Chandra grahan me apsara sadhna एक रात की अप्सरा साधना: चंद्र ग्रहण पर पाएं धन-दौलत का वरदान

chandra-grahan-me-apsara-sadhna एक रात की अप्सरा साधना: चंद्र ग्रहण पर पाएं धन-दौलत का वरदान
chandra-grahan-me-apsara-sadhna एक रात की अप्सरा साधना: चंद्र ग्रहण पर पाएं धन-दौलत का वरदान

chandra-grahan-me-apsara-sadhna एक रात की अप्सरा साधना: चंद्र ग्रहण पर पाएं धन-दौलत का वरदान अरे यार, क्या आप जानते हैं कि चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) का समय कितना पावरफुल होता है? जी, खासकर उन लोगों के लिए जो स्पिरिचुअल प्रैक्टिसेज में विश्वास रखते हैं। भाईसाहब, यह एक ऐसा टाइम होता है जब ब्रह्मांड की एनर्जी अपने पीक पर होती है।

और सुनो, इसी समय में की गई साधनाएं, जैसे कि अप्सरा साधना, कई गुना ज़्यादा फल देती हैं। अच्छा तो, आज हम इसी टॉपिक पर डिटेल में बात करने वाले हैं। देखो, यह कोई मज़ाक नहीं है, बल्कि एक बहुत ही सीरियस और पावरफुल साधना है। तो चलिए, बिना किसी देरी के इस रहस्यमयी दुनिया में चलते हैं और जानते हैं कि चंद्र ग्रहण में अप्सरा साधना कैसे की जाती है।

चंद्र ग्रहण में अप्सरा साधना क्या है? (Chandra Grahan me Apsara Sadhna Kya Hai?)

 

भाई देख, अप्सरा साधना एक बहुत ही पुरानी और गुप्त साधना है। इसमें साधक अप्सराओं को, जो कि देवलोक की सुंदर और दिव्य शक्तियां मानी जाती हैं, उन्हें सिद्ध करने की कोशिश करता है। मानते हो? अप्सराएं सौंदर्य, कला, और प्रेम की देवी मानी जाती हैं।

अरे वाह भई, इनकी सिद्धि करने से साधक को जीवन में सुख, समृद्धि, और ऐश्वर्य मिलता है। और जब यह साधना चंद्र ग्रहण के विशेष समय में की जाती है, तो इसका इम्पैक्ट और भी गहरा हो जाता है। ज़रा सोचो, ग्रहण के समय ब्रह्मांड के सारे पोर्टल्स खुल जाते हैं और पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बहुत तेज़ होता है। इसी एनर्जी का फायदा उठाकर साधक अपनी साधना को सफल बनाने की कोशिश करते हैं।

 

 अप्सरा साधना के लिए चंद्र ग्रहण ही क्यों चुनें? (Apsara Sadhna ke liye Chandra Grahan hi kyu chunein?)

 

ओहो जी, यह सवाल तो आपके मन में ज़रूर आया होगा। देखो ना, नॉर्मल दिनों में की गई साधना और ग्रहण काल में की गई साधना में ज़मीन-आसमान का फर्क होता है। भाई, ज्योतिष और तंत्र शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा की एनर्जी पृथ्वी पर बहुत ज़्यादा होती है। चंद्रमा को मन का कारक माना गया है, और अप्सरा साधना में मन की एकाग्रता, मतलब कंसंट्रेशन, सबसे ज़रूरी है।

  • एनर्जी का मल्टीप्लाई होना: अरे सुनो, ग्रहण काल में किया गया एक मंत्र जाप, हज़ार गुना ज़्यादा फल देता है। इसका मतलब है कि कम समय में ज़्यादा रिजल्ट्स मिल सकते हैं। सही है न?
  • सिद्धि की गारंटी: वैसे तो कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन हाँ, ग्रहण काल में साधना के सफल होने के चांसेज बहुत बढ़ जाते हैं। यह एक शॉर्टकट की तरह काम करता है।
  • मानसिक शक्ति का विकास: चंद्र ग्रहण के दौरान ध्यान और जप करने से साधक की मेंटल पावर और इंट्यूशन पावर स्ट्रांग होती है। तुम समझो, यह आपकी सिक्सथ सेंस को जगाने जैसा है।

 साधना की तैयारी कैसे करें? (Sadhna ki Taiyari Kaise Karein?)

