दिवाली के दिनों में मिठाई पर होने वाले तंत्र से सावधान

दिवाली के दिनों में मिठाई पर होने वाले तंत्र से सावधान
दिवाली के दिनों में मिठाई पर होने वाले तंत्र से सावधान
दिवाली के दिनों में मिठाई पर होने वाले तंत्र से सावधान मेरी अपनी कोई कोक स्टोरी नहीं होती मैं बड़ी क्लियर कर दूंगा आपको दिवाली मुबारक हो जी कहते हैं ना एक दो गिफ्ट जो भी है। उसके पीछे का सच क्या है मैं यह नहीं कहती कि अभी जो त्योहार आ रहा है फेस्टिवल जा रहे हैं तो मेरा फर्ज बनता है। 

मैं सब लोगों को किसी एक की गलत काम की सजा सबको ना मिले क्यों मुझे थोड़े से दो दिन कैसे याद है इतने तो कैसे मैं कोई हिस्ट्री याद नहीं आता कुछ खास खास याद रह जाते हैं। मिठाई लेकर आता है खुशी मानी जाती है गुड विशेस डब्बे के अंदर मिठाई के चक्कर में उसने क्या दिया आपको आई हो घर गई उसके बाद ताऊजी में हवन कर रही हूं घर में क्यों मैं कर रही हूं डाक्टर होता है। 

मैं पार्टनर का बड़े कुछ भगवान के नाम से हम बड़े बेवकूफ बन जाते हैं कुछ भी होते हैं। क्यों हमारी भावना है नहीं उसको है रखा हुआ है क्या भाभी चाची जो भी है। उसके लिए देना है बाद मेरे को दिया वाक्य को किसी को यह किसी को वह इतना बड़ा दिया राइट बेवकूफ बनाने भाभी रह गए मेट्रो स्टोरी बता रही हूं। आपको यह बिजनेस डाउन सब कुछ डाउन बीमारी घर से नहीं जा रही तो कहानी कहां पर है भाई।

2. मिठाइयों के डिब्बे में छिपा तांत्रिक काम

 

मैं कितने साल हो गए प्रत्येक 3 साल 4 साल हो गए सब जगह तो खा लिया होता क्या है सर दर्द नहीं मेरा जरा डॉ अशोक शर्मा के देख लिया सब ठीक है घर में ना यह भी मेरे हस्बैंड बीमार है।  लग गए हैं टट्टी जाने का मन ही नहीं करता उनका यह इतिहास नहीं देखेंगे यह मिठाई का डब्बा द स्पेशल दिया गया था। 

चलो मिठाई बड़ी है जो बुजुर्ग बड़े उनका बड़ा डाबा दिया गया पक्का पता नहीं है इसलिए उसे डब्बे पर उसके लिए रखा गया था पर उसके अंदर की मिठाई तांत्रिक काम किया गया था कैन यू इमेजिन सो सकते हो आप कभी कैसे कैसी चीज लोग करते हैं। 

मैं तो समझ नहीं आती मैंने किसी पोस्ट में भी कहा था अभी बार कहती हूं भैया इतनी टेक्नोलॉजी 3D 4G 5G कहां कहां पहुंच रहे हैं ढूंढ लो कहां पर है क्यों नहीं ढूंढ पाया अभी तक हम लोग भगवान के नाम पर धोखा यह एक इंसान एक फैमिली की कहानी घर की बर्बादी यहां जो टाइगर के लिए डब्बा आया है मैं घर में हवन करा है पूजा कराई भगवान के नाम पर हमें क्या पता है क्या दिया।

3. घर की बर्बादी और बीमारी: कहाँ है गलती ?

 

दूसरा कैसे सुन लो आज मैं लगातार ज्यादा वेबसाइट लेख आपको आज प्रसाद हाउ कैन आई सब्सक्राइब जो भी कराया गुरुजी को मानते हैं उसको मानते हैं। सब को मानते मानो भैया बुरी बात नहीं अच्छी बात है जब मेरे क्लाइंट की हिस्ट्री निकली तो क्या था नाम बोला उसने बताया मैं नाम नहीं यहां लेना चाहते उसे सत्संग कराया था लंगर प्रसाद सब कहते हैं। 

हम लोग बैठ के सबको दिया खीर कटोरी में आई और इसकी कटोरी लगती वह कटोरी के अंदर तांत्रिक काम किया गया था। इसको बीमार कैसे करना इसको बर्बाद कैसे करना है। हम तो भगवान की सदा सबके छोटे कहते हैं ना चाहिए कहानी मैं क्या बोलूं अभी आपको मेरे पास जितनी भी स्टोरी है जितना भी मैं आपसे शेयर करती हूं कैसी है मेरी अपनी कोई कोक स्टोरी नहीं होती मैं बड़ी क्लियर कर दूंगा आपको।

