das mahavidya दस महाविद्या सनातन धर्म का एक गूढ़ रहस्य ph.85280 57364

das mahavidya दस महाविद्या सनातन धर्म का एक गूढ़ रहस्य मैं लगातार सर्च कर रहा था 10 महाविद्याओं पर। ये महाविद्या शाक्त परंपरा के अंतर्गत आती हैं। ये मां के उग्र और सौम्य रूप हैं। एक जगह लिखा हुआ था कि यह तंत्र की देवियां हैं। मां काली एक आदि शक्ति का रूप हैं और उन्हीं के बाकी रूप उन्हीं के रूप हैं।
बहुत ज्यादा पोटेंट पावर है। क्यों 10 महाविद्या को एक सीक्रेट बनाकर रखा? विद्या एक्चुअली एक बहुत गूढ़ रहस्य है। ये एक मिस्ट्री से सराउंडेड है। तो क्या मां काली की जो पूजा है वो घर के मंदिर में होनी चाहिए?
महाकाली की आप फोटो रख सकते हैं, मूर्ति के बहुत सारे अपने विधि विधान होते हैं। द बेस्ट करना है अगर आप दिव्य रहना चाहते हैं हर जगह पर तो फिर आपको दस महाविद्याओं से जुड़ना चाहिए। मैं ये कहना चाहूंगी, दैट हमें अपने रूट्स पे वापस जाना चाहिए। हर घर में महाविद्या का ज्ञान सबको होना चाहिए।
हमें अपने घर की प्रोटेक्शन करनी आनी चाहिए। हमारा कनेक्शन अगर डायरेक्टली भगवान से है तो हमें तीसरे इंसान की जरूरत नहीं है। व्हाई डोंट यू बिकम ? भी शायद पुराने जमाने में लोग बहुत ज्यादा सफिशिएंट थे और अब वो कहीं ना कहीं कमी हमें खल रही है।
दस महाविद्याओं की खोज
सनातन धर्म के अंदर तीन संप्रदाय हुए। एक वैष्णव संप्रदाय जो भगवान विष्णु की पूजा करते थे, एक शैव संप्रदाय जो कि भगवान शिव की पूजा करते थे और तीसरा संप्रदाय शाक्त संप्रदाय जो मां शक्ति की, आदि शक्ति के रूपों की पूजा करते थे।
शाक्त परंपरा को जब आप पढ़ने के लिए निकलते हैं तो आपको शाक्त परंपरा की 10 महाविद्याओं की बात पता लगती है। मैंने जब इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की तो मुझे, जब आप उनके फोटोज को देखते हैं तो आपको लगता है कि अरे ये एक दूसरे से इतना अलग हैं।
और इतने ज्यादा विचित्र हैं कि आपको वह पहेली सुलझने की जगह उलझती चली जाए। और जैसे ही मुझे पता लगा कि मेरे कांटेक्ट में एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने दस महाविद्या पर एक रिसर्च की है।
जिसका रिसर्च पेपर ऑक्सफोर्ड में छपने जा रहा है, उन्होंने एक बुक पब्लिश उनकी होने वाली है जो कि 10 महाविद्याओं पर ही है तो मैं फिर खुद को नहीं रोक पाया और मैं सीधे डॉक्टर मनमीत को मैंने फोन लगाया और बात करने की कोशिश की।
उन्होंने मुझे कई ऐसी बातें बताईं 10 महाविद्याओं के बारे में जो मुझे नहीं मिल रही थीं कहीं जानने के लिए। दस महाविद्याओं के बारे में हमसे बहुत कुछ छिपाया गया। क्यों? इस सवाल का जवाब आपको मिलेगा इस लेख में जो कि बहुत इंटरेस्टिंग है।
अगर आप अब तक हमारे लेख पढ़ते रहे हैं तो आप जानते हैं कि हमारे लेखों में आपका कोई टाइम वेस्ट नहीं होगा बल्कि आपको बहुत कुछ जानने के लिए मिलेगा। तो चलिए, हम शुरू करते हैं आज का यह लेख।
आपकी जिंदगी में इसकी बहुत जरूरत है लेकिन इससे आपको किसी ना किसी वजह से दूर रखा गया। ये एक अलग विषय है इस पर हम फिर कभी बात कर लेंगे।
लेकिन मैं लगातार सर्च कर रहा था काफी दिनों से बल्कि काफी हफ्तों से दस महाविद्याओं पर और दस महाविद्याओं पर मैंने जब सर्च करना शुरू किया तो एक जगह लिखा हुआ था कि ये तंत्र की देवियां हैं।
जी, अगर देवी तो देवी हैं, भगवान तो भगवान हैं। अब वो तंत्र की हैं तो क्या एक आम आदमी को उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए ? दूसरा सवाल मेरे मन में ये आता है कि क्या ये तंत्र की ही देवियां हैं ? सिर्फ तांत्रिक लोग पूजा करें ? क्यों? क्योंकि देखिए वहां पर यह भी है कि यह 10 जो रूप हैं, यह एक्सपर्ट्स हैं, यह 10 महाविद्या हैं।
अब महाविद्या की जरूरत तो एक आम आदमी को भी होनी चाहिए। मैं अपने घर में मंदिर में अगर पूजा कर रहा हूं, मां लक्ष्मी से पैसा मांग रहा हूं, कृष्ण जी से अगर मैं सच्चा साथी मांग रहा हूं, किसी दूसरे भगवान से कुछ और मांग रहा हूं, तो दस महाविद्याओं के बारे में मैं क्यों नहीं पूजा कर रहा ? मैं उनके बारे में क्यों नहीं जानता ? मुझे बचपन से क्यों नहीं सिखाया गया दस महाविद्याओं के बारे में? क्यों दस महाविद्याओं को एक सीक्रेट बनाकर रखा गया ?
