Dussehra 2025 रावण उपाय- धन और शक्ति प्राप्ति का अचूक मार्ग

Dussehra 2025 रावण उपाय- धन और शक्ति प्राप्ति का अचूक मार्ग गुरु मंत्र साधना.कॉम में आप सबका फिर से स्वागत है। जी। आज हमारे साथ हैं जी फिर से सागरनाथ जी। जी सागरनाथ जी आज हमारे लिए एक साधना लेकर आए हैं। वो साधना है लंकाधिपति रावण साधना। ठीक है। रावण एक ऐसा व्यक्ति रहा है जो वेदों का जानकार था, आयुर्वेद का जानकार था, ज्योतिष का जानकार था, तंत्र का जानकार था।

तंत्र का तो उसको बोला जाता था महा एक्सपर्ट। क्या बात है? मायावी विद्याओं का अच्छा जानकार था। ठीक है। तो उसी लंकाधिपति रावण की एक साधना दशहरे के ऊपर की जाती है। नहीं सा ये मैं आपको रोकना चाहूंगा। ये साधना नहीं है। ये उसका एक उपाय है।

जो साधना से भी ऊपर काम करेगा सबके लिए। कोई भी कर सकता है। हां उसका उपाय हम बोल सकते हैं। सिंपल वर्ड में अगर हम बात करें तो साधना भी इसकी की जा सकती है।

 जी तो आज लंकाधिपति रावण की कुछ साधना आप बताइए उपाय बताइए। जी जी जी जो उससे क्या फायदे हैं और क्या जीवन के अंदर लाभ हो सकता है उस साधना का आप बताइए। जी जी जी आपका स्वागत है फिर से सागरनाथ जी।

Dussehra 2025 रावण उपाय की आवश्यकता और लाभ

Dussehra 2025 रावण उपाय- धन और शक्ति प्राप्ति का अचूक मार्ग
Dussehra 2025 रावण उपाय- धन और शक्ति प्राप्ति का अचूक मार्ग

जी रुद्रनाथ जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हर पोस्ट में आप मेरे को बुलाते हो और मेरा इतना धन्यवाद करते हो और करवाते हो अपने व्यूअर्स से। इतना प्यार करते हैं भाई आप हर पोस्ट में हमें लेके आते। देखिए हमारा जो लक्ष्य है जी कुछ चीजों की जानकारी आप दो।

आपके जिम्मे हम दे रहे हैं। कुछ चीजों की जानकारी हम देंगे। हम मिल बाँट के जानकारियाँ लोगों को बाँटेंगे। पंथ हमारा एक ही है, नाथ पंथ। आपका भी नाथ पंथ है, हम भी नाथ पंथ ही। हम तो भाई गुरु भाई हैं। बिल्कुल गुरु भाई हैं और कुछ चीजें आप बताएँगे कुछ मैं बताऊंगा। ठीक है? मिलजुल के हम अपना साधना का प्रचार करेंगे। अब ठीक है।

तो आज हम पहले आप बताइए जी लंकाधिपति रावण की साधना के लाभ क्यों करनी चाहिए साधना? सबसे पहले मैं सबको बोलूँगा राम राम, जय माता की। एक बार फिर से। अब मैं आपके लिए व्यूअर्स जो हैं हमारे दर्शक हैं उनके लिए लेके आया लंका का पति महाबली रावण का वह उपाय जो किसी ने आपको आज तक नहीं बताया होगा। जो मैंने खुद किया है।

मैं अपने मित्रों को भी करवाता हूँ। उनके पास अब इतना धन इकट्ठा हो गया जैसे छप्पड़ फाड़ के धन आता है चारों तरफ से। ये इतनी बढ़िया उपाय है जो आज तक ग्रह भी नहीं कर पाते। तीन नौ ग्रह इतने मतलब को बाँधने वाला भी लंकाधिपति। बिल्कुल भाई वो महाबली है।

काल को के साथ। बिल्कुल। उसको महाबली इसलिए बोला जाता है जो पंडित है आधा पंडित है आधा राक्षस है। तो वो महाबली बनेगा। ज्ञान में वो पंडित है, बल में। टॉपिक में आगे बढ़ते हैं आप मेरे को लाभ बताइए क्या लाभ? अभी अभी अभी बताते हैं भाई।

सबसे पहले बड़ा लाभ तो यह है कि जैसे ये उपाय करोगे जो आपके साथ टक्कर रखेगा आपका शत्रु गुप्त हो चाहे बाहर का हो चाहे सामने का हो, सर्वनाश कर देगा उसका तहसनहस कर देगा। पहला उपाय। दूसरा उपाय यह कि यह धन चारों दिशाओं से ऐसे लाएगा, छप्पड़ फाड़ के धन लाएगा।

