है, परी को भी प्रेमिका रूप में ही किया जाता है। इसमें कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है।

अप्सरा साधना को करने के लिए थोड़ा सा कर्मकांड की जरूरत पड़ती है, लेकिन परी साधना में कोई कर्मकांड, कुछ नहीं, जीरो। अप्सरा साधना के जो मंत्र हैं, वो निष्कीलित हैं और जो परी साधना के मंत्र हैं, वह भी निष्कीलित हैं।

उनके लिए कीलन-कूलन कुछ करने की जरूरत नहीं। अप्सरा साधना अगर कोई व्यक्ति कर लेता है, ठीक है, तो गलती करने पर, बड़ी गलती करने पर, उसको भयानक दंड भोगना पड़ता है।

और यही जो परी साधना है, इसमें अगर आप गलती करते हो, ठीक है, उसमें आपको परी श्राप दे सकती है, आपको श्रापित कर सकती है। श्राप देने के बाद, श्रापित होने के बाद, आपकी जिंदगी खराब हो जाएगी पूरी तरीके से।

इनमें यह फर्क है। परी साधना जैसे मुस्लिम साधना होती है, ठीक है, तो इनके लिए जो कवच हम लगाते हैं, आयतुल कुर्सी लगाते हैं और दुरूद शरीफ लगाते हैं।

और वहीं ही अप्सरा साधना के लिए आप जो कवच लगाते हो, ठीक है, वो आप वज्र कवच लगा सकते हैं या फिर आप हनुमान जी का कोई भी, बजरंग बाण या कोई भी, पढ़ के आप लगा सकते हैं घेरा।

अप्सरा का जो स्थान है, या तो धरती पर रहती है या तो स्वर्ग पर रहती है, लेकिन जो परी होती है, यह कोह-क़ाफ़ में रहती है। परी का एक क्षेत्र निर्धारित होता है, उस क्षेत्र के बाहर वह काम नहीं करती। तो जो अप्सरा साधना है, इसका कोई क्षेत्र नहीं है।

कहीं पर भी आ-जा सकती है, कहीं पर भी आपका काम कर सकती है। सबसे जल्दी सिद्ध होने वाली जो साधना है, वह परी है। अप्सरा साधना सिद्ध होने में समय लेती है।

अप्सरा साधना करने वाले की जो बॉडी है, उससे गुलाब की खुशबू आती है। वहीं जो परी साधना करता है, तो उससे चमेली की खुशबू आती है। यह भी इसमें फर्क होता है। दोनों ही साधना घर के अंदर की जा सकती हैं।

अगर एकांत जगह में करोगे, तो उसका ज्यादा बेनिफिट है। जो परी साधना है, ठीक है, इनमें जो फर्क होता है, फर्क किस चीज का होता है, ये, आज के लिए बस इतना ही। जय श्री महाकाल। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया हो, तो हमें जरूर बताएं।