नाभि दर्शना अप्सरा साधना विधि एक विस्तृत मार्गदर्शन

नाभि दर्शना अप्सरा साधना विधि एक विस्तृत मार्गदर्शन
नाभि दर्शना अप्सरा साधना विधि एक विस्तृत मार्गदर्शन

कई लोगों के मैसेज आए कि आप एक बार नाभि दर्शन अप्सरा पर पुनः लेख लिख दीजिए। वैसे तो नाभि दर्शन लेख का, नाभि दर्शन अप्सरा का जो लेख है, वो हम गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम वेबसाइट पर दे चुके हैं। लेकिन फिर भी कई लोगों के मैसेज आए थे कि एक बार फिर से बना दिया जाए तो हमने सोचा कि इस वेबसाइट पर आप लोगों को दे देते हैं लिखकर।

 और जिन लोगों को और भी लेख, जो नए साधक हैं, जो नए लोग यहां पर जुड़े हुए हैं, वो गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम वेबसाइट से जाकर पुराने लेखों में काफी सारी साधनाएं हैं जिनको सर्च कर रहे हैं, वहां से आप ले सकते हैं।

 यहां पर आज पुनः साधना दे रहे हैं, इससे पूर्व हम हमारी उस वेबसाइट पर दे चुके हैं। इस दिन इसका विशेष मुहूर्त है क्योंकि चंद्र ग्रहण है। रात्रि को 11:30 से 3:30 बजे तक मुहूर्त है। चंद्र ग्रहण करने से बड़े लाभ हैं। इसके दोनों ही प्रयोग बताएंगे जो आपको आर्थिक, आध्यात्मिक और प्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेंगे।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना के अभूतपूर्व लाभ

जबरदस्त साधना जिसको करने से व्यक्ति के निराश जीवन में उमंग आ जाती है, यौवन बढ़ने लगता है। स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकते हैं, उनका सौंदर्य बढ़ता है, उनकी जो कामुकता है, बढ़ती है, उनकी जो वशीकरण, सम्मोहन शक्ति है, वह बढ़ती है, धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं। कोई रोग आदि है, उसमें सहायता मिलती है, उसे ठीक होने में सहायता मिलती है, उसमें मदद मिलेगी। बहुत जबरदस्त और शक्तिशाली साधना, कोई भी साइड इफेक्ट नहीं।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना  की प्रक्रिया और सफलता की अपेक्षाएं

 

नया हो या पुराना, हम यह नहीं कहते कि एक ही दिन में इसका प्रत्यक्षीकरण हो जाएगा क्योंकि साधना तो एक ही दिन की करना है आपको सूर्य-चंद्र ग्रहण में। और इसके बाद आप जब इसको साधना को आगे बढ़ाएंगे तो वो एक अलग विषय होगा, उसमें गुरु दीक्षित होना बहुत जरूरी है।

 लेकिन किस्मत का कोई ठीक नहीं, अगर आपके पूर्व पुण्य अच्छे हों, अच्छे योग हों तो हो सकता है आपको वो एक दिन में प्रत्यक्षीकरण हो भी जाए। ना भी हुआ तो चिंता की बात नहीं, इसके जो शुभ फल आपको प्राप्त होना है, वो तो अगले कई महीनों तक आपको होते ही रहेंगे।

 प्रत्यक्षीकरण होता है तो वचनबद्ध हो जीवन पर्यंत सखी रूप में या मित्र रूप में आपकी सहायता करती है। तो बहुत प्रभावशाली साधना है। सिद्ध होने के बाद कभी भी एक माला यंत्र के सामने मंत्र जाप करेंगे और अपना उनसे चित कार्य प्रकट करेंगे तो अगर वो प्रत्यक्ष रूप से नहीं सिद्ध हुई तो भी आपका काम करेगी और अगर प्रत्यक्ष रूप से सिद्ध हो गई तो भी सामने आकर काम करेगी। 

जब आपको मंत्र आदि की विधि कंठस्थ हो जाए तो माला जप की आवश्यकता भी नहीं है, कहीं पर भी हाथ-पैर धोकर बैठ जाओ, 100 बार मंत्र का जाप कर लें तो आपकी कार्य सिद्धि करेगी। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हर प्रकार से बहुत प्रभावशाली साधना है।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना – सफलता के लिए दृढ़ता का महत्व

 

और अब तक हमारे पास जो पुराने वरिष्ठ गुरु भाइयों के गुजरात से या अन्य किसी जगह से फोन आए हैं, लगभग उन सभी ने सद्गुरुदेव से जब दीक्षा प्राप्त की थी तो नाभि दर्शन अप्सरा की ही की थी और उनके चौथे या पांचवें प्रयास में यह उनको सिद्ध हो गई थी।