इतने रास्ते खोल देगा धन के कि आप इकट्ठा इकट्ठा धन करते थक जाओगे। ये देता नहीं थकेगा। ये वर्ष में टंका सोने की थी। इतना धन उनके पास। बिल्कुल। नौ ग्रह नहीं इतना किसी जीवन को बलवान बना पाते किसी व्यक्ति के व्यक्ति के जीवन को जितना यह बलवान बना देता है। यह तो सीधा मित्र बनता है उस उपाय से। आज मैं आपको बताऊंगा वह उपाय क्या है।

Dussehra 2025 रावण उपाय की संपूर्ण विधि

ठीक है जी। उपाय ऐसे भाई ध्यान से सुनना। एक-एक पॉइंट नोट करते जाना भाई। क्योंकि दशहरा सिर पे यह उपाय झटपट कर लेना आप जिसने भी करना है। ठीक है ना? इसमें टालमटोल मत करना।

सबसे पहले आपने क्या करना है? वहाँ पर जाना है जहाँ पर रावण दहन होता है। दहन होने के बाद जाना है आपने। ठीक है? दहन होने से पहले नहीं, बाद में जहाँ पे रावण जलाया जाता है। आपने क्या करना है? अपने साथ सात रंग की मिठाई ले जानी है। हम ठीक है?

थोड़ा सा कच्चा दूध ले जाना है। हम ठीक है। वहाँ रावण को आवाज लगानी है कि ए रावण आज तू जल चुका है। खड़ा हो, जाग जा और मेरे साथ चल। मेरे घर चल। मेरे काम बना। मेरा मित्र बन। जो कहूँगा वैसा पूरा करना है। यह इतनी बात उसको बोल कर आनी है।

जगा कर आना है। जैसे मुर्दा जगाते हो ना आप हम शमशान में, वैसे उसको जगा कर आना है। आवाज देकर आनी है। और भोग वहाँ पे अर्पित कर देना है जहाँ पे रावण जला होगा। उसकी राख के ऊपर अगर आपको वहाँ से उसकी लकड़ी मिल जाए उस समय, रस्सी मिल जाए तो सोने पे सुहागा है।

उसी समय जलने के बाद अगर ना मिले तो वहाँ की जो राख है ना हम हम वो घर लेके आ जानी है उस समय। हम ठीक है। मुट्ठी भर सिला लेकर आनी है। उसको क्या करना है आपने एक केस बनवा लेना है या कटोरी में रख लेना है। ठीक है? जहाँ पे आपका पूजा स्थान होगा वहाँ पे उसको रखना है और उसको प्रतिदिन कच्चे दूध का भोग लगाना है उस माटी को।

क्योंकि जो माटी होती है ना उसमें वह उसकी जो शक्ति होती है जली हुई वह वश में हो जाता है। इस उपाय से रावण। हम माटी को घर पर लाना है। पूजा स्थान पर रखना है। सुबह उठकर कच्चा दूध चढ़ाना है। रात को भी कच्चा दूध चढ़ाना है।

उसको सुबह और रात को यही बोलना है कि हे रावण, महाबली रावण, मेरे समस्त कार्य कर। जो मेरा धन रुका हुआ है वो मेरे को लाकर दे। वो क्या करेगा? आपके लिए नए-नए धन के मार्ग खोलता जाएगा। आपका जो काम रुका है, काम चलने चलने लग पड़ेगा।

हम ठीक है? आप में उसके जैसे गुण आने लग पड़ेंगे। आपको खुद पता लगेगा। आवाज़ भारी हो जाएगी आपकी। अब जैसे बात वैसे करोगे जैसे एक टशन व्यक्ति नहीं करता है कि जैसे अपनी धौंस जमा के बात करता है, वैसे करोगे आप। हम मतलब इतना बलवान रावण है।

Dussehra 2025 रावण उपाय – अमावस्या का विशेष भोग और नियम

 

और जब अमावस्या आए उस माटी को नारियल का भोग ज़रूर दें। पानी के नारियल का और साथ में क्या करना है? दूध के साथ क्या ऐड करना है? एक पान के पाँच पत्ते ऐड करने हैं। उस पे क्या करना है? दो लौंग रखने हैं, दो इलायची रखनी है।

एक-एक सुपारी रखनी है पाँच पान के पत्तों के ऊपर। और उसके ऊपर क्या लगवाना है? कत्था। हम कत्था। पहले दिन जब लेकर आओगे वो भोग पड़ा रहने देना है उसके लिए। और अगला भोग कब देना है? उसको अमावस्या पे देना है। हम ठीक है।

यह आपने पूरे साल करना है ऐसा काम भाई। एक महीने के अंदर-अंदर आपकी तकदीर बदल जाएगी। धन धन को लेके गरीब से यानी जिसको बोलते हैं ना रंक रंक से राजा बन जाओगे। आप देखोगे कि आपका समाज में रुतबा इतना बढ़ जाएगा। किसी का इतना बड़ा ही नहीं होगा।

