नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव | nabhi Darshana Apsara Sadhana Anubhav

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव | nabhi Darshana Apsara Sadhana Anubhav
नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव | nabhi Darshana Apsara Sadhana Anubhav

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव | nabhi Darshana Apsara Sadhana Anubhav  मित्रों जय श्री महाकाल जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि नवरात्रि काल अब बीत चुका है तो इन नवरात्रि के समय में तीन साधकों ने मुझसे संपर्क किया था और तीनों ने ही अलग-अलग साधनाएं मुझ से प्राप्त की थीं।

इसी में से एक साधक हैं जिन्होंने नाभि दर्शना अप्सरा की साधना इस नवरात्रि काल में संपन्न की और न ही संपन्न की, इन्हें सिद्धि भी प्राप्त हुई। नाभि दर्शना अप्सरा के प्रत्यक्ष दर्शन हुए।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव – साधक की पहचान और प्रारंभिक यात्रा

साधक के विषय में ज्यादा तो नहीं बता सकता क्योंकि साधक ने मुझसे कहा है कि इनका नाम गुप्त रखा जाए, लेकिन केवल इतना बता दूं कि यह जो साधक है, यह मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और अच्छे खासे घराने से ताल्लुकात हैं। यानी कि बड़ी फैमिली है इनकी और बहुत ही नामचीन व्यक्ति हैं।

तो साधक की बहुत पुरानी इच्छा थी कि इन्हें नाभि दर्शना अप्सरा की सिद्धि प्राप्त हो और मुझसे संपर्क करने से पहले साधक ने लगभग कई प्रकार के तांत्रिकों से भी संपर्क किया था और कई प्रकार की साधनाएं भी इन्होंने कीं।

जिसमें से इन्होंने अघोर काली की भी साधना संपन्न की है और अघोर काली की कृपा इनके ऊपर थी लेकिन नाभि दर्शना अप्सरा की सिद्धि इन्हें नहीं प्राप्त हो पा रही थी।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव – दीक्षा और साधना की शुरुआत

तो साधक ने मुझसे संपर्क किया था इस नवरात्रि काल से पहले, और नवरात्रि काल में ही साधक को मैंने नाभि दर्शना अप्सरा के सिद्ध मंत्र की दीक्षा दी और इन्हें संपूर्णता सारी जानकारी भी प्रदान की।

इसी जानकारी के अनुसार, जैसा कि मैंने इन्हें बताया कि आपको ऐसे ही साधना करनी है उसी अनुसार इस साधक ने नवरात्रि काल में ही साधना की।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव की पहली लहर

इस साधना काल के दौरान पहले ही दिन जब साधक ने मंत्र जप आरंभ किया तो यह जो मंत्र था यह थोड़ा उग्र था और तांत्रिक मंत्र था। नाभि दर्शना अप्सरा का, तो साधक के शरीर में गर्मी बहुत ही बढ़ने लगी।

पहले ही दिन जब साधक ने साधना संपन्न की तो अगले दिन सुबह को साधक ने मुझसे संपर्क किया और इन्होंने कहा कि मेरे शरीर में जो गर्मी है वह बहुत ही बढ़ रही है।

तभी इन्हें मैंने कुछ प्रयोग बताए, इन्होंने किए और फिर इनके शरीर की गर्मी शांत हुई। एक प्रकार से इन्हें बुखार सा लगने लगा था।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव में अदृश्य शक्तियों का अनुभव

 

इस के नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव बाद साधक ने दूसरे दिन जब साधना आरंभ की तो इन्हें अपने आसपास किसी शक्ति का आभास हो रहा था, मानो कोई ऊर्जा इनके आसपास घूम रही है।

तीसरे दिन साधक ने जब साधना आरंभ की तो इन्हें पायल की आवाज़ सुनाई देने लगी।
साधक को इस घटना पर विश्वास नहीं हो रहा था। साधक को ऐसा लग रहा था मानो इन्हें मति विक्षिप्त हो रही है या फिर यह कहें कि मति भ्रम हो रहा है।

क्योंकि मंत्र थोड़ा उग्र है, मंत्र जो मैंने दिया वह तांत्रिक मंत्र था और इस मंत्र की सिद्धि मैंने स्वयं करके रखी हुई है।

तो जब साधक को मैंने गुरु दीक्षा दी तो अवश्य ही ऐसे अनुभव होना बहुत ही सामान्य सी बात है।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना  अनुभवों का क्षणिक विलुप्त होना

 

