तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य – दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका ph8528057364

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तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य - दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका An easy way to attain divine sight ph.85280 57364
तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य - दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका An easy way to attain divine sight ph.85280 57364

तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य – दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका An easy way to attain divine sight ph.85280 57364

तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य - दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका An easy way to attain divine sight ph.85280 57364
तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य – दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका An easy way to attain divine sight ph.85280 57364

तीसरा नेत्र त्रिकाल ज्ञान रहस्य – दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का आसान तरीका ph.85280 57364 आपने काफी लोगों को ऐसे देखा होगा जो चेहरा देख कर ही केवल भूत भविष्य और वर्तमान बता देते हैं कि जैसे कि आपके पिता का क्या नाम है. आपके साथ क्या हुआ था क्या होने वाला है।

आपका घर कहां पर है क्या आप जानना चाहते हैं कि आपके मन में सवाल चल रहा है ऐसी चीजें आपने काफी बार सुनी होंगी और शायद भी देखी भी होंगी। 

तो आपको बता दें कि इसे त्रिकाल दर्शन सिद्ध कहा जाता है।  यानि कि जिस व्यक्ति के पास त्रिकाल दर्शन से अधिक होती है व्यक्ति भूत भविष्य और वर्तमान का पता लगा सकता है। 

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जैसे कि अगर यह सिद्धि प्राप्त कर लेते हैं तो इस सिद्धि को प्राप्त करने से जिस भी चेहरे को आप देखेंगे उस व्यक्ति की आंखों में देखकर केवल आप यह जान सकते हैं ,कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है और किन चीजों को वह जानना चाहता है किन परेशानियों का उसमें सामना किया है। 

 यहां तक कि त्रिकाल दर्शन सिद्धि से आप यह भी उसकी आंखों से खुद ही पूछ सकते हैं ,कि उसके पिता तो क्या नाम है उसकी माता का क्या नाम है।  और उसका घर कहां पर है काफी लोग तो आपने खुद भी ऐसी देखेंगे कि यह भी बताते हैं कि आपकी जेब में क्या रखा है और आप कब पहुंचेंगे और कितने बजे पहुंचेंगे किस कारण की वजह से यहां पर आए हैं। तो यह सभी जितनी भी चीजें होती हैं। यह केवल त्रिकाल दर्शन सिद्ध से प्राप्त होती है। तो आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार त्रिकाल दर्शन सिद्धि प्राप्त की जाती है  .

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और किस प्रकार छोटे-छोटे त्रिकाल दर्शन सिद्धि के जो प्रयोग होते हैं उनका इस्तेमाल करते हुए भी आप अपने जीवन में अपने भूत भविष्य और वर्तमान को जान सकते हैं वैसे एक बात और आपको बता दें कि यह जो सिद्ध होती है

यह काफी सारे लोगों में ऑटोमेटिक होती है यानि कि आपने ऐसे लोग भी अवश्य ही देखे होंगे जो यह कहते हैं कि ऐसा होने वाला था यह हमें पहले ही पता था कि हमने सपने में देख लिया था तो ऐसे लोगों के पास ऑटोमेटिक ही त्रिकाल दर्शन सिद्ध होती है लेकिन इसकी इस्तेमाल कैसे करना है इन संकेतों को किस प्रकार समझना है

इस बारे में संपूर्ण ज्ञान न हो पाने के कारण वह इस ऑटोमेटिक विधायक का लाभ नहीं उठा पाते हैं बल्कि काफी लोगों में तो ऐसी भी शक्ति ऑटोमेटिक होती है कि अपने पितरों से अपनी कुल देवी से अपने कुलदेवता उसे बात भी कर पाते हैं यह भी त्रिकाल दर्शन सिद्धि के ही अंतर्गत आता है तो आपको बता दें कि किस प्रकार यह प्रयोग कर सकते हैं और किन-किन चीजों को आपको ध्यान रखना है 

कौन-कौन से संकेत आपको फॉलो करने हैं लेकिन उससे पहले भगवान शिव को नमस्कार आप अवश्य कर लें और कमेंट में ॐ नमः शिवाय लिखते और post  को लाइक जरूर करें  जिससे इसी प्रकार की खास post  आप कुछ समय पर और सबसे पहले मिला करें तो दोस्तों आपको बता दे कि वैसे तो मंत्र साधनाओं में बहुत सारी ऐसी साधनाएं होती हैं जिनके माध्यम से त्रिकाल दर्शन सिद्धि प्राप्त हो जाती है 