मतलब कि ये ऐसा उपाय मेरे मैंने अपने मित्रों को करवाया है। वो तो चलो कहीं से लकड़ी भी ले आते उसी समय जैसे ये विधि करने के बाद रस्सी भी उनको मिल जाती थी। आज भाई उनके पास टूटे फूटे मकान में रहता था। बढ़िया शानदार कोठी डाली हुई है।

धन इतना है वो खर्चने में परवाह नहीं करता। खड़े पांव मतलब कि इतना धनवान हो चुका है वो। मतलब कइयों को मैं कइयों को मैंने बताया जो रावण के उपासक मैंने बताए हैं ना कइयों को बताया वह इस समय रावण के उपासक बन चुके हुए हैं। वो बोलते रावण तो हमारा बड़े भाई जैसा है।

भाई एक आवाज लगाओ माटी के सामने जाके जब घर में जाते हैं, भाई काम उसको बोल दो, काम कर देता है। यहाँ तक कि स्वप्न में भी दर्शन देता है और हमें खुद बोलता है कि यह विधि अपनाओ ये विधि अपनाओ। खुद बोलता है अपने मुँह से, यह विधि अपनाओ, तुम्हारा काम ऐसे होगा।

हम कइयों को तो उसने यह बताया हुआ है कि जो शिवलिंग होता है ना कइयों को, जिनको मैंने साधकों को सिद्ध करवाया इस उपाय से कि वहाँ पे जो पेठा होता है ना पेठा, पेठे का फल हम भाई काट के शिवलिंग पे मेरा नाम ले, ये अर्पण करो।

हम आपके समस्त चाहे जितना भी आपकी लाइफ में बोझ आया हुआ है। बोझ कहने का मतलब है रोग है, शत्रु है, चाहे आपका पारिवारिक क्लेश है, वो सब खत्म कर देता है।

हाँ इस उपाय को करने के बाद या करोगे मीट और दारू मत इसका सेवन मत करना। नहीं मेरा एक सवाल है तो रावण तो ये चीजें खुद सेवन करता था तो सेवन क्यों?

मैं बोल रहा हूँ क्योंकि वो सेवन करने के बाद आप में क्रोध बहुत बढ़ जाएगा। आप इस चीज के ऊपर आ जाएगा आ जाएगा। हाज़िरी जैसे जैसे बोलते हैं ना उसका तेज़ हाज़िरी आ जाएगी। वो आपसे सँभली नहीं जाएगी। आप पागल हो जाओगे। बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल।

मैं इसलिए बोल रहा हूँ इस चीजों का मत सेवन करना क्योंकि हम खुद उपाय करते हैं लेकिन हम जिस चीज को बोलते हैं कि मनुष्य के लिए हानिकारक है वो वो मत करें क्योंकि मनुष्य को ज्ञान उतना ही ज़रूरी है जो उसको लाभ दे सके।

ज़्यादा ट्रीटमेंट करेगा ना उस ज्ञान पे तो वो उसके लिए हानिकारक हो जाएगा। जी जी मैं दावे के साथ बोलता हूँ ये उपाय करो।

किसी टोटके को करने की ज़रूरत नहीं। किसी भी दुनिया में टोटके को करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी आपको। यानी कि यही साधनाओं में भी आपको बलवान बना देता है।

तंत्र में इतना महान होने के बाद भी जो आप साधनाएँ करेंगे ना हम उसको भी ये आपको सिद्ध करवा के देगा। हम ठीक है भाई ये इतना उपाय जो हम करते हैं हम करवाते आ रहे हैं। हम ठीक है। बस इतना ही है रुद्रनाथ जी। इससे ज़्यादा मैं और कुछ नहीं आगे बोल सकता।

Dussehra 2025 रावण उपाय – दर्शकों के प्रश्न और समाधान

 

जी जी बिल्कुल बिल्कुल। कोई भी अगर आप लोगों का सवाल है तो नीचे कमेंट बॉक्स में आप लिख सकते हैं। ठीक है? रावण जी का यह उपाय आप ज़रूर करिए। ठीक है? तो आपकी ज़िंदगी में अवश्य लाभ प्राप्त होगा। भाई जीवन सुधर जाएगा। जीवन खुशहाल हो जाएगा। और क्या चाहिए आपको? जी बिल्कुल बिल्कुल।

अच्छा एक सवाल और है। कुछ लोग बोलेंगे तो जी सवाल आएगा कि बात वह यह बोलते हैं कि रावण तो सनातन धर्म के खिलाफ था और हमें क्या यह अधर्म की साधना करने के लिए बोल रहे हैं? तो क्या ये करनी चाहिए? क्योंकि बोलेंगे बेवकूफ लोग हैं।