बहुत ही इंटरेस्टिंग पोस्ट है ये। 10 महाविद्या एक्चुअली एक बहुत गूढ़ रहस्य है। ये एक मिस्ट्री से सराउंडेड है। मां पार्वती के 10 रूप हैं और यह कहना ठीक नहीं होगा कि यह केवल तांत्रिकों को ही सिद्धियां देती हैं। यह अपनी अचूक सिद्धियां जो हैं वो भक्तों को भी देती हैं।
लेकिन इनके बारे में हमें क्यों नहीं बताया गया, इसके दो कारण हैं। सबसे पहला कारण यह है कि ये मां के उग्र और सौम्य रूप हैं लेकिन जो उग्र रूप हैं उनकी सही तरीके से जो पूजा की जानी चाहिए उसका ज्ञान कहीं ना कहीं जनरेशन टू जनरेशन खो गया है।
और यह सबको पता है कि अगर इनकी सही तरीके से पूजा ना की जाए तो इस एनर्जी को आप हैंडल नहीं कर सकते। दूसरा यह है कि रिलीजन के साथ आप मानेंगे, धर्म के साथ हमेशा फियर जुड़ा हुआ होता है।
कुछ ऐसे लोग हैं जो यह ज्ञान हर जगह पहुंचाना नहीं चाहते क्योंकि उनको लगता है कि अगर सबके पास ये गूढ़ ज्ञान चला गया तो उनकी वैल्यू लाइफ में खत्म हो जाएगी।
उनका बिजनेस बंद हो जाएगा। जी। तो जब पिछले साल जब मेरे को मां काली का सपना आया था, उन्होंने मुझे कहा था कि आप 10 महाविद्या की वर्कशॉप करो, आपको सच बताऊं तो काफी कन्फ्यूजिंग था मेरे लिए क्योंकि मैं सिर्फ ऐसे लोगों के साथ डील नहीं करती जो सिर्फ धर्म में और एक भक्ति मार्ग पर ही चलते हैं।
मैं बहुत प्रैक्टिकल लोगों के साथ भी डील करती हूं, कॉरपोरेट्स के साथ डील करती हूं। ऐसे लोगों के पास जिनके पास आधे से एक घंटे से ज्यादा दिन में भक्ति करने का वक्त नहीं है। उनके ऊपर बहुत रिस्पॉन्सिबिलिटीज हैं। तो 10 महाविद्या जैसा ज्ञान एक सिंपल आदमी को देना जिसके ऊपर बहुत सारी सांसारिक रिस्पॉन्सिबिलिटीज हैं, वह अपने में एक चैलेंज था।
लेकिन मेरे को यह दिखाया गया कि आप प्रैक्टिकल लाइफ में इसको बिल्कुल सिंपल बना के लोगों को समझाओ। और इसी के चलते हम आज यह लेख भी लिख रहे हैं और आपका क्वेश्चन जो है, इसको कैसे हम सिंपलीफाई कर सकते हैं और कैसे अपनी लाइफ में इस ज्ञान को यूज कर सकते हैं।
आपने एक बात बहुत इंटरेस्टिंग यहां पर कही कि कुछ लोगों ने इस महाज्ञान को, इस महाविद्या के ज्ञान को बहुत ही एक सीक्रेट बनाकर इसलिए रख दिया जिससे कि यह उनके पास रहे और जो एक आम आदमी है वो बेसिकली इसको दूर से ही देखे तभी वो मेरे पास आएगा और मुझसे पूछेगा कि ये क्या है फिर मैं अपना बिजनेस उससे रन करूंगा।
क्या हैं दस महाविद्या ?
अगर हम इससे हटकर भी आगे देखें, अगर एक आम आदमी महाविद्या से जुड़ना चाहता है, पहले तो मैं आपसे ये भी समझना चाहूंगा कि महाविद्या हैं क्या? क्योंकि जब मैं सर्च कर रहा था, जब मैं पढ़ रहा था इनके बारे में तो मुझे दस महाविद्याओं ने बड़ा ही एक शॉकिंग एक्सप्रेशन मेरे मन के अंदर आया।
क्यों? एक देवी हैं जो 16 साल के रूप में रहती हैं हमेशा, एक देवी उसमें ऐसी हैं जो विधवा के वेश में खड़ी हैं, एक ऐसी हैं जिन्होंने अपने ही हाथ से अपनी गर्दन काटी हुई है, एक मां काली का रूप है तो अलग-अलग रूप हैं और सब एक दूसरे से बहुत डिफरेंट हैं। और एक बहुत ही शॉकिंग है कि ऐसा क्यों? देवी का तो महाविद्या बेसिकली क्या हैं ? इनकी जरूरत क्यों पड़ी? यह हमारे धर्म के अंदर, सनातन धर्म में क्यों एग्जिस्ट करती हैं ? क्या है यह महाविद्या?
दस महाविद्याओं का स्वरूप और उद्देश्य
दस महाविद्या शाक्त परंपरा के अंतर्गत आती हैं और इनके बारे में कुछ भी बोलने से पहले मैं इस श्लोक से शुरू करना चाहूंगा
दस महाविद्या के नाम
काली तारा महाविद्या षोडशी भुवनेश्वरी।
भैरवी छिन्नमस्ता च विद्या धूमावती तथा॥
बगला सिद्धि विद्या च मातंगी कमलात्मिका।
एता दस महाविद्या सिद्धि विद्या प्रकीर्तिता॥
यह जो श्लोक है, यह इसमें सब 10 महाविद्या के जो हैं वो नाम बताए गए हैं। अगर हम इसको बिल्कुल सिंपलीफाई करें अपने पाठकों के लिए भी, तो यह जो 10 महाविद्या, यह हमारी लाइफ की डिफरेंट स्टेजेस हैं।
जैसे हमारी लाइफ में एक स्टेज आती है जब हम, जब हमारी लाइफ से किसी की डेथ हो जाती है, उसका या हम अपनी लाइफ में ट्रांसफॉर्मेशन लाने की कोशिश करते हैं। तो वो क्या है? तो 10 महाविद्या से हम बहुत तरीके से अपनी लाइफ के साथ उनको को-रिलेट कर सकते हैं।
पहले यह 10 महाविद्या किस-किस तरीके से हैं, मैं उनके नाम आपको बताती हूं। सबसे पहले हैं मां काली। यह भी कहा जाता है कि मां काली के ही बहुत सारे बाकी जो रूप हैं वो बाकी की महाविद्यास हैं।
मां काली एक आदि शक्ति का रूप हैं और उन्हीं के बाकी रूप बाकी की महाविद्या हैं, उन्हीं के रूप हैं वो। तो सबसे पहले मां काली हैं, उसके बाद मां तारा हैं, मां छिन्नमस्ता हैं, उसके बाद मां षोडशी हैं जिनको हम मां त्रिपुर सुंदरी भी कहते हैं, मां ललिता भी कहते हैं। उसके बाद मां भुवनेश्वरी हैं, उसके बाद मां भैरवी हैं जिनको हम त्रिपुर भैरवी भी कहते हैं।
उसके बाद मां धूमावती हैं, मां बगलामुखी हैं, मां मातंगी हैं और मां कमलात्मिका हैं। अब इनमें से कुछ के नाम आपने जरूर सुने होंगे जैसे कि मां बगलामुखी, इनके बारे में सब बात करते हैं कि यह दुश्मनों को हर लेती हैं और कोर्ट केसेस वगैरह में आपकी बहुत हेल्प करती हैं।
कुछ-कुछ महाविद्या के बारे में हम जानते हैं और कुछ-कुछ के बारे में हम नहीं जानते। और जिनके बारे में जानते हैं उनके बारे में भी बहुत ही सीक्रेट तरीके से कहा जाता है कि नहीं, इनकी पूजा हर किसी को नहीं करनी है, गलत तरीके से नहीं करनी है, नहीं तो ये आपको नुकसान कर सकती हैं।
तो क्या कोई भी देवी नुकसान कर सकती हैं ?
