Wednesday, February 5, 2025
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लीलावती अप्सरा साधना lilavati Apara sadhna ph.85280 57364

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लीलावती अप्सरा साधना lilavati Apara sadhna ph.85280 57364 आज साधना को मैं देने जारहा हूं मैं पूर्ण भौतिक सुख साधनों केलिए जान जाति है और शीघ्र ही फलिबुत होने वाली है साधना बहुत ही शक्तिशाली और संपन्न कहीं जाति है

इस साधना को संपन्न करने से जीवन में हर प्रकार का ऐश्वर्या और सुख साधन प्राप्त होता है जो की सहजता से मिलने लगता है साथ ही इस साधना को करने से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति उत्पन्न होने लगती है किसी भी कार्य के लिए जय तो उसे निरसा नहीं होना पड़ता अर्थात उसके प्रत्येक कार्य में सिद्धि प्राप्त होने लगती है

प्रत्येक कार्य बने लगता हैं प्रत्येक गृहस्ती व्यक्ति को तो एक बार जीवन में इस साधना को अवश्य ही संपन्न करना चाहिए जिससे की ग्रस्त सुख का पूर्ण आनंद लेते हुए जीवन व्यतीत कर सके यदि आप देखने में सुंदर नहीं तो आपको भी ये साधना निश्चित करनी चाहिए क्योंकि साधना को करने से आपके अंदर आकर्षण शक्ति का विकास होगा और आपके प्रत्येक कार्य बने लगेंगे यदि कोई व्यक्ति हैं भावना से ग्रस्त है कोई उसको पूछता नहीं है

समाज में या परिवार में उसकी कोई वैल्यू नहीं है जिसके करण वह हैं भावना ग्रस्त हो गया है तब ऐसे में इस साधना को संपन्न कर स्वयं में आकर्षण शक्ति को जगाया जाता है और लोगों के बीच में अपने आप को लोकप्रिय बनाने का साधन प्राप्त होता है और जिससे व्यक्ति की सभी के बीच में पूछ होने लगती है वह सभी का chheta बन जाता है और साथ ही इस साधना के प्रभाव से धीरे-धीरे आपकी रंग रूप में भी निखार आने लगता है

लीलावती अप्सरा साधना मंत्र:– lilavati Apara sadhna ph.85280 57364

।। ॐ हूं हूं लीलावती कामेश्वरी अप्सरा प्रत्यक्षं सिद्धि हूं हूं फट् ।।

lilavati Apara sadhna अप्सरा साधना साधना विधि 

बात करते हैं तो पीले या लाल पूजा के समय देवी को अर्पण करना है चित्र रखे उसको या फिर यंत्र रखें उसको पुष्प हार आपको रखना है गुलाब के पुष्प का एक हार  आपको रखना है दो हर प्रतिदिन रखिएगा एक हर पूजा के समय देवी को अर्पण करना है

चित्र रखे उसको या फिर यंत्र रखें उसको दूसरा हर यदि इस साधना कल के दौरान जब भी देवी प्रकट होगी उसी दिन आपको अर्पण कर देना है साधना का विधान मूलतः है चंद्र ग्रहण के समय में अत्यधिक श्रेष्ठ बताया गया है 21 या 41 दिन की साधना भी है तो आज हम बात करें 21 दिवसीय साधना किस प्रकार संपन्न कर रहे हैं के साथ साथ दूध से बना हुआ नैवेद्य आपको रखना है

या फिर पंचमेवा आप रख सकते हैं जल का एक पत्र आपको रखना है और इसके अतिरिक्त घी का दीपक आपको लगाना है दीपक आप प्रयोग कर सकते हैं होगा यदि घी के दीपक का प्रयोग करते हैं और वस्त्र कि यदि बात करते हैं तो पीले या लाल रंग के दोनों ही प्रकार के आसान वस्त्र आप प्रयोग कर सकते हैं आसान उनका हो कंबल का हो आपका भी और चौकी पत्ते पर बिछड़ेंगे

वह भी लाल या पीले रंग के ही होने चाहिए यह थी सामग्री जो इस साधना काल में आपको प्रयोग करनी है चलिए बात करते हैं किस प्रकार से साधना को संपन्न करना है किसी भी शुभ योग सिद्ध मुहूर्त में जिस दिन शुक्रवार पड़ता हो उसे दिन आपको यह साधना आरंभ करनी है रात्रि 10:00 के बाद में उत्तर मुख होकर के इस साधना को संपन्न किया जाना है

पहले आसन के ऊपर पेट के ऊपर चौकी पर कोई भी चीज जो आपके पास है उसके ऊपर लाल या पीला जो वस्त्र अपने लिए है उसे बढ़ा दीजिए उसके ऊपर देवी का प्राण प्रतिष्ठित यंत्र स्थापित कीजिए चित्र है तो चित्र विस्थापित कीजिए और साथ ही एक संकल्प हेतु और साथ में इस जल का क्या करना है उसका प्रयोग भी इस साधना काल में बताया जाएगा संकल्प लेना है

उसके बाद संकल्प लीजिए दाहिने हाथ में जल लेकर के अपने ऊपर जल चढ़ाना है यंत्र आदि के ऊपर जल छिड़कने जो पूजन सामग्री उसे पर जल चढ़ाना है यही शुद्ध आज मैंने क्योंकि अनेकों बार बता चुका हूं फिर भी प्रश्न आता है की शुद्धि आंचल होता क्या है के बाद में संकल्प लेना है संकल्प में अपना नाम अपना गोत्र उसे दिन करती थी वाले नक्षत्र बोलना है से आप साधना सर्व प्रकार की सिद्धि या कामना हेतु बोलना जो की श्रेष्ठ रहेगा साथ ही इस साधना को प्रेसी के रूप में प्रेमिका के रूप में संपन्न करना है

लेकिन प्रेमिका के रूप में संपन्न करना श्रेष्ठ माना गया है तो जवाब साधना में संकल्प ले तो उसे समय कम ना करें कि मैं लीलावती अप्सरा को अपनी प्रेमिका के रूप में प्रीति के रूप में संपन्न करना का चाहता हूं सिद्ध करना चाहता हूं और अपने सभी मनोरथ की पूर्ति हेतु यह साधना कर रहा हूं इस प्रकार से अपने संकल्प लेना है

मधुमती विद्या – साधना सबसे बड़ी आकर्षण वशीकरण की साधना ph.8528057364

‘सुरसुन्दरी’ यक्षिणी साधना sursundari yakshini ph.8528057364

Divyangana apsara Sadhna दिव्यांगना अप्सरा साधना ph. 8528057364

 

Rodhar nath
Rodhar nathhttp://gurumantrasadhna.com
My name is Rudra Nath, I am a Nath Yogi, I have done deep research on Tantra. I have learned this knowledge by living near saints and experienced people. None of my knowledge is bookish, I have learned it by experiencing myself. I have benefited from that knowledge in my life, I want this knowledge to reach the masses.
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