4. प्रसाद के नाम पर धोखा: सत्संग और लंगर की कहानी

 

एक और कैसे मिला गांव में गए गांव में होता वह शहर में रहते हैं मेरी जमीन है तो वहां पर हमको बुलाया जाता ठीक है आज मेरे पापा बड़े हैं पूजा पाठ जो भी उनके रीति रिवाज है वह करवाया और पूरा गांव कट्ठा है पूजा वगैरह हो गए सब बड़ा शैतानी बर्तन पड़ा हुआ है। 

ऐसे करके रखा हुआ है तो सब को देते जा रहे हैं संगत को प्रसाद पंडित जी को क्या बोला गया था पंडित जी सबको देना मुझे दो लड्डू रखे थे मैंने अलग से वह उसे बंदे को देने हैं सुन रहे हो आप मेरी बात जमीन का मामला था एग्रीकल्चर लैंड यह साइन नहीं कर रहे थे। 

ऐसा रखा हुआ है और क्या क्योंकि मेरे को पूरा विजन आज भी याद है वह पंडित जी बाद में बात है दो लड्डू साथ में उनमें बूंदी का दाना डाल दिया ताकि पंडित भी गलती ना कर ले कहीं मोटी मोटी बूंदी के लड्डू किसी को लड्डू मिल गया किसी को कुछ मिल गया प्रसाद है। 

भैया भगवान का नाम प्रसाद खा लो वह दो लड्डू ऐसे उठाकर और घर के मेरे भैया आए थे कि मेरे पापा बहुत बीमार रहते हैं जमीन हमारी के साथ में मकान हो हमारे नाम कर दो किया नहीं अब इसको मारेंगे पता करने के बाद होगा। 

क्या बच्चे तो बच्चों को इतना टाइम नहीं है कि आगे की केस लड़ेंगे या गांव में आएंगे वह तो शहर वाले हैं भैया मेरे शर्म आती है ऐसे लोगों की आपको कहानी बताते हुए पर मुझे पता नहीं पड़ी का क्या आप अलर्ट हो जाओ कृति सनों से हो गया कि हां गांव का है माल हमारे गांव का है।

5. जमीन विवाद और दो बूंदी के लड्डू की साजिश

 

इसको करने वाले को यह नहीं पता कि मेरा ऊपर जाकर क्या हाल होगा अपने बर्बाद हो कर्मों से आईने से कोई नहीं बच सकता कोई भी नहीं आप गलतफहमी में मत रहिए मैं पूजा पाठ कर लिया जा मैं वैष्णो देवी जय या मैं किसी और जगह पर जाकर आ गया मैं माता देख लिया उसकी माफी नहीं है आपके नंबर आपको मिलने वाले हैं -30 चल रहा है तो -30 के 40 हो गया माइनस आपका भाव क्या है

रखो आपके मन में शक है तो मत कहो मार दो क्या बोलोगे मैं और आपका नाम का करवाया जाता है वह आपने खाए नहीं आप बच गए सब का तो भगवान में घर में अंदर में चीज जा ही नहीं सकती पहले मुख्यमंत्री क्लियर करता हूं। 

मैं इसलिए बोल दिया आपको वह कोई खाएगा तभी वह चीज आपके अंदर आएगी भगवान के घर में चढ़ा गए तो मुझे तो बाहर बैठ जाएंगे और अपना और मैं बार बार कहती हूं दो चीजों से ही आपका होरा होता है। 

 

जिससे बच सकते हो आप रेसीटेशन आपकी सोच थॉट प्रोसेस जो है आपको वह आपका और बाद करता और कोई नहीं आपकी ईमानदारी आपका और बड़ा करती हो दुनिया की कोई ताकत ऐसी नहीं जो आपका और बड़ा करते हैं और आपको बचा जाए डेफिनेटली दबे के साथ कह सकती हूं हनुमान चालीसा आते आते पढ़ते रहो ठीक है। 

उसे भाई बच्ची आती है थोड़ा सा इनको डर के यह चीज से दूर रहती है इनकी हैल्थ खराब हो जाती है गोरखनाथ रखना शुरू हो जाते हैं नहीं मुझे भेज दे मुझे मुझे मुक्ति चाहिए। आज मुक्ति चाहिए मकर रुक जा अभी रुक जाना तूने कितनों को सताया पहले तो बता दे किसने बनवाया हमारा मन कहां करता है। यहां से काम करने आपकी हम भी तो कह दिए हैं तुम मुझे भेजेगा ना तो उसको पता लग जाएगा। 