कोई भी देवी नुकसान नहीं कर सकतीं पर यह जैसे कि आप समझिए कि यह बहुत ज्यादा पोटेंट पावर है। अगर एक छोटा बच्चा है और हम उसको बिजली की नंगी तार दे दें तो चांसेस हैं कि उसको शॉक लग सकता है।
वो एनर्जी हैंडल कैसे करे? क्योंकि वो एनर्जी वो जो फ्लो कर रही है, अगर उसके आसपास प्रोटेक्टिव लेयर नहीं लगाई गई तो वो जो करंट की तार है वो एक इंसान को मार भी सकती है।
तो उसके ऊपर जो वो प्लास्टिक की प्रोटेक्टिव वायर लगाई जाती है वो एक सही ज्ञान है जिससे वह एनर्जी आपकी लाइफ में एक अच्छा काम करेगी, लाइट देगी आपको लेकिन आपको शॉक नहीं देगी। तो शॉक से बचने के लिए, लेकिन अगर आपका क्वेश्चन मैं ऐसे आंसर करूं कि लोगों को क्या डरना चाहिए इनसे ? बिल्कुल नहीं डरना चाहिए।
यह मां का, इनके अंदर मातृत्व भी है, इनके अंदर स्ट्रिक्टनेस भी है, डिसिप्लिन भी है। लेकिन क्या उस टाइप के डिसिप्लिन को एक आम इंसान हैंडल करने के लिए तैयार है ? आप छिन्नमस्ता की पूजा अगर करना चाहते हैं तो आपको पहले एक सौम्य रूप से शुरू करना होगा और फिर ग्रैजुअली वहां जाना होगा।
जैसे आप फोर्थ क्लास में सीधा 12th क्लास की पढ़ाई नहीं कर सकते, आप हैंडल ही नहीं कर पाएंगे, आपको समझ में ही नहीं आएगा। तो आपको फिफ्थ क्लास, सिक्स्थ क्लास, सेवंथ क्लास। तो क्या अगर जो लोग महाविद्या के द्वारा चुने गए होते हैं, मैं नहीं सोचती कि हम महाविद्या को चुन सकते हैं, ये हमें चुनते हैं हमारे पूर्व जन्मों के हिसाब से।
दस महाविद्या और नवग्रह
क्या मैं इन्हें अपने प्लेनेट से कनेक्ट कर सकता हूं कि मेरी लाइफ में इस तरीके की परेशानी या मैं इस तरीके की जिंदगी जी रहा हूं तो मुझे इस तरीके की एनर्जी ज्यादा चाहिए?
मान लीजिए कि मुझे कोई कार्डियो की दिक्कत है तो मैं कार्डियोलॉजिस्ट के पास, उनसे उस तरीके के ड्रग लूंगा या फिर दवाइयां लूंगा जो मेरी कार्डियोलॉजी की प्रॉब्लम को ठीक करते हों, दिल की बीमारी को ठीक करते हैं।
तो कैसे मैं ये समझूं कि मेरे प्लेनेट, क्या मुझे प्लेनेट बता सकते हैं, मेरी प्लेनेट पोजीशन बता सकती है कि मुझे इस महाविद्या को मनाना चाहिए, पूजा करनी चाहिए, इस महाविद्या का आशीर्वाद चाहिए? क्या ये पॉसिबल है?
बिल्कुल पॉसिबल है और ये उनको डिकोड करने का एक बहुत अच्छा तरीका है। तो सबसे आज की डेट में सबसे इंटरेस्टिंग प्लेनेट है राहु। क्यों? क्योंकि हम राहु की ही दुनिया में रह रहे हैं। सोशल मीडिया क्या है? राहु है। टेक्नोलॉजी क्या है? राहु है।
यह लेख कैसे प्रकाशित हो रहा है? राहु के थ्रू हो रहा है। तो राहु जो है वो आज की दुनिया को रूल करता है। जबकि राहु को सबसे खराब मानते हैं। हां, मानते हैं। लेकिन जिन लोगों को सक्सेस देता है, सक्सेस की जिन ऊंचाइयों पर राहु पहुंचा सकता है वो कोई भी नहीं पहुंचा सकता। तो राहु को रूल करती हैं मां छिन्नमस्ता।
तो जब राहु की महादशा शुरू होती है या की अंतर्दशा चल रही होती है, राहु खराब रिजल्ट दे रहा होता है तो हमें जाना है मां छिन्नमस्तिका के मंदिर। मां छिन्नमस्तिका का मंदिर है राजरप्पा, झारखंड में।
और नॉर्थ में इनका जो टेंपल है उसको हम चिंतपूर्णी कहते हैं जो ऊना में है, हिमाचल में। तो मां छिन्नमस्ता राहु को रूल करती हैं। और दूसरा प्लेनेट हम जिससे बहुत डरते हैं शनि, वो है शनि। और शनि को कौन रूल करता है? महाकाली।
तो मां काली की साधना जब आपकी शनि की साढ़े साती, शनि की ढैया या आपका शनि वेल प्लेस्ड नहीं है तो मां काली की पूजा हम करेंगे। और तीसरा प्लेनेट जिसकी दशा में सब बहुत डरते हैं वो है केतु। क्योंकि केतु आपको हर चीज से डिटैच कर सकता है और कर देता है।
तो केतु एक बहुत ही डिवोशनल प्लेनेट भी है क्योंकि आपको भक्ति के मार्ग पे ले जाता है लेकिन कहीं से हटा के ही लेकर जाता है। तो अगर आपके सेकंड हाउस में केतु बैठ गया है तो आपको आपकी फैमिली से, धन से, आपको डिटैच कर देगा एक सर्टेन एज के बाद और आपको आध्यात्म में ले जाएगा अगर आपके बाकी प्लेनेट एक तरीके से हैं।
अगर आपका केतु आपके मैरिज के घर में बैठ गया है तो आपका डिवोर्स होने के काफी अच्छे चांसेस हैं। ठीक है? तो केतु को कौन रूल करता है? केतु को रूल करती हैं मां धूमावती।
तो अगर आपका केतु का प्लेसमेंट खराब है या केतु का आपको कोई डर है क्योंकि केतु बहुत सडनेस का प्लेनेट है, सडन आपको कुछ हो जाएगा, सडन डेथ, सडन एक बीमारी निकल आई, कहां से आई, कुछ नहीं पता। तो यह जो सडनेस का प्लानेट है वो है केतु और उनकी जो, उनसे बचने के लिए जो मां हैं वो हैं मां धूमावती।
एक और प्लेनेट जिसको बहुत सारे लोग जिससे डरते हैं वो है मंगल। अगर मंगल खराब हो तो बहुत चीजें खराब हो जाती हैं। मंगल क्या है? मंगल करेज है। क्या हमारे में वो करेज है कि हम किसी चीज को बोल्डली फेस कर सकें? और उसकी जो देवी हैं वो हैं मां बगलामुखी।