अच्छा भई, अब सबसे इम्पोर्टेंट पार्ट पर आते हैं। साधना की तैयारी। भाई मान लो, अगर तैयारी ही ठीक नहीं हुई, तो साधना का सफल होना मुश्किल है। तो, आपको कुछ चीज़ों का खास ध्यान रखना पड़ेगा।

 सही जगह का चुनाव (Sahi Jagah ka Chunav)

 

जनाब, सबसे पहले तो एक शांत और साफ-सुथरी जगह चुनें। यह आपका पूजा घर हो सकता है या कोई एकांत कमरा, जहाँ कोई आपको डिस्टर्ब न करे। उस जगह को गंगाजल से पवित्र कर लीजिए। अरे देखो, शुद्धता बहुत ज़रूरी है। उस जगह पर एक पीला या गुलाबी कपड़ा बिछाकर अपना आसन लगाएं।

 

ज़रूरी सामग्री (Zaruri Samagri)

 

भाई, साधना के लिए कुछ ख़ास चीज़ों की ज़रूरत पड़ेगी। इन्हें पहले से ही इकठ्ठा कर लें ताकि साधना के बीच में उठना न पड़े।

  • अप्सरा यंत्र: यह सबसे ज़रूरी है। इसे किसी सिद्ध पंडित से ही प्राप्त करें।
  • स्फटिक की माला: मंत्र जाप के लिए स्फटिक की माला बेस्ट मानी जाती है।
  • गुलाब के फूल: अप्सराओं को गुलाब के फूल बहुत पसंद होते हैं।
  • इत्र (गुलाब या चमेली का): खुशबू वाला माहौल बनाना बहुत ज़रूरी है।
  • शुद्ध घी का दीपक: दीपक पूरी साधना के दौरान जलते रहना चाहिए।
  • फल और मिठाई: प्रसाद के लिए।
  • सुंदर वस्त्र: साधना के समय सुंदर और साफ कपड़े पहनें, जैसे कि गुलाबी या पीले रंग के।

 

 चंद्र ग्रहण में अप्सरा साधना की पूरी विधि (Chandra Grahan me Apsara Sadhna ki Puri Vidhi)

 

तो चलिए, अब स्टेप-बाय-स्टेप विधि जानते हैं। इसे बहुत ध्यान से फॉलो करना है। ज़रा सोच के देखो, एक छोटी सी गलती भी साधना को असफल कर सकती है।

 

 शुद्धिकरण और संकल्प (Step 1: Shuddhikaran aur Sankalp)

 

अरे दोस्त, ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। अपने आसन पर बैठें और अपने गुरु और इष्टदेव का ध्यान करें। फिर, हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प लें। संकल्प में अपना नाम, गोत्र, और साधना का उद्देश्य (अप्सरा सिद्धि) बोलें और जल को ज़मीन पर छोड़ दें। कहो तो, यह एक तरह का रजिस्ट्रेशन है कि आप यह साधना करने जा रहे हैं।

 

यंत्र स्थापना और पूजन (Step 2: Yantra Sthapna aur Pujan)

 

अब अपने सामने एक लकड़ी की चौकी पर गुलाबी कपड़ा बिछाएं। उस पर गुलाब की पंखुड़ियां फैला दें और उसके ऊपर “अप्सरा यंत्र” को स्थापित करें। यंत्र का पूजन करें। उसे गंगाजल से स्नान कराएं, सिंदूर और चावल चढ़ाएं, गुलाब के फूल अर्पित करें और इत्र लगाएं। मानते हो न? पूजन पूरी श्रद्धा से करना चाहिए।

 

मंत्र जाप (Step 3: Mantra Jaap)

 

भाईसाहब, अब आता है सबसे मेन काम – मंत्र जाप। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और अप्सरा का ध्यान करते हुए स्फटिक की माला से मंत्र जाप शुरू करें। मंत्र बिलकुल सही उच्चारण के साथ होना चाहिए

मंत्र:

या

आप किसी एक अप्सरा को चुनकर उनके मंत्र का जाप कर सकते हैं। ग्रहण की पूरी अवधि में आपको लगातार मंत्र जाप करते रहना है। भाई, मन को भटकने नहीं देना है, पूरा फोकस मंत्र पर रखना है।

 

 स्टेप 4: ध्यान और अनुभव (Step 4: Dhyan aur Anubhav)

 

जब आप मंत्र जाप कर रहे होंगे, तो आपको ध्यान की गहरी अवस्था में जाने की कोशिश करनी है। अपनी आंखों को बंद करके अप्सरा के सुंदर रूप की कल्पना करें। ज़रा मानो, आपको ऐसा फील करना है कि वो आपके सामने ही हैं। इस दौरान आपको कुछ अजीब अनुभव हो सकते हैं। जैसे कि:

  • घुंघरुओं की आवाज़: आपको ऐसा लग सकता है कि कहीं आस-पास घुंघरुओं की आवाज़ आ रही है।
  • खुशबू का एहसास: अचानक से गुलाब या किसी और फूल की तेज़ खुशबू आ सकती है।
  • दिव्य प्रकाश: आपको अपनी बंद आंखों के सामने एक तेज़ रोशनी दिख सकती है।

अरे बाबा, इन अनुभवों से डरना नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि आपकी साधना सही दिशा में जा रही है। समझे?

