Overthinking ओवरथिंकिंग कैसे खत्म करें विस्तार सहित जानेंगे

men's black jacket

Overthinking ओवरथिंकिंग कैसे खत्म करें विस्तार सहित जानेंगे मैंने Overthinking से अपने जीवन के बारे में कई तार्किक निष्कर्ष बना लिए हैं पर मुझे ये कैसे पता लगेगा कि कब ये Overthinking मुझे ज़रूरत से ज़्यादा सोचने की ओर धकेल रहा है मैं खुद को ज़रूरत से ज़्यादा सोचने से कैसे रोकूं क्योंकि कई बार इससे काम टालने की आदत पड़ जाती है ?

देखिये, मान लीजिये आप ड्राइव कर रही हैं, और आप आगे विंडशील्ड से देखने की बजाय, शीशे में देखती हुई जा रहीं हैं पीछे देखने वाले शीशे में, तो मुझे लगता है आप रिवर्स गेयर में ड्राइव कर रही हैं, ना कि टॉप गियर में। 

हैलो? तो, ये सब Overthinking वाली बकवास आपको अंग्रेज़ों से मिली है, वो इसे लेकर आये थे। आपको अंग्रेज़ों से मिली है, वो इसे लेकर आये थे। क्योंकि, देखिये, आप अपनी ही बकवास को समझने की कोशिश कर रहीं हैं। ये इस तरह काम नहीं करेगा। 

अगर आप इसे एक दूरी पे बनाकर रखेंगे, तो आप साफ़ जान लेंगी कि ये क्या है आपको इसके बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। ये कुछ ऐसा है। मान लीजिये, आज रात, आपको दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट लेनी है। आपको जाना है।

 तो, आपका फ्लाइट टाइम नज़दीक आ रहा है पर एक बड़ा ट्रैफिक जाम लगा है। आपको ट्रैफिक जाम कैसा लगेगा अरे रे रे! बुरा लगेगा न भले ही आप अपनी सपनों की कार में बैठीं हो ठीक है? 

अब किसी तरह आप एयरपोर्ट पहुँच गयीं प्लेन में बैठ गयीं और वो उड़ चला अब आप ऊपर पहुंची और फिर नीचे देखा अभी भी जाम लगा था अब ये कितना सुंदर लग रहा है सफ़ेद रौशनियां, लाल रौशनियाँ और उनकी लाइन सच में सुन्दर होता है क्या आपने ये देखा है?

 हाँ हुआ ऐसा है कि थोड़ी सी दूरी हो गई है, है ना? एक बार थोड़ी सी दूरी बन जाए अब ये समस्या नहीं है आप जान लेंगे कि इसे कैसे संभालना है और बड़ी अनुभूतियाँ इसी तरह हुई हैं देखिये अभी भी मैं जानता हूँ कि आप एक इंजीनियर हैं। 

पर अगर मैं आपको इस स्टेज पर इधर से उधर चलने को कहूं और पता लगाने को कहूं कि ये धरती गोल है या फ्लैट तो आपका अनुभव क्या होगा? फ्लैट फ्लैट! है ना? फ्लैट। ये बहस और हज़ार साल तक चलती रहती ये बंद हुई क्योंकि हम महासागरों की यात्रा करने लगे तब हम देख पाए ये गोल लग रही है फिर हमने उड़ना शुरू किया तो आकार साफ़ नज़र आने लगा फिर हम गए और चाँद पर जाकर खड़े हुए और नीचे देखा अब ये 100% स्पष्ट था जब तक हम धरती पर चल रहे थे इतनी आसन सी चीज़ नहीं देख पा रहे थे है ना?

 ये वही बात है आपके मन की प्रकृति आपके जीवन के उन उपकरणों की प्रकृति, जो शरीर और मन हैं योग में हम शरीर और मन नहीं देखते एक भौतिक शरीर है और एक मानसिक शरीर है क्योंकि मन यानी दुर्भाग्य से ये यूरोपियन आईडिया है कि मन यहाँ बैठा है नहीं असल में आप किसी चीज़ को मन कहते हैं क्योंकि उसमे एक ख़ास मात्रा में बुद्धि और याददाश्त है इसलिए आप उसे मन कह रहे हैं, है न? 

