बगलामुखी साधना के नियम baglamukhi sadhna ke niyam

बगलामुखी साधना के नियम baglamukhi sadhna ke niyam
बगलामुखी साधना के नियम baglamukhi sadhna ke niyam

बगलामुखी साधना के नियम baglamukhi sadhna ke niyam सभी भक्तों को जय माई की। मां बगलामुखी की साधना के लिए नियम क्या होंगे? मैं , माता श्री बगलामुखी पीतांबरा के इस  website  के माध्यम से आप सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत करता हूं, हार्दिक अभिनंदन करता हूं। मैं आशा करता हूं कि आप सभी स्वस्थ होंगे, मस्त होंगे। माता श्री बगलामुखी पीतांबरा की कृपा आप सभी भक्तों के ऊपर बनी रहे, ऐसी मैं भगवती बगलामुखी से कामना करता हूं

मैं आज इस एपिसोड के माध्यम से मां बगलामुखी की साधना के लिए क्या नियम आप अपने जीवन में अपनाएं, क्या सावधानी आपको अपने जीवन में रखनी होगी और कैसे आप गृहस्थ में रहकर के माता श्री बगलामुखी की साधना के किन नियमों का पालन कर सकते हैं। 

तो साधना के दिन आपको प्रातः काल सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके पीले वस्त्र पहनने चाहिए। उसके बाद पूजा के दौरान आपको पूर्व दिशा में मुंह आपको रखना होगा। 

पूर्व दिशा में आप मुंह रखें। माता श्री बगलामुखी की पूजा में पीले रंग का प्रयोग आप करें। जितनी भी सामग्री आप माता बगलामुखी को अर्पित करें, वह पीले रंग की होनी चाहिए, चाहे वस्त्र हैं, चाहे चावल हैं, फूल हैं, ठीक है, मिठाई है, जो-जो भी है, वह सब अधिकतर आप पीले रंग का ही भगवती को आप अर्पित करें। 

चंदन आदि जो है, पीले रंग का होना चाहिए और जिस भोजन को आप ग्रहण करते हैं, वह भोजन भी पीले रंग का ही होना चाहिए क्योंकि भगवती बगलामुखी को पीतांबरा नाम से जाना जाता है। माता बगलामुखी का जो वर्ण है, वह पीत वर्ण है और बगलामुखी माता को पीली वस्तुएं अत्यधिक प्रिय हैं।

माता बगलामुखी की पूजा में जिस आसन का प्रयोग करें, वह आसन भी आपका पीले रंग का होना चाहिए। वस्त्र जो आप पूजा में पहनें, वह वस्त्र भी आप पीले रंग के ही पहनें। 

फल पीले रंग के आप रखें और पूजन के बाद दान भी आपको अवश्य करना चाहिए। जो छोटी-छोटी बालिकाएं होती हैं, नौ वर्ष से छोटी जो बच्चियां होती हैं, कंजक होती हैं, उनको आप कुछ यथाशक्ति दक्षिणा भी अवश्य दें। 

व्रत रखने वाले लोग रात में फलाहार कर सकते हैं, परंतु उसमें भी आपको पीले रंग का ही फलाहार लेना होगा। साधना के दौरान आपको ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना होगा, आचार-विचार-व्यवहार से पवित्र रहना होगा। मंत्र जाप है, वह हल्दी की माला का ही आप इसमें प्रयोग करें।

 मंत्र जाप का जो समय है, वह रात्रि 10 बजे से लेकर प्रातः काल 4 बजे तक का जो समय है, यह सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। दीपक की बाती पीले रंग में रंग कर आप इसको सुखा लें, उसके बाद में इस बाती का आप प्रयोग करें।

साधना में सर्वश्रेष्ठ जो मंत्र है माता बगलामुखी का, वह मूल मंत्र है, वह 36 अक्षर का मंत्र है। यदि दीक्षा आपके पास है तो तभी आप इस मंत्र का जप करें, अन्यथा शतनाम का पाठ करें या माता बगलामुखी की चालीसा का आप पाठ करें। 

साधना अकेले में या तो फिर एकांत में हो या फिर मंदिर में हो, हिमालय या फिर किसी सिद्ध पुरुष के आश्रम में सानिध्य में बैठकर आप साधना करें। 

साधना में बगलामुखी माता का जो पूजन में यंत्र आपको चाहिए, वह या तो फिर ताम्रपत्र का होना चाहिए और वह भी अभिमंत्रित होना अत्यधिक जरूरी है या फिर आप यंत्र निर्माण करना यदि जानते हैं तो चने की दाल से आप यंत्र माता श्री बगलामुखी का बना सकते हैं।

 मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप करने से दुखों का नाश हो जाता है और भगवती की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। भक्तों, मेरे द्वारा दी गई जानकारी यदि आपको अच्छी लगी हो तो चैनल और इंस्टा पेज को फॉलो अवश्य कर लें। जय मां बगलामुखी, जय श्री महाकाल।

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Rodhar nath
मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/