अगिया बेताल रहस्य कौंन होता है – क्या है इस की शक्ति agiya betal sadhna rahasya

agiya betal sadhna rahasya ओम नमः शिवाय। जय श्री राम।आज का हमारा विषय है अगिया बेताल। सबसे पहले प्रश्न उठता है कि कौन होते हैं। अगिया बेताल क्या है ? और दूसरा प्रश्न होता है कि कौन बनते हैं अगिया बेताल? तीसरा प्रश्न, कहाँ रहते हैं अगिया बेताल? और चौथा प्रश्न, कैसे सिद्ध होते हैं अगिया बेताल?
आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप लोगों को अगिया बेताल की पूरी जानकारी देंगे, प्रामाणिकता के साथ, शोध के साथ, उदाहरण के साथ।
Agiya betal अगिया बेताल का अर्थ
क्योंकि सोशल मीडिया पर जितनी जानकारी आप लोगों को अगिया बेताल के विषय में मिली है, उसमें से 98 प्रतिशत जानकारी सिर्फ कोरी कल्पना है और असत्य है, जिसका अगिया बेताल से कोई भी लेना-देना नहीं है।
उदाहरण दे रहा हूँ, लोग बोलते हैं कि अगिया बेताल के मुख से अग्नि निकलती है, आग की लपटें निकलती हैं। यह पूर्णतः गलत है। क्यों पड़ा अगिया बेताल नाम, यह भी बताएँगे।
बेताल में कई सारी प्रजातियाँ हैं, कई सारे बेताल हैं। उसमें से एक प्रजाति का बेताल ऐसा होता है कि जिसके शरीर के रोम-रोम से ताप निकलता है, मुख से ताप निकलता है, रोम-रोम से ताप निकलता है। उस बेताल को अगिया बेताल कहते हैं। यह ताप क्यों निकलता है, इसे पोस्ट में आगे जानेंगे।
एक उदाहरण दे रहे हैं कि जैसे एक गाँव में कई सारी बिरादरी के लोग रहते हैं और एक स्कूल में सबके बच्चे पढ़ने जाते हैं, तो कोई बच्चा तेज होता है, कोई कम तेज होता है, लेकिन स्कूल, क्लास, स्टैंडर्ड एक ही होता है। उसी प्रकार कई सारे बेताल होते हैं।
उनमें से जो बेताल सबसे तेज माना गया है, उस बेताल को अगिया बेताल कहते हैं। और आखिर अगिया बेताल तेज क्यों माना गया है, इसके विषय में आप लोगों को अब बताते हैं।
कौन बनते हैं अगिया बेताल agiya betal ?
इसमें याद रखिए, बहुत ध्यान से सुनिए, जितने भी साधक पॉडकास्ट पर बैठे हैं और आँख मूँदकर ज्ञान देते हैं, जीवन में कभी भी अगिया बेताल के विषय में यह रहस्य नहीं जानते होंगे।
दो ही शक्तियाँ अग्नि तत्व शक्ति हैं, हिंदू धर्म में ब्रह्म की शक्ति और मुस्लिम धर्म में जिन्न की शक्ति। यह दोनों शक्तियाँ अग्नि तत्व की हैं।
अब देखिए, गुरुकुल में रह के वेदों का अध्ययन करने वाला, यज्ञ परंपरा को मानने वाला, नियम से यज्ञ करने वाला, वह ब्राह्मण बालक जिसका कभी भी ब्रह्मचर्य खंडित न हुआ हो और उसका विवाह भी न हुआ हो और जो यज्ञोपवीत धारण कर चुका हो, ऐसे ब्राह्मण बालक की, जिनका विवाह न हुआ हो, ब्रह्मचर्य खंडित न हुआ हो और यज्ञोपवीत धारण किया हो और गुरुकुल में पढ़ रहा हो, ऐसा ब्राह्मण पुत्र जब मरता है और उसके अंदर कोई मोह व्याप्त रहता है, कोई उसकी अभिलाषा व्याप्त रहती है, तो वह बनता है अगिया बेताल।
एक नार्मल ब्राह्मण व्यक्ति मरता है, जो कर्मकांड करता है, पूजा-पाठ करता है या हनुमान जी की भक्ति करता है, तो ब्रह्मदेव बन जाता है, ब्रह्म राक्षस बन जाता है। आग लगाने की शक्ति उनमें भी होती है।
लेकिन गुरुकुल में रह के ब्राह्मण पुत्र पढ़ने वाला, जिसे वेद कंठस्थ हों, वेद का अध्ययन कर रहा हो, यज्ञ कर रहा हो और उस बालक का विवाह न हुआ हो, यज्ञोपवीत हो चुका हो और उसका वीर्य खंडित न हुआ हो, ब्रह्मचर्य खंडित न हुआ हो, ऐसा बालक एक शुद्ध बालक होता है।
एक उच्चकोटि की योनि उसको मिलती है, यदि उसके अंदर कोई अभिलाषा या मोह बचा रहता है। तो ऐसा युवा बालक बनता है अगिया बेताल। क्योंकि वेदों में अग्नि का बहुत महत्व है, बहुत सारे मंडल, ऋचा, सूत्र अग्नि को समर्पित हैं। तो ऐसा ही बालक बनता है अगिया बेताल।
अब आप लोगों को बताते हैं कि अगिया बेताल रहता कहाँ है और इसको सिद्ध कैसे किया जाता है।
इसके विषय में भी पूरी जानकारी आप लोगों को देंगे। लेकिन अगिया बेताल के ऊपर कुछ उदाहरण भी दे देते हैं और बाकी जानकारी, बेताल के विषय में और गूढ़ रहस्य जो हमने शोध में पाया है, यह आप लोगों को 2 फरवरी 2025, दिन रविवार, दोपहर 2:00 बजे अगिया बेताल के विषय में पूरी जानकारी खोल के देंगे क्योंकि थोड़ा समय का भी अभाव है।
जैसे उदाहरण दे रहे हैं, एक नार्मल आदमी मरता है तो भूत-प्रेत बनता है। एक पहलवान व्यक्ति मरता है तो वीर पहलवान बन जाता है। एक ब्राह्मण कर्मकांडी मरता है तो ब्रह्म बनता है।
नार्मल ब्राह्मण मरता है तो अपने घर का ब्रह्म बनता है और थोड़ा कर्मकांडी ब्राह्मण बनता है तो गाँव का ब्रह्म बन जाता है।
एक मंदिर का कोई पुजारी खत्म होता है, गिरी, गोसाईं, गोसाईं बाबा बन जाते हैं। एक औघड़ अगर मरता है, इच्छा बाकी है तो मसान बन जाता है।
इसी प्रकार जिनकी जैसी क्षमता है, वैसे ही मृत्यु के उपरांत उनकी योनि निर्धारित की गई है। तुमने ऐसा कर्म किया, तुम्हारे अंदर इतना अज्ञान था, इसलिए तुम इस कैटेगरी के बनोगे।
और जो बेताल हैं, यह उच्चकोटि के हैं। जो बेताल हैं, उच्चकोटि के हैं, बेताल ज्ञानियों में आते हैं।
अभी उसी गुरुकुल में 100 बच्चे पढ़ रहे हैं, अगर उन 100 बच्चों की अकाल मृत्यु हो जाए तो बाकी जो अलग बिरादरी के हैं, जो राजपूत हैं, यादव हैं, ये लोग अलग बेताल बनेंगे। लेकिन उसी में अगर ब्राह्मण पुत्र है, तो अगिया बेताल बनेगा। यह बात याद रखिएगा। आज के लिए इतना ही। जय श्री राम।