Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना विधि विधान मंत्र रहस्य गरीबी ख़त्म होगी

Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना विधि विधान मंत्र रहस्य गरीबी ख़त्म होगी हम आपके लिए गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर 10 महाविद्याओं की एक लेख श्रृंखला लेकर आए हैं और इस श्रृंखला में हम लगातार एक-एक कर तमाम महाविद्याओं के बारे में बात कर रहे हैं।
उनसे जुड़ी हुई कहानी और किस्से क्या हैं, वह तमाम डिटेल में हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं और आज हम बात करेंगे 10 महाविद्या में से आख़िरी महाविद्या मां कमला महाविद्या के बारे में और इनके रहस्य से और इनसे जुड़े किस्सों से पर्दा आज उठाएंगे डॉक्टर मनमीत कुमार।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या का परिचय और उत्पत्ति

10 महाविद्याओं के बारे में आपने तमाम डिटेल में बताया इससे पहले, किस तरह से उनका हमारे जीवन पर प्रभाव है और किस-किस तरह से उनकी साधना की जानी चाहिए। दसवीं और आख़िरी महाविद्या हैं मां कमला महाविद्या। एक बार मां कमला महाविद्या के बारे में थोड़ा सा समझना चाहेंगे कि इनका यह रूप क्यों है और किस तरह से इस रूप की उत्पत्ति हुई और इसका हमारी लाइफ पर किस तरह से प्रभाव पड़ता है?
थैंक यू राज जी, यह लेख श्रृंखला मेरे लिए भी बहुत ही इंटरेस्टिंग है। मां कमला महाविद्या दसवीं महाविद्या हैं और शायद मां काली के साथ-साथ सबसे ज्यादा पूजी जाने वाली महाविद्या हैं। और इनकी जो उत्पत्ति है, वह समुद्र मंथन से हुई थी और जब सब कुछ नष्ट हो गया था, अमृत निकलने के बाद जब सब कुछ नष्ट हो गया था, तो मां लक्ष्मी का ही फॉर्म हैं मां कमला, मां कमला महाविद्या।
और उनकी उत्पत्ति एक कमल के फूल पर हुई और उनको प्रे करके वापस इस धरती के ऊपर, जिसको हम कहते हैं फर्टिलिटी, धन, धान्य, वैभव, सब चीजों में जो जान है, जो धन है, जो ग्लो है, जो ब्यूटी है, वह मां कमला महाविद्या हैं।
तो इनकी जो उत्पत्ति है, वह समुद्र मंथन से ही हुई और ऐसा कहा जाता है यहां पर दो धारणाएं हैं। एक धारणा कहती है कि शिव शंभू का ही दसवां फॉर्म जो है, वह कमल है और मां पार्वती की ही उत्पत्ति से मां कमला महाविद्या का जन्म हुआ और यह मां काली का ही फॉर्म है और 10 महाविद्या का फॉर्म है।
एक और थॉट प्रोसेस है जो कहती है कि ये तांत्रिक लक्ष्मी हैं और यह भगवान श्री हरि विष्णु की, और यह एक अकेली महाविद्या हैं जिनका शिव शक्ति के साथ कोई ऐसा संबंध नहीं है।
तो दोनों जो धारणाएं हैं, वो लोगों के बीच में हैं लेकिन मैं यह मानती हूं कि ये तांत्रिक लक्ष्मी हैं और तांत्रिक लक्ष्मी दूसरी लक्ष्मी से, जो हम नॉर्मल मां लक्ष्मी को मानते हैं, उनसे थोड़ी सी जो है, वह अलग हैं।
मां लक्ष्मी और तांत्रिक लक्ष्मी (कमला महाविद्या) Kamla Mahavidya कमला महाविद्या में अंतर
किस तरह का अंतर आप यहां इसको अगर डिफरेंशिएट किया जाए, मां लक्ष्मी और तांत्रिक लक्ष्मी यानी कि मां कमला महाविद्या के बारे में ?