क्या आपको याद है कि 5 पीड़ी पहले आपकी परदादी कैसी दिखती थीं? नहीं पर उनकी नाक आपके चेहरे पर बैठी है हाँ या ना? लाखों साल पहले आपके पूर्वज कैसे थे अब तक आपकी त्वचा की कोशिकाओं को ये याद है कि उनकी त्वचा का रंग कैसा था हाँ या ना? तो आपके शरीर की हर कोशिका में उससे अरबों गुना ज़्यादा यादें हैं। 

जितना भी आपका दिमाग संभाल सकता है हां या ना? अभी हम सबसे जटिल केमिकल फैक्ट्री की बात कर रहे थे अगर आप देखें, कि डीएनए का एक मॉलिक्यूल एक मिनट में जितने काम कर रहा है इस धरती के सारे कारखाने मिलकर नहीं कर सकते इस दुनिया के सारे कम्प्यूटर्स और सुपर कम्प्यूटर्स उतना काम नहीं कर सकते ये इस तरह से काम कर रहा है। 

तो क्या ये सारे सिस्टम में फ़ैला है हाँ या ना? कम से कम आपका न्यूरोलॉजिकल सिस्टम हर जगह फैला है ये आप देख सकते हैं तो मन एक जगह नहीं है मन का एक शरीर है यादों का एक शरीर है भौतिकता का एक शरीर है ऊर्जा का एक शरीर है तो अगर आप बस अपने एक ही हिस्से को देखें और लगातार उसमें ही खेलते रहें और आपको नहीं पता कि बाकी चीज़ों को कैसे चलाया जाये और वो चीज़ें बस यूँही तुक्के से काम कर रहीं हैं ये कुछ ऐसा है कि, जैसे कोई हैंड ब्रेक लगे में गाड़ी चला रहा हो! 

बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता उन्हें लगता है थ्रॉटले दबाते जाओ जबते जाओ ये चलती जाएगी नहीं इसमें आग लग सकती है कार में आग लग सकती है अगर आप अगर तोड़ चालू तो हाय ना अभी ज़्यादातर लोग ऐसे ही हैं

 क्योंकि वो किसी स्कूल या कॉलेज में आ गए हैं उनकी तार्किक बुद्धि तेज़ चलने लगी है और हर तरह बाहरी जानकारियों से और इससे हर तरह के काम कर रहे हैं आत्मनिरीक्षण आत्म चिंतन कौन किस पर आत्म चिंतन कर रहा है ये सारे के सारे पश्चिमी विचार हैं, जिन्होंने मानवता को बहुत पीड़ा पहुंचायी है बहुत ज़्यादा मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया उन जानकारियों का नतीजा है

 जिन्हे आपके द्वारा इकट्ठा किया है और उन्हें आप कैसे देखते हे है की नही? अगर आप उसे थोड़ा दूर रख दें तो उसका आप पर कोई असर नहीं होगा जब आपको ज़रूरत है, उसका इस्तेमाल करें जब ज़रूरत नहीं, तो उसे अलग रख दें पर अभी, लोग सोचते हैं कि वे हर वक़्त सोच रहे है जिसे Overthinking कह रही हैं मैं माफ़ी चाहता हूँ 

अगर मैं आपका किसी तरह से मजाक बना रहा हूँ मेरा ऐसा कोई मकसद नहीं है आप जानती हैं ये एक तरह का मानसिक दस्त है! ये बस चलता ही जा रहा है आप इसे हर तरह के नाम दे रहे हैं पर असल में देखिये सोचना मतलब आप सजग होकर अपनी विचार प्रक्रिया को एक ख़ास दिशा में ले जाना चाहते हैं उसे सोचना कहते हैं अगर ये हर वक़्त चलती रहती है तो इसे दस्त कहते हैं, है न?

 तो आपको दोनों के बीच का अंतर पता होना चाहिए क्या ये एक जागरूक विचार प्रक्रिया है या बस ऐसे ही बेकाबू भाग रही है ये बहुत ज़रूरी है। तो Overthinking मतलब जीवन का पीछे देखने वाला शीशा आप एक युवा लड़की हैं लेकिन अगर आप Overthinking करती रहीं तो आपको अभी से लगने लगेगा कि आप बहुत लंबा जी चुकी हैं हाँ!

 सबसे बड़ी समझदारी की बात लोग ये सोचते हैं शेक्सपियर ने कहा था मैं रहूँ या ना रहूँ ये सवाल सबसे बुद्धिमानी भरा सवाल समझ जाता है मुझे बताइयेगा अगर आप आनंद में होते आप सोचते कि मैं रहु या ना रहु केवल आगर आप दुखी हो तो केवल जब आप जीवन को बोझ समझ रहे हों तभी आप ये सोचेंगे कि रहें या ना रहें, है ना? 

तो कई तरह से, आपका आतमचिंतन चाहे आप इसे छोटे स्तर पे करें या बड़े स्तर पे ये मानसिक बीमारियों की जड़ है क्योंकि आप उस कूड़ेदान में समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे आप अपना मन कहते हैं वहां है क्या? 