 

साधना के दौरान ध्यान रखने योग्य नियम (Sadhna ke dauran dhyan rakhne yogya Niyam)

 

अरे भाई, साधना करना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है उसके नियमों का पालन करना। एक भी नियम टूटा तो साधना खंडित हो सकती है।

  1. पूर्ण ब्रह्मचर्य: साधना के दिनों में आपको पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा। मन में कोई भी गलत विचार न लाएं।
  2. गोपनीयता: इस साधना के बारे में किसी को भी न बताएं। यह जितनी गुप्त रहेगी, उतनी ही सफल होगी। क्या कहते हो?
  3. अखंड दीपक: साधना के दौरान जो दीपक आपने जलाया है, वो बुझना नहीं चाहिए।
  4. एक ही आसन: एक बार आसन पर बैठने के बाद, ग्रहण समाप्त होने तक उठना नहीं है।
  5. डरे नहीं: साधना के दौरान अगर कोई डरावना अनुभव हो, तो डरें नहीं। अपने गुरु का ध्यान करें और मंत्र जाप जारी रखें।
  6. सात्विक भोजन: साधना से एक दिन पहले और एक दिन बाद तक केवल सात्विक भोजन ही करें।

अप्सरा साधना के फायदे और नुकसान (Apsara Sadhna ke Fayde aur Nuksan)

 

भाई देख, हर चीज़ के दो पहलू होते हैं। अगर अप्सरा साधना के फायदे हैं, तो कुछ रिस्क भी हैं। इसीलिए पूरी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।

 

 फायदे (Fayde)

 

  • सौंदर्य और आकर्षण: साधक का व्यक्तित्व बहुत अट्रैक्टिव हो जाता है। उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक आ जाती है।
  • धन और समृद्धि: अप्सरा की कृपा से जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती।
  • कला में निपुणता: अगर आप किसी कला, जैसे कि म्यूजिक, डांस, या एक्टिंग में हैं, तो आपको उसमें परफेक्शन मिलता है।
  • मनोकामना पूर्ति: अप्सरा सिद्ध होने पर साधक की हर जायज़ इच्छा पूरी करती है।
  • दिव्य ज्ञान: साधक को भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास होने लगता है।

 

 नुकसान और सावधानियां (Nuksan aur Savdhaniyan)

 

अरे बाप रे, अब ज़रा इसके डार्क साइड की भी बात कर लेते हैं।

  • मानसिक संतुलन बिगड़ना: अगर साधना गलत तरीके से की जाए या बीच में छोड़ दी जाए, तो साधक का मेंटल बैलेंस बिगड़ सकता है।
  • नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव: कभी-कभी अप्सरा की जगह कोई और नेगेटिव एनर्जी आकर्षित हो सकती है, जो बहुत खतरनाक हो सकती है।
  • भ्रम की स्थिति: साधक भ्रम और सच्चाई में फर्क नहीं कर पाता और अपनी असल दुनिया से कट जाता है।
  • गुरु के बिना न करें: यह सबसे बड़ी चेतावनी है। बिना किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन के यह साधना कभी न करें। गुरु ही आपको हर खतरे से बचाता है। तुम मानो, गुरु एक सेफ्टी शील्ड की तरह काम करता है।

अधिक जानकारी के लिए आप विकिपीडिया पर अप्सरा के बारे में पढ़ सकते हैं।

 निष्कर्ष (Conclusion)

तो भाई, चंद्र ग्रहण में अप्सरा साधना एक बहुत ही पावरफुल प्रक्रिया है, लेकिन यह बच्चों का खेल नहीं है। इसमें जितनी संभावनाएं हैं, उतने ही खतरे भी हैं। सच बताऊँ, यह साधना केवल उन लोगों को करनी चाहिए जो आध्यात्मिक रूप से मज़बूत हैं और जिनके पास एक योग्य गुरु का मार्गदर्शन है।

बिना सोचे-समझे और अधूरी जानकारी के साथ इसे करना बहुत बड़ी मुसीबत को न्योता देने जैसा है। उम्मीद है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करें और कोई भी कदम उठाने से पहले उसके हर पहलू पर अच्छी तरह से विचार कर लें।


यह याद रखना बेहद ज़रूरी है कि यह मार्ग केवल सांसारिक लाभ या इच्छा-पूर्ति का शॉर्टकट नहीं है। यह एक गहरा आध्यात्मिक अनुशासन है, जो साधक से पूर्ण समर्पण, पवित्रता और मानसिक स्थिरता की मांग करता है। बिना किसी सिद्ध गुरु के मार्गदर्शन के इस ऊर्जावान क्षेत्र में उतरना ख़तरनाक हो सकता है, क्योंकि शक्तिशाली ऊर्जाओं को संभालना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

अध्यात्म की राह पर हमेशा धैर्य, श्रद्धा और सही मार्गदर्शन को अपना साथी बनाएं। आपकी आध्यात्मिक यात्रा मंगलमय हो, यही हमारी कामना है। सही है न?

Previous articleउर्वशी अप्सरा साधना: Urvashi Apsara Sadhana Ki Vidhi Aur Fayde ph.85280 57364
Next articleवशीकरण कैसे करें: किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने का असली तरीका ph.85280 57364
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/