तो जो तांत्रिक किसी भी फॉर्म का, किसी भी गॉडेस का जो तांत्रिक फॉर्म होता है, वह उनका थोड़ा सा उग्र फॉर्म होता है। एक तो उनको जल्दी साधा जा सकता है, उनसे हमें ज्यादा बेनिफिट्स मिलते हैं, लेकिन अगर गलत हो जाए तो उल्टा भी उतना ही पड़ता है। तो दोनों तरफ से इट्स अ डबल एज्ड सोर्ड।
तांत्रिक लक्ष्मी जो हैं, उनके मंत्र मां लक्ष्मी से ज्यादा स्ट्रांग होते हैं। तांत्रिक इनको बहुत साधते हैं अपने फायदे के लिए और अगर हम चाहें तो हम भी इनको साध सकते हैं।
ज्यादातर इनको साधा जाता है धन-धान्य के लिए और जो मॉडल्स होते हैं, जो फिल्म इंडस्ट्री में होते हैं, जो संगीतकार होते हैं, जिनका भी रूप जैसे कैमरे पे बहुत आता है और जो ब्यूटी के लिए यह करना चाहते हैं, जिनको पुत्र प्राप्ति के लिए चाहिए, चाइल्ड बर्थ के लिए चाहिए, फर्टिलिटी के लिए चाहिए, अगर आपके बहुत सारे खेत हैं या आपका खाने का काम है और आपको अपनी जमीन उपजाऊ चाहिए, ऐसी चीजों के लिए जो है, हम मां लक्ष्मी को मानते हैं।
कमला महाविद्या का स्वरूप और महत्व
तो जो तांत्रिक लक्ष्मी हैं, जो मां कमला महाविद्या हैं, वे ऐसा कहते हैं कि मां लक्ष्मी के भी बहुत-बहुत ज्यादा सौम्य और उग्र स्वरूप हैं। तो अगर आप इनका चित्र देखें तो चार एलीफेंट्स हैं, चार हाथी हैं जो इनको नहला रहे हैं पानी से भी और शहद से भी, अमृत से भी।
तो ये ऐसा कहते हैं कि जो मां कमला महाविद्या अगर किसी की साधना में आ जाएं या उनके स्वप्न में आ जाएं तो ऐसा लगता है कि 100 सूरज एक साथ चमक रहे हैं।
इतनी रेडियंस है मां कमला महाविद्या में कि आदमी चकाचौंध हो जाता है। तो सोचिए अगर उनके स्वरूप मात्र में इतनी रेडियंस है, अगर उनकी 1% भी आपके ऊपर कृपा होती है, कृपा हो गई, तो आप यह समझ लीजिए कि वह जीवन, उस आदमी का जीवन जो है, कभी सेम नहीं रह सकता। हमारे बहुत बड़े-बड़े जो इंडस्ट्रियलिस्ट हैं, वहां पर मां कमला महाविद्या की पूजा तांत्रिक दिन-रात करते हैं।
महाविद्याओं की बात करें, जो 10 महाविद्या हैं, उनमें से बाकी जो महाविद्या हैं, जो मां के जो स्वरूप हैं, बहुत उग्र स्वरूप हमने देखे, डिस्ट्रॉय की बात की, डेथ की बात की, लेकिन अगर मां कमला महाविद्या के बारे में बात करें, तो उनका रूप-स्वरूप किस तरह का है और जो यह मां हैं, वह आपके जीवन में किस तरह का प्रभाव डालती हैं? अगर सीधे तौर पर इसको समझने की कोशिश करें तो?
Kamla Mahavidya कमला महाविद्या अष्टलक्ष्मी का स्वरूप
मां कमला महाविद्या अष्टलक्ष्मी भी अपने अंदर लेकर बैठती हैं। तो अष्टलक्ष्मी अलग-अलग तरह की लक्ष्मी हैं। ऐसा भी कहते हैं कि मां कमला महाविद्या गज लक्ष्मी का फॉर्म हैं, क्योंकि अगर आप उनका फॉर्म देखें तो उनके साइड पर जो है, चार गज हैं, जिसको हम हाथी, एलीफेंट भी कहते हैं। तो गज लक्ष्मी क्या देती है? हाथी में क्या होता है? स्ट्रेंथ। हाथी में क्या होता है?