बहुत सारे बेवकूफ लोग हैं। मैं एक और बात बताता हूँ। जो इतना अपना ज्ञान पेलते हैं जब उनको बाण लगने के बाद वो अपने प्राण छोड़ रहे थे ना तब उन्होंने श्री राम जी के आगे हाथ जोड़ के उनको परमेश्वर मान के कि आप ब्रह्मांड के परमेश्वर हो जो सबसे शक्तिशाली हो। आपने मुझे मुक्ति दी। जो मेरे से गलती हुई उसके लिए मैं क्षमा माँगता हूँ

मेरी मृत्यु नहीं हुई। मेरे को आपने मुक्ति दी। आप मेरे लिए परमात्मा समान हो। बिल्कुल। सबसे बड़ी बात ये है। जब प्राण ही चले जब निकलते तो आदमी सच बोलता है। अब दूसरा चीज के ऊपर मैं आता हूँ कि जो रावण था मैं बहुत लंबी स्टोरी तो नहीं बताऊंगा। रावण भी विष्णु भगवान जी का पिछले जन्म में द्वारपाल द्वारपाल रह चुके हैं। जया और विजय द्वारपाल ही तो थे। बिल्कुल बिल्कुल। उनको और रावण तो हिरण्यकश्यप हिरण्यकश्यप। बिल्कुल बिल्कुल।

सब यही चीज और दूसरी मैं ये बताना चाहता हूँ। आप भगवान के द्वारपाल की साधना कर रहे हैं। कोई गलत चीज तो नहीं है। गलत चीज नहीं कर रहे भाई। मेरा तो काम वो है जो चीजें लुप्त हो रही है आपको बतानी।

मैं जो मंत्र बता रहा हूँ इस वेबसाइट लेख में बता रहा हूँ वो 100% हमने किए हुए हैं। हम कोई किताबी ज्ञान नहीं पेलने आ रहे यहाँ से मंत्र उठाया यह बता दिया। विधि कुछ ज्ञान बिलकुल बिलकुल। तो हम चाइना का माल नहीं बेच रहे यहाँ पे।

एक सवाल और है जी जी लोगों का कि जो हम पूजा पाठ सिंपल करते हैं प्रभु श्री राम जी का या फिर हम हनुमान जी का तो वो साथ में कर सकते हैं या उनको छोड़ना पड़ेगा? कर सकते हो, कर सकते हो। करोगे, कर सकते हो। जो मैंने आपको विधि बताई बिल्कुल सिंपल सात्विक विधि। हम जो पूजा पाठ कर रहे हैं तो वो भी हम कर सकते हैं। कर सकते हो भाई।

आप करोगे आप करोगे। क्यों करोगे? आपके मन में वो इतना प्रेम जगाएगा। आप जितने मेरे यार दोस्तों को मैंने सिद्ध करी। हज़ार से ऊपर के लोगों को लगा लो। मैंने ये उपाय बताए। मैंने तो उनके घर में कोई क्लेश आलतू-फालतू का नहीं। चलो घरों में छोटा-मोटा क्लेश चलता है। लेकिन जैसा बताते हैं रावण बन गया। रावण का असर हो गया। कोई नहीं।

वो पाँव पड़कर बोलते हैं कि आपने हमारा जीवन सँवार दिया। जी बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल। इससे बड़ा तो नहीं और कोई दान होता। दूसरी चीज मैं आपको यहाँ और चीज बताता हूँ। रावण जितना शिव भक्त कोई भी नहीं था। जी कोई नहीं हुआ।

भगवान उनके उसने तो सिर काट के शिव जी के आगे रख दिए थे। बताता हूँ भगवान शंकर थे उनके गुरु। गुरु तो भगवान शंकर ने बोला था, तू मेरा चेला है।

ऐसा चेला मैंने कभी किसी को बनाया नहीं लेकिन तू बनेगा। बिल्कुल बिल्कुल बिल्कुल। बहुत सारी विद्याएँ उन्होंने सिखाई। लाल किताब उनसे तो निकली है। लाल किताब के जनक कौन थे? भगवान सूर्य के जो सारथी थे वो थे। उन्होंने आगे कहाँ से ली? रावण से तो ली।

रावण ने उनसे आगे ली है। कहाँ से? जब वो ब्राह्मण था। ब्राह्मण रूप को धारण किए हुए था। राक्षस नहीं था वो सब। ये बातें बहुत बड़ी होती। इसके लिए कभी और टॉपिक करेंगे। दशहरे पे उपाय करो। बिल्कुल।

यहीं पर समाप्त करते हैं। जी सागरनाथ जी। जी रुद्रनाथ जी बहुत-बहुत धन्यवाद। आपका धन्यवाद जी आपका। जय माता की। जय श्री महाकाल जी। जय माता दी।

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/