तो जब हम अपने शत्रुओं का पूरी तरीके से सामना कर सकते हैं और उनके सामने डरेंगे नहीं, ये स्ट्रेंथ लेने के लिए हमें मां बगलामुखी के पास जाना है जिनके टेंपल्स दतिया में भी हैं और हिमाचल में भी हैं। है ना? तो यह तो हो गए चार मेन प्लेनेट जो मैंने आपको बताए।
अब आया सन। सन को कौन रूल करता है? सन को रूल करती हैं मां मातंगी। अभी मैं आपको जैसे इन महाविद्यास के बारे में थोड़ा सा बताऊंगी। महाविद्या को किससे जोड़ते ? मां मातंगी सन को रूल करती हैं।
जुपिटर जो बृहस्पति है, उनको रूल करती हैं मां तारा। तो बहुत सारे लोग अपना जुपिटर ठीक करने के लिए तारापीठ जाते हैं जो कोलकाता से तीन से चार घंटे की दूरी पर है।
पर जैसा कि मैंने आपको कहा, आप नहीं जा सकते, मां आपको बुलाएंगी। अगर आपकी किस्मत में होगा तो ऐसा होगा। और ये सारे प्लानेट, अब रह गया बुध। बुध को रूल करती हैं मां षोडशी। तो यह सारे जो प्लेनेट हैं इनको यह महाविद्या रूल करती हैं।
दस महाविद्याओं का विस्तृत परिचय
1 मां काली (रूपांतरण की शक्ति)
मां काली काल की भक्षक हैं, वो पूरा ब्रह्मांड हैं और वो एक ऐसी शक्ति हैं जो अपने में परिपूर्ण हैं। लेकिन मां काली का जन्म तब हुआ जब मां पार्वती को इतना तेज एंगर फील हुआ, इतना तेज गुस्सा फील हुआ कि उसके मारे वो क्रोध के मारे उनकी पूरी स्किन जो है वो ब्लैक हो गई और उनको अपने सौम्य रूप से उग्र रूप में आना पड़ा क्योंकि उनको दुनिया को यह दिखाना था कि एक नारी एक पुरुष के बिना भी कुछ कर सकती है।
डिवाइन फेमिनिन। तो उनको शिवजी ने बोला, उन्होंने कुछ तो बताया उनको। तो शिवजी ने उनको बोला कि यह आप खुद ही क्यों नहीं कर लेतीं? तो उनको लगा, चुनौती दी जैसे कि। तो उनको लगा कि हां, और यह जो उनका फॉर्मेट, आप यह भी देखिए कि हमारे वेदों में पहले सीता मां को ही आइडियल मानते थे। तो काफी टाइम तक जो एक नारी का फॉर्म था
जिसको सब लोग आइडियल मानते थे, वो थीं मां सीता। और फिर क्या हुआ कि इंडिया के ऊपर बहुत हमले होने लग गए, मुगलों के हमले होने लग गए और नारियों के लिए काफी नहीं था कि वो मां सीता ही बन के रहें। सही बात। उनको भी शस्त्र उठाने थे, उनको भी जंग लड़नी थी।
आप कितनी सारी वीरांगनाओं के बारे में जानते हैं जैसे कि मां लक्ष्मीबाई वगैरह जहां पे उन लोगों ने एक नारी होते हुए अपना बच्चा बांध के पूरी जंग उन्होंने लड़ी। बिल्कुल। तो ये शक्ति कहां से आई? जो भगवान होते हैं वो अपना रूप बार-बार बदलते रहते हैं संसार के साथ।
जैसे श्री कृष्ण ने पहले राम का अवतार लिया और उसके बाद कृष्ण का अवतार लिया। उस समय जो जरूरत थी दुनिया को, संसार को, वह जरूरत थी शक्ति की। तो जो शाक्त परंपरा है वो वहां से शुरू हुई और शक्ति के बहुत सारे फॉर्म्स जो हैं वो 10 महाविद्या हैं।
तो एक नारी को सिर्फ सौम्य रहना नहीं सिखाया गया, एक नारी को एक उग्र फॉर्म भी सिखाया गया कि अगर आपको अपने घर की, अपने बच्चों की रक्षा करनी है तो आपको भी एक पावरफुल फॉर्म में आना है।
तो मां काली वो पावरफुल फॉर्म का सबसे बड़ा रूप हैं। और मां काली का जो एक वर्ड मैं यूज करूंगी, ट्रांसफॉर्मेशन। मां काली ट्रांसफॉर्म कर देती हैं अपनी लाइफ को।
2 मां तारा (करुणा की शक्ति)
मां तारा की एनर्जी कंपैशनेट है लेकिन और भी फियर्स है। आपको याद है कि मां तारा को रावण ने इनवाइट किया था और रावण ने उनकी, उनको सिद्ध किया था और उसने अपने एक-एक करके सारे सर उनको दान कर दिए थे हवन कुंड में कि कैसे नहीं आएंगी।
आखिर में उसने कहा कि अगर ऐसा नहीं है कि आप आ सकती हैं तो फिर मेरे जीवन का कोई अर्थ नहीं, मैं अपना आखिरी सर भी काट रहा हूं। और उनको विवश होकर आना पड़ा क्योंकि मां तारा को पता था कि रावण जो युद्ध लड़ रहा है वह धर्म के अगेंस्ट है।
लेकिन फिर भी उनको मजबूर होकर आना पड़ा पर उन्होंने एक शर्त रखी थी। उन्होंने कहा कि अगर तुम धर्म के अगेंस्ट गए कम से कम लॉजिस्टिक्स में, तो मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूंगी।
और यह हम सबको पता है कि रावण ने सूर्यास्त के बाद जो ब्रह्मास्त्र उठाया था और उसी समय मां तारा ने उनको छोड़ा और एक यह बहुत बड़ा रीजन है उसकी हार का।
उसको भी पता था कि जब तक मां तारा मेरे साथ, वो हालात बने जिसमें रावण का वध हो। बिल्कुल। वो हालात ही ऐसे बनाए गए कि उसका। तो यह है मां तारा की एनर्जी। मां तारा जहां कहते हैं, हम तारापीठ हैं, वहां पे मां सती के नेत्र गिरे थे।
3 मां छिन्नमस्ता (आत्म-बलिदान और अहंकार का नाश)

मां छिन्नमस्ता। मां छिन्नमस्ता एक ऐसे फॉर्म हैं जैसे आपने कहा, उनका सर कटा है, उन्होंने खुद ही अपना सर काटा है और तीन रक्त की धाराएं बह रही हैं। एक जया विजया के मुंह में जा रही है, एक उनके खुद के मुंह में जा रही है।