 खैर, उन लोगों के पास पहले इतना गाइडेंस नहीं था क्योंकि फोन वगैरह नहीं थे कि गुरुजी से बार-बार संपर्क हो सके, लेकिन फिर भी उन्होंने चार या पांच प्रयास में नाभि दर्शना के प्रत्यक्ष दर्शन किए थे। 

जिनमें से गुजरात के एक गुरु भाई थे, उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से दर्शन किया लेकिन सबसे पहले सवाल सिद्ध कर लेते हैं तो कोई दिक्कत नहीं, वो कभी भी नुकसान नहीं पहुंचाएगी। ठीक है? तो क्यों अप्सरा है, उसको उससे कोई लेना-देना है, आपकी एक पत्नी हो कि कुछ भी हो, उससे मतलब नहीं। उनको तो उन्होंने यह चांस गंवाया। 

ऐसी कई घटनाएं, कई लोगों के फोन आए। तो दोबारा उन्होंने खूब प्रयास किया लेकिन वो चीज नहीं हो पाई। तो कुछ फिर अलग तरीके से हमने रास्ते बताएं जहां से वो प्रयास कर रहे हैं।

 

मानसिक तैयारी और नाभि दर्शना अप्सरा साधना की नींव

 

तो होता क्या है कि साधनात्मक पथ में आपको मानसिक रूप से बहुत अच्छे से तैयार होना पड़ता है। शक्ति कब सामने आ जाए, हो सकता है एक बार में आ जाए, हो सकता है 10 बार में। इससे पहले हमने एक गुरु भाई का लिंक भी डाला था, उन्होंने 75वीं बार में यक्षिणी को सिद्ध किया था, 75 बार साधना की थी। तो प्रयास करने से सिद्धि जरूर मिलती है। 

जिस प्रकार आप किसी बच्चे को स्कूल में बिठाते हैं तो उसे नौकरी तक पहुंचते-पहुंचते सालों लग जाते हैं, तो फिर साधनात्मक दृष्टि में हम यह क्यों सोचें कि पहले ही अटेम्प्ट में क्लियर कर लेंगे? हमें यहां पर थोड़ी सी मेहनत क्यों चला है ?

 तो ऐसा विश्वास होगा तब जाकर उसको आपके अनुभव बढ़ेंगे। आप दूसरे में भी इसी कॉन्फिडेंस के साथ, इसी आत्मविश्वास के साथ करोगे तब कहीं जाके आप कुछ उसमें दर्शन ले सकते हो या अनुभव को बढ़ा सकते हो। 

तो हो सकता है आपका भाग्य अच्छा हो तो एक बार में हो जाए या थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़े लेकिन भाव के साथ अगर आप मेहनत कर रहे हैं, ज़िद के साथ कर रहे हैं, हठयोगी साधना कर रहे हैं, साधना सिद्ध होती है। 

इससे पहले हम मुद्राओं के बारे में भी काफी कुछ बता चुके हैं, विस्थापन मुद्रा, आवाहन मुद्रा, गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम वेबसाइट पर भी जो लेख लिखे थे वहां पर भी हमने मुद्राओं की जानकारी दे दी है। उनके माध्यम से उनको बुलाना, उनको स्थापना करना, उनको प्रसन्न करने की मुद्राएं बताई हैं, वो करना चाहिए। तो वो करके और फिर आगे बढ़ेंगे तो लाभ मिलेगा।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना में ज्योतिष का महत्व

 

कुंडली में जिन लोगों की चंद्रमा की स्थिति बहुत अच्छी होती है, पंचम भाव में बैठा हो, किसी बुरे ग्रह की दृष्टि ना हो, तो मित्र की दृष्टि हो तो और जल्दी प्रत्यक्षीकरण के योग होते हैं। तो कुंडली विश्लेषण जरूर करवा लेना चाहिए। 

कोई दोष आदि हों तो उनका पता चल जाए ताकि आप निवारण कर पाएं। कहते हैं ना कि कोई शत्रु और पता चल जाए तो उससे बच के रहें, वैसे ही सबसे बड़े जो आपके जीवन के शत्रु हैं, आपकी कुंडली के दोष हैं। तो आप पहले उनसे निवारण पाएं और फिर साधना चाहिए।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना गुरु के मार्गदर्शन का पालन

 