एक ऐसी क्षमता कि वह कुछ भी कर सकता है। तो इसको हम जो है, मां लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं। आप इनको पिंक कलर से डिनोट कर सकते हैं, रेड कलर से डिनोट कर सकते हैं और गोल्ड और वाइट से डिनोट कर सकते हैं।
ये इनके कलर्स हैं। अगर किसी को भी मां कमला महाविद्या को देखना है या उनकी साधना या पूजा करनी है तो यह कलर्स वह खुद भी पहनें और यह कलर्स का वह आसन भी लगाएं।
तो जो अष्ट लक्ष्मियों का फॉर्म है, वह है आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी और विजय लक्ष्मी। अब अगर आप इन आठ फॉर्म्स को देखें तो यह आठ में इंसान जो-जो चाह सकता है, वह-वह सब इन आठ के अंदर ऑलरेडी इंबाइब्ड है।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना का अंतिम पड़ाव और स्वतंत्र स्वरूप
तो मां कमला महाविद्या ऐसा कह सकते हैं कि जब नौ महाविद्या से हमने उग्र फॉर्म देख लिया, हमने डिस्ट्रक्शन देख ली, हमने लोगों का धोखा देख लिया, मां बगलामुखी की साधना कर ली, कोर्ट केसेस हो गए, दुश्मन हो गए, यह सब करते-करते जब एक साधक एंड में आता है, तो शिव-शक्ति उनको कहते हैं कि आइए, अब आपने यह सारे पड़ाव जो हैं, पूरे कर लिए हैं। अब मैं आपको एक फाइनल वेल्थ, एक धन-धान्य का वरदान देता हूं।
तो ऐसे समझ लीजिए क्योंकि बहुत सारे लोग जो हैं, 10 महाविद्या को हर एक महीने में या 40 दिन में एक महाविद्या को साधते हैं। उस फॉर्म पर विजय पाकर, जितनी वह पा सकते हैं, उस बिहेवियर को अपनी लाइफ में लाकर, जैसे अगर वह मां भैरवी की साधना कर रहे हैं, तो डिस्ट्रक्शन को एक्सेप्ट करके, डिस्ट्रक्शन के थ्रू जाकर फिर नेक्स्ट फॉर्म में जाएंगे, फिर कंपटीशन को एक्सेप्ट करके फिर नेक्स्ट फॉर्म में जाएंगे।
ऐसे करते-करते जब वह नौ पड़ाव पार कर लेते हैं, तो वह मां कमला महाविद्या पे आते हैं, जहां मैं कहूंगी कि सिर्फ गिफ्ट्स ही गिफ्ट्स हैं। उनका बहुत सौम्य रूप है। यह 10 महाविद्या का उग्र रूप नहीं है, लेकिन यह मां लक्ष्मी का, जिसे कहते हैं, उग्र रूप है।
क्योंकि मां लक्ष्मी हरि विष्णु के पैर दबाती हुई एक सौम्य एनर्जी में वह अपने आप को दर्शाती हैं। हम सबके घर में जो फोटोज होती हैं, वह वैसे ही दिखाती हैं कि मां लक्ष्मी विष्णु जी के जो हैं, पैर दबा रही हैं। लेकिन जो तांत्रिक लक्ष्मी हैं, मां कमला महाविद्या, वह अपने अंदर एक पोटेंशियल रखती हैं इविल को डिस्ट्रॉय करने का, उसका नाश करने का, विनाश करने का। तो वह किसी पर डिपेंडेंट नहीं हैं
इनका जो रूप है, वह अपने सब महाविद्यास का जो रूप है, वह अपने कंसोर्ट, मतलब अपने जो मेल भगवान हैं, उनके बिना है। तो यह दर्शाया जाता है कि हर महाविद्या अपने में संपूर्ण है। तो ऑल दो यह फीमेल फॉर्म है, लेकिन यह संपूर्ण फॉर्म है। यह किसी पर डिपेंडेंट नहीं है अपनी रक्षा के लिए, अपनी सुरक्षा के लिए या किसी भी और चीज के लिए।