तो एक तो सैक्रिफाइस की एनर्जी दिखाती हैं और एक ये यह दिखाता है कि हम कैसे अपनी ईगो को काट सकते हैं। तो जब हमारा सर, और इसीलिए यह मां जो हैं राहु को वो करती हैं। राहु का भी सर कटा हुआ है और राहु ईगो डोनेट करता है, राहु इल्यूजन दिखाता है।
मां छिन्नमस्ता कहती हैं कि अपनी ईगो को मार दो और उनका जो पैर है वो कामदेव और रति के ऊपर है। तो अपनी वासनाओं को भी मारो, अपनी ईगो को भी मारो।
दस महाविद्या में बड़ा विचित्र सा रूप, सबसे ज्यादा विचित्र रूप अगर मैं कहूं तो छिन्नमस्ता का है। बहुत और बहुत पावरफुल है ये।
तो मैं ये नहीं कहूंगी कि कोई भी उनका मंत्र एकदम से शुरू कर दे। उनका जो एक बीज मंत्र है वो आप कर सकते हैं। बट आप इतनी बड़ी एनर्जी को टच करने से पहले स्टेप बाय स्टेप जाएं। इसीलिए इनका एक क्रमांक है, महाकाली से शुरू करें और इसी तरीके से जाएं।
4 मां षोडशी (त्रिपुर सुंदरी – सौंदर्य की देवी)

मां षोडशी या मां त्रिपुर सुंदरी जिनको 16 साल की दिखाया गया है और उनको बताया गया है कि हम इस एज में भी इतने पावरफुल होते हैं। वो इतनी सुंदर हैं कि ब्रह्मांड की सारी सुंदरता उनके अंदर है और हम इसको सिर्फ सुंदर देखने की जगह अगर यह देखें कि अगर हम इनकी पूजा करें तो हमें हर चीज में और हर इंसान में सुंदरता दिखेगी कि हम, हमारा नजरिया सुंदर हो जाएगा।
यह बहुत सारे लोग कहते हैं कि सौंदर्य की देवी हैं, अगर आपको अपना सौंदर्य बढ़ाना है तो आपको इनके पास जाना चाहिए। पर मैं कहती हूं कि अगर आपको अपनी आंखें बदलनी हैं तो आपको इनके पास जाना चाहिए क्योंकि आपकी आंखें सुंदर होंगी तो आपको सब कुछ सुंदर लगेगा, नजरिया आपका बेहतर हो जाएगा।
5 मां भुवनेश्वरी (ब्रह्मांड की शासक)

मां भुवनेश्वरी। पूरी ब्रह्मांड की, को कॉस्मिक रूलर जिसे हम कहते हैं, वो मां भुवनेश्वरी हैं। उनसे आप क्या मांग सकते हो ? शी इज द गॉडेस ऑफ मेनिफेस्टेशन। कुछ भी मांग सकते हो। हां, वो उनका एक वो है, आधिपत्य है सारे ब्रह्मांड के ऊपर और उनसे आप कुछ भी मांग सकते हैं। शी इज द गॉडेस ऑफ मेनिफेस्टेशन।
6 मां काल भैरवी (काल को नियंत्रित करने वाली)
मां भैरवी जिनके कंसर्ट खुद काल भैरव हैं। जी, तो मां भैरवी काल को कंट्रोल करती हैं। मां भैरवी कहती हैं कि कुछ भी सुंदर और ना सुंदर नहीं है।
अगर दुनिया तुम्हारे अगेंस्ट जा रही है और तुम्हें अकेले के लिए खड़े रहना है तो तुम खड़े रहो। ना तुम दूसरों को जज करो, ना तुम किसी की जजमेंट को लो। तो जब लोगों को करेज की बहुत जरूरत होती है तो हम कहते हैं कि आप मां भैरवी की आराधना करें।
7 मां धूमावती (विधवा स्वरूप और त्याग)

मां धूमावती। मां धूमावती को एक विधवा दिखाया गया है और सीक्रेट दिखाया गया है और वो बिल्कुल भक्ति के पथ पर हैं। मां धूमावती को आपको मालूम है कि उनका नाम कहां से आया? धुएं से आया जिसमें सती ने अपना सैक्रिफाइस किया था।
उसका जो, उस हवन से जो धुआं निकला था वो मां धूमावती को डिनोट करता है कि सैक्रिफाइस का धुआं भी वेस्ट नहीं जाता, वो भी अपने में एक एनर्जी इतनी स्ट्रॉन्ग लेके चलता है। तो यह केतु को कंट्रोल करती हैं, सडनेस को कंट्रोल करती हैं और इनको एक बहुत ही विडो के फॉर्म में दिखाया गया है, विद ओपन हेयर। और ओल्ड।
हां, और एक क्रो पे हैं और कहते हैं कि जो मैरिड लेडीज होती हैं उनको मां धूमावती के पास नहीं जाना चाहिए। मां धूमावती का एक टेंपल बनारस में है लेकिन ज्यादातर इन सब महाविद्यास का जो मेन टेंपल है, इनकी पीठ अलग होगी लेकिन मां कामाख्या के साथ इनके ये जो 10 महाविद्या हैं वो एस्टेब्लिश हैं।
8 मां बगलामुखी (शत्रुओं का नाश)

मां बगलामुखी। मां बगलामुखी आई थिंक सबसे ज्यादा फेवरेट और कॉमन हैं क्योंकि मां बगलामुखी शत्रुओं का नाश करती हैं और पीले कपड़ों से उनको डोनेट, वो डिनोट होती हैं और पीली चीजें, पीले वस्त्र, यही सब उनका होता है। वो बहुत ज्यादा पावरफुल हैं, बहुत ज्यादा पावरफुल हैं।
लेकिन लोग कहते हैं कि इनसे हमारे लीगल केसेस खत्म हो जाएंगे, इनसे हमारे शत्रु खत्म हो जाएंगे। लेकिन मैं यह कहती हूं कि आपके अंदर जो शत्रु है उसका क्या? हां, एक बाहर के शत्रु, एक आपके खुद के। और एक आप खुद के। तो अगर आपका फियर है, डाउट है, जेलेसी है, इंडिसीजन है, कहीं आप देखोगे लोग जिंदगी भर डिसीजन ही नहीं ले पाते।
घर खरीदना है, घर खरीदना चार साल से बोल रहे, खरीद ही नहीं पा रहे। बिल्कुल। कईयों को इतना ही डर लग जाता है कि वो दूसरों के एक एब्यूज रिलेशनशिप में भी रह जाते हैं कि अगर हमने छोड़ दिया तो फिर हम अकेले रह जाएंगे। तो ऐसे लोगों को ना सिर्फ बाहर की चीज जो कि लीगल केसेस वगैरह हैं .
