ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र: शत्रुओं पर विजय और हर बाधा का अंत

ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र: शत्रुओं पर विजय और हर बाधा का अंत
ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र: शत्रुओं पर विजय और हर बाधा का अंत

ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र: शत्रु विजय, हर बाधा का नाश और सफलता का महा उपाय – क्या आप अपनी लाइफ में बार-बार आने वाली परेशानियों से तंग आ चुके हैं ? क्या आपको ऐसा महसूस होता है कि कोई अनदेखी ताकत आपके बनते हुए काम बिगाड़ रही है ? या फिर, आपके दुश्मन आपको बेवजह परेशान कर रहे हैं और आप खुद को हेल्पलेस फील कर रहे हैं ?

अच्छा तो, अगर इन सवालों का जवाब ‘हाँ’ है, तो भाईसाहब, आज आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसी महाशक्ति की, एक ऐसे चमत्कारी मंत्र की, जिसके जाप मात्र से बड़े से बड़े शत्रु भी घुटने टेक देते हैं और जीवन की हर बाधा काफूर हो जाती है। जी, हम बात कर रहे हैं माँ बगलामुखी के महाशक्तिशाली मंत्र की।

यह कोई मामूली मंत्र नहीं है, जनाब। यह दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या, माँ पीताम्बरा का वो अस्त्र है जो अचूक है। इस लेख में, हम आपको इस मंत्र के बारे में सब कुछ, बिलकुल सरल शब्दों में बताएँगे। तो, चलिए शुरू करते हैं, क्या कहते हो?

 अरे भाई, आखिर कौन हैं ये माँ बगलामुखी ?

देखो, किसी भी मंत्र की शक्ति को समझने से पहले, उस देवता के स्वरूप और उनकी कथा को समझना बहुत ज़रूरी है, है ना? तो, माँ बगलामुखी कौन हैं?

पुराणों में एक बड़ी ही इंट्रेस्टिंग कहानी आती है। सतयुग में एक बार ब्रह्मांड में एक ऐसा भयंकर तूफ़ान आया कि पूरी सृष्टि में हाहाकार मच गया। ऐसा लगता था जैसे सब कुछ तबाह हो जाएगा। इस विनाश को देखकर सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु भी चिंतित हो गए।

उन्होंने सौराष्ट्र (आज के गुजरात) में हरिद्रा नामक सरोवर के किनारे बैठकर माँ शक्ति को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या शुरू की। उस तपस्या के तेज से, मंगलवार की चतुर्दशी को, आधी रात के समय, उस सरोवर से एक पीली आभा के साथ माँ शक्ति एक देवी के रूप में प्रकट हुईं। सुनो तो, उन्होंने ही भगवान विष्णु को आश्वासन दिया कि वो इस विनाश को रोक देंगी।

चूँकि वो पीली आभा और हल्दी (हरिद्रा) के सरोवर से प्रकट हुई थीं, इसीलिए उन्हें पीताम्बरा भी कहा जाता है। और भाई, उन्होंने अपनी शक्ति से उस पूरे तूफ़ान को, उस विनाश को एक पल में ‘स्तंभित’ कर दिया, यानी कि रोक दिया, फ्रीज कर दिया। बस, इसी स्तंभन शक्ति की देवी का नाम है बगलामुखी

उनका स्वरूप कैसा है? माँ पीले वस्त्र पहनती हैं, उनके आभूषण पीले हैं, उन्हें पीली चीज़ें ही पसंद हैं। उनके एक हाथ में गदा होती है और दूसरे हाथ से वो शत्रु की जीभ पकड़कर खींच रही होती हैं। यह सिम्बॉलिक है, समझे ? इसका मतलब है कि वो दुष्टों की बोलने की शक्ति, उनकी तर्क शक्ति और उनकी  बुद्धि को ही खत्म कर देती हैं। अरे वाह भई, कमाल की शक्ति है! आप माँ बगलामुखी के बारे में विकिपीडिया पर और पढ़ सकते हैं।

 ॐ ह्लीं बगलामुखी मंत्र: क्या है यह महामंत्र ?