तो यह मां लक्ष्मी का जो तांत्रिक रूप है, वह किसी पे डिपेंडेंट नहीं है। वह अपने आप ही, देती तो मां लक्ष्मी भी हैं, लेकिन यह किसी पे भी, एनर्जी जो है, इंडिपेंडेंट है, डिवाइन फेमिनिन की एनर्जी है।
जिज्ञासु नहीं, यह बहुत अच्छी बात आपने बताई क्योंकि हम जितने ही मां के रूप आमतौर पर देखते हैं, हम अपने घरों में जो तस्वीरें हैं या पूजा-पाठ करते हैं, तो कहीं ना कहीं एक देव भी उनके साथ होते हैं। महादेव की बात कर लें, पार्वती जी की बात कर रहे, हरि नारायण की बात कर रहे, लक्ष्मी जी की बात कर रहे, तो इस तरह से बहुत सारे रूप हैं। तो यह आपने बिल्कुल ठीक कहा कि यह इंडिपेंडेंट आइडेंटिटी यहां पर है।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना की सही पूजन विधि
जिज्ञासु अब मां लक्ष्मी और मां लक्ष्मी का ही जो तांत्रिक रूप है, है मां कमला महाविद्या। जो हम घर में मां लक्ष्मी की या लक्ष्मी मां की पूजा करते हैं, बहुत साधारण तरीके से करते हैं। अगर उनकी तस्वीर और मूर्ति है तो हम हाथ जोड़कर, फूल चढ़ाकर हम जो है, उन्हें साध लेते हैं। हमें लगता है कि हमने एक पूजा पूर्ण कर ली है।
लेकिन अगर मां कमला महाविद्या की तरफ हम आते हैं, तो यहां जो पूजा के लिए क्या कुछ तरीके होने चाहिए? क्योंकि जो एक बात आपने कही, जो बेहद खास है, जो दर्शकों को भी जाननी चाहिए कि इन्हें साधना आसान तो है, लेकिन साधना करते-करते अगर आपने गलत तरीके से साधना की तो उसके असर, इंपैक्ट जो है, वह गलत भी आ सकता है। तो वहां किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है?
मां कमला महाविद्या की जो आराधना है, वह बाकी नौ महाविद्या से आसान है और यह गलत होना मुश्किल है क्योंकि हम उनसे बहुत प्रोस्पेरिटी मांग रहे हैं, धन-धान्य मांग रहे हैं।
इसमें केवल एक चीज का ध्यान रखना जरूरी है कि हम किसी गलत चीज के लिए धन न मांगें या किसी और का अर्जित किया हुआ धन, उस पर अगर हमारी नजर है क्योंकि मां कमला महाविद्या कहती हैं कि यूनिवर्स में इतना धन है कि अगर आपको चाहिए तो मैं दूंगी। लेकिन अगर आपको गलत रीजन के लिए चाहिए या आप एक ड्रग डीलर हैं, आपको कुछ गलत काम के लिए धन चाहिए या वेपंस के लिए चाहिए या डिस्ट्रक्शन के लिए चाहिए तो नहीं होगा।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना पूजा के नियम और स्थापना
इनकी पूजा हम सफेद आसन लगाकर करते हैं, पिंक आसन भी लगा सकते हैं, रेड भी लगा सकते हैं। और इनको वहां स्थापित करके, लेकिन एक बात है मां कमला महाविद्या के बारे में कि जितनी ब्यूटी आप उनकी देख रहे हैं, जितना सौंदर्य, जितना रूप आप उनका देख रहे हैं, वह रूप आपके अंदर जरूर होना चाहिए।
इसका मतलब हमारे अंदर एक क्लीनलीनेस होनी चाहिए, एक सौंदर्य होना चाहिए जिसको हम कहेंगे कि जजमेंट नहीं करनी, किसी के लिए गॉसिप नहीं करनी, इवल थॉट्स नहीं सोचने क्योंकि अगर यह पार्ट हमारा क्लीन नहीं है, मां का कोई भी और, चाहे वह मां लक्ष्मी ही हों, आपके ऊपर कभी भी कृपा नहीं आ सकती।
जिज्ञासु घर में स्थापना करनी चाहिए मां कमला महाविद्या की?