लेकिन जो अगर आप अंदर अपने आप से जूझ रहे हैं, अंदर आपकी कशमकश चल रही है और शुरू से चल रही है, आप ओवरथिंकिंग करते हैं, आपको नींद नहीं आती तो आपको मां बगलामुखी के पास जरूर जाना चाहिए।
9 मां मातंगी (ज्ञान और कला का तांत्रिक रूप)

मां मातंगी का जन्म हुआ था जब भगवान शिव और माता पार्वती खाना खा रहे थे और उनका थोड़ा सा खाना बच गया था। तो उसको हम जो जूठन कह देते हैं, उससे उनका जन्म हुआ था। तो ये ऐसी क्लास की, क्लास को रिप्रेजेंट करती हैं जिनको बाकी लोग एक्सेप्ट नहीं करते। लोअर क्लास हम कह सकते हैं। लेकिन ये मां सरस्वती का तांत्रिक रूप हैं।
अगर हम मां मातंगी को, मुझे सबसे ज्यादा फैसिनेट करती हैं मां मातंगी, कि अगर कोई आराधना करे तो उसको इतना डीप ऑकल्ट का नॉलेज हो सकता है कि सबसे ज्यादा गूढ़ ज्ञान क्योंकि ज्ञान की देवी मां सरस्वती हैं और उसका तांत्रिक फॉर्म ये हैं।
तो ये एक वीणा के साथ हैं और उनके साथ एक ग्रीन पैरेट होता है। इट्स अ वेरी ब्यूटीफुल पिक्चर। और ये बिल्कुल मंद-मंद मुस्का रही हैं और ये इस तरीके से अपने आप को डिपिक्ट करती हैं।
10 मां कमलात्मिका (समृद्धि का तांत्रिक रूप)

और आखिरी में हैं मां कमलात्मिका, मां कमला जिनको हम कहते हैं, जो मां लक्ष्मी का तांत्रिक फॉर्म हैं और वो बिल्कुल अपने कमल पर बैठी हैं और चार हाथी उनको नहला रहे हैं और वो बिल्कुल बहुत, मतलब वो इतनी सुंदर हैं और इतनी सुंदर स्माइल है उनकी कि उनको देख के लगता है कि बस अब सब मिल गया।
तो जो 10 महाविद्यास हैं, अभी आपने देखा होगा मैंने दो बार यूज किया वर्ड, ये उनका तांत्रिक फॉर्म है। बिल्कुल, मैं इस पर आने वाला था। हां, तो जो तांत्रिक फॉर्म है इसका यह मतलब है कि इसको, इन फॉर्म से हमें एक डिफरेंट टाइप की नॉलेज मिलती है।
जैसे मां सरस्वती से हमें डिफरेंट टाइप की नॉलेज मिलती है, उन्हीं का एक फॉर्म है जिनसे हमें एक एक्स्ट्रा नॉलेज मिलती है।
11 दस महाविद्या की पूजा और साधना

जब यह महाविद्या हमें चुनती हैं तो हमें एक डिसीजन लेना होता है लाइफ में कि क्या हम इस पाथ पर चलना चाहते हैं। और अगर हमने डिसाइड किया कि हम इस पाथ पर चलना चाहते हैं तो फिर उसके बाद कोई दो राय नहीं है।
तो यहां क्वेश्चन आता है कि क्या अगर हम महाविद्या के पाथ पर चल रहे हैं तो क्या हमें अपनी नॉर्मल लाइफ को सैक्रिफाइस करना होगा? और यहां पर यह मैं अपने पाठकों को बताना चाहती हूं कि किसी भी भगवान को, स्पेशली दस महाविद्या को अप्रोच करने के दो तरीके हैं, एक पूजा का तरीका और एक साधना का तरीका।
12 पूजा और साधना में अंतर

पूजा का तरीका तो ठीक है लेकिन जो साधना का तरीका है उसके लिए आपको काफी कुछ गिव अप करना होता है। यह आपकी चॉइस है। ये और मैं थोड़ा सा डिफरेंस जानना चाहूंगा कि पूजा का तरीका क्या हो सकता है और एक साधना का तरीका क्या है ?
मतलब कैसे मैं आइडेंटिफाई करूं? तो आप उनकी ब्लेसिंग्स ले रहे हैं। तो इसकी पूजा जैसे हम आरती करते हैं और कोई भी एक मंत्र करते हैं जो इनका सौम्य मंत्र होता है। साधना एक बिल्कुल अलग तरीका है। उसमें आप एक संकल्प लेते हैं कि आप इतने मंत्र इतने दिन में करेंगे और हर रोज करेंगे और उसके बहुत सारे नियम होते हैं, बहुत सारा डिसिप्लिन होता है।
कई 10 महाविद्या की साधनाएं हैं जिसमें आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। तो क्या आप तैयार हैं? क्योंकि यह ऐसी एनर्जी नहीं है जिसके साथ आप खेल सकते हैं।
तो अगर आपने डिसाइड किया कि मुझे इनकी साधना करनी है और यह नहीं कि जिंदगी भर ही करनी है, आप यह भी कह सकते, एक साल साधना करना चाहता हूं।
फिर आप उस एक साल के लिए प्रिपेयर्ड हैं। फिर आप उसके बीच में ऑस्ट्रेलिया घूमने और पार्टी करने नहीं जा सकते। राइट? तो हम कितने तैयार हैं, वह ज्ञान है, वह पोटेंसी है पर हम कितने तैयार हैं उसके लिए, यह बहुत ज्यादा जरूरी हो जाता है।
क्या घर में मां काली की पूजा होनी चाहिए ?