जी, अब आते हैं मुद्दे की बात पर। बगलामुखी साधना में कई मंत्रों का प्रयोग होता है, लेकिन जो सबसे प्रमुख और शक्तिशाली मंत्र है, वो इस प्रकार है:

ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।

अरे बाप रे! देखने में थोड़ा बड़ा और कठिन लग रहा है, है ना? पर घबराइए नहीं। इसका एक छोटा और बहुत ही पॉवरफुल बीज मंत्र भी है।

बीज मंत्र: ह्लीं

हाँ जी, सिर्फ एक शब्द – ह्लीं। यह माँ बगलामुखी का बीज मंत्र है। यूं कहें तो, इस एक शब्द में ही उनकी पूरी शक्ति समाई हुई है। जो लोग बड़े मंत्र का जाप नहीं कर सकते, वो सिर्फ ‘ह्लीं’ का जाप करके भी अद्भुत लाभ पा सकते हैं।

 इस चमत्कारी बगलामुखी मंत्र का मतलब क्या है ?

अच्छा सुनो, किसी भी मंत्र को जब आप उसके अर्थ के साथ जपते हो, तो उसका असर कई गुना बढ़ जाता है। तो चलो, इस मंत्र के गहरे मीनिंग को समझते हैं।

  • ॐ: यह तो ब्रह्मांड की आदि ध्वनि है, इसके बिना कोई मंत्र पूरा नहीं होता।
  • ह्लीं: यह माँ बगलामुखी का बीज मंत्र है, जो स्तंभन और आकर्षण की शक्ति रखता है।
  • बगलामुखी: यह माँ का संबोधन है।
  • सर्वदुष्टानां: यानी कि ‘सभी दुष्टों की’। इसमें सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि नेगेटिव विचार, बुरी आदतें और बुरी किस्मत भी शामिल है।
  • वाचं मुखं पदं स्तम्भय: अरे देखो, इसका मतलब है ‘वाणी (बोलने की शक्ति), मुख और पैरों को स्तंभित कर दो’, यानी रोक दो, जड़ कर दो।
  • जिह्वां कीलय: ‘जीभ को कील दो’। मतलब, जो आपके खिलाफ बुरा बोलते हैं, उनकी ज़बान पर ताला लगा दो।
  • बुद्धिं विनाशय: उनकी विनाशकारी बुद्धि का नाश कर दो। भाई, जब दुश्मन की सोचने-समझने की शक्ति ही खत्म हो जाएगी, तो वो आपका बुरा कैसे करेगा? सही है न?
  • ह्लीं ॐ स्वाहा: मंत्र को समाप्त करने और शक्ति को ब्रह्मांड में समर्पित करने की प्रक्रिया।

तो भाई, कुल मिलाकर यह मंत्र एक प्रार्थना है कि, “हे माँ बगलामुखी, मेरे सभी शत्रुओं (अंदर और बाहर के) की वाणी, मुख और गति को रोक दो, उनकी जीभ को कील दो और उनकी विनाशकारी बुद्धि का नाश कर दो।”


 बगलामुखी मंत्र जाप के अद्भुत फायदे (Benefits of Baglamukhi Mantra)

अरे वाह भई, अब आते हैं सबसे रोमांचक हिस्से पर! इस मंत्र को जपने से मिलता क्या-क्या है? देखो ना, फायदे इतने हैं कि गिनते-गिनते थक जाओगे। मैं आपको कुछ मेन बेनिफिट्स बताता हूँ:

