muslim maran मुसलमानी मारण मंत्र | सुलेमानी मारण मंत्र
बिस्मिल्लाहिरहमार्निरहीम कहर नायिल कहर्की कहर कहर काया कहा हारो !
( मन्त्र के आदि – अंत में प्रत्येक ११ बार दरुद् पढ़ें)
इसे पश्चिम की ओर मुंह करके इस्लामी तरीके से पूर्ण एकाग्रचित्तता से जप करें।
यह मन्त्र प्रतिदिन रात्रि या सुबह की पहली नमाज के समय एक हजार बार जप करें
और सजदा करें।
शत्रु के बालों को एकत्रित करके मोंम का एक पुतला बनाएं। मोम में कपूर
मिलाएं। इस पुतले पर बाल स्थापित करके १०८ बार मन्त्र से अभिपूरित करें। यह जब
हो जाए तो झाडू की सींक का तीर कमान बनाकर १००० बार मन्त्र से अभिपूरित करें।
अब पूर्ण मन्त्र पढ़कर ध्यान लगाकर शत्रु की छवि केन्द्रित करें और यह स्मरण
करते हुए मन्त्र पढ़ें कि शत्रु का कलेजा तीर से घायल हो रहा है। तीर पुतले पर
चलाएं; तीर जहाँ लगेगा वहाँ शत्रु को भीषण पीड़ा प्रारम्भ हो जाएगी।