त्रिकाल का मतलब है यानि कि तीनों काल को देख कि भूत-भविष्य-वर्तमान तीन काल होते हैं जिन्हें व्यक्ति आसानी से भांप लेता है देख लेता है। देखने का मतलब यह नहीं होता है ,कि उसने आंखें बंद कर ली और उसे टीवी की तरह बिल्कुल अंदर साफ-साफ दिखाई देने लग जाता है बल्कि ऐसा होता है।  कि जैसे ही वे आंखें बंद करता है कोई ना कोई शक्ति उसे सब कुछ बिल्कुल पड़ती  चली जाती है और बस फिर वही चीजें बता देता है।  

आपको यह भी बता दें कि जो तीसरा नेत्र होता है वह हर एक इंसान का टीवी की तरह कार्य करता है।  जैसे आप खोलकर देखते हैं बिल्कुल उसी प्रकार से तीसरा नेत्र भी पूरी तरह से सक्षम होता है ,कि अंदर टीवी की तरह देख सके आपने खुद भी इस चीज को काफी बार रियलाइज़ खुद किया होगा कि जब आप आंखें बंद करते हैं। 

तो लोगों के चेहरे आपको बिल्कुल साफ नजर आते हैं या फिर कुछ चीजें आपको ऐसी नजर आती हैं।  जो बिल्कुल क्लियर टीवी की तरह पिक्चर की तरह दिखाई देती हैं जब की आंखें बंद करने के बाद बिलकुल अंधेरा होना चाहिए। 

लेकिन काफी लोगों के पास ऐसी सिद्धि ऐसी शक्ति ऑटोमेटिक होती है कि उन्हें टीवी की तरह अंदर ही अंदर दिखाई देने लग जाता है। जबकि अंदर कोई भी आंख नहीं होती है तो यह सारा कमाल तीसरे नेत्र का थर्ड आई का होता है ,जो कि हर एक इंसान के अंदर मौजूद रहती है काफी लोगों की थोड़ी-बहुत जागृत रहती है काफी लोगों की बिल्कुल भी जागृत नहीं रहती है। 

जिन लोगों की बिल्कुल भी जागृत नहीं रहती है उन्हें आंखें बंद करके घोर अंधेरा काला अंधेरा ही दिखाई देता है।  क्योंकि उनकी अंदर की आंखें बिल्कुल बंद होती हैं इसीलिए अगर  त्राटक तक का प्रयोग किया जाए त्राटक प्रैक्टिस किया जाए जैसा कि हमने पिछले में बताया है ,कि दीपक जलाकर अगर उसे एक टुक लगाकर देखा जाए और फिर आंखें बंद कर कर उस प्रकाश को पकड़ा जाए ,तो इससे भी तीसरा नेत्र जागृत हो जाता है या फिर किसी भी चीज पर को उजाले की चीज है जैसे सूर्य है चंद्रमा है। आप इस पर थोड़ा-थोड़ा तरह ठप करके।

अपने प्रैक्टिस को बढ़ाकर अपने त्रिनेत्र को जागृत कर सकते हैं त्रिकाल दर्शन के लिए यह जाए होना बेहद आवश्यक होता है।  इसी लिए भगवान शिव के जो साधक होते हैं उनका तीसरा नेत्र अपने आप ही जागृत होता है भगवान शिव के जो परम शुद्ध होते हैं उनके पास अपने आप यह त्रिकाल दर्शन सिद्धि होती है। 

जिनको सिर्फ चेहरा देख कर ही वह भूत भविष्य वर्तमान पता लगा लेते हैं बल्कि बात करते-करते भी बाहर चीजों को हर बातों को भांप लेते हैं समझ जाते हैं और जान जाते हैं त्रिनेत्र जिस भी व्यक्ति का जागृत होता है। तो ऐसे व्यक्ति की जो सेंस होते हैं समझने की शक्ति होती है।  वह आम इंसान से काफी ज्यादा बड़ी होती है काफी ज्यादा विकसित होती है। 

लेकिन आप यह बात ध्यान रखें कि त्रिकाल दर्शन साधना करने के लिए इसके कुछ नियम मानना बेहद आवश्यक है जो आने वाले पोस्ट  में हम इस साधना की विधि भी आपको बताएंगे।

