नीम के पत्ती से शत्रु का विनाश neem ke patte se shatru ka vinaash

नीम के पत्ती से शत्रु का विनाश neem ke patte se shatru ka vinaash अगर व्यक्ति आपको बहुत पेरशान कर रहा और सब रास्ते बंद है तब यह प्रयोग को करे बिना वजह किसी को नुकसान पहुँचाने का इरादा न रखें। कोई भी तांत्रिक प्रयोग बिना गुरु की सलाह के न करे । हमारे देश में नीम को न सिर्फ औषधीय माना गया है, बल्कि इसे नकारात्मक ऊर्जा से बचाने वाला भी कहा गया है। पुराने जमाने से नीम के पत्ते कई तांत्रिक और लोक प्रयोगों में इस्तेमाल होते आए हैं — खासकर तब, जब कोई व्यक्ति खुद को शत्रु बाधा से घिरा महसूस करता है।
क्यों खास है नीम ?
नीम में एक अजीब-सी शक्ति मानी जाती है – इसकी कड़वाहट और तेज गंध ऐसी होती है जो बुरी शक्तियों को दूर भगाने का काम करती है। कुछ लोगों का मानना है कि ये शत्रु की सोच और चाल को कमजोर कर सकती है।
कुछ पुराने लोक प्रयोग
शत्रु का नाम नीम की पत्तियों पर लिखना:
सिंदूर या कोयले से शत्रु का नाम लिखकर उन पत्तों को मिट्टी में दबा दिया जाता है। मान्यता है कि जैसे-जैसे पत्ते सूखते हैं, शत्रु की शक्ति भी कमजोर होती जाती है।नीम की धूनी या हवन:
नीम की सूखी पत्तियों से धुआं बनाकर घर में घुमाया जाता है। इससे बुरी ऊर्जा दूर होती है – ऐसा लोग मानते हैं।नीम की कील:
नीम की लकड़ी से बनी एक कील को खास मंत्रों से सिद्ध कर शत्रु के घर के पास लगाया जाता है। इसे शांति भंग करने का प्रतीक माना जाता है।
कौन-सा मंत्र जपा जाता है?
इन उपायों के दौरान आमतौर पर देवी बगलामुखी का यह मंत्र बोला जाता है:
“ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।”
यह मंत्र उन लोगों के लिए है जो खुद को बहुत परेशान और असहाय महसूस करते हैं।
आख़िर में बात साफ़ है…
इन सब चीजों का मकसद किसी को नुकसान पहुँचाना नहीं होना चाहिए। हम नीम के तांत्रिक पक्ष को एक लोक परंपरा या सांस्कृतिक परछाईं के तौर पर समझ सकते हैं। अगर कोई वाकई परेशानी में है, तो शांति और आत्मबल बढ़ाने के लिए योग, ध्यान और प्रार्थना ज्यादा बेहतर रास्ते हैं।
🙋♂️ सवाल उठता है — क्या हम नफरत से शांति पा सकते हैं? शायद नहीं। लेकिन खुद को मजबूत बनाकर ज़रूर पा सकते हैं।