यह बहुत सारे लोगों का डाउट होता है, मेरा भी खुद का डाउट है। मां काली की पूजा घर के मंदिर में एक आम आदमी को कैसे करनी चाहिए? क्या उनकी मूर्ति को रखना चाहिए घर में मां काली की? क्योंकि लोग कहते हैं कि जैसे आपने खुद भी कहा कि ट्रांसफॉर्मेशन की देवी हैं, यह। ज्यादातर मां काली को एक युद्ध के मैदान में देखा गया, समझा गया। तो क्या मां काली की जो पूजा है वो घर के मंदिर में होनी चाहिए और उनकी मूर्ति होनी चाहिए?
मां काली की आप फोटो रख सकते हैं। मूर्ति के बहुत सारे अपने विधि विधान होते हैं और क्योंकि हम सब एक ऐसी जिंदगी में हैं जहां हमें ट्रैवल भी करना होता है, हम सब विधि विधान मान पाएं, ना मान पाएं, एक फोटो आप रख सकते हैं।
आपने कहा कि मां काली को हम युद्ध में देखते हैं। क्या आपको लगता है कि आज के एवरेज आदमी की जिंदगी एक युद्ध से कम है? हर कोई अपनी जिंदगी में हर रोज एक जंग लड़ रहा है। एक हर रोज एक जंग लड़ रहा है। मेरे पास जब महाकाली सपने में आई थीं और उन्होंने डिसाइड किया कि वो मेरे थ्रू कुछ-कुछ काम करवाएंगी, आपको मालूम है कि हम काली दरबार भी करते हैं और यह तभी से है जब से 2017 से मां काली मेरे सपने में आई थीं।
तो उन्होंने मुझे कहा कि आप ऐसा-ऐसा करें और मेरे को बिल्कुल नॉलेज नहीं थी कि हम कैसे कर सकते हैं। तो जैसे-जैसे उन्होंने मुझे बताया वैसे-वैसे मैंने किया और उसके बाद काली दरबार भी शुरू हुआ।
काली दरबार में मैं महाकाली को चैनल करके लोगों को मैसेजेस देती हूं। आज तक काली दरबार से बड़ा कोई भी हमारी वर्कशॉप उससे बड़ी हिट नहीं हुई है। क्या हमें महाकाली की पूजा करनी चाहिए? जरूर करनी चाहिए।
क्या हम सबको एक ऐसा अस्त्र चाहिए जिससे हम इस डार्कनेस को एक मुंहतोड़ जवाब दे सकें? जरूर। और वह अस्त्र है मां काली। लेकिन हम मां काली को किस रूप में पूजना चाहते हैं? क्या हम उन्हें पूजना चाहते हैं ? क्या हम उन्हें सिद्ध करना चाहते हैं ?
आप घर पर बैठ के उनको सिद्ध नहीं कर सकते या लेट्स से कि एक गृहस्थ आदमी के लिए सिद्ध करना काफी मुश्किल है। तो मैं यह कहूंगी कि हमें उनकी पूजा अर्चना करनी चाहिए, उनकी ब्लेसिंग्स लेनी चाहिए, उनके मातृत्व के फॉर्म, उनके मदरहुड के फॉर्म को इनवाइट करना चाहिए।
और जो लोग इसके एक लेवल आगे जाना चाहते हैं वो अमावस्या वाले दिन अपने घर में मां काली का हवन जरूर करें। स्पेशली जिनके घर में चीजें टूटती रहती हैं या उनको लगता है कि कोई एंटिटीज हैं या कुछ नजर दोष है, वो अपने घर में अमावस्या के अमावस्या मां काली का हवन जरूर करें।
मैं कहूंगी कि आप खुद हवन करें चाहे उसमें दो चीजें कम हो जाएं, इट डजंट मैटर। बिकॉज़ रिचुअल से ज्यादा जरूरी है इंटेंशन। और जो आप अपने लिए प्रे कर सकते हैं वो कोई आपके बिहाफ पे प्रे नहीं कर सकता।
किसी के दिमाग में उसके घर की चीजें चल रही होंगी जब वो आहुति डाल रहे होंगे लेकिन आप जब प्रे करेंगे, आप 100% उसमें घुस के प्रे करेंगे क्योंकि दर्द आपको है, ब्लेसिंग्स आप चाहते हैं।
क्यों छिपाया गया दस महाविद्याओं का ज्ञान?
सबसे बड़ी बात यह है कि आज जिस टाइम पर हम रह रहे हैं उसमें इतनी डार्कनेस है कि हमें इन महाविद्यास के सिवाय कोई नहीं बचा सकता। यह एक उग्र फॉर्म है, यह स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हैं और पेशेंट्स तो आप देख ही लीजिए।
मेरे आखिरी लेख के बाद मैं आपको बता ही नहीं सकती कि जितनी हमारे पास कॉल्स आई हैं कि हमारे पे जिन्न है, भूत है, वशीकरण है, मैंने इतने केसेस अपनी जिंदगी में नहीं देखे जितने पिछले तीन हफ्ते में देखे। तो अगर दुनिया में इतना पेन है और यह डॉक्टर्स अवेलेबल हैं तो फिर इनको हम ब्रिज क्यों ना करें ? क्यों हम लोगों को सेल्फ सफिशिएंट ना बनाएं ? क्यों? भारत, आत्मनिर्भर भारत।
मैं भी ये कहना चाहता हूं कि आत्मनिर्भर भारत की जब हम बात करते हैं तो हमें तंत्र में भी आत्मनिर्भर होना चाहिए। हम एटलीस्ट इतना तो पता हो कि इसका इलाज क्या हो सकता है। ठीक है, दवा लेने के लिए मैं एक फार्मा के पास जाऊंगा या फार्मेसी के पास जाऊंगा, वहां से दवा ले लूंगा या डॉक्टर के पास जाऊंगा पर मुझे पता तो हो किसकी दवा क्या लेनी है।
तो ये दस महाविद्याओं से हमें जुड़ना चाहिए, ये तो एक बहुत अच्छी बात आपने कही और आपने बहुत अच्छे तरीके से समझाया भी, मेरे भी बहुत सारे डाउट्स क्लियर हुए जिसमें दस महाविद्या कैसे हैं और वह हमारी लाइफ में कहां-कहां पर किस रोल में नजर आती हैं।
आत्मनिर्भरता की आवश्यकता