बिल्कुल करनी चाहिए। और इनको अपने लॉकर के ऊपर स्थापित करना चाहिए, ऑफिस के लॉकर, जो तिजोरी होती है, उसके ऊपर स्थापित करना चाहिए।
और इनके आगे तुलसी की सूखी हुई जड़ को धोकर, सुखाकर आपको अपने लॉकर में रखना चाहिए। इससे आपका जो धन है, वह बहुत ज्यादा मल्टीप्लाई हो जाएगा।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना पूजा का समय, दिन और सही मंत्र
जिज्ञासु पूजा का समय और दिन ?
पूजा का दिन दसवां दिन और पूजा का समय हमेशा महाविद्या का रात के 9:00 बजे के बाद।
जिज्ञासु मां कमला महाविद्या को पूजने और साधने के लिए सही मंत्र क्या है? क्योंकि इसको लेकर भी बहुत सारे लोगों के मन में अलग-अलग मंत्र जो हैं, अलग-अलग बातें हमेशा रहती हैं। अगर हम गूगल पर सर्च करने जाएं तो वहां भी एक बड़ा कंफ्यूजन रहता है। एक सही मंत्र कौन सा है?
: देखिए, मां लक्ष्मी और मां कमला महाविद्या का जो बीज मंत्र है, वह है ‘श्रीं’। अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो आप ‘श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं’ 108 बार करें स्फटिक की माला पर या कमल गट्टे की माला पर।
तो यह आपको जो है, अपने में ही बहुत धन देगा। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, चल रहे हैं, बैठ रहे हैं, उठ रहे हैं, सिवाय वॉशरूम जाने के, आप जो भी कर रहे हैं, अगर आप उसमें ‘श्रीं श्रीं श्रीं’ करेंगे, यह एक मैग्नेटिक पुल है कि मां खिंची चली आएंगी। लेकिन मां कमला महाविद्या का जो मंत्र है, वह है ‘ॐ नमः कमल वासिन्यै स्वाहा’।
जो भी तांत्रिक मंत्र होता है, उसको हम चलते-फिरते नहीं कर सकते। उसकी पूरी एक विधि-विधान होता है, जो अगर दर्शक इंटरेस्टेड हैं तो मैं उनके साथ ऑफलाइन शेयर कर लूंगी। वह उसी जगह पर, उसी आसन पर बैठकर, उसी विधि-विधान से करने चाहिए।
लेकिन अगर सब लोग जैसे बहुत बिजी होते हैं और नहीं कर पा रहे यह मंत्र और उस तरह का शुद्धीकरण अपने घर का नहीं कर पा रहे या अपना नहीं कर पा रहे, तो ‘श्रीं’ उतना ही पावरफुल मंत्र है। आप ‘श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं’ जो है, करते हुए जा सकते हैं।
मां की कृपा और उसके संकेत
मैं अभी आपको यही बता रही थी राज जी कि ‘श्रीं’ में और यह जो मां कमला महाविद्या का मंत्र है, इसमें यही फर्क है कि मां आपसे क्या बुलवाना चाहती हैं। तो जब बहुत साल पहले कोविड था, तो जैसे मेरे सपने में मां लक्ष्मी आईं और उन्होंने कहा कि आप अष्टलक्ष्मी का वर्कशॉप करवाइए। तो बहुत सारे मेरे दर्शक यहां जानते होंगे, आपने शायद अटेंड भी किया होगा।
