kamakhya devi mantra for love कामाख्या देवी मंत्र फॉर लव – कामाख्या देवी वशीकरण
kamakhya devi mantra for love कामाख्या देवी मंत्र फॉर लव – कामाख्या देवी वशीकरण वशीकरण प्रयोग के प्रति अनेक व्यक्ति लालायित रहते हैं। किसी को अपने प्रति आकर्षित करना और अपने स्वार्थ की सिद्धि करना इस वशीकरण प्रयोग का फल बताया गया है। वशीकरण मंत्र जाप बहुत पहले भी किये जाते रहे हैं किन्तु इन्हें कभी भी समाज में अच्छे रूप में नहीं देखा जाता ।
प्रायः इस प्रयोग को अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिये ही किया जाता है। इस कारण से इस प्रयोग को उचित नहीं माना गया । यही कारण है कि अधिकांश लोग इस अनुष्ठान के अच्छे रूप को समझ नहीं पाते हैं। यहां पर जो वशीकरण प्रयोग दिया जा रहा है वह अत्यन्त प्रभावी है ।
इसकी एक अन्य विशेषता यह भी है कि इस प्रयोग को यदि स्वार्थ की भावना से अथवा किसी अन्य को दुःखी अथवा आहत करने के लिये किया जाता है तो इसका प्रयोग निष्फल हो जायेगा। प्रयोगकर्ता चाहे जितने मंत्रजाप कर ले, उपरोक्त अनुसार यदि यह प्रयोग होता है तो कोई लाभ नहीं मिलेगा।
कभी-कभी इसका विपरीत प्रभाव भी देखने में आता है। इसमें प्रयोग करने वाले को हानि का सामना करना पड़ता है । अग्रांकित वशीकरण सम्बन्धी जिस प्रयोग का उल्लेख किया जा रहा है, वह शाबर पद्धति पर आधारित है।
kamakhya devi mantra for love कामाख्या देवी मंत्र फॉर लव साधना विधि
अगर इस शाबर प्रयोग को पहले किसी ग्रहणकाल में अथवा दीपावली या होली की रात्रि में सिद्ध कर लिया जाये तो अति उत्तम रहता है। एक बार सिद्ध करने के पश्चात् इस प्रयोग को किसी भी रविवार या मंगलवार के दिन से शुरू किया जा सकता है। यह तांत्रिक अनुष्ठान कुल 21 दिन का है। इसमें सबसे पहले रात्रि को 10 बजे के बाद किसी एकान्त स्थान में काले कम्बल के आसन पर पश्चिम की ओर मुंह करके बैठें।
इसके बाद चार लौंग लेकर उन्हें अपने चारों दिशाओं में रखें। बीच में एक चौमुहा तिल के तेल का दीपक जला कर रखें। इसके बाद मिट्टी के पात्र में अग्नि जलाकर लोबान, पीली सरसों, भूतकेशी, बालछड़, सुगन्धबाला आदि सामग्रियों को मिलाकर उसकी आहुति देते हुए अग्रांकित मंत्र का जाप करें। साधना काल में गुड़-चने का नैवेद्य भी अपने सामने रख लें। तंत्र साधना में प्रयुक्त किया जाने वाला मंत्र इस प्रकार है-
kamakhya devi mantra for love कामाख्या देवी मंत्र फॉर लव
ॐ नमो आदेश गुरु कामरू देश कामाख्या देवी, जहाँ बसे इस्माइल योगी, इस्माइल योगी ने दीन्हीं एक लोंग राती माती । दूजी लोंग दिखावे राती । तीजी लोंग रहे थहराय, चौथी लोंग मिलावे आप, नहिं आवे तो कुआं, बावड़ी, घाट फिरे रंडी कुआं, बावड़ी छिटक भरे । ॐ नमो आदेश गुरु को मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
प्रतिदिन इस मंत्र का जाप पांच माला करें। मंत्रजाप के लिये हकीक माला प्रयोग में लायें । 21 दिन में यह अनुष्ठान्न सम्पन्न हो जाता है । तत्पश्चात् सारी पूजा सामग्री को जमीन के नीचे गाढ़ देवें और हकीक माला को अपने गले में धारण कर लें । दैनिक जाप के दौरान जो नैवेद्य रखा जाता है उसे बन्दर, लंगूर आदि को खिला दें । स्वयं 21 दिन तक भूमि पर शयन करते हुये ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। एक बार अनुष्ठान सम्पन्न हो जाने पर लौंग पर सात मंत्र पढ़ कर जिस किसी को खिला दी जाती है वह व्यक्ति साधक के वश में हो जाता है।