माँ तारा साधना Tara Sadhana के लाभ Benefits of Maa Tara Sadhana
माँ तारा साधना Tara Sadhana के लाभ Benefits of Maa Tara Sadhana तारा महाविद्या एक नयी जीवन्तता, एक नये सृजन का प्रतीक रही है । यह जीवन में पूर्णता का बोध कराती है। तंत्र में तारा साधना का उद्देश्य सदैव सम्पूर्णतः पाना ही रहा है। इसीलिये इस महाविद्या की साधना जीवन में पूर्णत: की प्राप्ति के उद्देश्य के लिये ही की जाती रही है।
चाहे ऐसी पूर्णता का संबंध भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिये हो, चाहे फिर उनका संबंध आध्यात्मिक उच्चता प्राप्त करना रहा हो। तारा साधना से भौतिक रूप में समस्त प्रकार की सुखं, समृद्धि और शक्ति सहज ही प्राप्ति हो जाती है ।
ठीक इसी प्रकार इस साधना के माध्यम से परमात्मा का दिव्य साक्षात्कार पाना भी सहज एवं संभव हो जाता है। तंत्र में माँ तारा को सदा तारने वाली (मोक्ष प्रदायक ) माना गया है । इसीलिये इनका ‘तारा’ रूप में नामकरण हुआ है। तारा अर्थात् जो जीवन के भव बंधनों से तार दे ।
माँ अपनी शरण में आने वाले अपने भक्तों की सभी तरह की भयंकर विपत्तियों से रक्षा करती है। इसलिये इनका एक नाम ‘उग्र तारा’ भी है। यह अपने साधकों को वाक्शक्ति और अद्भुत बौद्धिक क्षमता प्रदान करती है । अत: इन्हें ‘नील सरस्वती’ भी कहा जाता है।
इन्होंने अपने अभियोदय साथ ही हयग्रीव नामक एक राक्षस का संहार किया था । यह शव पर प्रत्याली मुद्रा में आरूढ़ रहती है। तारा महाविद्या अपने साधकों को बृहस्पति के समान विद्वता और यश – भोग प्रदान करने वाली है।
यह साधकों के शत्रुओं का भी सहज ही नाश कर डालती है। इतना ही नहीं, यह मोक्ष प्रदान करने वाली भी है। इसलिये माँ तारा का यशोगान तांत्रिकों, मांत्रिकों से लेकर जैन तंत्र साधकों, बौद्ध तंत्र उपासकों और भारत से लेकर नेपाल, तिब्बत, चीन,जापान तक सर्वत्र देखने को मिलता है ।