मां अष्टलक्ष्मी के जो आठ फॉर्म्स होते हैं, दिवाली से पहले वह वर्कशॉप होती है और बहुत हजारों की तादाद में लोगों ने ज्वाइन किया था और उस समय लोगों के बहुत सारे एक्सपीरियंस हुए थे इसको लेके। अगले साल मां ने कहा कि अब आप 10 महाविद्या की वर्कशॉप करवाइए।
यह हमारा दूसरा साल है 10 महाविद्या की वर्कशॉप का और जो एक्सपीरियंस लोगों के हो रहे हैं ऑलरेडी, क्योंकि इसकी प्रिपरेशन जो है, सितंबर में ही शुरू हो गई थी, जो एक्सपीरियंस हो रहे हैं, वह इतने अमेजिंग हैं। तो आप और मैं यहां इस लेख पर चर्चा कर सकते हैं।
मैं पांच साल से इस एनर्जी से जुड़ी हुई हूं। जुड़े तो शायद हम सब बहुत पिछले जन्मों से हैं, पर जब मां लक्ष्मी चाहेंगी, जैसे वह चाहेंगी, अपना जो फॉर्म वह दिखाना चाहेंगी साधक को, वही फॉर्म मिलेगा।
लेकिन अगर आप यह लेख पढ़ रहे हैं तो आपके स्वप्न में मां लक्ष्मी या गजलक्ष्मी, जिसमें एलीफेंट के साथ मां लक्ष्मी आती हैं, या आपको अचानक से फेसबुक पर वह पिक्चर दिख जाना या आपके ऊपर एक छिपकली गिर जाना, व्हिच इज… पर अगर इनमें से कोई भी साइन आपको नवरात्रि के दौरान आते हैं, तो आप मेरे से कांटेक्ट करें। यह एक बहुत प्रोस्पेरिटी का, आपके जीवन में धन के खुलने का योग है।
जिज्ञासु यानी कि एक बदलाव का एक संकेत है सीधे-सीधे।
बहुत-बहुत। और मां लक्ष्मी सबसे पहले संकेत देती हैं। एक मां काली और एक मां लक्ष्मी, ये आपको ऐसे संकेत देंगी एकदम कि अगर आपने उनसे दिल से मांग लिया कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, मेरा यह लोन है, मुझे लोन उतारना है, मां आप मेरी मदद करें।
जितने भी लोग यह लेख पढ़ रहे हैं, अगर उनके घर में किसी भी तरीके की दरिद्रता है, कोई लोन है जो चुक नहीं रहा, जॉब है जो मिल नहीं रही, कोई बच्चा पैदा नहीं हो रहा, फर्टिलिटी की प्रॉब्लम्स आ रही हैं, तो आप बिना कुछ भी सोचे आप मां कमला महाविद्या के आगे अपने आप को सरेंडर करते, आप यह करके देखें नौ दिन इनका मंत्र और आप बताइए मुझे, वह बदलाव जो है, आपको फिर महसूस होंगे।
आप वहीं से आपको पता लगेगा कि किस तरह से आपकी जिंदगी बदल गई। लेकिन सबसे जरूरी बात यह है कि आपके अंदर वह असुर नहीं होना चाहिए, वह बुराई नहीं होनी चाहिए। एक साफ नीयत, साफ मन के साथ अगर आप मां से कुछ मांगेंगे तो जाहिर सी बात है, मां जरूर देंगी।
Kamla Mahavidya Sadhna कमला महाविद्या साधना नवरात्र में पूजा और महत्वपूर्ण सावधानियां
जिज्ञासु नवरात्र की बात कर रहे थे डॉक्टर मनमीत, नवरात्रों में किस तरह का प्रभाव जो है, मां कमला महाविद्या का रहता है और नवरात्रों में खास तौर से कब, किस दिन मां कमला महाविद्या की पूजा करनी चाहिए?