  • शत्रुओं पर विजय (Victory over Enemies): यह तो इसका सबसे बड़ा फायदा है। अगर आपके गुप्त या खुले दुश्मन हैं, जो आपको परेशान करते हैं, तो यह मंत्र उनके लिए काल के समान है। वो आपका बुरा करना तो दूर, आपके बारे में सोच भी नहीं पाएँगे।
  • कोर्ट-कचहरी और मुकदमों में सफलता (Success in Legal Cases): अगर आप किसी झूठे कोर्ट केस में फँस गए हैं या किसी कानूनी लड़ाई को जीतना चाहते हैं, तो यह मंत्र आपके लिए वरदान है। सच बताऊँ, यह वकील की दलीलों और जज के फैसले को भी आपके पक्ष में मोड़ सकता है।
  • करियर और बिजनेस में तरक्की (Growth in Career and Business): ऑफिस में पॉलिटिक्स से परेशान हैं ? या बिजनेस में कॉम्पिटिटर आपको आगे नहीं बढ़ने दे रहे? तो भाई, यह मंत्र आपके रास्ते की हर रुकावट को हटाकर आपके करियर को एक नई उड़ान देता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र-मंत्र से बचाव (Protection from Negative Energy): क्या आपको लगता है कि किसी ने आपके ऊपर कुछ करवा दिया है या आपके घर में नेगेटिविटी है? यह मंत्र एक ऐसा सुरक्षा कवच बना देता है कि कोई भी ब्लैक मैजिक या बुरी नज़र आपको छू भी नहीं सकती।
  • परीक्षा और इंटरव्यू में सफलता (Success in Exams and Interviews): यह मंत्र आपकी बुद्धि और वाणी को इतना प्रखर बना देता है कि आप किसी भी परीक्षा या इंटरव्यू में आत्मविश्वास के साथ सफलता पाते हैं। यह आपकी याददाश्त को भी तेज करता है।
  • कर्ज से मुक्ति और आर्थिक लाभ (Freedom from Debt): अगर आप कर्ज में डूबे हैं या पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं, तो माँ पीताम्बरा की कृपा से आपके लिए धन के नए रास्ते खुलने लगते हैं।
  • वाणी की शक्ति (Power of Speech): जो लोग इस मंत्र का जाप करते हैं, उनकी वाणी में एक अजीब सा तेज और सम्मोहन आ जाता है। लोग उनकी बात सुनते हैं और मानते भी हैं। मानते हो न ?

 बगलामुखी मंत्र साधना की सही विधि क्या है ?

अजी, यह बहुत ज़रूरी सवाल है। देखो भाई, यह एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है, इसलिए इसकी साधना पूरे नियम और अनुशासन के साथ करनी चाहिए। यूँ कहें तो, आप एक एटम बम को डिफ्यूज करने जा रहे हो, तो सावधानी तो बरतनी पड़ेगी, है ना?

साधना से पहले क्या तैयारी करें ?

  • सही समय: इस मंत्र का जाप शुरू करने के लिए गुरुवार (बृहस्पतिवार) का दिन सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा, नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि या किसी भी शुभ मुहूर्त में इसे शुरू कर सकते हैं।
  • दिशा: जाप करते समय आपका चेहरा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • वस्त्र और आसन: आपको पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पीले रंग के ऊनी आसन पर ही बैठना चाहिए।
  • माला (Rosary): इसके जाप के लिए ‘हल्दी की माला’ का ही प्रयोग किया जाता है। यह बहुत ज़रूरी है, इसे नोट कर लो।
  • पूजा की सामग्री: अपने सामने एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर माँ बगलामुखी की फोटो या यंत्र स्थापित करें। पीले फूल, पीली मिठाई (जैसे बेसन के लड्डू), पीले फल और धूप-दीप तैयार रखें।

 जाप कैसे शुरू करें और कितना करें ?