मैं क्या पता मैं नहीं लगे दोगी फिकर ना कर आपको मैं कहना चाहती हूं ,एक चीज 29 सितंबर मेरी बात हुई। तो उन्होंने मुझे पता क्या बोला मैं तू कहां से आया था क्या कर रहा था यह अंदर गई जो उसके साथ उसको छोड़ दिया वह भी साथ में 12 के मैं भी उनके साथ आ गया छोटा बच्चा है। 

मैं बाल कलाकार जैसे यह बाहर आए उनके साधु के साथ में भी हो गया अब बताओ क्या करोगे आप यह बाउंड्री नहीं कर सकता मंदिर नमस्ते गुरुद्वारा मैं बड़ी क्लियर कर दूं इनके लिए बॉम्बाडमेंट है क्या होता है इसलिए अपनी प्रोटक्शन के लिए आपको अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है।

6. कर्मों का आईना और आध्यात्मिक सुरक्षा (प्रोटेक्शन) की आवश्यकता

 

ठीक हो गए गंगा कोनी नाहटा मैं बता दूं मैं अब गंगा के किनारे पर डुबकी लगाकर आए गंगा को नहीं नहा कर आएगा आप तो डूबने से डरते हो गंगा की बात करते हो आपने बाहर से एक छोटे छोटे पानी में डुबकी लगा ली जो आपका पानी यहां तक आता है। 

जहां तक पानी में डूबने की गंगा में देख लो फिर आपको गलत बात है मेरे पास बहुत से कैसे हैं बात कर लो ठीक हो जाओगे लड़की थक गई क्या क्या करोगे। आप हमें इन चीजों को पहले समझना होगा इस ओन द भक्ति से निकलना होगा तभी आपको इसका बेनेफिट होगा और एक चीज मैं आपको और बता दूं अभी आने वाले टाइम में चल रहा है। 

यह चीज बढ़ेगी इस बात को याद रखिए आप हम लोग जितने हैं हमसे चार गुना वह हो गए अभी वह लोग हवा पानी सब कुछ खराब यह करेंगे अगर आपकी पावर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त का और मंत्र जाप नहीं कर रहे हो तो आपको यह झूठ पकड़ने चाहे कुछ भी हो जाए इसलिए सबसे बढ़िया है हमारे मंत्र जाप बुक करो आते जाते

आपके मुंह में हनुमान चालीसा पढ़ते रहो चौपाई साहिब का पाठ करते रहो, हर घर में लगाओ जो मैंने पहली बार पोस्ट में बोला था। बस का साउंड है यह चीज इससे डरती हैं जितना आप अपनी बॉडी को वाइब्रेट करोगे देखो मैंने किया तो फिर शुरू हो गया जितन बॉडी को वाइब्रेट करोगे। 

प उतने ही तंदुरुस्त खुशहाल और अच्छे त्योहार मनाओगे आज मैं इतना ही परिवार के साथ बोलिए हर कोई अपने कर्मों का आईना देखा वाक्य को आईना छोड़ दो आज इतना ही फिर मिलूंगी किसी और नए टॉपिक के साथ आपके सवालों के जवाब के साथ तब तक के लिए नमस्कार सत् श्री अकाल आदाब और

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मैं रुद्र नाथ हूँ — एक साधक, एक नाथ योगी। मैंने अपने जीवन को तंत्र साधना और योग को समर्पित किया है। मेरा ज्ञान न तो किताबी है, न ही केवल शाब्दिक यह वह ज्ञान है जिसे मैंने संतों, तांत्रिकों और अनुभवी साधकों के सान्निध्य में रहकर स्वयं सीखा है और अनुभव किया है।मैंने तंत्र विद्या पर गहन शोध किया है, पर यह शोध किसी पुस्तकालय में बैठकर नहीं, बल्कि साधना की अग्नि में तपकर, जीवन के प्रत्येक क्षण में उसे जीकर प्राप्त किया है। जो भी सीखा, वह आत्मा की गहराइयों में उतरकर, आंतरिक अनुभूतियों से प्राप्त किया।मेरा उद्देश्य केवल आत्मकल्याण नहीं, अपितु उस दिव्य ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है, जिससे मनुष्य अपने जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझ सके और आत्मशक्ति को जागृत कर सके।यह मंच उसी यात्रा का एक पड़ाव है — जहाँ आप और हम साथ चलें, अनुभव करें, और उस अनंत चेतना से जुड़ें, जो हमारे भीतर है ।Rodhar nathhttps://gurumantrasadhna.com/rudra-nath/