हम बहुत से लोगों को फोन आते हैं, हम बोलते हैं कि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति खराब है, आप शनि प्रसन्न साधना कर लीजिए, उसके बाद दूसरी साधना करना। लेकिन पता नहीं उन्हें क्या कीड़ा रहता है, फिर मैसेज करेंगे 10 बार, साधना कर लें, हम यह साधना कर लें, वो साधना कर लें। 

तो फिर हम जवाब नहीं देते हैं क्योंकि एक बार समझाने पर अगर व्यक्ति को समझ नहीं आता तो उसको 10 बार भी समझाओ, उससे कोई मतलब नहीं, समय खराब होगा। तो जब एक बार हम बोल रहे हैं कि आपको पहले यह साधना करनी चाहिए तो उसको एक फोकस करो, क्यों भटक रहे हो ? 

हमारे अनुभव से ही बोल रहे हैं ना। तो फिर ऐसे लोगों को समझाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता, इसीलिए हम फिर डबल उनको मैसेज नहीं करते, ना ही उनका मैसेज चेक करते हैं।

 

विश्लेषण और संपर्क के लिए निर्देश

 

ठीक है? बहुत से लोग सुबह से फोन लगाते हैं जबकि सबको पता है कि जो फोन पर बात करने का समय है, दिन में 11 से 4:00 बजे तक ही है। कई लोगों को फोन रात को आते, साल हमें दिन में टाइम नहीं मिलता। 

तो क्या कर सकते हैं, रात में हमारे पास टाइम नहीं होता है। आप अपनी छुट्टी के दिन कॉल कर लीजिए। कुछ इमरजेंसी है तो मैसेज डाल दीजिए, हम चेक करके रिप्लाई कर देंगे। तो ऐसी सारी चीजें हैं। 

जो लोग अपना कुंडली विश्लेषण करवाना चाहते हैं, अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म का समय और जन्म स्थान नीचे दिए गए नंबर पर व्हाट्सएप करें। इस नंबर पर कुंडली विश्लेषण शुल्क ₹500 डालकर उसका स्क्रीनशॉट व्हाट्सएप कर दें। 

जिन लोगों की कुंडली नहीं है, वे हस्तरेखा के लिए सर से पैर तक की फोटो भेजें, सीधे हाथ की हथेली की फोटो, पुरुष हैं तो, स्त्री हैं तो उल्टे हाथ की हथेली की फोटो, जिसमें हाथ की रेखाएं स्पष्ट दिखें। 

फोटो खींचते समय तीन चीजें, तीन चीजों के बिना, एक फोटो, ₹1100 डाल के उसका स्क्रीनशॉट… हमने एक मणिपुर चक्र विधान स्तोत्र भी दी है गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम वेबसाइट पर, वहां जाकर देख लें और प्रतिदिन उसका एक पाठ करिए। 

हालांकि उसकी पूरी विधि है उसको सिद्ध करने की, लेकिन एक पाठ भी प्रतिदिन करते रहेंगे तो जीवन को खूब आनंद आएगा। किसी भी साधना पद्धति को, आप सबसे पहले अपने दैनिक पूजन में ऐसी साधना पद्धति ऐड कर लीजिए।

 कुंडली विश्लेषण से हम बता ही देते हैं क्या-क्या करना है जिससे कि अगले 6 महीने में आपका जीवन स्तर बहुत अच्छा होने लग जाए। जितना ज्यादा करते जाएं, उतना बढ़ता जाए। तो ऐसे ही हमेशा साधना लेखों को अपना के अपने जीवन स्तर को सुधारना चाहिए, तब जाकर आपका प्रत्यक्षीकरण के लिए जो पर्याप्त औरा बनना चाहिए, आपका वह प्राप्त कर पाएंगे।

 आपके पास पर्याप्त औरा नहीं है प्रत्यक्षीकरण के लिए तो शक्ति सामने होते हुए भी आप देख नहीं सकते, उसके लिए दिव्य मंडल की आवश्यकता होती है।

 

मुख्य नाभि दर्शना अप्सरा साधना विधि – मुहूर्त और तैयारी

 

स्नान आदि के पश्चात आप उत्तर मुख होकर बैठ जाएं आसन पर। एक पीला कपड़ा बिछा लें, स्वयं भी पीले वस्त्र धारण कर लें। सद्गुरुदेव का या आपके जो भी गुरुदेव हैं, उनकी तस्वीर रखें, उनका पंचोपचार पूजन करें। फिर एक ताम्र प्लेट में नाभि दर्शन महायंत्र स्थापित करें, उनका भी विधिवत पूजन करें, पंचोपचार पूजन करें और जो अप्सरा माला है, उसका भी पूजन करें। 