और इसकी संपूर्ण नियमों को भी आपको जरूर ही समझेंगे कि किस प्रकार यह सारी चीजें आपको करनी है।  लेकिन अगर आप चाहते हैं कि यह चीज आप में थोड़ी डेवलप हो जाए और खुद प्रैक्टिस करना चाहते हैं ,तो आपको तरह तक प्रैक्टिस मैं बस इसी से आपको भूत भविष्य वर्तमान की थोड़ी-बहुत झलक अपने आप ही दिखाई देने लग जाएगी आपको केवल इतना करना है कि एक दीपक जलाकर रोज शाम के समय जब सूरज ढल जाता है। 

दीपक देखने का विशेष तरीका और उसके प्रभाव

आपको दीपक की लौ को देखने के लिए निचले दिए गए तरीके का पालन करना है। इसके माध्यम से, आप उस दीपक के प्रकाश को अपने अंदर देखने का अनुभव कर सकते हैं। यह तकनीक तीसरे नेत्र के माध्यम से रिकॉर्ड होती है और इसे आपको अभ्यास के लिए 5 से 10 मिनट तक करना चाहिए।

इसके बाद, जब आप अपनी आंखें बंद करेंगे, तो आपके सामने पहले जो अंधकार दिखता था, उसे एक दिव्य प्रकाश बदल जाएगा। इसके बाद, आपको उस दिव्य प्रकाश को लगातार देखते रहना है। जैसे-जैसे यह प्रकाश बढ़ता है, वह भी गोल होने लगता है।

इसका कारण है कि बहुत कम लोगों की शक्ति इसे पकड़ सकती है, और जब यह उधर जाता है, तो आपको फिर से दीपक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस तरीके का अनुसरण करने से व्यक्ति को त्रिकाल दर्शन की प्राप्ति होती है और इसे भाग्यशाली माना जाता है।

इस तकनीक का अनुसरण करने से आपको दीपक की लौ को अपने अंदर देखने का अनुभव होगा और आपके मन में शांति की अनुभूति होगी।

इस विशेष ध्यान विधि को नियमित रूप से अभ्यास करने से आप अपनी ध्यान क्षमता को सुधार सकते हैं और अपने जीवन में स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।

इसे अपने दैनिक जीवन में एक ध्यान अभ्यास के रूप में शामिल करें और अपनी आंतरिक शक्ति को जागृत करें। इस विशेष तकनीक का अभ्यास करने से आपका मानसिक तंत्र स्वस्थ रहेगा और आपको शांति और सुख की अनुभूति होगी।

इस प्रकार, दीपक देखने की विशेष तकनीक से आपको आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता प्राप्त हो सकती है। इस तकनीक का अभ्यास नियमित रूप से करें और इसे अपने जीवन में शामिल करें ताकि आप ध्यान की गहराई में जा सकें और आंतरिक शांति का आनंद ले सकें। यह विशेष तकनीक आपके जीवन को प्रकाशमय बना सकती है और आपको सकारात्मकता की ओर ले जा सकती है।

भगवान शिव ने हर एक इंसान को यह शक्ति देकर भेजा होता है लेकिन अगर खास साधना कर ली जाए तो इससे इस विद्या की प्राप्ति संपूर्ण रूप से हो जाती है तो अगर आप इस प्रकार से रोज त्राटक एक दीपक पर करते हैं भगवान शिव की फोटो पर एक दीपक अवश्य जलाना है क्योंकि भगवान शिव को प्रसन्न करना उनकी कृपा प्राप्त करना बेहद आवश्यक इस साधना के लिए जरूरी होता है तो यह सब चीजें आपको करनी है

उसके बाद आपने अपने आप ही भूत-भविष्य-वर्तमान देखने की शक्ति आने लग जाएगी आप खुद ही सभी चीजों को समझने लग जाएंगे और जो चीजें होने वाली होंगी इनके संकेत आपको खुद ही पता लगने लग जाएंगे अब यह किसी भी प्रकार से हो सकता है

जैसे कि सपने के माध्यम से या फिर आंखें खुली में भी आपको अपने आप ही आवाज होने लग जाएगा कि यह ऐसा होने वाला है तो बस मैं इसी को और अधिक एडवांस लेवल पर करते हैं तो इससे क्लियर दिखता है लेकिन इसकी झलक आपको थोड़ी-थोड़ी अवश्य ही मिलने लग जाएगी