10वें दिन करनी चाहिए मां कमला महाविद्या की और ऐसा कहते हैं कि इन नौ दिनों में जो मां हैं, वे अपने आप धरती पर आती हैं। और इन दिनों में अगर आपके घर में आपको कोई भी नई खरीदारी करनी है, अगर आपको कुछ भी करना है, आप मां कमला महाविद्या को डे वन से उन्हीं के मंत्र करें। आप बाकी सबको छोड़कर उन्हीं के मंत्र करें, उन्हीं की साधना शुरू करें। और यह भी आप कर सकते हैं कि नौ दिन के कुछ मंत्र का आप जो है, संकल्प ले सकते हैं।
ईर्ष्या-द्वेष से परे कमला महाविद्या साधना
ऐसा भी कहते हैं कि मां कमला महाविद्या आपको टेस्ट करती हैं। जैसे अगर आपने कुछ मांगा, मुझे एक नई गाड़ी चाहिए, तो आपके साथ वाले को गाड़ी दे दी जाएगी। उस समय आपको यह नहीं सोचना कि इसको मिल गई, मुझे नहीं मिली। आपको यह बोलना है कि मां, इसको मिली है और भी मिले, लेकिन मुझे भी बहुत सारी मिले। यह सुनके मां खुश होती हैं कि आपके अंदर एक लालच नहीं है।
मां के आगे केवल एक प्रेयर है कि मुझे भी गाड़ी चाहिए। लोग अक्सर ईर्ष्या में, जेलेसी में, एनवी, हेट, इसमें आ जाते हैं और उनको लगता है, वो इसने तो इतना काम नहीं किया फिर भी इसको मिल गई, मैं इतनी पूजा-पाठ करता हूं मुझे नहीं मिली। पूजा-पाठ एक ट्रांजैक्शन नहीं है।
पूजा-पाठ एक प्रेयर है, एक सबमिशन है, एक अच्छा इंसान बनने की चेष्टा है इंसान की। डायरेक्टली प्रोपोर्शनल नहीं है कि आपने अगर 3 लाख मंत्र करे तो डायरेक्टली प्रोपोर्शनल आपको दो विला मिलना चाहिए। लेकिन लोग ऐसा ही सोचते हैं और हमेशा उनको लगता है कि जो दूसरे लोग हैं, वह तो कुछ नहीं कर रहे।
तांत्रिक पूजा की गोपनीयता
मैं आपको आज बता दूं कि तांत्रिक फॉर्म्स की पूजा, अगर आज कोई भी इंसान बहुत अच्छी आर्थिक तरक्की कर रहा है, तो वह तंत्र से पूजा कर रहा है। आपको दिखे, आपको न दिखे, क्योंकि यह सारी पूजा होती हैं, छुपा के करनी चाहिए। लोग, मैं देखती हूं, बोलते हैं, मैं तो एक साल से यह पूजा कर रहा हूं।
जहां आपने यह बोल दिया, आपके ऊपर एक नेगेटिव एनर्जी का इंपैक्ट आएगा ही आएगा। मंत्र उच्चारण चोरी किए जा सकते हैं। आपकी जितनी भी साधना है, उसका जो कोश है, उसका जो बक्सा है, वह खाली किया जा सकता है।
इसीलिए कहते हैं कि मंत्र उच्चारण बहुत जोर-जोर से अनाउंस करके नहीं करना चाहिए। जब पुराने समय में कहते थे, शांत जगह पर, एकांत में, बिना किसी को बताए आपको साधना करनी है। क्योंकि आपकी एनर्जी चुराने के लिए न सिर्फ लोग और उनके विचार हैं बल्कि यहां पर घूम रही बहुत सारी एंटिटीज हैं, आत्माएं हैं, जो आपका एकदम यह पॉजिटिव एनर्जी जो है, चुरा सकती हैं।
जिज्ञासु : क्या इसको यहां इस तरह से लिंक कर सकते हैं कि जो यह धारणा है कि तंत्र-मंत्र और जो काली विद्या है, वह शमशान में करने से उसके लाभ ज्यादा मिलते हैं? क्या उसके पीछे यही वजह है कि वह एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आता नहीं है और आपको एकदम शांत, एकांत वाली जगह मिल जाती है? या फिर इसके पीछे का लॉजिक अलग है क्योंकि वहां पर साधने से इंपैक्ट ज्यादा मिलता है?