पूजन करने के पश्चात हाथ में जल लेकर संकल्प लें। आपको स्क्रीन पर, आप चेक कर लीजिए ताकि आपको दिक्कत ना आए। डिटेल, “मैं… अमुक… गोत्र… यह साधना सिद्ध करना चाहता हूं जिससे वह जीवन भर मेरे वश में रहे और मुझे प्रिया की भांति सुख, आनंद, ऐश्वर्य प्रदान करे।” जल भूमि पर छोड़ दें। एक दीपक घी का, अप्सरा के सामने पूरे साधना काल में जलता रहे।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना मंत्र

 

ॐ ऐं श्रीं दर्शना अप्सरा प्रत्यक्षं श्रीं ऐं फट्।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना  माला का महत्व

यह माला से जाप करें। ठीक है? क्यों नहीं बोला हमने लाल चंदन? क्यों नहीं बोला हमने हकीक? क्यों नहीं बोला? इसलिए कि हर माला को एक अलग तरीके से तैयार किया जाता है। मान लीजिए किसी माला में, जैसे वीर साधना होती है, उसमें तीन तरह के मोतियों की माला बनती है, सामान्यतः मार्केट में उपलब्ध नहीं होती है।

 विशेष माला, विशेष संकल्प के साथ ही सिद्ध की जाती है जिससे आपको लाभ हो। इसलिए सही माला का प्रयोग करना। ठीक है?

नाभि दर्शना अप्सरा साधना जाप के दौरान और बाद की प्रक्रिया

आगे बढ़ते हैं। इस साधना में 21 माला जाप करने हैं वहीं रखकर और रात्रि को वहीं विसर्जन करें। साधना जाप के समय घुंघरू की आवाज आए, किसी के होने का एहसास हो तो आप डिस्टर्ब ना हों। आप चाहें 21 माला से ज्यादा मंत्र जाप करना तो भी कर सकते हैं। 

और जब आपको एहसास हो कि कोई और है, आप अपना काम करते रहें। यदि शक्ति प्रत्यक्ष हो जाए तो नीचे रखी हुई माला उसे पहना दें और जो जाप की माला है, उसे स्वयं पहन लें। और एक-दो फूल माला रखनी हैं आपको, एक तो अप्सरा को पहना दें, एक खुद पहन लें।

 अगर प्रत्यक्ष नहीं होती, केवल आभास होता है तो एक माला आप यंत्र के ऊपर पहना दें, अप्सरा वाली। जिससे आपने जाप किया, वो गले में पहन लें और फूल वाली माला भी गले में पहन लें।

 

 वचन कैसे लें?

 

और मानसिक रूप से ही ध्यान करें कि मुझे पता है आप यहां पर प्रसन्न हैं, आप यहां पर उपस्थित हुई हैं तो आप मुझे वचन दीजिए कि मैं जब भी बुलाऊंगा, एक माला मंत्र जाप करके या सौ बार मंत्र पढ़कर, आप अवश्य आएंगी, जो काम आपसे निवेदन करूंगा। 

वह आप करेंगी और मित्र या सखी रूप में सदैव मेरे साथ रहकर मेरे कार्य सिद्ध करेंगी, मेरी तरक्की करवाएंगी, हर प्रकार से धन-ऐश्वर्य से युक्त रखेंगी, यौवन-सौंदर्यता से युक्त रखेंगी, उत्तम स्वास्थ्य से मुझे युक्त रखेंगी। इस प्रकार बोलकर और जल छोड़ दें। जल हाथ मिले जाएगा।

 

नाभि दर्शना अप्सरा साधना सिद्ध होने के बाद

 

फिर जब भी आपको कोई काम हो, एक माला मंत्र जप… यंत्र को, माला को छुपा के रखें। किसी और साहब ने, बॉक्स में पैक करके अपनी ऐसी जगह रखें जहां कोई छुए भी ना, जैसे की परछाई ना पड़े क्योंकि घर में लेडीज़ का टाइमिंग वगैरह आता है, उनकी परछाई पड़ती है तो ऐसे में अशुद्ध मानी जाती है शास्त्रों में।

 तो आप उसको अलग रखें। और फिर जब भी हो, मुंह-हाथ धो के, स्नान करके बैठ जाएं, उसको सामने रखकर एक माला जाप करके अपनी इच्छित मनोकामना उनके सामने प्रकट कर दें। चाहे वो प्रत्यक्ष हों, चाहे ना हों, तो आपके अवश्य ही वो कार्य को सिद्ध करती हैं। चलिए, आज के लिए इतना ही। जय गुरुदेव, जय महाकाली

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Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/