जो रिसर्च पेपर है मेरा जो ऑक्सफोर्ड में मैंने पब्लिश जो होगा अभी, वो 10 महाविद्यास के डिवाइन फेमिनिन ऑर्डर के ऊपर है। बिकॉज़ इंडिया में जो स्पिरिचुअलिटी है उसमें जो डिवाइन डिवाइन फेमिनिन है और उसमें जो तंत्र है उसके ऊपर यह पेपर है कि इसकी क्या इंपॉर्टेंस है क्योंकि इंडिया में तंत्र बहुत एंशिएंट है, आप जानते हैं।
और इसको एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर प्रेजेंट करना कि स्पिरिचुअल सर्विस क्या है, डिवाइन फेमिनिन क्या है और कितने फॉर्म्स हैं मां के और वो हमारी लाइफ से कैसे रिलेट करते हैं। अब तो वेस्टर्न वर्ल्ड को भी बहुत इंटरेस्ट है डीप रिलीजन और तंत्र में।
लेकिन यह एक इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर डालना कि मां काली के कितने रूप हैं और हम उनको अपनी डे टू डे लाइफ में कैसे यूज कर सकते हैं। मेरी बुक इससे थोड़ी ज्यादा डिटेल है बट आई विल बी हैप्पी टू शेयर इट वंस इट्स आउट। लेकिन है इन्हीं पे। और आप मानें या नहीं कि 10 साल पहले मेरी लाइफ में 10 महाविद्या नहीं थीं।
तो यह अपने आप इन्विटेशन आया है, अपने आप चैनलिंग हुई है, डाउनलोड हुआ है क्योंकि बहुत सारे लोग पूछते हैं कि आपने कौन से टेक्स्ट्स पढ़े? टेक्स्ट सेकेंडरी है जब आपको डायरेक्टली ऊपर से नॉलेज मिल रही है। हां, अगर आपको ऑटोमेटिक राइटिंग से डायरेक्टली नॉलेज मिल रही है कि मां काली क्या कह रही हैं, मां षोडशी क्या कहना चाहती हैं, बहुत सारे जब मैं एंटिटी हीलिंग्स करती हूं तो उसमें मेरे को मां छिन्नमस्ता दिखती हैं, बहुत में मां भैरवी दिखती हैं और मां भैरवी बहुत सारी चीजें मुझे बताती हैं।
जब हम मीडियम शिप की वर्कशॉप करते हैं और हम पोर्टल खोलते हैं तो हम मां काली को बुलाते हैं क्योंकि उनके अंदर एक वो मदरहुड का भी है और उसके अंदर हम वो स्पिरिट्स को भेजते हैं।
हम जब अर्थ क्लीनिंग करते हैं मीडियम शिप का कोर्स सीख के, तो अर्थ क्लीनिंग का मतलब है कि जो आत्माएं हैं जिनको मुक्ति नहीं मिली उनको मीडियम शिप के थ्रू हम उनसे पूछ के कि आप जाना चाहते हैं, उनको लाइट की तरफ भेजते हैं।
मैं यह कहना चाहूंगी तुषार, दैट हमें अपने रूट्स पर वापस जाना चाहिए। हमें हर घर में एस्ट्रोलॉजी पता होनी चाहिए क्या है, हर घर में महाविद्या का ज्ञान सबको होना चाहिए। हमें अपने घर की प्रोटेक्शन करनी आनी चाहिए, हमें ऑटोमेटिक राइटिंग आनी चाहिए।
हमारा कनेक्शन अगर डायरेक्टली भगवान से है तो हमें तीसरे इंसान की जरूरत नहीं है। मैं 9 साल से यही बोल-बोल जा रही हूं सोशल मीडिया पे कि आपको किसी के पास क्यों जाना है?
आप खुद क्यों नहीं सीखते? कि जो आपने बात की, स्पिरिचुअली सफिशिएंट, व्हाई डोंट यू बिकम? आप खुद करिए। चाहे एंड में आपको, जैसे आपको खाना बनाना आना चाहिए, किसी दिन मन है तो रेस्तरां में जाके खा लीजिए। लेकिन अगर आपको खाना ही नहीं बनाना आता तो आप किसी पर डिपेंडेंट हैं फॉर योर डेली नीड्स।
और जिस तरीके की आज आपने कहा कि एक ब्लैक वर्ल्ड जो है, एक वॉर चल रही है लाइट वर्सेस डार्क, तो उस वक्त में तो आपको स्पिरिचुअली सफिशिएंट होना चाहिए क्योंकि आपको किसी भी परेशानी से डील करना बहुत स्टार्टिंग में ही आना चाहिए।
तभी शायद पुराने जमाने में लोग बहुत ज्यादा सफिशिएंट थे और अब वो कहीं ना कहीं कमी हमें खल रही है और यह बहुत जरूरी है।
वेल, आज के इस लेख में बहुत कुछ जानने को आपसे मिला है और 10 महाविद्याओं पर हमने बहुत डिटेल में बात की है। आई होप जो हमारे पाठक हैं उन्हें बहुत अच्छा लगा होगा, बहुत पसंद आया होगा यह लेख।
हमारी वेबसाइट गुरु मंत्र साधना डॉटकॉम पर और भी बहुत सारे लेख हैं। तो मैं अपने पाठकों से कहूंगा कि अगर आप वे लेख पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट पर जाकर आप पढ़ सकते हैं क्योंकि बहुत सारी चीजों पर हमने मां कामाख्या पर हमने बात की है, हमने स्लीप पैरालिसिस पर बात की है, हमने डेथ पर बात की है।
- काली (Kali): काल भैरव (Kaal Bhairava)
- तारा (Tara): अक्षोभ्य भैरव (Akshobhya Bhairava)
- त्रिपुर सुंदरी/षोडशी (Tripura Sundari/Shodashi): पंचवक्त्र भैरव (Panchavaktra Bhairava)
- भुवनेश्वरी (Bhuvaneshwari): विकृताक्ष भैरव (Vikritaksha Bhairava)
- त्रिपुर भैरवी (Tripura Bhairavi): त्रिपुर भैरव (Tripura Bhairava)
- छिन्नमस्ता (Chhinnamasta): कपाल भैरव (Kapala Bhairava)
- धूमावती (Dhumavati): कोई भैरव नहीं है (No Bhairava)
- बगलामुखी (Bagalamukhi): मृत्युंजय भैरव (Mrityunjaya Bhairava)
- मातंगी (Matangi): मतंग भैरव (Matanga Bhairava)
- कमला (Kamala): संहार भैरव (Samhara Bhairava)