दोनों ही रीजंस आपने जो कहे, वह बिल्कुल सही हैं। मैं नहीं कहूंगी कि मां कमला महाविद्या की तो डेफिनेटली प्रेयर हम शमशान में नहीं कर सकते हैं। शमशान में हम मां भैरवी, मां काली, इनकी पूजा कर सकते हैं या मां धूमावती की। एकांत केवल शमशान में नहीं होता, गुफा में भी हो सकता है, आपके कमरे में भी हो सकता है।
आप एक घर रेंट पे ले सकते हैं जिसमें आप केवल साधना कर सकते हैं और उसमें और किसी प्रकार की कोई क्रिया नहीं होगी। तो एकांत के लिए पहले कहते थे कि शमशान, लेकिन शमशान का जो इंपैक्ट है, मातारा का जो मंदिर है, आपको मालूम ही है, हमने यह डिस्कस किया था कि मातारा शमशान में ही बेस्ड है। तो कुछ शक्तियां हैं जो शमशान से बढ़ जाती हैं, लेकिन मां कमला महाविद्या उनमें से नहीं हैं।
निष्कर्ष
जिज्ञासु तो जाहिर सी बात है, अगर आपको अपने जीवन में कुछ अच्छा करना, वैभव चाहिए, धन चाहिए, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि लालच नहीं होना चाहिए। और अगर लालच नहीं है तो आपके जीवन में सब कुछ मां कमला महाविद्या बेहतर तरीके से कर सकती हैं।
लेकिन उन्हें साधने का, उनकी पूजा करने का तरीका सही होना चाहिए। और 10 की 10 महाविद्याओं के बारे में एक-एक कर इस पूरी लेख श्रृंखला में समझा है हमने कि किस-किस तरह से तमाम इन 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए।
इसके अलावा भी अगर आपके मन में कोई सवाल है, कोई इन 10 महाविद्या से जुड़ी हुई कोई बात अगर आप पूछना चाहते हैं, इसके अलावा भी आपको लगता है कि आपके जीवन में कुछ ऐसा चल रहा है।
जिसे आप लगातार प्रयास करने के बावजूद भी ठीक नहीं कर पा रहे या वह ठीक नहीं हो रहा है, उससे जुड़ी हुई कोई भी बात, कोई भी सवाल हो, आप से हमारी वेबसाइट गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर या नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
उनसे संपर्क करने का विवरण भी इस लेख के अंत में आपके लिए मौजूद होगा। और इसी तरह की इंटरेस्टिंग जो अलग-अलग किस्से हैं, अलग-अलग जो देव और देवियों से जुड़ी हुई बातें हैं, उस पर हम लेख लाते रहेंगे और आपसे इसी तरह से तमाम जो रहस्य हैं, उनसे पर्दा उठाने का काम करते रहेंगे।
और इसमें जो हैं, , जो कि स्पिरिचुअल गुरु हैं, जिन्होंने 10 महाविद्याओं पर एक डिटेल रिसर्च भी किया है। और आई थिंक, मैं गलत नहीं हूं तो ऑक्सफोर्ड में? जी, मैं उसका लिंक इस लेख में ही नीचे दे दूंगी। जिज्ञासु : जी चलिए, तो बहुत-बहुत शुक्रिया। आज के लेख में इतना ही। नमस्कार।