  1. शुद्धिकरण: सबसे पहले नहा-धोकर खुद को शुद्ध कर लें। पूजा की जगह को भी गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
  2. संकल्प: अब हाथ में थोड़ा जल, अक्षत (चावल) और एक फूल लेकर संकल्प लें। संकल्प का मतलब है कि आप अपना नाम, गोत्र बोलकर माँ को बताएं कि आप यह जाप किस इच्छा (जैसे शत्रु शांति) के लिए, कितनी संख्या में और कितने दिन तक करेंगे। फिर जल को जमीन पर छोड़ दें।
  3. गुरु और गणेश पूजन: भाई, सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें ताकि आपकी साधना बिना किसी विघ्न के पूरी हो। उसके बाद अपने गुरु का ध्यान करें और उनसे आज्ञा लें।
  4. मंत्र जाप: अब हल्दी की माला पर मंत्र का जाप शुरू करें। ॐ ह्लीं बगलामुखी... वाले बड़े मंत्र का या सिर्फ ह्लीं बीज मंत्र का।
  5. कितना जाप करें?: देखो, अगर आप किसी विशेष मकसद के लिए अनुष्ठान कर रहे हैं, तो आमतौर पर सवा लाख मंत्रों का जाप किया जाता है। लेकिन अगर आप रोज़ाना करना चाहते हैं, तो कम से कम 1, 3, 5 या 11 माला रोज़ कर सकते हैं। क्या समझे?
  6. आरती और क्षमा प्रार्थना: जाप पूरा होने के बाद माँ की आरती करें और पूजा में या जाप में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
 मंत्र जाप करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?

भाईसाहब, यह इस लेख का सबसे इम्पोर्टेंट पार्ट है। इसे बहुत ध्यान से पढ़ना।

  • गुरु का मार्गदर्शन: सच कहूँ तो, बगलामुखी जैसी तीव्र साधना हमेशा किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करनी चाहिए। उनके बिना इसमें खतरा हो सकता है।
  • ब्रह्मचर्य का पालन: जितने दिन भी आपकी साधना चले, आपको पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मन, वचन और कर्म, तीनों से।
  • गलत इरादा न रखें: इस मंत्र की शक्ति का उपयोग कभी भी किसी निर्दोष को परेशान करने या किसी का बुरा करने के लिए नहीं करना चाहिए। वरना इसका उल्टा असर आप पर ही हो सकता है, समझे?
  • सात्विक भोजन: साधना के दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा जैसी तामसिक चीज़ों से बिलकुल दूर रहें।
  • गोपनीयता: अपनी साधना के बारे में किसी को ढिंढोरा न पीटें। इसे जितना गुप्त रखेंगे, उतना ही अच्छा फल मिलेगा।
  • बीच में न छोड़ें: आपने जितने दिन या जितनी संख्या का संकल्प लिया है, उसे पूरा ज़रूर करें। बीच में साधना को अधूरा न छोड़ें।
 निष्कर्ष: आपकी हर समस्या का एक आध्यात्मिक हल
 

तो भाई, देखा आपने? माँ बगलामुखी का मंत्र कोई साधारण मंत्र नहीं, बल्कि यह तो एक महा-अस्त्र है। यह आपके जीवन की दिशा बदल सकता है। यह सिर्फ आपके बाहरी दुश्मनों को ही नहीं, बल्कि आपके अंदर के डर, आलस, नेगेटिव विचारों जैसे दुश्मनों को भी खत्म कर देता है।

लेकिन एक बात हमेशा याद रखना, प्रभु की लीला भी कुछ होती है। मंत्र एक टूल की तरह है, एक साधन है। असली शक्ति तो आपकी श्रद्धा, आपके विश्वास और आपकी भक्ति में है। जब आप पूरे दिल से, पूरी पवित्रता से माँ की शरण में जाते हैं, तो वो आपकी मदद ज़रूर करती हैं।

अगर आप जीवन में ऐसी किसी भी बाधा से परेशान हैं जिसके बारे में हमने ऊपर बात की, तो एक बार माँ पीताम्बरा की साधना करके देखिए। आपको जो अनुभव और जो रिजल्ट्स मिलेंगे, वो शायद आपने सोचे भी नहीं होंगे। सही है न?

जय माँ बगलामुखी!

क्या ख़याल है? इस जानकारी से आपको मदद मिली न? बताओ ज़रा!

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Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/