Masani Meldi माता मेलडी मसानी प्रत्यक्ष दर्शन साधना और रहस्य ph. 85280 57364
guru mantra sadhna .com me आप का स्वागत है माता मेलडी के परिचय के बारे में परिचय देंगे दोस्तों माडी गुजराती का शब्द है ,माडी का हिंदी में अर्थ होता है माता माता को ही माडी कहते हैं। जो मसानी श्रेणी की शक्ति होती है , यह मिसाइल की तरह होती है यह शक्तिया साधक के सब काम करती है। कोई भी कार्य हो उचित अनउचित सब काम करती है और वो कार्य भी कम समय में करती है। मिसाइल का उद्धरण देने का कारन यह शक्ति कम समय में काम करती है , शक्ति यह नहीं देखती के सामने वाला कोण है कैसा बिलकुल मिसाइल की तरह काम करती है। अगर आप शक्ति से गलत काम भी करवाओ गए कर देंगी पर इस का फल आप को भोगना होगा कुछ समय के पश्चात् कर्मो से आज तक कोई नहीं बच पाया है। Masani Meldi माता मेलडी मसानी मैली शकितया की सवारी करती है इन्होंने भूत प्रेत मसान मंत्रिका तंत्रिका सब मैली शकितो को बकरा बना कर उस पर सवार हो गई थी Masani Meldi माता मेलडी मसानी सभी मैली शक्तिओ के स्वामी है । आगे की कथा में आप को इस बारे में विस्तार सहित जानकारी मिलेगी।
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- मेलडी माता का मंत्र
- मेलडी माता का इतिहास
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- मेलडी माता का मंदिर
Masani Meldi मेलडी माता का इतिहास – माता मेलडी मसानी उत्पति की कथा
मेलडी माता का इतिहास – सत्ययुग की समाप्ति के समय बहुत प्रतापी मायावी और मर्दानी था असुर था जिसका नाम अमरूवा था उसके अत्याचारों से कुहराम मच गया था और देवताओं का महासंग्राम हुआ था। और उसमें देवता पराजित हो गए थे। उन्होंने महाशक्ति की स्तुति की और वहां आदि शक्ति जगदंबा सिंह वाहिनी दुर्गा प्रकट हुए और उन्होंने नौ रूप धारण किए उनके साथ दसमहाविद्या और अन्य सभी शक्तियां प्रकट हुई। महा भयंकर युद्ध चला और 5000 वर्षों तक लगातार युद्ध हुआ। अपने प्राणों को संकट में देखकर भागा वह रहा में देखता है कि किसी मृत गां के देह का पिंजरा पड़ा है।
उसे लगा कि इस पिंजरे में शरण लू तो के देव देवी नजदीक नहीं आएंगे और असुर पिंजरे में समा गया देवी शक्तियां पीछा करते हुए वहां पर आए तो शत्रु के पिंजरे में जा घुसा है। सभी देव या वहीं पर ठिठक कर खड़ी हो गई मृत गां का पिंजरा अशुभ माना जाता है तब देविया सोच में पड़ गई कि इस आशुद्ध पिंजरे से दैत्य को निकालना वह भी पिंजरे में घुसकर यह तो असंभव है, और पिंजरे से बाहर निकाले बिना वध भी नहीं किया जा सकता है। ऐसी अजीब स्थिति में देवी शक्तियां मजबूरी में अपने हाथ मलने लगी हथेली पर हथेली की रगड़ से उर्जा उत्पन्न हुई। और मैल के रूप में बाहर आई श्री उमा देवी ने युक्ति लगाई और सारे मेल को एकत्र करें
मूर्ती का रूप दिया सभी देवी और देव मिलकर आदिशक्ति की स्तुति करने लगे तत्काल उस मूर्ति से आदिशक्ति वह हाथ में खंजर ले 5 वर्ष की कन्या के रूप में प्रकट हो गए। और पूछा है माताओं मुझे बताओ क्यों मेरा आव्हान किया देवियों ने सारी व्यथा कह सुनाई और सारा माजरा समझ गई।
देवियों के कहे अनुसार गाउ के पिंजरे में प्रवेश कर गई। जब उस असुर ने यह सब देखकर आश्चर्यचकित हो गया , और वहां से बाहर भागा और स्याल सरोवर में जाकर कीड़े के रूप में छिप गया कन्या स्याल सरोवर में प्रवेश करके असुर का वध किया और सब देवताओ ने जयजयकार किया और अपने धाम को लोट गए। अगर कन्या खुद उत्पन होती तो कार्य पूरा करने के पश्चात् खुद चली जाती। यहाँ पर तो उस कन्या की रचना कर आवाहन किया गया था ।
उस कन्या ने उमिया माता को पकड़ा और अपना नाम धाम और काम पूछा उमिया माता ने उन्हें चामुंडा के पास भेज दिया। सत्य हमेशा कसौटी पर कसा जाता है। और सत्य की परीक्षा होती है चामुंडा नाम कन्या को कामरूप कामाख्या विजय हेतु भेजा चामुंडा जानती थी ,कि कामाख्या तंत्र मंत्र जादू टोना और आसुरी शक्तियों की सिद्धि स्थली है। यदि यह वहां से विजय होकर लौटती है , तो अभी इनकी वास्तविक शक्ति का अंदाजा होगा फिर उसी के अनुसार नाम और काम सौंपा जा सकेगा।
कन्या काम रूप में लगे पहरे को ध्वस्त कर दिया, मुख्य पहरेदार नोरिया मसान को पराजित कर दिया। कामाख्या नगरी में प्रवेश के साथ उन्होंने देखा कि तंत्र मंत्र जादू टोना काली विद्या माया के ढेर इन सब को समझने में ही अमूल्य समय जाया हो जाएगा। उन्होंने सब को घोल बनाकर बोतल में भर लिया भूत प्रेत मंत्रीका का तंत्रिका सभी दोस्तों को बकरा बनाकर उस पर बैठकर बोतल लेकर बाहर आ गई और माँ चामुंडा पास पहुंची।
देवता दानव सब उनका जयघोष किया, चामुंडा ने कहा जिस विद्या का प्रयोग दूसरों को दुख देने के लिए होता है उसे मैली विद्या कहते हैं ,तुमने उसी मैली विद्या पर विजय पाई है। एवं समस्त शक्तियों के हस्त रगड़ से तुम्हारी उत्पति हुई है। इसलिए तुम्हारा नाम मेलडी माता होगा तुम्हारा स्वरूप कलयुग की महाशक्ति रूप के लिए हुआ है तुम कलयुग के विकार अर्थात में काम क्रोध मद लोभ मोह का नाश करने वाली शक्ति हो।
सारा संसार तुम्हें श्री मेलडी के रूप में पूजा अर्चना करेगा तुमने समस्त दुष्टो को बकरा बना दिया है अब यही तुम्हारा वाहन होगा संस्कृत में बकरे को अज कहां जाता है अज का अर्थ ब्रह्मांड होता है। बकरे के ऊपर या ब्रह्मांड के भी ऊपर विराज ने वाली आदिशक्ति हो रूप में गुजरात की भूमि तुम्हारा वा स्थान होगा। परंतु तात्विक रुप से देह धारियों की जीवनी शक्ति के रूप सारी सृष्टि में तुम्हारा बात स्थान होगा कलयुग में तुम बकरे वाली मेलडी मां घर-घर पूजी जाओगी।
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