सिर्फ वही, जो आपमें पांच इंद्रियों के माध्यम से आया है कुछ नहीं अगर आप कुछ नया ढूंढ रहे हैं तो मैं आपको ये बता दूँ आप कंप्यूटर इंजीनियर हैं बनने वालीं हैं right बन चुकी हैं? बनने वाली हूँ क्या आपका कंप्यूटर, उसमें डाली गयी जानकारी से आगे कुछ भी कर सकता है? ऐसा ही आपके मन के साथ भी है ये एक गणना की प्रक्रिया है शायद उन कम्प्यूटर्स से कहीं ज़्यादा जटिल जिन्हें आप चला रहीं हैं पर असल में ये एक गणना वाला काम ही है बिना जानकारी के ये काम नहीं करता तो अगर आपको वो जानकारी पता है

 अगर आपने ही सॉफ्टवेयर लिखा है आपको उसकी जानकारी पता है तो आपको पता होगा कि ये क्या कर सकता है और क्या नहीं तो आत्मचिंतन क्या करना है तो क्या मैं ज़्यादा सोच रही हूँ या आत्मचिंतन कर रही हूँ दोनों की ज़रूरत नहीं है आपको स्पष्टता से चीज़ों को देखने की ज़रूरत है अगर आप किसी चीज़ को देखें उसे उतनी ही स्पष्टता से देख सकें जैसी सच में वो है किसी चीज़ के लिए आत्मचिंतन आत्मचिंतन करने की ज़रूरत नहीं है एक बार मैं फिर से आपको ये याद दिला रहा हूँ आप अभी युवा हैं पर ये ठीक है न?

 मैं ये नहीं कह रहा कि आप बच्ची हैं मैं कह रहा हूँ अभी आप एक युवा लड़की हैं वैसे मेरी नज़र में आप बच्ची ही हैं तो मैं मैं बस आपको ये बता रहा हूँ देखिये किसी की ज़िन्दगी कितनी लंबी है अगर आपके अनुभव के संदर्भ में बात करें ना कि उम्र के आपने कभी इसपर गौर किया? किसी एक दिन आप बहुत खुश हैं 24 घंटे एक पल जैसे निकल जाते हैं ये सच है ना?

 किसी और दिन आप थोड़े डिप्रेस हैं 24 घंटे हज़ार साल जैसे लगते हैं हाँ? तो सिर्फ दुखी लोग लम्म्म्बी ज़िन्दगी जी सकते हैं अगर आप आनंद में हैं, तो ये पूरी हो जाती है इससे पहले कि आप समझ पाएं कि क्या हो रहा है इससे पहले कि आप समझ पाएं ये किस बारे में है अंतिम संस्कार! हाँ, मैं ऐसा फ़ील करता हूँ जैसे मैं परसों ही पैदा हुआ था और देखिये मुझे तो प्रॉब्लम ये है हम अपनी ज़िन्दगी को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं आत्म मंथन से, नैतिकता से, मूल्यों, विचारों, फिलॉसोफी, धारणाओं, रोल मॉडल से इससे और उससे नहीं इनकी ज़रूरत नहीं है

 जो होना चाहिए वो ये कि ये जीवन उमंग से भरा हुआ हो ये अपनी सर्वोच्च संभावना तक पहुंचे ये चमक उठे अगर आप हर वक़्त चमकते रहें तो शारीरिक रूप से आप बढ़िया रहेंगे आपकी प्रतिभा खिल उठेगी सब कुछ बढ़िया होगा और क्या दुनिया में भी ऐसा ही होगा? नहीं दुनिया कभी भी 100% वैसी नहीं चलेगी जैसा आप चाहते हैं क्योंकि आप आप तीनों युवा हैं इसलिए मैं आपको ये बता रहा हूँ 

और यहाँ बहुत से युवा हैं मैं आप सब को बता रहा हूँ क्योंकि आपमें से कइयों ने ये सपना संजो रखा होगा कि आपको एक आदर्श इंसान मिलेगा आपके जीवन में एक परफेक्ट इंसान लड़का या लड़की जो भी मैं आपके रोमैंस को ख़त्म करने की कोशिश नहीं कर रहा बस इतना बता रहा हूँ कि आपको गहरी निराशा होगी क्योंकि यहाँ कई लोग कह रहे हैं कि वो मथुरा से हैं कृष्ण सबसे अद्भुत पुरुष उनकी पत्नियां हमेशा शिकायत करती रहतीं थी 

इसलिए नहीं कि उनमें कुछ गलत था क्योंकि इस सृष्टि की प्रकृति ही ऐसी है कि दुनिया में कोई भी ठीक वैसा नहीं हो सकता जैसा कि आप चाहते हैं। हां या ना? तो एक ऑप्शन है ये एक व्यक्ति आप इस इंसान को वैसा बना सकते हैं जैसा आप चाहते हैं 

अगर आप ये एक चीज़ कर लें तो इन सब चीज़ों की ज़रूरत ही क्या है? आपको बस इतना ही करना चाहिए आप एक इंजीनियर हैं आपको थोड़ी सी इंजीनियरिंग करनी चाहिए इनर इंजीनियरिंग ताकि ये वाला बिलकुल वैसा ही काम करे जैसा आप चाहते हैं दुनिया के लिए हम अपना बैस्ट करेंगे