अगर आप चाहते हैं कि इस शक्ति का इस्तेमाल किसी सवाल को जानने के लिए आप करना चाहते हैं तो वह भी आप कर सकते हैं आपको केवल इतना करना है कि बरगद का पत्ता तोड़ कर लाना है बरगद के पत्ते पर आपको धतूरे के फल के रस से अपने सवालों को गूलर की लकड़ी से लिखना है और इस पत्ते को फोल्ड करके अपने तकिए के नीचे रख कर सो जाना है

उसी रात उसी सवाल का जवाब आपको निश्चित रूप से एक स्वप्न के माध्यम से सब कुछ पता चल जाएगा इसी शक्ति को इस विधि को आप किसी भी मृत व्यक्ति से बात करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं चाहे पित्त रहो या कोई भी यूनिक का कोई भी व्यक्ति हो अब किसी से भी इस शक्ति का इस्तेमाल करते हुए बात कर सकते हैं

यह जितने भी जानकारी हमने आपको बताई है यह तंत्र के अंतर्गत आती है जो कि त्रिकाल दर्शन के बारे में होती है काफी लोगों ने हमसे इस पूछा है कि भूत भविष्य और वर्तमान देखने के लिए कृपया आप इस पर थोड़ा प्रकाश डालें तो इस पोस्ट  में हमने आपको बताया है कि

किस प्रकार यह सभी चीजे कार्य करते हैं किस प्रकार आप अपने अंदर भी बड़ी आसानी से इसे विकसित कर सकते हैं और थोड़ी बहुत झलक खुद भी अवश्य देखकर प्राप्त कर सकते हैं और जैसे ही आप इस प्रयोग को करना शुरू करेंगे तो हो सकता है कि आपको अगले दिन से ही आवास होने लगे और यह भी हो सकता है कि आपको कम से कम एक महीना लग जाए लेकिन आपको बिल्कुल भी रोकना नहीं है

जब हम विज्ञान की बात करते हैं, तो इसका एक विशेष महत्वपूर्ण संबंध हमारे त्रिकाल दर्शन से है। यह विज्ञान की एक पूर्णरूप से प्रभावी विधि है जिससे हम अपनी आत्मा की उन्नति कर सकते हैं। जब हम इसे सही ढंग से अपनाते हैं, तो हमें उस प्रभाव को प्राप्त होता है जो हम चाहते हैं। आइए हम इस विषय पर गहराई से बात करें।

त्रिकाल दर्शन एक अद्वैत साधना है, जिसमें हम अपने तीनों नेत्रों का प्रयोग करते हैं। यदि हम एक दीपक जलाकर और त्राटक करके अपने तीसरे नेत्र को जागृत करते हैं, तो हमें चमत्कारिक परिणाम महसूस होते हैं। रात्रि को स्वप्न में, यदि हम पहले से ही अध्यात्मिक हैं, तो हमें अपने अन्दर की गहराइयों का अनुभव होता है।

तीसरे नेत्र की महत्वता इसलिए होती है क्योंकि समय के साथ, तीसरे नेत्र के आसपास एक पत्थर की परत जमा होती है। यह परत तीसरे नेत्र को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देती है, जिसके कारण हमें कुछ दिखाई नहीं देता। हमारी याददाश्त कमजोर होती है और हम अपने वर्तमान को भूलने लगते हैं।

हालांकि, यदि हम नियमित रूप से प्रैक्टिस करते हैं, तो हमारी मानसिक शक्ति वृद्धि करती है। रोजाना की प्रैक्टिस से हमारा तीसरा नेत्र पूर्णतया सक्रिय हो जाता है और हमें आकर्षित करने की क्षमता प्राप्त होती है।

तीसरे नेत्र को जागृत करना सबसे आसान है, और यह सभी चक्रों में विस्तार से बताया जाता है। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए, हम आपको आने वाले lekh में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। यह आपकी साधना को सही ढंग से करने में मदद करेगा।

हालांकि, आपको यह भी ध्यान देना चाहिए कि त्रिकाल दर्शन का प्रयोग करना सबसे अच्छा है जब आप इसके बारे में समझ जाते हैं। अपनी ज्ञानवर्धकता के लिए, आपको लेख को एक बार और देखकर पढ़ना चाहिए। इस रूप में, आप अपने अंदर के त्रिकाल दर्शन की शक्तियों को जाग्रत कर सकेंगे। हम आशा करते हैं कि आपको हमारी जानकारी पसंद आई होगी। ओम नमः शिवाय। हर हर महादेव।