तो तीसरे दिन जब साधक को इस प्रकार से पायल की आवाज़ सुनाई देने आरंभ हुई तो साधक को इन सभी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था।और जब भी कोई साधक अपने मन में इस प्रकार के विचार रखता है तो उसकी भी कहीं ना कहीं भरपाई भी करनी पड़ती है।

जो नाभि दर्शना अप्सरा देवी हैं, उन्हें भी इनके इस प्रकार के विचार करने से हो सकता है कुछ कष्ट हुआ हो। तो अचानक से ही इन्हें अनुभव होने बंद हो गए। पूरी साधना इन्होंने बिना अनुभव के ही की।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव नवमी की रात – चमत्कारी अनुभव

लेकिन अचानक से नवमी की रात्रि को, यह जिस मंत्र की दीक्षा मैंने इन्हें दी थी और जिस मंत्र की इन्होंने साधना की थी, उसी मंत्र का यह हवन कर रहे थे।

और हवन करने के दौरान ही साधक की दिव्य दृष्टि अचानक से ही जागृत हुई।
सर्वप्रथम तो कुंडलिनी शक्ति जागृत हुई साधक की, इनके शरीर पर बाकायदा शक्ति पात हो रहा था।
साधक को संपूर्ण अनुभव प्रत्यक्ष हो रहे थे।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव दिव्य दर्शन और देवताओं की कृपा

जब इनकी कुंडलिनी जागृत हुई, इनकी दिव्य दृष्टि जागृत हुई, तो साधक ने सर्वप्रथम अपने दाई तरफ हनुमान जी को देखा। क्योंकि जो इनके पिताश्री हैं, वह हनुमान जी के बहुत ही परम भक्त हैं और हनुमान जी की सिद्धि इनके घर परिवार पर, आप कह सकते हैं, कि उनकी कृपा है।

तो इन्होंने सर्वप्रथम हनुमान जी के दर्शन किए और इन्हें यह पता लगा कि भाई, हमारे ऊपर हनुमान जी की कृपा है।

इसके बाद साधक ने दिव्य दृष्टि के माध्यम से यह देखा कि इनके पीछे माता अघोर काली खड़ी हैं।

और यह जो दृश्य इन्हें दिखाई दिया, यह एक प्रकार से माता अघोर काली का आशीर्वाद है साधक के ऊपर।

क्योंकि साधक ने बहुत पहले माता अघोर काली की साधना संपन्न करके रखी हुई है।
तो उनका आशीर्वाद भी साधक के ऊपर है।

नाभि दर्शना अप्सरा साधना अनुभव – का प्रकट होना

और जब तीसरा जो दृश्य इन्होंने देखा कि जो हवन कुंड है, उसी में से नाभि दर्शना अप्सरा धीरे-धीरे बाहर निकल रही हैं,

जैसा कि आपने फिल्मों में देखा होगा कि देवी-देवता हवन कुंड से निकलते हैं, उसी प्रकार का दृश्य इस साधक को नवमी की रात्रि को दिखाई दिया।

तो साधक ने जब इस प्रकार से दर्शन प्राप्त किए तो इन्हें बहुत ही आनंद आया, इनके आंखों से आंसू आने लगे। साधक बहुत ही भाव-विभोर हो गए।

पूर्ण विश्वास और साधना का सार

और इस प्रकार के संपूर्ण अनुभव जब साधक के साथ हुए तो इन्हें फिर पूर्णतः विश्वास हुआ साधना जगत की शक्तियों के ऊपर।

और साधक ने संपूर्णता यह जब अनुभव प्राप्त कर लिए तब इन्होंने अगले दिन मुझे अपने अनुभव के विषय में बताया।

निष्कर्ष और आपकी राय

तो मित्रों, यह इस साधक का प्रत्यक्ष अनुभव था। साधक ने नाभि दर्शना अप्सरा की साधना से ना ही अपनी कुंडलिनी शक्ति जागृत की, बल्कि इन्होंने दिव्य दृष्टि भी प्राप्त की।और इनके घर परिवार पर जिन देवताओं की कृपा है, उनके भी इस साधक ने प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त किए।

तो इस अनुभव को सुनकर आपको कैसा लगा, इस विषय में अवश्य ही मुझे कमेंट में बताएं।
और आपको क्या सीख मिली है इस अनुभव को सुनकर, इस विषय में भी अवश्य ही मुझे कमेंट में बताएं।आज के लिए इतना ही। जय श्री महाकाल।

Previous articleरंभा अप्सरा साधना: एक दिवसीय सिद्धि प्रयोग ph.85280 57364
Next articlemenka apsara sadhna मेनका अप्सरा साधना विधि विधान और परिचय
Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/